Wednesday, January 18, 2012

मुकेश अरनेजा को 'तड़ीपार' किया गया, ताकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में गंदगी न फैले

मुकेश अरनेजा को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव से संबंधित किसी भी कमेटी में न रखने तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की चुनावी प्रक्रिया से पूरी तरह दूर रखने का फैसला किया गया है | पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स सुदर्शन अग्रवाल और सुशील गुप्ता ने इस वर्ष हो रहे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में मुकेश अरनेजा की भूमिका को लेकर मिली गंभीर शिकायतों पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर असित मित्तल और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी विनोद बंसल के साथ विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया | मुकेश अरनेजा पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हैं, सीओएल के सदस्य हैं और अगले रोटरी वर्ष के लिए डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर हैं - लेकिन रोटेरियंस के बीच वह इन वजहों से नहीं बल्कि रोटेरियंस के साथ और उनके प्रति की जाने वाली अपनी बदतमीजियों, अपनी बदजुबानी, अपनी अवसरवादिता और पक्षपातपूर्ण गुंडागर्दी के लिए जाने/पहचाने जाते हैं | वह खुद भी अपने को 'डिस्ट्रिक्ट का गुंडा' कहते हैं और चाहते हैं कि रोटेरियंस उन्हें इसी रूप में जाने/पहचाने | नगरनिगमों के, विधानसभाओं के, लोकसभाओं के चुनाव के दौरान - पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार - सामाजिक अपराध और गुंडागर्दी कम हो जाती है | पुलिस अधिकारियों का अनुभव और अध्ययन है कि चुनाव के दौरान गुंडे राजनीतिक कार्यकर्त्ता बन जाते हैं और इसलिए सामाजिक अपराध कम हो जाते हैं - राजनीतिक अपराध बढ़ जाते हैं, लेकिन वह पुलिस का सरदर्द नहीं होते; वह चुनाव की देखरेख की जिम्मेदारी निभा रहे लोगों का सरदर्द होते हैं | इसी तर्ज़ पर रोटरी में जब भी चुनाव होते हैं, मुकेश अरनेजा की 'गुंडागर्दी' बढ़ जाती है |
इस वर्ष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के जो चुनाव हो रहे हैं उसमें भी उनकी 'गुंडागर्दी' की ख़बरें सुनने को मिल रही हैं | डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के एक उम्मीदवार सतीश गुप्ता ने मुकेश अरनेजा की हरकतों की शिकायत सुदर्शन अग्रवाल और सुशील गुप्ता से की | यह दोनों पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स चुनावी तैयारियों का जायेजा लेने के लिए हुई एक मीटिंग में पञ्च की भूमिका में थे | मजे की बात यह है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर असित मित्तल को इस बात का अंदाज़ा था कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव के संदर्भ में उनकी और मुकेश अरनेजा की भूमिका की शिकायत होगी, इसलिए वह इस मीटिंग को लगातार टालते आ रहे थे और इस कोशिश में थे कि यह मीटिंग न हो | लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के एक उम्मीदवार संजय खन्ना ने बार-बार इस मीटिंग को करने की मांग करके असित मित्तल को मजबूर किया कि वह इस मीटिंग को करें | इस मीटिंग में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के सभी उम्मीदवारों को आमंत्रित किया गया था और तीनों पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स को पञ्च की भूमिका निभानी थी | ओ पी वैश्य बाहर होने के कारण इस मीटिंग में शामिल नहीं हो सके | पञ्च की भूमिका निभा रहे सुदर्शन अग्रवाल और सुशील गुप्ता के सामने सबसे गंभीर शिकायत सतीश गुप्ता ने की | सतीश गुप्ता का कहना रहा कि मुकेश अरनेजा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में खुलेआम पक्षपातपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और न सिर्फ उनके बारे में झूठा प्रचार कर रहे हैं, बल्कि एक उम्मीदवार के समर्थन में क्लब्स के अध्यक्षों के घर-घर जा रहे हैं | सतीश गुप्ता की शिकायत रही कि अगले रोटरी वर्ष के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होने का फायदा उठाते हुए वह अगले रोटरी वर्ष में पदों का लालच देते हुए वोटरों को एक उम्मीदवार के पक्ष में करने का अभियान छेड़े हुए हैं | मुकेश अरनेजा की कारस्तानियों की शिकायत करते हुए सतीश गुप्ता ने मुकेश अरनेजा को चुनावी प्रक्रिया से पूरी तरफ बाहर रखने और दूर करने की मांग की | सतीश गुप्ता का कहना रहा कि यह इसलिए जरूरी है ताकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का चुनाव निष्पक्ष तरीके से हो सके और चुनाव में गंदगी व बदमजगी न फैले |
सुदर्शन अग्रवाल और सुशील गुप्ता ने सतीश गुप्ता की शिकायतों को और उनकी मांग को गंभीरता से लिया तथा असित मित्तल और विनोद बंसल से विचार-विमर्श किया | असित मित्तल और विनोद बंसल को सतीश गुप्ता की शिकायतें और उनकी मांग अच्छी तो नहीं लगीं, लेकिन मुकेश अरनेजा की कारस्तानियों को सुन कर सुदर्शन अग्रवाल और सुशील गुप्ता का जो मूड उन्होंने देखा तो फिर मुकेश अरनेजा को बचाने की उन्होंने भी कोई कोशिश नहीं की | कोई कोशिश उन्होंने इसलिए भी नहीं की, क्योंकि सतीश गुप्ता ने जो शिकायत और जो मांग मुकेश अरनेजा के संदर्भ में की थी वह असित मित्तल के संदर्भ में भी की थी | असित मित्तल ने लेकिन कलाकारी दिखाते हुए पहले ही अपने आप चुनावी प्रक्रिया से दूर रहने की बात कह दी थी, और उनकी इस चालाकी से सारा फोकस मुकेश अरनेजा पर ही आ टिका था | असित मित्तल को लगा कि मुकेश अरनेजा को उन्होंने बचाने की कोशिश की तो कहीं बात न बिगड़ जाये और अभी वह खुद जो बचते हुए दिख रहे हैं कहीं दोबारा न फँस जाये ? असित मित्तल को इसी में अपनी भलाई नज़र आई कि मुकेश अरनेजा को फँसा दो और अपने को बचा लो | असित मित्तल ने यही किया | असित मित्तल और विनोद बंसल की संस्तुति मिलते ही सुदर्शन अग्रवाल और सुशील गुप्ता ने मुकेश अरनेजा को तड़ीपार करने का आदेश सुना दिया | दोनों पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स के आदेश के अनुसार मुकेश अरनेजा को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव से संबंधित किसी भी कमेटी में शामिल नहीं किया जायेगा और ऐसी व्यवस्था की जायेगी कि मुकेश अरनेजा चुनाव के दौरान मतदाताओं को किसी भी तरह प्रभावित न कर सकें |
मुकेश अरनेजा के कारण रोटरी और डिस्ट्रिक्ट को इस तरह एक बार फिर लज्जित होना पड़ा है | उल्लेखनीय है कि नगरनिगमों के, विधानसभाओं के, लोकसभाओं के चुनाव के दौरान तो इस तरह की कार्यवाईयाँ होती सुनी गईं हैं कि चुनाव को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष तरीके से संपन्न करने के लिए अपराधी व गुंडा तत्वों को जिलाबदर या तड़ीपार कर दिया जाता है - लेकिन रोटरी में यह इस तरह की पहली घटना ही है | मुकेश अरनेजा के लिए भी यह बहुत ही शर्मनाक फैसला है | पर किसी को भी यह विश्वास नहीं है कि मुकेश अरनेजा को पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी द्धारा उनके खिलाफ लिए गए इस फैसले पर कोई शर्म महसूस होगी | मुकेश अरनेजा के नजदीकियों के अनुसार, मुकेश अरनेजा ने इस फैसले पर अभी - इन पंक्तियों को लिखे जाते समय उक्त फैसला हुए करीब बयालीस घंटे हो रहे हैं - कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की है; लेकिन इस फैसले के लिए उन्होंने संजय खन्ना को जिम्मेदार ठहराया है | उन्होंने कहा है कि संजय खन्ना हालाँकि उनके और असित मित्तल के खिलाफ शिकायत करने की तैयारी करते सुने गए थे, लेकिन ऐन मौके पर उन्होंने होशियारी दिखाई और सतीश गुप्ता को भड़का कर सतीश गुप्ता से उनके खिलाफ शिकायत करवा दी | मुकेश अरनेजा के अनुसार, संजय खन्ना को उनके समर्थकों ने समझाया होगा कि यदि वह असित मित्तल और मुकेश अरनेजा की शिकायत करेंगे तो उन दोनों के साथ उनका सीधा टकराव होगा, जिसे उन्हें टालना चाहिए | इसके बाद ही संजय खन्ना ने खुद शिकायत न करवा कर सतीश गुप्ता से शिकायत करवाई | सतीश गुप्ता से शिकायत करवा कर संजय खन्ना ने लोगों को यह दिखाने/जताने की चतुराई भी प्रकट की कि असित मित्तल और मुकेश अरनेजा से एक अकेले उन्हीं को शिकायत नहीं है, बल्कि दूसरे उम्मीदवारों को भी शिकायत है | मुकेश अरनेजा को दरअसल सतीश गुप्ता से यह उम्मीद नहीं थी कि वह उनके खिलाफ इस हद तक आक्रामक रवैया अपनाएंगे | मुकेश अरनेजा ने कोलकाता में हुए रोटरी इंस्टीट्यूट में सतीश गुप्ता को नीचा दिखाने की बहुत कोशिश की थी और उनके खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी की थी, लेकिन सतीश गुप्ता ने उसपर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की थी | इससे मुकेश अरनेजा को लगा कि वह सतीश गुप्ता के साथ जैसा चाहें व्यवहार कर सकते हैं | मुकेश अरनेजा के लिए यह विश्वास करना मुश्किल हो रहा है कि सतीश गुप्ता पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर्स के सामने उनकी शिकायत करते हुए उन्हें तड़ीपार कराने की मांग कर सकते हैं | सतीश गुप्ता ने लेकिन बता/दिखा दिया है कि उन्हें हलके में न लिया जाये | असित मित्तल और मुकेश अरनेजा की शिकायत के पीछे चाहें संजय खन्ना की प्रेरणा हो या उनकी स्वयं की रणनीति हो - सतीश गुप्ता ने यह तो जता ही दिया है कि जरूरत पड़ने पर वह सीधे टकराने का हौंसला भी रखते हैं | मुकेश अरनेजा को तड़ी पार करवाकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव को उन्होंने रोचक तो बना ही दिया है |