नई दिल्ली/जबलपुर । राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू और कल्याण बनर्जी रोटरी क्लब जबलपुर के डायमंड जुबली कार्यक्रम में शामिल होकर गंभीर विवाद में फँस गए हैं । इन दोनों पर गंभीर आरोप यह लगा है कि इन्होंने निजी और अपने कारोबारी फायदे के
लिए रोटरी इंटरनेशनल के एक प्रमुख नियम का मजाक बना दिया और ये रोटरी को बदनाम
करने वाले लोगों के साथ जा खड़े हुए हैं । रोटरी इंटरनेशनल के नियम का
मजाक दरअसल रोटरी क्लब जबलपुर ने बनाया है । उल्लेखनीय है कि रोटरी में की
अपनी शिकायतों को लेकर कोर्ट-कचहरी करने वाले लोगों पर अंकुश लगाने के लिए
रोटरी इंटरनेशनल ने एक नियम यह बनाया है कि कोर्ट-कचहरी करने से पहले
शिकायतकर्ता को रोटरी के फोरम में न्याय पाने की कोशिश करनी होगी; जो
रोटेरियन रोटरी के फोरम का इस्तेमाल किये बिना कोर्ट-कचहरी करेंगे - उनके
खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी और उन्हें रोटरी से बाहर कर दिया जायेगा ।
इस 'सजा' को तय करने के पीछे तर्क यही रहा कि जिन लोगों को रोटरी में
न्याय का विश्वास ही नहीं है, उन्हें रोटरी में रहना/रखना ही नहीं चाहिए ।
इन नियम को बनाने के पीछे उद्देश्य भी यही बताया गया कि कोर्ट-कचहरी की
कार्रवाइयों में रोटरी का चूँकि बहुत सा पैसा, बहुत सा समय और एनर्जी ऐसे
लोगों के साथ निपटने में खर्च होता है, इसलिए जिनकी रोटरी में और रोटरी की
न्याय व्यवस्था में कोई आस्था ही नहीं है उन्हें यहाँ क्यों रहना/रखना
चाहिए ?
रोटरी क्लब जबलपुर ने रोटरी इंटरनेशनल के इस नियम का खुला उल्लंघन पिछले दिनों तब किया जब अपनी शिकायत को रोटरी फोरम में दर्ज कराये बिना उसने कोर्ट-कचहरी का रास्ता पकड़ा और रोटरी के बड़े पदाधिकारियों के साथ-साथ रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय को भी पार्टी बना लिया । रोटरी इंटरनेशनल के नियम का पालन करते हुए रोटरी क्लब जबलपुर को भंग किया जाना चाहिए था, और कोर्ट-कचहरी करने वाले क्लब के सदस्यों की सदस्यता को निरस्त किया जाना चाहिए था - लेकिन ऐसा कुछ होना तो दूर की बात रही, राजा साबू और कल्याण बनर्जी ने रोटरी क्लब जबलपुर के आयोजन में शामिल होकर जता दिया कि उनके लिए रोटरी इंटरनेशनल के उक्त नियम का कोई मतलब नहीं है । राजा साबू और कल्याण बनर्जी रोटरी इंटरनेशनल के प्रेसीडेंट पद पर रह चुके हैं - इस कारण से रोटरी इंटरनेशनल के नियम-कानूनों का पालन करने की उनसे उम्मीद की जाती है; उनसे उम्मीद की जाती है कि रोटरी इंटरनेशनल के नियम-कानूनों के पालन को सुनिश्चित करने/करवाने का वह प्रयास करेंगे । लेकिन जब वही रोटरी के नियम-कानूनों का मजाक बनाने पर उतर आयें, तो फिर किससे उम्मीद की जाये ?
इस मामले में गंभीर तथ्य यह है कि रोटरी इंटरनेशनल के उक्त नियम के बनने के बावजूद चूँकि कोर्ट-कचहरी करने की प्रवृत्ति पर ज्यादा रोक लगती नहीं दिख रही थी, इसलिए इसी जुलाई को उक्त नियम को सख्ती से लागू करने का निश्चय किया गया था । उक्त नियम को सख्ती से लागू करने का निश्चय करने के तुरंत बाद लेकिन राजा साबू और कल्याण बनर्जी ने रोटरी क्लब जबलपुर के कार्यक्रम में शामिल होकर दिखा दिया कि उक्त नियम के लागू होने/करने को लेकर वह कितने 'गंभीर' हैं ।
रोटरी क्लब जबलपुर ने रोटरी इंटरनेशनल के इस नियम का खुला उल्लंघन पिछले दिनों तब किया जब अपनी शिकायत को रोटरी फोरम में दर्ज कराये बिना उसने कोर्ट-कचहरी का रास्ता पकड़ा और रोटरी के बड़े पदाधिकारियों के साथ-साथ रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय को भी पार्टी बना लिया । रोटरी इंटरनेशनल के नियम का पालन करते हुए रोटरी क्लब जबलपुर को भंग किया जाना चाहिए था, और कोर्ट-कचहरी करने वाले क्लब के सदस्यों की सदस्यता को निरस्त किया जाना चाहिए था - लेकिन ऐसा कुछ होना तो दूर की बात रही, राजा साबू और कल्याण बनर्जी ने रोटरी क्लब जबलपुर के आयोजन में शामिल होकर जता दिया कि उनके लिए रोटरी इंटरनेशनल के उक्त नियम का कोई मतलब नहीं है । राजा साबू और कल्याण बनर्जी रोटरी इंटरनेशनल के प्रेसीडेंट पद पर रह चुके हैं - इस कारण से रोटरी इंटरनेशनल के नियम-कानूनों का पालन करने की उनसे उम्मीद की जाती है; उनसे उम्मीद की जाती है कि रोटरी इंटरनेशनल के नियम-कानूनों के पालन को सुनिश्चित करने/करवाने का वह प्रयास करेंगे । लेकिन जब वही रोटरी के नियम-कानूनों का मजाक बनाने पर उतर आयें, तो फिर किससे उम्मीद की जाये ?
इस मामले में गंभीर तथ्य यह है कि रोटरी इंटरनेशनल के उक्त नियम के बनने के बावजूद चूँकि कोर्ट-कचहरी करने की प्रवृत्ति पर ज्यादा रोक लगती नहीं दिख रही थी, इसलिए इसी जुलाई को उक्त नियम को सख्ती से लागू करने का निश्चय किया गया था । उक्त नियम को सख्ती से लागू करने का निश्चय करने के तुरंत बाद लेकिन राजा साबू और कल्याण बनर्जी ने रोटरी क्लब जबलपुर के कार्यक्रम में शामिल होकर दिखा दिया कि उक्त नियम के लागू होने/करने को लेकर वह कितने 'गंभीर' हैं ।
राजा साबू और कल्याण बनर्जी के सामने
आखिर ऐसी क्या 'मजबूरी' रही कि रोटरी इंटरनेशनल के नियम का उल्लंघन करने
वाले रोटरी क्लब जबलपुर के खिलाफ कार्रवाई करना/करवाना तो दूर, उसके कार्यक्रम में शामिल होना उन्हें जरूरी लगा ? जबलपुर
और डिस्ट्रिक्ट 3261 के रोटेरियंस के बीच जारी चर्चाओं के अनुसार राजा
साबू और कल्याण बनर्जी रोटरी क्लब जबलपुर के कुछेक प्रमुख सदस्यों से निजी
और कारोबारी स्तर पर 'दबे' हुए हैं इसलिए उनकी 'हिम्मत' नहीं है कि वह
रोटरी क्लब जबलपुर के खिलाफ कार्रवाई कर/करवा सकें और या उनके कार्यक्रम का
निमंत्रण ठुकरा सकें । रोटरी क्लब जबलपुर के कुछेक सदस्य ऊँची पहुँच
वाले हैं; लोगों के बीच जारी चर्चाओं के अनुसार राजा साबू और कल्याण बनर्जी
उनसे निजी और कारोबारी फायदे लेते रहे हैं और आगे भी उन्हें उनसे काम पड़ने
की उम्मीदें हैं - इसलिए ही रोटरी क्लब जबलपुर के खिलाफ कार्रवाई को लेकर
इन दोनों ने अपनी-अपनी आँखें बंद रखी हैं । कोई और क्लब होता, जिसके
सदस्यों से इन्हें कोई निजी या कारोबारी फायदा नहीं मिला होता, तो उस पर
निश्चित ही कार्रवाई हो चुकी होती । तो क्या रोटरी इंटरनेशनल के नियम सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए हैं जो रोटरी के बड़े नेताओं को कोई निजी या कारोबारी फायदा नहीं दे सकते ?
रोटरी क्लब जबलपुर के डायमंड जुबली कार्यक्रम से पहले जब राजा साबू और
कल्याण बनर्जी के उसमें आने की चर्चा थी, तो जबलपुर के तथा डिस्ट्रिक्ट
3261 के कई रोटेरियंस का कहना था कि रोटरी क्लब जबलपुर ने जो किया है उसे देखते हुए ये दोनों उसके कार्यक्रम में नहीं आयेंगे; लेकिन
रोटरी क्लब जबलपुर के सदस्यों का दावा था कि 'देखिएगा, ये दोनों जरूर आयेंगे ।' कार्यक्रम में सभी ने देखा कि रोटरी क्लब जबलपुर के
सदस्यों का दावा सच साबित हुआ ।
रोटरी क्लब जबलपुर के
कार्यक्रम में राजा साबू और कल्याण बनर्जी की उपस्थिति को लेकर साफ-साफ कुछ
कहने से बचने की कोशिश करते और उनका बचाव करने का प्रयास करते हुए रोटरी
के दूसरे बड़े नेताओं का तर्क है कि ये दोनों रोटरी क्लब जबलपुर के कार्यक्रम में इसलिए गए ताकि क्लब को मुकदमा वापिस लेने के लिए राजी किया जा सके । उनका
कहना है कि इन दोनों का प्रयास रहता है कि रोटरी में लोगों को जोड़ कर रखा
जाये, न कि उन्हें 'बाहर' का रास्ता दिखाया जाये । अगर यह बात सच है तो
पूछा जाना चाहिए कि फिर इन्होंने एक ऐसे नियम के बनने का विरोध क्यों नहीं
किया जो लोगों को 'बाहर' का रास्ता दिखाने की बात करता है; और हाल के दिनों में जिन लोगों को 'बाहर' का रास्ता दिखाया गया है, उनके प्रति इन दोनों ने अपना वैसा 'रहम' क्यों नहीं दिखाया जैसा कि रोटरी क्लब जबलपुर के प्रति इन्होंने दिखाया - क्या इसलिए क्योंकि
वे लोग इन्हें फायदा पहुँचाने वाली स्थिति में नहीं हैं ? जबलपुर में और
डिस्ट्रिक्ट 3261 में राजा साबू और कल्याण बनर्जी को लेकर जिस तरह की बातें
हो रही हैं, उससे साफ लग रहा है कि रोटरी क्लब जबलपुर के कार्यक्रम में
उपस्थित होकर इन दोनों ने अपनी काफी फजीहत करा ली है ।