Thursday, January 5, 2012

राजेश बत्रा के खिलाफ की गई गाली-गलौचपूर्ण बातों को लेकर मुकेश अरनेजा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से हटाने की मांग

नई दिल्ली | मुकेश अरनेजा ने राजेश बत्रा के खिलाफ गाली-गलौचपूर्ण बातें करके अपने लिए मुसीबत ही पैदा कर ली है | उनकी बातों को सुनने वाले रोटेरियंस ने इस बात पर अफ़सोस ही प्रकट किया है कि मुकेश अरनेजा जिस तरह की घटिया बातें करते हैं और अपने साथी रोटेरियंस को ही नहीं, अपने साथी और अपने से वरिष्ठ गवर्नर्स को भी अपनानित करते रहते हैं, उसके बावजूद वह कैसे रोटरी में महत्व पा रहे हैं; और कैसे डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर तक का पद पा लेते हैं ? जिस डिस्ट्रिक्ट का ट्रेनर एक घटिया सोच का व्यक्ति होगा, उस डिस्ट्रिक्ट का क्या हाल होगा - इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है | मुकेश अरनेजा ने डिस्ट्रिक्ट के एक वरिष्ठ पूर्व गवर्नर राजेश बत्रा के खिलाफ जिस तरह की गाली-गलौचपूर्ण भाषा का इस्तेमाल किया - जिस भाषा को और उनके शब्दों को यहाँ लिखा जाना भी अशिष्टता होगी - उसे सुनकर कई रोटेरियंस यह मांग करने लगे हैं कि रोटरी के और डिस्ट्रिक्ट के भले के लिए मुकेश अरनेजा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से तुरंत हटाये जाने की जरूरत है | यहाँ यह याद करना प्रासंगिक होगा कि पिछले रोटरी वर्ष में मुकेश अरनेजा अपनी इसी तरह की टुच्ची हरकतों और ओछी बातों के कारण डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से हटाये गए थे |
राजेश बत्रा जैसे वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के खिलाफ मुकेश अरनेजा को गाली-गलौचपूर्ण भाषा में बात करने की जरूरत आखिर पड़ी क्यों ? मुकेश अरनेजा दरअसल राजेश बत्रा से इसलिए नाराज़ हुए हैं क्योंकि राजेश बत्रा इस वर्ष हो रहे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में संजय खन्ना का समर्थन कर रहे हैं | मुकेश अरनेजा को लगता है कि डिस्ट्रिक्ट में गवर्नर चुनवाने का ठेका सिर्फ उनके पास है | इसलिए उन्हें यह बात बिलकुल पसंद नहीं आई कि राजेश बत्रा भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर चुनवाने की राजनीति करने लगे हैं | मुकेश अरनेजा को जब कोई बात पसंद नहीं आती तो फिर वह सीधे 'गुंडई' पर उतर आते हैं - फिर वह इस बात का भी लिहाज नहीं करते कि उनके सामने कौन है ? सामने फिर भले ही वरिष्ठ रोटेरियन राजेश बत्रा ही क्यों न हों, मुकेश अरनेजा को गाली-गलौच करने से कोई नहीं रोक सकता | रोटरी क्लब गाजियाबाद ग्रेटर के कार्यक्रम में जब राजेश बत्रा के कुछेक नज़दीकी और समर्थक मुकेश अरनेजा के सामने पड़ गए तो राजेश बत्रा के खिलाफ उनके मन में जमा गुस्सा एकदम से फूट पड़ा और वह राजेश बत्रा के बारे अनाप-शनाप बकने लगे | तमाम बकवास और गाली-गलौच करते हुए मुकेश अरनेजा ने राजेश बत्रा के नजदीकियों से चुनौतीपूर्ण शब्दों में कहा कि वह देखेंगे कि राजेश बत्रा कैसे संजय खन्ना को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का चुनाव जितवाते हैं ? रोटरी क्लब गाजियाबाद ग्रेटर के कार्यक्रम के बाद पेम थर्ड में भी जब कभी मुकेश अरनेजा को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव की चर्चा करने का मौका मिला, तो उस चर्चा में मुकेश अरनेजा ने ज्यादा समय राजेश बत्रा को निशाना बनाने और उनके खिलाफ बदजुबानी करने पर ही खर्च किया |
राजेश बत्रा के खिलाफ मुकेश अरनेजा की इन मौकों पर सामने आई गाली-गलौच को कुछ लोगों ने राजेश बत्रा के प्रति उनकी निजी खुन्नस के रूप में देखा, तो कुछेक लोगों ने उनकी स्वाभाविक आदत के रूप में पहचाना | मुकेश अरनेजा की यह आदत है कि वह दूसरों को तरह-तरह से अपमानित करने का और नीचा दिखाने का प्रयास करेंगे; किसी के भी बारे में अपशब्दों का तथा अशालीन व अश्लील भाषा का प्रयोग करेंगे; और किसी पर भी रौब ज़माने/दिखाने का काम करेंगे | कई एक क्लब के अध्यक्षों का कहना कि वह किसी को भी पकड़ लेंगे और उससे पूछेंगे कि 'तू मुझे जानता नहीं है |' इस तरह की हरकतों के कारण मुकेश अरनेजा कई बार गंभीर किस्म के संकटों में भी फँसे हैं - पर संकट में फँसने पर वह खुशामद करने और माफी मांगने में भी देर नहीं लगाते | मुकेश अरनेजा में यह बला की शातिराना खूबी है कि जिस तेजी के साथ वह किसी को अपमानित करने की कोशिश करते हैं, दांव उल्टा पड़ने पर वह उतनी ही तेजी के साथ उसके हाथ-पैर भी जोड़ लेते हैं | अपना काम निकालने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकते हैं | सी ओ एल के चुनाव में रमेश अग्रवाल को धोखा देने के बाद, डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के लिए रमेश अग्रवाल की खुशामद करने में भी मुकेश अरनेजा ने देर नहीं लगाई | दरअसल यही कारण है कि तमाम 'राजनीतिक' कामयाबियों के बावजूद मुकेश अरनेजा की डिस्ट्रिक्ट में और रोटेरियंस के बीच कोई साख और सम्मान नहीं है |
मुकेश अरनेजा ने इस स्थिति को भांप/पहचान कर ही पिछले दिनों गंभीर होने और 'दिखने' की कोशिश की थी | लोगों को विश्वास होने लगा था कि मुकेश अरनेजा सुधरने की कोशिश कर रहे हैं | मुकेश अरनेजा ने खुद भी कहना/बताना शुरू किया था कि अब वह फालतू के झमेलों में नहीं पड़ेंगे, क्योंकि उन्होंने जान/समझ लिया है कि उनसे सिर्फ बदनामी ही मिलती है | पिछले कुछ दिनों में इन पंक्तियों के लेखक से भी उन्होंने कई बार कहा कि अब वह दूसरों के झमेलों में पड़ कर अपनी फजीहत नहीं कराएँगे | मुकेश अरनेजा को जानने/पहचानने वालों का हालाँकि हमेशा यही कहना रहा है कि जैसे कुत्ते की पूँछ को आप चाहें जितना प्रयास कर लें, सीधा नहीं कर सकते; वैसे ही मुकेश अरनेजा भी सुधर नहीं सकते हैं | राजेश बत्रा के खिलाफ बदमिजाजी भारी गाली-गलौच करके मुकेश अरनेजा ने इस बात को सही ही साबित कर दिया है | लोगों को लगता है कि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के बाद मुकेश अरनेजा का दिमाग पुनः ख़राब हो गया है और वह फिर से अपनी पुरानी फार्म में लौट आये हैं | एक वरिष्ठ पूर्व गवर्नर राजेश बत्रा के खिलाफ मुकेश अरनेजा के रवैये को देखते हुए कई एक लोगों ने यह कहना शुरू कर दिया है कि मुकेश अरनेजा को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद से तुरंत हटाया जाना चाहिए | उनका तर्क है कि मुकेश अरनेजा डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर रहेंगे तो क्लब अध्यक्षों के बीच रोटरी तथा रोटरी के बड़े नेताओं की बुरी छवि ही बनेगी; और डिस्ट्रिक्ट की और रोटरी की बदनामी ही होगी |