नई दिल्ली/गाजियाबाद । गाजियाबाद में एक क्लब के अधिष्ठापन
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे राजेश बत्रा ने डिस्ट्रिक्ट के
मौजूदा माहौल और डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति को लेकर जो बातें की/कहीं, उनसे
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार रवि भाटिया की उम्मीदवारी को बड़ा बल
मिला और रवि भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थन में माहौल बनता हुआ नजर आया ।
राजेश बत्रा द्धारा की/कहीं बातों को जिन्होंने सुना, उनमें से कुछ ने इन
पंक्तियों के लेखक को बताया कि राजेश बत्रा ने हालाँकि किसी का नाम नहीं
लिया, लेकिन उन्होंने जो कुछ भी कहा उसे सुनकर वहाँ मौजूद हर किसी ने यही
जाना/समझा कि राजेश बत्रा इस वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव के
संदर्भ में रवि भाटिया का समर्थन करने की जरूरत और अहमियत बता रहे हैं । राजेश
बत्रा ने इस 'काम' को जिस सफाई से किया, उसके चलते भी उनकी बातों को सुनने
वालों ने न सिर्फ गंभीरता से लिया - बल्कि उसके राजनीतिक आशयों को भी
समझा/पहचाना । राजेश बत्रा चूँकि डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के पद पर हैं,
इसलिए भी उनकी 'बातों' की गंभीरता को पहचाना गया और उनके प्रति सहमति
दिखाई/जताई गई ।
राजेश बत्रा ने अनौपचारिक बातचीत में इस बात को न सिर्फ
रेखांकित किया बल्कि इस पर चिंता भी व्यक्त की कि कुछ लोगों ने डिस्ट्रिक्ट
के माहौल को और चुनावी राजनीति को ऐसा बना दिया है कि कुछ अच्छा करने की
इच्छा रखने वाले लोगों के लिए यहाँ बने रहना मुश्किल होने लगा है । राजेश
बत्रा ने बताया कि कई लोगों ने उनसे कहा है कि जैसे एक मछली सारे तालाब को
गंदा कर देती है, वैसे ही थोड़े से लोगों की हरकतों के कारण डिस्ट्रिक्ट
की और रोटरी की ऐसी बदनामी हो रही है कि अच्छे, भले और कुछ करने का जज्बा
रखने वाले लोग अपने आप को हतोत्साहित महसूस करने लगे हैं और धीरे-धीरे निष्क्रिय हो जा रहे हैं ।
राजेश बत्रा ने सिर्फ स्थिति का आकलन ही नहीं किया, बल्कि उन्होंने लोगों
को इस बात के लिए प्रेरित करने की कोशिश भी की कि जो लोग डिस्ट्रिक्ट को और
रोटरी को बचाना चाहते हैं, उन्हें आगे आना होगा और अच्छे व सही लोगों का
साथ देना होगा । राजेश बत्रा ने जो कुछ भी कहा, उसमें किसी का भी नाम नहीं
लिया - लेकिन फिर भी सभी ने यह समझने/पहचानने में देर नहीं की कि उनके
निशाने पर कौन है ?
दरअसल, एक अकेले राजेश बत्रा ही नहीं, बल्कि कई लोग क्लब्स के
और या डिस्ट्रिक्ट के आधिकारिक आयोजनों के पहले और बाद में होने वाली
अनौपचारिक बातचीतों के स्तर को लेकर अपनी अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं । अनौपचारिक
बातचीतों के स्तर को गंदला करने का काम पहले मुकेश अरनेजा और असित मित्तल
आदि ही करते थे, पर अब इनके भी 'गुरु' विनय कुमार अग्रवाल ने मोर्चा संभाला
हुआ है । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय कुमार अग्रवाल की खूबी यह है कि
यह बिना अश्लील शब्दों के अपनी बात कह ही नहीं पाते हैं । इनके निशाने पर चाहे कोई वरिष्ठ रोटेरियन हो और या आम रोटेरियन हो - यह उसके लिए
ऐसी-ऐसी भद्दी और अश्लील किस्म की गलियाँ इस्तेमाल करते हैं कि दूसरों के
लिए उन्हें दोहराना भी संभव नहीं होता । मनुष्य की चूँकि यह एक बड़ी
स्वाभाविक-सी कमजोरी है कि उसके विरोधी के खिलाफ यदि कुछ कहा जा रहा है, तो
उसका मन बड़ा प्रसन्न महसूस करता है - इसके चलते कभी-कभी कुछ लोग विनय
कुमार अग्रवाल की गालियों में मजा भी लेते हैं, जाहिर है कि इससे उनके
हौंसले और बुलंद हुए हैं और इस कारण से उनके गाली-गलौच कार्यक्रम में और
तेजी आई है । विनय कुमार अग्रवाल की गालियों के स्वर तेज होने का एक कारण यह भी है कि मुकेश अरनेजा उन्हें इस्तेमाल करने लगे हैं ।
किसी भी सभा/संगठन में नॉनसेंस लोगों की जो एक 'वैल्यू' होती है - विनय
कुमार अग्रवाल की उस वैल्यू को पहचान कर मुकेश अरनेजा उन्हें इस्तेमाल करने
लगे हैं । विनय कुमार अग्रवाल की यह वैल्यू इसलिए और 'महत्वपूर्ण' हो
गई है क्योंकि विनय कुमार अग्रवाल ने सुधीर मंगला की उम्मीदवारी का झंडा
उठा लिया है । उल्लेखनीय है कि पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स में यदि कोई
सुधीर मंगला की उम्मीदवारी के समर्थन में घोषित रूप से है तो वह अकेले विनय
कुमार अग्रवाल हैं ।
विनय कुमार अग्रवाल के घोषित समर्थन ने लेकिन सुधीर मंगला की उम्मीदवारी को नुकसान पहुँचाने का ही काम किया है । विनय कुमार अग्रवाल अपनी गाली-गलौचपूर्ण बातों से मजमा तो जोड़ लेते हैं, लेकिन वह मजमा फिर जल्दी ही उजड़ भी जाता है ।
सुधीर मंगला की उम्मीदवारी के प्रति सहानुभूति का भाव रखने वाले, मुकेश
अरनेजा की अश्लील और अशालीन किस्म की फिकरेबाजियों का शिकार रहे एक पूर्व
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को हाल-फ़िलहाल में जब मुकेश अरनेजा और विनय कुमार
अग्रवाल की बातों में रस लेते हुए देखा/पाया गया तो उन्हें सफाई देनी पड़ी
की कि जहाँ ये दोनों होते हैं, वहाँ मैं ज्यादा देर रुकता ही नहीं हूँ ।
सुधीर मंगला की उम्मीदवारी की बागडोर विनय कुमार अग्रवाल के हाथ में आने के
बाद सुधीर मंगला की उम्मीदवारी के प्रति समर्थन का भाव रखने वाले कई लोगों
ने ऐसी ही प्रतिक्रिया दी है । इसी नज़ारे को देख कर सुधीर मंगला की
उम्मीदवारी के जेनुइन किस्म के शुभचिंतकों ने चिंता व्यक्त की है कि विनय
कुमार अग्रवाल के कारण सुधीर मंगला की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के
अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है । इसके बावजूद विनय कुमार अग्रवाल
को रोका नहीं जा रहा है तो इसका कारण सुधीर मंगला के नजदीकियों के अनुसार
यह है कि मुकेश अरनेजा ने सुधीर मंगला को समझाया है कि विनय कुमार अग्रवाल
की बातों से दिल्ली में कुछ क्लब्स तो छिटकेंगे, लेकिन उत्तर प्रदेश और
हरियाणा के क्लब्स जुड़ेंगे । ऐसा लगता है कि मुकेश अरनेजा मानते/समझते
हैं कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में लोग लफंगई ही पसंद करते हैं । शायद ऐसा
ही सोचकर मुकेश अरनेजा और असित मित्तल ने रवि चौधरी की उम्मीदवारी के लिए
समर्थन जुटाने हेतु गाजियाबाद में नाच-गाना करवाया था, जिसमें फिर
मार-पिटाई हो गई थी । लगता है कि मुकेश अरनेजा उसी फार्मूले को सुधीर
मंगला के लिए भी आजमाना चाहते हैं । मुकेश अरनेजा का उक्त फार्मूला लेकिन
जब रवि चौधरी के काम नहीं आया था, तो वह सुधीर मंगला के काम कैसे और क्यों
आयेगा ?
डिस्ट्रिक्ट में लफंगई को प्रोत्साहित करने की कुछेक लोगों की कोशिश को राजेश बत्रा ने गाजियाबाद में ही मुद्दा बनाया
- तो यह उनकी सोची-समझी रणनीति भी हो सकती है । उल्लेखनीय है कि
डिस्ट्रिक्ट को और रोटरी को बदनाम करने वाली बातों के खिलाफ राजेश बत्रा
पहले भी आवाज उठाते रहे हैं । यहाँ यह याद करना प्रासंगिक होगा कि असित
मित्तल के बिजनेस संबंधी लफड़ों के कारण राजेश बत्रा ने उनके खिलाफ खुला
अभियान छेड़ा था और असित मित्तल से सावधान रहने को लेकर लोगों को आगाह किया
था । विनय कुमार अग्रवाल की हरकतों को देखते हुए राजेश बत्रा लगता है कि
एक बार फिर उसी तेवर को अपनाने जा रहे हैं । राजेश बत्रा ने हालाँकि अभी
किसी का नाम नहीं लिया है लेकिन उन्होंने जिस तरह से रोटरी को और
डिस्ट्रिक्ट को भले लोगों की, काम करने वाले लोगों की, परिवार सहित शामिल
होने की इच्छा रखने वाले लोगों की जगह बनाने और बनाये रखने की जरूरत को
रेखांकित किया है - उससे हर किसी को यह साफ समझ में आ रहा है कि उनके
निशाने पर इस बार विनय कुमार अग्रवाल हैं । राजेश बत्रा के निशाने पर
होंगे भले ही विनय कुमार अग्रवाल, लेकिन उससे पैदा होने वाली चोट पड़ रही है
सुधीर मंगला की उम्मीदवारी पर । राजेश बत्रा ने किसी का नाम नहीं लिया,
लेकिन जब उन्होंने यह कहा कि डिस्ट्रिक्ट और रोटरी की भलाई इसमें है कि
भले, शरीफ और ईमानदारी से रोटरी का काम करते रहे और आगे भी करते रहने की
इच्छा रखने वाले लोगों का साथ दिया जाये तो मौके पर मौजूद लोगों ने यह
समझने में न तो देर की और न कोई गलती की कि वह रवि भाटिया की उम्मीदवारी का समर्थन करने का अनुरोध कर रहे हैं । राजेश बत्रा लोगों के बीच यह संदेश देने में सफल रहे हैं कि सुधीर मंगला की उम्मीदवारी की बागडोर ऐसे लोगों के हाथ में है जो रोटरी को और डिस्ट्रिक्ट को बदनाम करने का ही काम करेंगे । राजेश बत्रा की बातों को सुनने वालों की जो प्रतिक्रिया रही और जो बाद तक
भी जाहिर होती रही है, उससे साफ है कि राजेश बत्रा ने रवि भाटिया की
उम्मीदवारी के पक्ष में हवा बनाने के लिए जो तरकीब चली उसने अपना काम किया
है ।