चंडीगढ़ । रोटरी इंटरनेशनल के पूर्व प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ राजा
साबू को रोटरी इंटरनेशनल के जनरल सेक्रेटरी जॉन हेव्को का 24 अप्रैल को
लिखा/भेजा पत्र पढ़ने को मिला, तो राजा साबू के लिए यह समझना थोड़ा मुश्किल
हुआ कि वह हँसे या रोएँ ।
हँसने
का तो उन्हें इसलिए विचार आया कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने उनके और
उनके साथी पूर्व गवर्नर्स की कारस्तानियों को लेकर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड
में जो पिटीशन दायर की थी, बोर्ड ने उसमें सीधी कार्रवाई करने से इंकार कर
दिया है; लेकिन इस बात पर खुश होने और हँसने का आया विचार यह जान कर तुरंत
उड़नछू हो गया कि रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड ने डिस्ट्रिक्ट के सभी पदाधिकारियों
को निर्देश दिया है कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी के साथ सहयोग करें
और यदि ऐसा होता हुआ नहीं दिखा तो इंटरनेशनल उचित कार्रवाई करेगा ।
यह
राजा साबू और उनके साथी पूर्व गवर्नर्स के लिए रोने की बात है । उल्लेखनीय
है कि टीके रूबी ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को जो पिटीशन दी थी, उसमें
उन्होंने डिस्ट्रिक्ट 3080 में रोटरी के नाम पर चल रहे कुछेक प्रोजेक्ट्स
में हो रही पैसों की धाँधली का मुद्दा उठाया था और धोखाधड़ी करने वाले लोगों
के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की माँग की थी ।
अपनी पिटीशन में टीके रूबी ने आरोप लगाया था कि पूर्व गवर्नर्स का एक ग्रुप रोटरी के नाम पर प्रोजेक्ट्स करने के लिए बड़ी रकम इकट्ठी करता रहा है, जिसका कोई हिसाब-किताब वह डिस्ट्रिक्ट के मौजूदा नेतृत्व को देने को तैयार नहीं है ।
रोटरी इंटरनेशनल के अभी तक के इतिहास में यह अनोखी घटना है कि एक डिस्ट्रिक्ट का गवर्नर अपने डिस्ट्रिक्ट में रोटरी के नाम पर चल रहे प्रोजेक्ट्स का हिसाब-किताब जानने/देखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन असफल हो रहा है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट 3080 में रोटरी के नाम पर चलने वाले तमाम प्रोजेक्ट्स की चाबी राजा साबू और यशपाल दास के पास है । डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी का मुखिया, नियमानुसार डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होता है; लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी को गवर्नर का पदभार सँभाले हुए दस महीने होने के बाद भी इस सोसायटी का हिसाब-किताब नहीं मिला है । इस सोसायटी का फंड पूरी तरह राजा साबू और यशपाल दास के कब्जे में है और वह मनमाने तरीके से इसका पैसा दाएँ/बाएँ करते रहते हैं । टीके रूबी कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में इस सोसायटी के हिसाब/किताब का मुद्दा उठा चुके हैं, दिल्ली स्थित रोटरी इंटरनेशनल के साऊथ एशिया ऑफिस के पदाधिकारियों के साथ-साथ इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन राजा साबू और यशपाल दास इस सोसायटी के फंड पर ऐसी केंचुली मार कर बैठे हुए हैं कि इसका हिसाब-किताब बाहर ही नहीं आ पा रहा है । रोटरी उत्तराखंड डिजास्टर रिलीफ ट्रस्ट में दो करोड़ 83 लाख रुपए की घपलेबाजी का आरोप राजा साबू और यशपाल दास पर बुरी तरह चिपका हुआ है, लेकिन इस मामले में भी ट्रस्ट के चेयरमैन राजा साबू ने बेशर्मीभरी चुप्पी साधी हुई है । उनकी चुप्पी और हिसाब-किताब पर कुंडली मारे बैठे रहने के कारण ही टीके रूबी को इंटरनेशनल बोर्ड में पिटीशन देने के लिए मजबूर होना पड़ा ।
टीके रूबी की पिटीशन पर इंटरनेशनल बोर्ड के सदस्यों का फैसला हालाँकि विभिन्न अकाउंट्स पर केंचुली मार कर बैठे राजा साबू और उनके साथी पूर्व गवर्नर्स को फिलहाल राहत तो देती है, लेकिन उक्त फैसले में डिस्ट्रिक्ट की गतिविधियों पर नजर रखने की जो बात कही गई है, उससे लगता है कि रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों की तरफ से राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स की गर्दन पर फंदा धीरे-धीरे ही सही लेकिन कसता जा रहा है । राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स ने इस वर्ष जिस तरह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार रमेश बजाज की उम्मीदवारी को चेलैंज करने/करवाने की कार्रवाई से अपने आप को दूर रखा है, उससे लग रहा है कि वह अपने आप को दबाव में और हारा हुआ मानने लगे हैं । इसके अलावा, राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स अपने ही एक साथी पूर्व गवर्नर मनप्रीत सिंह का हाल देख कर भी डरे हुए हैं । मनप्रीत सिंह को क्लब के एक प्रोजेक्ट में घपलेबाजी करने के आरोप में क्लब की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है, जिसके बाद से राजा साबू और उनके साथी पूर्व गवर्नर्स को डर हुआ है कि कहीं अपनी अपनी बेईमानियों के कारण वह भी अपने अपने क्लब्स से निलंबित न कर दिए जाएँ । तरह तरह की बेईमानियों में संलिप्तता के चलते राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स ने वास्तव में लोगों को वह 'तोते' दिखा दिए हैं, जिनमें उनकी जान बसती है । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड में पिटीशन के जरिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने दरअसल उन 'तोतों' की ही गर्दन मरोड़ने की कोशिश की है; राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स फिलहाल टीके रूबी की कोशिश से बच तो गए हैं, लेकिन वह भी समझ रहे हैं कि इस बचने में - वास्तव में वह ऐसे फँसे हैं कि ज्यादा दिन बचे रह नहीं पायेंगे ।
अपनी पिटीशन में टीके रूबी ने आरोप लगाया था कि पूर्व गवर्नर्स का एक ग्रुप रोटरी के नाम पर प्रोजेक्ट्स करने के लिए बड़ी रकम इकट्ठी करता रहा है, जिसका कोई हिसाब-किताब वह डिस्ट्रिक्ट के मौजूदा नेतृत्व को देने को तैयार नहीं है ।
रोटरी इंटरनेशनल के अभी तक के इतिहास में यह अनोखी घटना है कि एक डिस्ट्रिक्ट का गवर्नर अपने डिस्ट्रिक्ट में रोटरी के नाम पर चल रहे प्रोजेक्ट्स का हिसाब-किताब जानने/देखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन असफल हो रहा है । दरअसल डिस्ट्रिक्ट 3080 में रोटरी के नाम पर चलने वाले तमाम प्रोजेक्ट्स की चाबी राजा साबू और यशपाल दास के पास है । डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी का मुखिया, नियमानुसार डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होता है; लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी को गवर्नर का पदभार सँभाले हुए दस महीने होने के बाद भी इस सोसायटी का हिसाब-किताब नहीं मिला है । इस सोसायटी का फंड पूरी तरह राजा साबू और यशपाल दास के कब्जे में है और वह मनमाने तरीके से इसका पैसा दाएँ/बाएँ करते रहते हैं । टीके रूबी कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में इस सोसायटी के हिसाब/किताब का मुद्दा उठा चुके हैं, दिल्ली स्थित रोटरी इंटरनेशनल के साऊथ एशिया ऑफिस के पदाधिकारियों के साथ-साथ इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन राजा साबू और यशपाल दास इस सोसायटी के फंड पर ऐसी केंचुली मार कर बैठे हुए हैं कि इसका हिसाब-किताब बाहर ही नहीं आ पा रहा है । रोटरी उत्तराखंड डिजास्टर रिलीफ ट्रस्ट में दो करोड़ 83 लाख रुपए की घपलेबाजी का आरोप राजा साबू और यशपाल दास पर बुरी तरह चिपका हुआ है, लेकिन इस मामले में भी ट्रस्ट के चेयरमैन राजा साबू ने बेशर्मीभरी चुप्पी साधी हुई है । उनकी चुप्पी और हिसाब-किताब पर कुंडली मारे बैठे रहने के कारण ही टीके रूबी को इंटरनेशनल बोर्ड में पिटीशन देने के लिए मजबूर होना पड़ा ।
टीके रूबी की पिटीशन पर इंटरनेशनल बोर्ड के सदस्यों का फैसला हालाँकि विभिन्न अकाउंट्स पर केंचुली मार कर बैठे राजा साबू और उनके साथी पूर्व गवर्नर्स को फिलहाल राहत तो देती है, लेकिन उक्त फैसले में डिस्ट्रिक्ट की गतिविधियों पर नजर रखने की जो बात कही गई है, उससे लगता है कि रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों की तरफ से राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स की गर्दन पर फंदा धीरे-धीरे ही सही लेकिन कसता जा रहा है । राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स ने इस वर्ष जिस तरह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए नोमीनेटिंग कमेटी द्वारा चुने गए अधिकृत उम्मीदवार रमेश बजाज की उम्मीदवारी को चेलैंज करने/करवाने की कार्रवाई से अपने आप को दूर रखा है, उससे लग रहा है कि वह अपने आप को दबाव में और हारा हुआ मानने लगे हैं । इसके अलावा, राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स अपने ही एक साथी पूर्व गवर्नर मनप्रीत सिंह का हाल देख कर भी डरे हुए हैं । मनप्रीत सिंह को क्लब के एक प्रोजेक्ट में घपलेबाजी करने के आरोप में क्लब की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है, जिसके बाद से राजा साबू और उनके साथी पूर्व गवर्नर्स को डर हुआ है कि कहीं अपनी अपनी बेईमानियों के कारण वह भी अपने अपने क्लब्स से निलंबित न कर दिए जाएँ । तरह तरह की बेईमानियों में संलिप्तता के चलते राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स ने वास्तव में लोगों को वह 'तोते' दिखा दिए हैं, जिनमें उनकी जान बसती है । रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड में पिटीशन के जरिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने दरअसल उन 'तोतों' की ही गर्दन मरोड़ने की कोशिश की है; राजा साबू और उनके साथी गवर्नर्स फिलहाल टीके रूबी की कोशिश से बच तो गए हैं, लेकिन वह भी समझ रहे हैं कि इस बचने में - वास्तव में वह ऐसे फँसे हैं कि ज्यादा दिन बचे रह नहीं पायेंगे ।