Monday, April 16, 2018

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट दीपक जैन की अनुभवहीनता तथा सभी को जोड़ पाने में मिल रही विफलता के साथ-साथ गवर्नर पद की जिम्मेदारियों को गंभीरता से न लेने/समझने के उनके रवैये के कारण पेट्स जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम का कबाड़ा हुआ

शामली । अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट 3100 के गवर्नर का पदभार संभालने की तैयारी कर रहे दीपक जैन के पेट्स आयोजन में बदइंतजामी और अफरातफरी का जो माहौल बना/रहा, उसे देख/जान कर लोगों को चिंता हुई है कि दीपक जैन अपना गवर्नर-काल पूरा कैसे करेंगे ? कुछेक लोगों ने तो कहना शुरू भी कर दिया है कि वोटों की खरीद-फरोख्त करके दीपक जैन गवर्नर तो बन गए हैं, लेकिन रोटरी के कामकाज को लेकर चूँकि उनका कोई अनुभव नहीं है - इसलिए उनके गवर्नर-वर्ष का तो बस भगवान ही मालिक है । लोगों को यह देख कर ज्यादा हैरानी और निराशा है कि दीपक जैन अभी भी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की जिम्मेदारियाँ कितनी बड़ी और महत्त्वपूर्ण हैं; डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पद तो वोटों की खरीद-फरोख्त से मिल सकता है - लेकिन उसकी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए सबसे पहली जरूरत जिम्मेदारियों को समझने/पहचानने की है । पेट्स में जो बदइंतजामी व अफरातफरी का नजारा देखने को मिला, उसका छोटा सा कारण यह रहा कि एक दिन पहले तक रजिस्ट्रेशन लिए/किए जाते रहे, और वह भी फोन पर मुँहजबानी - और बिना यह जाने/समझे कि कमरे कुल हैं कितने । इसका नतीजा यह रहा कि पेट्स में पहुँचे लोगों को ठहरने के लिए कमरे ही नहीं मिले और कई लोग तो पूरे कार्यक्रम के दौरान कमरे के लिए ही भटकते रहे । इस स्थिति को संभालने के लिए भी होशियारी से प्रयास नहीं किए गए, जिसके चलते कई लोगों को आयोजन टीम के सदस्यों की बदतमीजी का भी शिकार होना पड़ा । इससे भी ज्यादा गंभीर बात यह हुई कि पेट्स में जिन प्रेसीडेंट इलेक्ट को होना चाहिए था, उनकी बजाए दूसरे लोगों का जमावड़ा ज्यादा हुआ । यह इसलिए हुआ क्योंकि दीपक जैन ने पेट्स के आयोजन की जरूरत और महत्ता को ही नहीं समझा/पहचाना और रोटरी के पेट्स जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम को पिकनिक का अड्डा बना दिया ।
दीपक जैन के रंग-ढंग और उनके रवैये के चलते ही डिस्ट्रिक्ट के अधिकतर पूर्व गवर्नर्स ने पेट्स आयोजन का बहिष्कार किया, और गिनती के प्रायः वही पूर्व गवर्नर्स पेट्स में पहुँचे - दीपक जैन ने जिन्हें प्रमुख पद दिए हुए हैं । पूर्व गवर्नर एमएस जैन और योगेश मोहन गुप्ता की अनुपस्थिति पर सभी का ध्यान गया और कई लोगों को उनकी अनुपस्थिति पर हैरानी हुई । इसका कारण यह रहा कि दीपक जैन को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवार बनाने से लेकर उन्हें चुनाव जितवाने के लिए हर धतकर्म करने में इन्हीं दोनों की भूमिका और संलग्नता थी । इन दोनों की मदद से दीपक जैन पहले उम्मीदवार बने और फिर गवर्नर का चुनाव जीते, और जीतने के बाद पहला काम दीपक जैन ने इन दोनों को किनारे करने का किया । दीपक जैन की शिकायत रही कि चुनाव जीतने के लिए क्लब्स के वोट खरीदने के नाम पर एमएस जैन और योगेश मोहन गुप्ता ने उनसे अनाप-शनाप पैसे खर्च करवाए और अपनी अपनी जेबें भी भरीं । इस शिकायत के चलते ही दीपक जैन ने इन दोनों को अपने गवर्नर-वर्ष के कोई प्रमुख पद नहीं दिए, जिसके चलते यह भड़क गए और दीपक जैन के बारे में विरोधी बातें कहने/करने लगे और उनसे दूर हो गए । इन दोनों के अलावा जो दूसरे गवर्नर्स हैं, उन्हें पहले से ही दीपक जैन के तौर-तरीके पसंद नहीं हैं और वह दीपक जैन से दूर दूर ही बने हुए हैं । दीपक जैन के नजदीकियों का कहना/बताना है कि दीपक जैन ने हालाँकि सभी पूर्व गवर्नर्स से मिल कर उन्हें अपने साथ जोड़ने के प्रयास किये हैं, लेकिन बात बनी नहीं है । पूर्व गवर्नर्स का कहना है कि दीपक जैन उनसे मिले जरूर हैं और सहयोग भी माँगा है, लेकिन उनके रवैये और व्यवहार में गंभीरता का अभाव तथा अनमनापन सा महसूस हुआ; ऐसा लगा जैसे वह जबर्दस्ती उनके पास भेजे गए हैं । इसके चलते पूर्व गवर्नर्स के साथ उनकी बात बननी ही नहीं थी, और वह नहीं ही नहीं बनी ।
दीपक जैन ने जीएस धामा जैसे वरिष्ठ और अनुभवी पूर्व गवर्नर का सहयोग और समर्थन प्राप्त करने में जो सफलता पाई भी है, उस सफलता का भी फायदा उठा पाने में वह विफल साबित हो रहे हैं । जीएस धामा के सहयोग और समर्थन के कारण उनके क्लब ने पेट्स आयोजित करने की जिम्मेदारी ली, दीपक जैन लेकिन आयोजक-क्लब के पदाधिकारियों के साथ तालमेल ही नहीं बना सके । आयोजक क्लब के पदाधिकारियों ने पेट्स में हुई बदइंतजामी और अफरातफरी के लिए दीपक जैन को जिम्मेदार ठहराया है । उनकी शिकायत है कि दीपक जैन ने उन्हें कभी भी यह नहीं बताया कि पेट्स में कितने लोग आ रहे हैं, ताकि उसी हिसाब से इंतजाम किया जा सके । आयोजक क्लब के पदाधिकारियों की तरफ से दीपक जैन को बता दिया गया था कि पेट्स में कितने लोगों की व्यवस्था की गई है; उसके बाद भी दीपक जैन एक दिन पहले तक लोगों को पेट्स का निमंत्रण देते रहे और लोगों की पहुँचने की स्वीकृति व इच्छा को स्वीकार करते रहे । इसके चलते कार्यक्रम में अव्यवस्था और अराजकता तो होनी ही थी, और वह हुई भी । लोगों का कहना है कि दीपक जैन की अनुभवहीनता तथा सभी को जोड़ पाने में मिल रही विफलता के साथ-साथ गवर्नर पद की जिम्मेदारियों को गंभीरता से न लेने/समझने के उनके रवैये के कारण ही पेट्स जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम का कबाड़ा हुआ है । दीपक जैन के साथ सहानुभूति रखने वाले लोगों का कहना है कि दीपक जैन ने अपने व्यवहार और रवैये में यदि जल्दी ही सुधार नहीं किया, तो अगले रोटरी वर्ष के उनके गवर्नर-काल का भी बुरा हाल ही होगा ।