Tuesday, January 29, 2013

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में अपनी राजनीति को बचाने के लिए गुरनाम सिंह ने भूपेश बंसल और अनुपम बंसल के बीच झगड़ा पैदा करने की चाल चली है

लखनऊ । गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा अपने फायदे के लिए क्या पूर्व गवर्नर भूपेश बंसल और अगले लायन वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पदभार संभालने की तैयारी कर रहे उनके भाई अनुपम बंसल के बीच झगड़ा करवाने की कोशिश कर रहे हैं ? लोगों के बीच यह सवाल इसलिए पैदा हुआ क्योंकि पिछले कुछ समय से गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा की तरफ से लोगों को बताया जा रहा है कि भूपेश बंसल भले ही केएस लूथरा के साथ हों, लेकिन अनुपम बंसल को भूपेश बंसल का यह रवैया पसंद नहीं है और अनुपम बंसल पूरी तरह से गुरनाम सिंह के साथ हैं । मजे की बात यह है कि भूपेश बंसल और अनुपम बंसल ने अपने आप को विशाल सिन्हा और शिव कुमार गुप्ता के बीच होने वाले चुनावी झमेले से दूर ही रखा हुआ है - लेकिन फिर भी गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा उन्हें अपने समर्थन में होने का झूठा प्रचार लगातार किये जा रहे हैं । भूपेश बंसल के बारे में किये जा रहे उनके झूठे प्रचार की पोल तो इस बात से खुल गई है कि उनकी लाख कोशिशों के बाद भी भूपेश बंसल ने कॉन्फ्रेंस चेयरपरसन का पद नहीं छोड़ा है । भूपेश बंसल के कॉन्फ्रेंस चेयरपरसन के पद को न छोड़ने के फैसले को गुरनाम सिंह के समानांतर सत्ता केंद्र बनने के उनके प्रयास के रूप में देखा/पहचाना गया है ।
भूपेश बंसल ने हालाँकि लगातार यह कहा/बताया है कि कॉन्फ्रेंस चेयरपरसन का पद उन्होंने सिर्फ इसलिए स्वीकार किया है, ताकि डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस को डिस्ट्रिक्ट की और लायनिज्म की परंपरा व मर्यादा के अनुसार आयोजित किया जा सके । भूपेश बंसल ने जोर देकर कहा कि केएस लूथरा को हमीं लोगों ने दिन-रात एक करके गवर्नर बनाया/बनवाया है, इसलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनकी मदद करना भी हमारा फ़र्ज़ है और हम उन्हें अकेला नहीं छोड़ सकते हैं । भूपेश बंसल का कहना है कि उनके कॉन्फ्रेंस चेयरपरसन बनने के पीछे कोई राजनीति नहीं देखी जानी चाहिए । लोग लेकिन उनके कॉन्फ्रेंस चेयरपरसन बनने के फैसले के पीछे राजनीति देख रहे हैं । गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा को उनका यह फैसला अभी तक भी हज़म नहीं हो सका है । विशाल सिन्हा ने तो भूपेश बंसल पर इस बात के लिए पूरा दबाव बनाया कि वह कॉन्फ्रेंस चेयरपरसन का पद स्वीकार न करें । भूपेश बंसल ने विशाल सिन्हा को हड़काया भी कि तुम खुद तो पद प्राप्त करने के लिए तिकड़में करते रहते हो, और मुझसे कह रहे हो कि मैं पद न लूँ । भूपेश बंसल ने उन्हें साफ शब्दों में जता/बता दिया कि तुम्हें मुझसे यह कहने का कोई हक़ नहीं है कि मैं कहाँ क्या पद लूँ या न लूँ । लेकिन विशाल सिन्हा फिर भी भूपेश बंसल पर दबाव बनाने की कोशिश करते रहे । गुरनाम सिंह ने भी विशाल सिन्हा का समर्थन किया - लेकिन भूपेश बंसल ने किसी की नहीं सुनी ।
भूपेश बंसल को कॉन्फ्रेंस चेयरपरसन न बनने के लिए राजी करने में असफल रहने के बाद गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा की जोड़ी ने नई चाल चली । अब उन्होंने भूपेश बंसल को बदनाम करने की मुहिम शुरू की । उन्होंने प्रचारित किया कि भूपेश बंसल डिस्ट्रिक्ट के नेता बनना चाहते हैं और गुरनाम सिंह की जगह लेना चाहते हैं । इसी प्रचार-क्रम में उन्होंने कहा/बताया कि भूपेश बंसल को भारी गलतफहमी है कि अगले वर्ष जब अनुपम बंसल डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद पर होंगे तब डिस्ट्रिक्ट में उनकी चलेगी । गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा ने लोगों के बीच दावा किया हुआ है कि सब देखेंगे कि अनुपम बंसल के गवर्नर-काल में भी चलेगी गुरनाम सिंह की ही और भूपेश बंसल को कोई पूछेगा भी नहीं । उल्लेखनीय है कि भूपेश बंसल और अनुपम बंसल रिश्ते में भाई हैं और एक ही क्लब में हैं । इस तथ्य के संदर्भ में गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा की इस तरह की बातों को भूपेश बंसल और अनुपम बंसल के बीच झगड़ा पैदा करने की कोशिश के रूप में देखा/पहचाना गया है ।
गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा को ऐसा करना दरअसल इसलिए जरूरी लग रहा है क्योंकि वह मान और समझ रहे हैं कि भूपेश बंसल भले ही चुनावी राजनीति में कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभा रहे हैं - लेकिन लोगों के बीच उन्हें केएस लूथरा के साथ होने के कारण शिव कुमार गुप्ता की उम्मीदवारी के समर्थन में देखा/पहचाना जा रहा है । ऐसे में उन्हें डर इस बात का हुआ है कि भूपेश बंसल के साथ कहीं अनुपम बंसल को भी शिव कुमार गुप्ता की उम्मीदवारी के समर्थन में न देखा/पहचाना जाना लगे ? यह डर इसलिए भी हुआ क्योंकि अनुपम बंसल ने भी अपने आप को विशाल सिन्हा और शिव कुमार गुप्ता के बीच के चुनावी मुकाबले में किसी एक तरफ 'दिखने' से बचाया हुआ है । अनुपम बंसल ने ऐसा इसलिए किया हुआ है, ताकि उन्हें नेगेटिव वोट न पड़ें । अनुपम बंसल की इस 'राजनीति' में गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा को लेकिन अपनी राजनीति पिटती हुई दिख रही है । अपनी राजनीति को बचाने के लिए गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा ने भूपेश बंसल और अनुपम बंसल के बीच झगड़ा पैदा करने और उस 'झगड़े' को प्रचारित करने की चाल चल दी है । देखने की बात होगी कि गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा की इस चाल का भूपेश बंसल और अनुपम बंसल कैसे और क्या जबाव देते हैं ?