चंडीगढ़
। रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सतीश सिंघल को
ब्लड बैंक प्रोजेक्ट में पैसों की हेराफेरी करने के आरोप में डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर पद से बर्खास्त कर देने के रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के फैसले ने
राजा साबू और यशपाल दास के नजदीकियों की नींद उड़ा दी हुई है । उन्हें
डर हुआ है कि सतीश सिंघल पर जिस प्रकृति के आरोप थे, चूँकि ठीक उसी प्रकृति
के आरोप राजा साबू और यशपाल दास पर हैं; बल्कि राजा साबू और यशपाल दास पर
लगे आरोप तो और भी गंभीर प्रकृति के हैं - तो क्या राजा साबू और यशपाल दास
को भी रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय की तरफ से किसी सख्त कार्रवाई का शिकार
होना पड़ेगा ? राजा साबू और यशपाल दास के नजदीकियों का ही मानना और कहना है
कि सतीश सिंघल के खिलाफ जो आरोप रहे, वह तो सामान्य चोरी-चकारी की श्रेणी
के आरोप हैं; जबकि राजा साबू और यशपाल दास पर जो आरोप हैं, वह तो डकैती की
श्रेणी वाले कहे जा सकते हैं; इसके अलावा बड़ी बात यह है कि राजा साबू और
यशपाल दास पर जो आरोप हैं, उनकी पुष्टि करने और उन्हें दोहराने का काम
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी के द्वारा भी किया गया है - इसलिए सतीश सिंघल
के बाद राजा साबू और यशपाल दास के खिलाफ कार्रवाई होने की पूरी आशंका है ।
हालाँकि राजा साबू और यशपाल दास के कुछेक अन्य नजदीकियों और समर्थकों
का कहना है कि रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों के बस की छोटी मछलियों का
शिकार करना ही है, बड़े मगरमच्छों पर हाथ डालना उनकी क्षमता से बाहर की बात
है - इसलिए राजा साबू और यशपाल दास के कारनामे भले ही 'डकैती' वाले हों,
रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय की तरफ से उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकना मुश्किल ही क्या - असंभव ही है । आखिरकार, राजा साबू इंटरनेशनल प्रेसीडेंट और यशपाल दास इंटरनेशनल डायरेक्टर रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि राजा साबू की चेयरमैनशिप तथा यशपाल दास की देखरेख में चले रोटरी उत्तराखंड डिजास्टर रिलीफ ट्रस्ट में दो करोड़ 83 लाख रुपए की घपलेबाजी के आरोपों पर तो इन दोनों ने चुप्पी ही साधे रखी है । खास बात यह रही कि सालों तक तो इन दोनों ने उक्त ट्रस्ट का हिसाब-किताब देने की जरूरत ही नहीं समझी; शोर-शराबे के कारण जब यह हिसाब-किताब देने को मजबूर हुए तब खुद इनके द्वारा दी गई बैलेंसशीट्स में ही दो करोड़ 83 लाख की घपलेबाजी का मामला लोगों ने पकड़ा । इस ट्रस्ट में इन दोनों की घपलेबाजी का आलम और बेशर्मीभरे इनके साहस का उदाहरण यह है कि यशपाल दास ने 17 अगस्त 2017 के अपने एक ईमेल पत्र में इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की घोषणा करने के बाद 14 सितंबर 2017 को डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी के एकाउंट से मनमाने व गुपचुप तरीके से 21 लाख 44 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए । नियमानुसार, डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी का मुखिया डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होता है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी को नौ महीने बीत जाने के बाद भी इस सोसायटी का हिसाब-किताब नहीं मिला है । नियमानुसार, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट इस सोसायटी का सेक्रेटरी तथा निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ट्रेजरर होता है - लेकिन बेचारे प्रवीन चंद्र गोयल और रमन अनेजा को भी नहीं पता कि डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी के फंड का आखिर होता क्या है ? इस सोसायटी का फंड पूरी तरह राजा साबू और यशपाल दास के कब्जे में है और वह मनमाने तरीके से इसका पैसा दाएँ/बाएँ करते रहते हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में इस सोसायटी के हिसाब/किताब का मुद्दा उठा चुके हैं, दिल्ली स्थित रोटरी इंटरनेशनल के साऊथ एशिया ऑफिस के पदाधिकारियों के साथ-साथ इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन राजा साबू और यशपाल दास इस सोसायटी के फंड पर केंचुली मार कर बैठे हुए हैं और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को इसका हिसाब-किताब नहीं मिल पा रहा है । समझा जा रहा है कि राजा साबू और यशपाल दास को डर है कि डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी का हिसाब-किताब यदि सामने आ गया, तो डिस्ट्रिक्ट के लोगों के सामने पोल खुल जाएगी कि सोसायटी की सर्विस के नाम पर इकट्ठा किए गए पैसों से आखिर किन किन रसूख वाले लोगों की सर्विस हुई है ।
रोटरी इंटरनेशनल के अभी तक के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि एक डिस्ट्रिक्ट का गवर्नर अपने डिस्ट्रिक्ट में रोटरी के नाम पर चल रहे प्रोजेक्ट्स का हिसाब-किताब जानने/देखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन असफल हो रहा है । डिस्ट्रिक्ट में रोटरी के नाम पर चलने वाले तमाम प्रोजेक्ट्स की चाबी चूँकि राजा साबू और यशपाल दास के पास है, इसलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी की शिकायतों पर रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारी भी चुप्पी साध जाते हैं । सुना जा रहा है कि थक-हार कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने राजा साबू और यशपाल दास की घपलेबाजियों को लेकर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड में इस उम्मीद से पिटीशन डाली है, कि शायद इंटरनेशनल बोर्ड डिस्ट्रिक्ट के तमाम प्रोजेक्ट्स के हिसाब-किताब को राजा साबू और यशपाल दास के चंगुल से छुड़वा सके । डिस्ट्रिक्ट 3012 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सतीश सिंघल की उनके क्लब के पदाधिकारियों ने शिकायत की, तो रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने तुरंत जाँच कमेटी नियुक्त कर दी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर करीब चार महीने के भीतर भीतर सतीश सिंघल के खिलाफ कार्रवाई भी कर दी गई - लेकिन डिस्ट्रिक्ट 3080 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके गवर्नर की लगातार की जा रही शिकायतों पर रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारी कानों में तेल डाले बैठे हैं । इसका कारण क्या सिर्फ यही है कि डिस्ट्रिक्ट 3080 में रोटरी के नाम पर हो रही घपलेबाजी और लूट के आरोप जिन लोगों पर हैं, वह रोटरी में बड़े रसूख वाले लोग हैं ।
मजे की, लेकिन निहायत शर्म की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट 3080 में रसूख वाले लोग अपनी बेईमानियों के कारण रोटरी इंटरनेशनल की कार्रवाई से भले ही बच रहे हों, लेकिन अपने क्लब में 'पिट' रहे हैं । राजा साबू के नजदीकी पूर्व गवर्नर मनप्रीत सिंह को अभी हाल ही में क्लब के एक प्रोजेक्ट में घपलेबाजी करने के आरोप में क्लब की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है । मनप्रीत सिंह को क्लब से निलंबित किए जाने की घटना ने राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स को दबाव में तो ला दिया है, और उन्हें डर हुआ है कि कहीं अपनी अपनी बेईमानियों के कारण वह भी अपने अपने क्लब्स से निलंबित न कर दिए जाएँ । डिस्ट्रिक्ट 3080 के बड़े रसूख वाले लोग अपने अपने क्लब्स और डिस्ट्रिक्ट में भले ही लांछित हो रहे हों, लेकिन रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय से उन्हें जिस तरह से अभयदान मिला हुआ है - उसने रोटरी इंटरनेशनल की न्यायप्रणाली पर सवाल जरूर उठा दिया है । लोगों के बीच यह चर्चा छिड़ी हुई है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सतीश सिंघल के खिलाफ तत्परता से कार्रवाई करने वाले रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों को राजा साबू तथा यशपाल दास जैसे लोगों के खिलाफ लगने वाले आरोपों के मामले में साँप क्यों सूँघ जाता है ?
उल्लेखनीय है कि राजा साबू की चेयरमैनशिप तथा यशपाल दास की देखरेख में चले रोटरी उत्तराखंड डिजास्टर रिलीफ ट्रस्ट में दो करोड़ 83 लाख रुपए की घपलेबाजी के आरोपों पर तो इन दोनों ने चुप्पी ही साधे रखी है । खास बात यह रही कि सालों तक तो इन दोनों ने उक्त ट्रस्ट का हिसाब-किताब देने की जरूरत ही नहीं समझी; शोर-शराबे के कारण जब यह हिसाब-किताब देने को मजबूर हुए तब खुद इनके द्वारा दी गई बैलेंसशीट्स में ही दो करोड़ 83 लाख की घपलेबाजी का मामला लोगों ने पकड़ा । इस ट्रस्ट में इन दोनों की घपलेबाजी का आलम और बेशर्मीभरे इनके साहस का उदाहरण यह है कि यशपाल दास ने 17 अगस्त 2017 के अपने एक ईमेल पत्र में इस प्रोजेक्ट के पूरा होने की घोषणा करने के बाद 14 सितंबर 2017 को डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी के एकाउंट से मनमाने व गुपचुप तरीके से 21 लाख 44 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए । नियमानुसार, डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी का मुखिया डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होता है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी को नौ महीने बीत जाने के बाद भी इस सोसायटी का हिसाब-किताब नहीं मिला है । नियमानुसार, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट इस सोसायटी का सेक्रेटरी तथा निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ट्रेजरर होता है - लेकिन बेचारे प्रवीन चंद्र गोयल और रमन अनेजा को भी नहीं पता कि डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी के फंड का आखिर होता क्या है ? इस सोसायटी का फंड पूरी तरह राजा साबू और यशपाल दास के कब्जे में है और वह मनमाने तरीके से इसका पैसा दाएँ/बाएँ करते रहते हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में टीके रूबी कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में इस सोसायटी के हिसाब/किताब का मुद्दा उठा चुके हैं, दिल्ली स्थित रोटरी इंटरनेशनल के साऊथ एशिया ऑफिस के पदाधिकारियों के साथ-साथ इंटरनेशनल डायरेक्टर बासकर चॉकलिंगम को पत्र लिख चुके हैं, लेकिन राजा साबू और यशपाल दास इस सोसायटी के फंड पर केंचुली मार कर बैठे हुए हैं और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को इसका हिसाब-किताब नहीं मिल पा रहा है । समझा जा रहा है कि राजा साबू और यशपाल दास को डर है कि डिस्ट्रिक्ट सर्विस सोसायटी का हिसाब-किताब यदि सामने आ गया, तो डिस्ट्रिक्ट के लोगों के सामने पोल खुल जाएगी कि सोसायटी की सर्विस के नाम पर इकट्ठा किए गए पैसों से आखिर किन किन रसूख वाले लोगों की सर्विस हुई है ।
रोटरी इंटरनेशनल के अभी तक के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि एक डिस्ट्रिक्ट का गवर्नर अपने डिस्ट्रिक्ट में रोटरी के नाम पर चल रहे प्रोजेक्ट्स का हिसाब-किताब जानने/देखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन असफल हो रहा है । डिस्ट्रिक्ट में रोटरी के नाम पर चलने वाले तमाम प्रोजेक्ट्स की चाबी चूँकि राजा साबू और यशपाल दास के पास है, इसलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी की शिकायतों पर रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारी भी चुप्पी साध जाते हैं । सुना जा रहा है कि थक-हार कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके रूबी ने राजा साबू और यशपाल दास की घपलेबाजियों को लेकर रोटरी इंटरनेशनल बोर्ड में इस उम्मीद से पिटीशन डाली है, कि शायद इंटरनेशनल बोर्ड डिस्ट्रिक्ट के तमाम प्रोजेक्ट्स के हिसाब-किताब को राजा साबू और यशपाल दास के चंगुल से छुड़वा सके । डिस्ट्रिक्ट 3012 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सतीश सिंघल की उनके क्लब के पदाधिकारियों ने शिकायत की, तो रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने तुरंत जाँच कमेटी नियुक्त कर दी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर करीब चार महीने के भीतर भीतर सतीश सिंघल के खिलाफ कार्रवाई भी कर दी गई - लेकिन डिस्ट्रिक्ट 3080 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर टीके गवर्नर की लगातार की जा रही शिकायतों पर रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारी कानों में तेल डाले बैठे हैं । इसका कारण क्या सिर्फ यही है कि डिस्ट्रिक्ट 3080 में रोटरी के नाम पर हो रही घपलेबाजी और लूट के आरोप जिन लोगों पर हैं, वह रोटरी में बड़े रसूख वाले लोग हैं ।
मजे की, लेकिन निहायत शर्म की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट 3080 में रसूख वाले लोग अपनी बेईमानियों के कारण रोटरी इंटरनेशनल की कार्रवाई से भले ही बच रहे हों, लेकिन अपने क्लब में 'पिट' रहे हैं । राजा साबू के नजदीकी पूर्व गवर्नर मनप्रीत सिंह को अभी हाल ही में क्लब के एक प्रोजेक्ट में घपलेबाजी करने के आरोप में क्लब की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है । मनप्रीत सिंह को क्लब से निलंबित किए जाने की घटना ने राजा साबू और उनके गिरोह के पूर्व गवर्नर्स को दबाव में तो ला दिया है, और उन्हें डर हुआ है कि कहीं अपनी अपनी बेईमानियों के कारण वह भी अपने अपने क्लब्स से निलंबित न कर दिए जाएँ । डिस्ट्रिक्ट 3080 के बड़े रसूख वाले लोग अपने अपने क्लब्स और डिस्ट्रिक्ट में भले ही लांछित हो रहे हों, लेकिन रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय से उन्हें जिस तरह से अभयदान मिला हुआ है - उसने रोटरी इंटरनेशनल की न्यायप्रणाली पर सवाल जरूर उठा दिया है । लोगों के बीच यह चर्चा छिड़ी हुई है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सतीश सिंघल के खिलाफ तत्परता से कार्रवाई करने वाले रोटरी इंटरनेशनल के पदाधिकारियों को राजा साबू तथा यशपाल दास जैसे लोगों के खिलाफ लगने वाले आरोपों के मामले में साँप क्यों सूँघ जाता है ?