Wednesday, January 23, 2013

अनुज गोयल को लगता है कि लोग उनकी करतूतों को भूल गए होंगे और तीन-तिकड़मों के भरोसे वह इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का वाइस प्रेसीडेंट पद पा लेंगे

नई दिल्ली/गाजियाबाद । इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के वाइस प्रेसीडेंट पद की दौड़ में अनुज गोयल के शामिल हो जाने से उन लोगों को तगड़ा झटका लगा है जो इंस्टीट्यूट को और प्रोफेशन को बहुत ही आदर्श और पवित्र निगाह से देखते हैं । ऐसे लोगों के बीच डर यह पैदा हुआ है कि अनुज गोयल यदि वाइस प्रेसीडेंट बन गए तो इंस्टीट्यूट की साख और प्रतिष्ठा का क्या होगा ? लोग करीब तीन वर्ष पहले की उस घटना को अभी भूले नहीं हैं, जब इंस्टीट्यूट के मुख्यालय में एक लड़की को लेकर मारपिटाई और तमाम हंगामा हो गया था तथा मुख्यालय में पुलिस बुलानी पड़ गई थी । उत्तम अग्रवाल के अध्यक्ष-काल में घटी इस घटना के प्रमुख सूत्रधार अनुज गोयल ही थे । अनुज गोयल चूँकि उत्तम के बहुत ही खास थे, इसलिए अनुज गोयल ने यह एक ऐसा कांड रचा कि इंस्टीट्यूट की और प्रोफेशन की साख और प्रतिष्ठा के धूल में मिलने का खतरा पैदा हो गया था । लीपा-पोती करके किसी तरफ मामले को रफा-दफा किया गया ।
अनुज गोयल ने लेकिन उसके बाद इंस्टीट्यूट और प्रोफेशन को तब सुर्ख़ियों में ला दिया जब इंस्टीट्यूट की सेंट्रल काउंसिल के चुनाव के इतिहास में पहली बार बूथ कैप्चरिंग जैसी घटना हुई । गाजियाबाद के एक पोलिंग बूथ पर हुई बूथ कैप्चरिंग की घटना के पीछे अनुज गोयल को पहचाना गया और इसे लेकर इंस्टीट्यूट में जाँच आदि का नाटक भी रचा गया - पर किसी को उम्मीद नहीं थी कि उस जाँच का कोई नतीजा निकलेगा, सो बात आई-गई हो गई । इन घटनाओं से लेकिन अनुज गोयल सेंट्रल काउंसिल के दूसरे सदस्यों के बीच अलग-थलग जरूर पड़ गए । सेंट्रल काउंसिल में अपने दूसरे टर्म के तीन वर्ष अनुज गोयल ने कतई अकेलेपन और बेगानेपन में काटे । वाइस प्रेसीडेंट पद के लिए अपने पहले ही टर्म में प्रयास करने वाले अनुज गोयल ने दूसरे टर्म में - इसी कारण से कोई प्रयास नहीं किया । तीसरे टर्म में अनुज गोयल ने लेकिन फिर अपने आप को सक्रिय किया है और वाइस प्रेसीडेंट पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं । अनुज गोयल को लगता है कि लोग उनकी करतूतों को भूल गए होंगे और तीन-तिकड़मों के भरोसे वह वाइस प्रेसीडेंट पद पा लेंगे ।
अनुज गोयल की बदकिस्मती लेकिन यह है कि लोग उनकी करतूतों को भूले नहीं हैं और मानते हैं कि उनके जैसा व्यक्ति यदि वाइस प्रेसीडेंट बन गया तो यह इंस्टीट्यूट और प्रोफेशन के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण होगा । अनुज गोयल के इंस्टीट्यूट - रिलाइबल इंस्टीट्यूट में हाल ही में घटी एक घटना ने अनुज गोयल की करतूतों की याद को और ताज़ा बना दिया है । रिलाइबल इंस्टीट्यूट अनुज गोयल का अपना निजी पारिवारिक किस्म का इंस्टीट्यूट है जिसमें वह प्रेसीडेंट हैं । अनुज गोयल का यह इंस्टीट्यूट एकेडमिक क्षेत्र में तो अपनी कोई पहचान नहीं बना पाया है, लेकिन पिछले दिनों इसने अश्लील मैसेज को लेकर अख़बारों की सुर्खियाँ जरूर बटोरी । अखबारी ख़बरों के अनुसार, यहाँ भी अनुज गोयल के नेतृत्व वाले प्रबंधन ने मामले को दबाने और रफा-दफा करवाने में दिलचस्पी ली । रिलाइबल इंस्टीट्यूट में घटी घटना और अनुज गोयल के नेतृत्व वाले प्रबंधन के रवैये ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स में की गई अनुज गोयल की कारस्तानियों को लोगों के ध्यान में ला दिया है और इसके चलते अनुज गोयल की अध्यक्ष पद की चुनावी दौड़ पर प्रतिकूल असर पड़ा है ।