Sunday, January 29, 2012

संजय खन्ना को मिल रहे व्यापक समर्थन को देख कर रवि चौधरी के समर्थक गवर्नर डर गए हैं क्या

नई दिल्ली/गाजियाबाद | संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों द्धारा की जा रही मीटिंग में लोगों को शामिल होने से रोकने के लिए सत्ताधारी गवर्नर्स ने जो षड्यंत्र रचा है, उससे उन्होंने अपनी कमजोरी की पोल खुद ही खोल ली है | उल्लेखनीय है की तीस जनवरी को जिस समय संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों ने अपनी एकजुटता को दिखाने के लिए मीटिंग का आयोजन किया है, ठीक उसी समय मुकेश अरनेजा, असित मित्तल, रमेश अग्रवाल, विनोद बंसल गिरोह ने डिस्ट्रिक्ट कान्फ्रेंस की तैयारी को लेकर एक फर्जी किस्म की मीटिंग का आयोजन कर लिया है | इस तरह की मीटिंग की रोटरी की 'व्यवस्था' में न तो कोई जरूरत है और न इस तरह की कोई मीटिंग इससे पहले डिस्ट्रिक्ट में कभी हुई है | डिस्ट्रिक्ट कान्फ्रेंस की तैयारी को लेकर रोटरी 'व्यवस्था' में कर्टन रेजर नाम से एक कार्यक्रम शिड्यूल में होता है - जो पहले ही हो चुका है | सत्ताधारी गवर्नर्स गिरोह ने तीस जनवरी को जो फर्जी किस्म की मीटिंग बुलाई है उसके बारे में आनन-फानन में तब फ़ैसला लिया गया, जब इस गिरोह के सभी गवर्नर्स ने पाया/देखा कि उनकी हर तिकड़म के बावजूद संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों की मीटिंग को गाजियाबाद के और उत्तरप्रदेश के दूसरे शहरों/कस्बों के क्लब्स का ही नहीं, बल्कि आसपास के दिल्ली के क्लब्स का भी भरपूर समर्थन मिल रहा है | मुकेश अरनेजा ने, असित मित्तल ने, रमेश अग्रवाल ने और विनोद बंसल ने अपने-अपने तरीके से क्लब्स के अध्यक्षों व अन्य प्रमुख रोटेरियंस को संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों द्धारा की जा रही मीटिंग्स से दूर रहने/रखने की कोशिश की - लेकिन संजय खन्ना के समर्थकों ने उन्हें टका सा जवाब दे दिया |
रवि चौधरी की उम्मीदवारी का खुल कर समर्थन कर रहे मुकेश अरनेजा, असित मित्तल, रमेश अग्रवाल तथा विनोद बंसल को पहले तो यह देख/जान कर तगड़ा झटका लगा की रवि चौधरी की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से आयोजित हुई मीटिंग उपस्थितों के बीच मार-पिटाई हो जाने के कारण बदनामी और गांभीर आरोपों में फंस गई | उल्लेखनीय है कि कुछेक लोगों ने रवि चौधरी की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने हेतु पच्चीस जनवरी को आयोजित हुई मीटिंग में मार-पिटाई की घटना को शराबबाजी और लड़कीबाजी के कारण हुआ झगड़ा बताया | मीटिंग के आयोजकों के रूप में जेके गौड़ और अशोक अग्रवाल ने हालांकि इससे इंकार किया | उनके इंकार पर लेकिन किसी ने भरोसा नहीं किया | भरोसा न करने का कारण यह रहा कि कुछ ही दिन पहले जेके गौड़ और अशोक अग्रवाल ने अपने क्लब की मीटिंग में भी लड़कियों के अश्लील व भौडे किस्म के डांस करवाए थे | कई एक लोगों का आरोप है कि जेके गौड़ और अशोक अग्रवाल जो भी कार्यक्रम करवाते हैं, उसमें लड़कियों के अश्लील व भौडे डांस जरूर ही करवाते हैं | जेके गौड़ और अशोक अग्रवाल के इंकार के बावजूद जब मार-पिटाई की घटना के कारण उक्त मीटिंग की बदनामी होना नहीं रुकी तो बचाव में मुकेश अरनेजा, असित मित्तल, रमेश अग्रवाल और विनोद बंसल ने भी शराबबाजी और लड्कीबाजी की बात से इंकार करना शुरू किया | लोगों ने इस पर घटना की जांच करने की मांग की | जांच कराने की मांग सुन कर इन सब की हवा सरक गई |
इस प्रकरण में विनोद बंसल के रवैये से लोगों को ज्यादा निराशा हुई है | अधिकतर लोगों का मानना रहा है और उनका विश्वास रहा है, उन्हें उम्मीद रही है कि विनोद बंसल डिस्ट्रिक्ट में मुकेश अरनेजा, असित मित्तल और रमेश अग्रवाल जैसी टुच्ची व ओछी हरकतें न करेंगे और न उनका बचाव करेंगे | लेकिन रवि चौधरी की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के लिए हुई मीटिंग में घटी मार-पिटाई की घटना की जांच की मांग को उन्होंने भी जिस तरह से खारिज किया उससे उनसे बेहतरी की उम्मीद रखने वालों को गहरी निराशा हुई है | जांच की मांग को सत्ताधारी गवर्नर्स ने जिस एकतरफ़ा तरीके से खारिज किया, उससे लोगों के बीच आरोपों को सच माना गया | जाहिर तौर पर यह रवि चौधरी की उम्मीदवारी के लिए और उनकी उम्मीदवारी के समर्थकों के लिए बड़ा झटका बना | इस झटके से सँभलने का वह कोई उपाय सोचते, इससे पहले ही रवि चौधरी की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे गवर्नर्स यह देख/जान का भौंचक रह गए कि संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों का काफिला बढ़ता ही जा रहा है और संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों द्धारा आयोजित की जा रही मीटिंग को जोरदार समर्थन मिल रहा है | संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों द्धारा की जा रही मीटिंग को फेल करने के लिए मुकेश अरनेजा, असित मित्तल, रमेश अग्रवाल और विनोद बंसल ने पहले तो तरह-तरह के लालच देकर मीटिंग के आयोजकों को तोड़ने की कोशिश की | इसमें कामयाब नहीं हुए तो उन्होंने कोशिश की कि इस मीटिंग में ज्यादा लोग न जाएँ | लेकिन जल्दी ही उन्हें पता चल गया कि इस मीटिंग में जाने के लिए वह लोग भी तैयार हैं, जिनके समर्थन को लेकर वह बहुत आश्वस्त हैं | इसके बाद ही मुकेश अरनेजा, असित मित्तल, रमेश अग्रवाल और विनोद बंसल गिरोह को डिस्ट्रिक्ट कान्फ्रेंस की तैयारी के नाम पर फर्जी किस्म की मीटिंग करने का उपाय सूझा |
मुकेश अरनेजा, असित मित्तल, रमेश अग्रवाल और विनोद बंसल को लगता है कि यह मीटिंग करके वह लोगों को संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों द्धारा की जा रही मीटिंग में जाने से रोक लेंगे | किन्तु रवि चौधरी के ही कुछेक अन्य समर्थकों का मानना और कहना है कि यह मीटिंग करके इन्होंने अपनी कमजोरी को ही साबित और घोषित कर दिया है | डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए हो रहे चुनाव पर नज़र रख रहे अनुभवी लोगों का मानना और कहना है कि सत्ताधारी गवर्नर्स द्धारा रवि चौधरी की उम्मीदवारी के समर्थन में खुल कर काम करने और हर तरह का 'हथकंडा' आजमाने के बावजूद संजय खन्ना को मिल रहे समर्थन को जब नहीं रोका जा सका है, तो इस एक मीटिंग से ही क्या किया जा सकेगा ? रवि चौधरी की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से गाजियाबाद में दो-दो बार बड़ी मीटिंग हो चुकी हैं; इसके बाद भी संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों द्धारा आयोजित की जा रही मीटिंग में रवि चौधरी की उम्मीदवारी के समर्थक खतरा देख रहे हैं - तो यह उनके द्धारा अपनी कमजोरी को स्वीकार करना ही है | संजय खन्ना की उम्मीदवारी को मिल रहा व्यापक समर्थन देख कर मुकेश अरनेजा, असित मित्तल, रमेश अग्रवाल और विनोद बंसल लगता है कि वास्तव में बुरी तरह डर गए हैं और इसीलिए उन्होंने तीस जनवरी को ठीक उसी समय एक फर्जी किस्म की मीटिंग बुला ली है, जबकि संजय खन्ना की उम्मीदवारी के समर्थकों ने भी मीटिंग का आयोजन किया है | रवि चौधरी की उम्मीदवारी के समर्थक रहे लोग ही यह कह रहे हैं कि इस तरह की हरकतों से संजय खन्ना की उम्मीदवारी को मिल रहे समर्थन में और इजाफा ही होगा, क्योंकि सत्ताधारी गवर्नर्स की इस तरह की बचकानी हरकतों से संजय खन्ना के प्रति लोगों में हमदर्दी ही पैदा होगी |