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रचनात्मक संकल्प
Monday, July 26, 2021
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Friday, March 12, 2021
अजीत जलान का धांधलियों के चलते जाना तय,दादागिरि के बल पर कर रहे है माहौल खराब
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शुक्रवार -12 मार्च - 2021
रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट (3011) में नामिनी पद (डीजीएनडी-वर्ष-23-24) की चुनावी लड़ाई में अजीत जलान ने जिन धांधलियों व भ्रष्टाचार के सहारे अपने विजयी होने की दास्तान लिखी , उनके विरोधी जितेंद्र गुप्ता ने रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड में दो हजार डॉलर की शिकायत कर उनकी धांधलियों का न सिर्फ खुलासा कर दिया,बल्कि अजीत जलान के वापस जाने की स्क्रिप्ट लिख डाली ? उनकी जीत की धांधलियों में शामिल अन्य पदाधिकारी अब स्वयं के बचाव में अजीबो-गरीब तर्क देते फिर रहे हैं। इस पूरे मामले से इतना तो साफ है कि अजीत जलान का जाना लगभग तय है? इसके बावजूद अजीत जलान की धांधलियों में बराबर के भागेदारी गर्वनर संजीव राय मेहरा अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे। संजीव कुमार मेहरा के खिलाफ एक साल में दो हजार डॉलर की यह दूसरी शिकायत है,जिसने गवर्नर के पद को शर्मशार कर दिया। क्योंकि, पिछले पांच छह सालों से गर्वनर पद के किसी शख्सियत पर कोई आरोप नहीं लगा हैं।
नई दिल्ली। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के नामिनी पद की चुनावी लड़ाई में सत्ताधारी खेमे की पक्षपात पूर्ण मनमानियों और बेइमानियों को लेकर होने वाली शिकायत रोटरी इंटरनेशनल के बड़े और प्रमुख पदाधिकारियों तक जा पहुंची है और इस तरह डिस्ट्रिक्ट की चुनावी लड़ाई एक बड़ा मुद्दा बन गया है। डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के नामिनी पद की चुनावी लड़कई में अजीत जलान ने जीत के लिए जिन धांधलियों और बेईमानियों की सहारा लिया,उसकी सूची बहुत लंबी है। आरोप है कि उन्होंने सत्ताधारी गर्वनर के साथ मिलकर ग्लोबल ग्रॉट बांटी, डिस्ट्रिक्ट फंक्शन का मिस यूज किया। प्रेसीडेंटों को िगफ्ट बाटे। आरोप तो यहां तक है कि इलेक्ट्रोनिक्स वोटिंग का मिस यूज किया है। ऐसी न जाने कितनी हेराफेरी करके अजीत जलान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के नामिनी पद की चुनावी लड़ाई तो जीत गए,लेकिन उनकी इस जीत पर विरोधी जितेंद्र गुप्ता ने अपनी सक्रियता से इतनी जल्दी पानी फेर दिया इसका आभास तो शायद अजीत जलान को भी नहीं था। दूसरी तरफ इस मामले में शिकायतकर्ता जितेंद्र गुप्ता का कहना है कि मैं भले ही हार गया,लेकिन फाइट करता रहूंगा। बल्कि शिकायत करने के बाद जो लोग क्लब के दूसरे लोगों को धमकाकर अभद्र व्यवहार कर रहे है,उनके नामों का भी खुलासा करूंगा।
हालाकि, अजीत जलान की हेराफेरी व धांधलियों के आरोप विरोधी गुट समय समय पर लगाता रहा,इसके बावजूद उनकी जीत का मार्जिन इतना कम रहा,जो विरोधियों के लिए इक्के का काम कर गया। रोटरी इंटरनेशनल के बड़े और प्रमुख पदाधिकारियों के पास दो हजार डॉलर की शिकायत पहुंचते ही, उन्हें भी तमाम खामियां दिखाई देने लगी, बल्कि पहले बीच बीच में चचार्ओं के दौरान धांधलियों के आरोप की सच्चाई समझ में आने लगी। फिलहाल, इस मामले में इन बातों को लेकर चर्चा का बाजार गर्म है कि अजीत जलान का क्या होगा? अधिकांश लोगों का मानना है कि उनका जाना लगभग तय है। दूसरी तरफ पूरे मामले से वाकिफ अजीत जलान एक बार फिर पत्ते फेटने में लग गए है, उनके नजदीकियों का मानना है कि जब सत्ताधारी नेतृत्व गर्वनर संजीव राय मेहरा समेत विनय भाटिया ने मिलकर जो धांधलियां की है वह अजीत जलान पर लगे आरोपों को गलत साबित करने का प्रयास करेंगे? जबकि गर्वनर संजीव राय मेहरा व उनके सहयोगी मामले को संभालने के बजाए सड़क छाप जैसी गुंडागर्दी पर उतारू है। क्लब के लोगों से इस मामले में आरोपों को वापस लेने के लिए न सिर्फ दबाव बना रहे,बल्कि उनको धमकाया जा रहा है। अजीत जलान ही नहीं बल्कि उनके साथ पूरे प्रकरण में शामिल सदस्य जिस तरह की हरकतों को अंजाम दे रहे है, उसका भविष्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा इसकी चिंता किए बिना तमाम तरह का अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। पूरी फिल्म में अजीत जलान विलेन तो बन ही गए , अब फिल्म के निमार्ता- निर्देशक (रोटरी इंटरनेशनल के बड़े व प्रमुख पदाधिकारी)को तय करना है कि वह विलेन का जाना तय करते है या फिर कोई दूसरी कार्रवाई जो हर हाल में अजीत जलान के रोटरी भविष्य के लिए दागदार साबित होगा।
इस सब के बीच रोटरी इंटरनेशनल के गर्वनर पद पर वर्तमान में काबिज संजीव राय मेहरा की हरकतों से प्रतिष्ठा व साख में जो गिरावट आई है। उसे हमेशा याद रखा जाएगा? बता दे कि गर्वनर ने पहले भी विनय भाटिया को डीएमसी पद पर बेशर्मी से नियमों के विरुद्ध जाकर नियुक्त किया था। जब इसकी शिकायत आरआई में की गई तो संजीव राय मेहरा को बड़ी बेइज्जद होकर नियुक्ति वापस लानी पड़ी। पूरे डिस्ट्रिक्ट में दोनों की थू-थू हो गई और मुंह छिपाना पड़ा। इतना ही नहीं दीपक तलवार ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के नामिनी पद के चुनाव में प्रत्याशी के रूप में फार्म भरा था,लेकिन गर्वनर से उन्हें बिना कोई पावर के उन्हें डिस्कालिफाइड कर दिया था। इसकी शिकायत भी दीपक तलवार ने की है। सूत्रों के अनुसार यहां पर भी डिस्ट्रिक्ट गर्वनर संजीव राय मेहरा को मुंह की खानी पड़ेगी। आरआई उन्हें बर्खास्त भी कर सकता है। इन हरकतों के चलते गर्वनर संजीव राय मेहरा व अजीत जलान पर कई कार्रवाई होगी, इस पर सबकी निगाहें लगी हुई है?
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Tuesday, November 3, 2020
रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में जितेंद्र ढींगरा के नेतृत्व वाले मौजूदा सत्ताधारियों ने अपने विरोधियों को चुप करने तथा बदनाम करने के लिए राजा साबू के नेतृत्व वाले पिछले सत्ताधारियों जैसे हथकंडे अपना कर विडंबना, ट्रैजिडी और कॉमेडी का नजारा पेश किया हुआ है
कुरुक्षेत्र । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद की चुनावी लड़ाई में सत्ता खेमे की पक्षपातपूर्ण मनमानियों और बेईमानियों को लेकर होने वाली शिकायतें रोटरी इंटरनेशनल के बड़े और प्रमुख पदाधिकारियों तक जा पहुँची हैं, और इस तरफ डिस्ट्रिक्ट की चुनावी लड़ाई एक बड़ा मुद्दा बन गया है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार पंकज डडवाल के क्लब - रोटरी क्लब शिमला मिडटाऊन के प्रेसीडेंट अनिल सूद ने पहले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश बजाज को पत्र लिख कर पक्षपातपूर्ण मनमानियों और बेईमानियों पर लगाम लगाने का अनुरोध किया था; लेकिन अपने अनुरोध पर उन्हें जब कोई कार्रवाई होते हुए नहीं दिखी तो उन्होंने रोटरी इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित साऊथ एशिया ऑफिस के पदाधिकारियों से लेकर इंटरनेशनल प्रेसीडेंट इलेक्ट शेखर मेहता तथा इंटरनेशनल डायरेक्टर्स भरत पांड्या व कमल सांघवी को अपनी शिकायतों से अवगत कराते हुए पत्र लिखे/भेजे और उनसे उचित कार्रवाई का अनुरोध किया । इस घटना ने डिस्ट्रिक्ट में इतिहास को ट्रैजिक रूप में दोहराने का काम किया है । अभी कोई चार/पाँच वर्ष पहले ही, आज के सत्ताधारी तब के सत्ताधारियों की मनमानियों व बेईमानियों की शिकायत किया करते थे; राजा साबू के नेतृत्व वाले तब के सत्ताधारी बड़े अहंकार के साथ दावा किया करते थे कि रोटरी इंटरनेशनल के बड़े पदाधिकारियों तक उनकी चूँकि सीधी पहुँच है, इसलिए उनके खिलाफ होने वाली शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी; विडंबना और ट्रैजिडी यह है कि आज के सत्ताधारी भी वही 'भाषा' बोल रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि पंकज डडवाल के समर्थक रोटरी इंटरनेशनल के किसी भी पदाधिकारी से चाहें जो शिकायत कर लें, उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी ।
Monday, November 2, 2020
रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन लंबे समय तक डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के सीन से गायब रहने के बाद, अब जब पुनः वापस लौटे हैं, तो विनय भाटिया और विनोद बंसल के लिए वास्तव में मुसीबत बन कर ही लौटे हैं
नई दिल्ली । निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन की पुनः शुरू हुई सक्रियता ने रोटरी फाउंडेशन के लिए दिए गए दान के बदले में प्वाइंट न मिलने के मामले को एक बार फिर गर्म कर दिया है, और इस स्थिति ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार का चयन/चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए विनय भाटिया की उम्मीदवारी के सामने गंभीर संकट खड़ा कर दिया है । ऐसे में, मजे की स्थिति यह बनी है कि सुरेश भसीन तो विनय भाटिया की उम्मीदवारी को मदद करने में जुटना चाहते हैं, लेकिन विनय भाटिया और उनकी उम्मीदवारी की कमान संभालने वाले विनोद बंसल उनकी मदद से बचने की कोशिश कर रहे हैं । दरअसल विनय भाटिया और विनोद बंसल जान/समझ रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट में सुरेश भसीन की जैसी बदनामी है, उसके कारण उनके साथ जुड़ने से लाभ की बजाये नुकसान ज्यादा होगा - इसलिए सुरेश भसीन से दूर रहने तथा उनको दूर रखने में ही भलाई है । डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच, सुरेश भसीन की बदनामी हालाँकि तभी शुरू हो गई थी, जब वह गवर्नर थे - और इसका खामियाजा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में महेश त्रिखा को तथा सीओएल प्रतिनिधि के चुनाव में अमित जैन को उठाना/भुगतना पड़ा था । सुरेश भसीन ने इन दोनों का खुलकर समर्थन किया था । डिस्ट्रिक्ट में हर किसी का मानना/समझना रहा कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सुरेश भसीन की बदनामी के चलते उनका समर्थन महेश त्रिखा और अमित जैन को भारी पड़ा ।
Sunday, November 1, 2020
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में आनन-फानन में श्रीनगर में सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस करने की तैयारी के पीछे चेयरमैन शशांक अग्रवाल की सेंट्रल काउंसिल की चुनावी तैयारी तथा इंस्टीट्यूट के पैसे पर श्रीनगर घूमने के जुगाड़ को देखा/पहचाना जा रहा है
नई दिल्ली । नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के चेयरमैन शशांक अग्रवाल की 'सब-रीजनल कॉन्फ्रेंस' के बहाने से श्रीनगर घूमने की तैयारी पर सेंट्रल काउंसिल सदस्य संजीव सिंघल ग्रहण लगाते दिख रहे हैं । संजीव सिंघल ने औपचारिक रूप से हालाँकि कोरोना से बचाव को लेकर लोगों की भागीदारी वाले आयोजनों के संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्रालय (मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स - एमएचए) द्वारा जारी गाइडलाइंस का हवाला देकर 6 नबंवर को आयोजित की जाने वाली सब रीजनल कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाया है, लेकिन अनौपचारिक रूप से अपने संपर्क में आने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को वह इस कॉन्फ्रेंस को आनन-फानन में आयोजित करने तथा इसके बहाने से श्रीनगर घूमने व अपनी राजनीति चलाने की शशांक अग्रवाल की कोशिशों के रूप में व्याख्यायित कर हैं ।नॉर्दर्न इंडिया रीजनल काउंसिल के ही सदस्यों का कहना/बताना है कि संजीव सिंघल को लग रहा है कि शशांक अग्रवाल सेंट्रल काउंसिल का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, और उनकी इस तैयारी को इंस्टीट्यूट के प्रेसीडेंट अतुल गुप्ता से सहयोग व समर्थन मिल रहा है । संजीव सिंघल को ही नहीं, अन्य कई सेंट्रल काउंसिल सदस्यों तथा प्रमुख चार्टर्ड एकाउंटेंट्स को लग रहा है कि बिना किसी उचित योजना के जल्दीबाजी में 'सब रीजनल कॉन्फ्रेंस' के आयोजन पर अतुल गुप्ता ने कोई आपत्ति क्यों नहीं की ?
Friday, October 30, 2020
रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में पंकज डडवाल के विजन प्रस्तावों से पड़ने वाले प्रभाव को देखते/समझते हुए जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के दूसरे नेताओं को भी लगा है कि अरुण मोंगिया को भी पंकज डडवाल से सीखना चाहिए, अन्यथा कहीं ऐसा न हो कि अरुण मोंगिया उनके लिए बदनामी तथा फजीहत का कारण बन जाएँ
कुरुक्षेत्र । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में अरुण मोंगिया की सुस्ती और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार की शिकायतों ने जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के दूसरे नेताओं को चिंता और परेशानी में डाल दिया है, जिसके चलते उन्होंने अरुण मोंगिया की जमकर क्लास ली है । जितेंद्र ढींगरा के यहाँ एक पारिवारिक समारोह में पहुँचे कई लोगों ने साफ साफ कहा कि अरुण मोंगिया के रंग-ढंग ऐसे नहीं हैं कि उन्हें वोट दिया/दिलवाया जाये तथा उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनाया/बनवाया जाये - उनके सामने यदि जितेंद्र ढींगरा तथा दूसरे नेताओं के लिहाज के कारण अरुण मोंगिया को वोट देने की मजबूरी न हो, तो वह हर्गिज अरुण मोंगिया को वोट न दें । जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के अन्य नेताओं से लोगों ने कहा कि उन्हें देख/समझ कर ही ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाना चाहिए, जो वास्तव में रोटरी के लिए कुछ करने के लिए उत्साहित हो तथा अपने व्यवहार से वह दूसरे लोगों को उत्साहित व प्रेरित कर सकता हो । लोगों की शिकायत रही कि अरुण मोंगिया चूँकि यह मान/समझ रहे हैं कि जितेंद्र ढींगरा तथा सत्ता खेमे के दूसरे नेता अपने अपने प्रभाव से उन्हें चुनाव जितवा ही देंगे, इसलिए वह अपनी तरफ से कुछ करने में दिलचस्पी ही नहीं ले रहे हैं ।
Wednesday, October 28, 2020
लायंस क्लब्स इंटरनेशनल मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 321 के चेयरमैन क्षितिज शर्मा को पूर्व चेयरमैन पारस अग्रवाल के अकाउंट की जाँच रोकने के मामले में लायंस इंटरनेशनल से झटका लगा, और इस प्रकरण में काउंसिल सेक्रेटरी राजीव अग्रवाल की भूमिका की चर्चा ने मामले को और दिलचस्प बनाया
आगरा । लायंस इंटरनेशनल कार्यालय ने पूर्व मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पारस अग्रवाल के अकाउंट में गड़बड़ी के आरोपों की जाँच को रोकने के मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन क्षितिज शर्मा के फैसले को रद्द करके जाँच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आदेश देकर पारस अग्रवाल की मुश्किलों को एक बार फिर से बढ़ा दिया है । लायंस इंटरनेशनल कार्यालय के फैसले से 'रचनात्मक संकल्प' की 9 अक्टूबर की रिपोर्ट में व्यक्त की गई आशंका सच साबित हुई है, जिसमें कहा गया था कि जाँच रुकवाने की कोशिश करके पारस अग्रवाल ने अकाउंट में झोलझाल होने के आरोपों को विश्वसनीयता दे दी है, और इस तरह जो काम मधु सिंह लगातार सक्रियता दिखा/बना कर नहीं कर पा रही थीं - उसे खुद पारस अग्रवाल ने एक गलत कदम के जरिये कर दिया है । पारस अग्रवाल ने सोचा तो यह था कि मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन पद पर क्षितिज शर्मा नाम की जो एक कठपुतली है, उससे वह जाँच को रुकवा लेंगे; लेकिन उन्हें यह ध्यान नहीं रहा होगा कि ऊपर का कार्यालय जाँच रोकने के फैसले को रद्द भी कर सकता है और तब उनकी ज्यादा फजीहत होगी । मल्टीपल काउंसिल चेयरमैन के रूप में क्षितिज शर्मा ने मनमानी तथा नियमों की अनदेखी करते हुए पारस अग्रवाल के अकाउंट की जाँच को रोक देने का तो फैसला कर लिया था, लेकिन लायंस इंटरनेशनल कार्यालय ने उनके फैसले को रद्द करके जाँच की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का जो आदेश दिया है, उसने क्षितिज शर्मा और पारस अग्रवाल के लिए मुसीबतों को और बढ़ा दिया है ।