Wednesday, August 28, 2013

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 में अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह की तैयारी में सुधीर मंगला को अकेले जुटा देख, उनकी उम्मीदवारी से उनके क्लब के लोगों की दूरी की पोल खुली

नई दिल्ली । सुधीर मंगला को अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह की तैयारी में जिस तरह अकेले ही जुटना पड़ रहा है, उसके कारण उक्त समारोह आयोजित करना उनके लिए बेमतलब की कसरत साबित हो गया है, और इस बेमतलब की कसरत ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उनकी उम्मीदवारी के अभियान को कमजोर करने का काम ही किया है । दरअसल अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह को आयोजित करने को लेकर सुधीर मंगला को जिस तरह अपने ही क्लब के लोगों का सहयोग और समर्थन नहीं मिल रहा है, उससे डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच यह मैसेज गया है कि सुधीर मंगला की उम्मीदवारी को उनके अपने ही क्लब के लोगों का समर्थन नहीं है । क्लब के कुछेक लोगों ने डिस्ट्रिक्ट के अलग-अलग लोगों से यह कहा भी है कि क्लब के अधिष्ठापन समारोह को आयोजित करना सुधीर मंगला की जरूरत है, इसलिए उन्हें ही उसकी सारी तैयारी करनी है और वह अपनी तरह से उसे कर भी रहे हैं । उल्लेखनीय है कि सुधीर मंगला ने जिस तरह संजय गोयल को हटवा कर अपने पड़ोसी विपिन गुप्ता को क्लब का अध्यक्ष बनवाया, उससे क्लब के लोगों में सुधीर मंगला के रवैये को लेकर भारी नाराजगी पैदा हुई । सुधीर मंगला के लिए इससे भी ज्यादा झटके वाली बात यह हुई कि उन्होंने जिस उम्मीद से विपिन गुप्ता को क्लब का अध्यक्ष बनवाया, विपिन गुप्ता उन उम्मीदों पर बुरी तरह असफल साबित हुए । सुधीर मंगला की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए विपिन गुप्ता ने क्लब के अध्यक्ष के रूप में अपनी सक्रियता का कोई प्रदर्शन ही नहीं किया है ।
गौरतलब बात यह है कि रोटरी में यह एक अलिखित-सा नियम है कि जिस क्लब से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का उम्मीदवार होता है, उस क्लब का अध्यक्ष दूसरे क्लब के अध्यक्षों से तथा डिस्ट्रिक्ट के दूसरे प्रमुख लोगों से मिलने-जुलने में ज्यादा दिलचस्पी लेता है और इस तरह कुछ ज्यादा सक्रिय होता है । सुधीर मंगला के क्लब के अध्यक्ष के रूप में विपिन गुप्ता ने लेकिन इस तरह की कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई । विपिन गुप्ता को शायद ही किसी ने कहीं देखा हो । इसके विपरीत रवि भाटिया के क्लब के अध्यक्ष अजय नागपाल को विभिन्न आयोजनों में लोगों के बीच खूब-खूब सक्रिय देखा/पाया गया । स्वाभाविक तौर पर इस कारण से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए रवि भाटिया की उम्मीदवारी को लोगों के बीच खासा बल मिला । यहाँ तक कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के एक और उम्मीदवार सुरेश भसीन के क्लब के अध्यक्ष विजय ठाकुर को भी लोगों के बीच अपेक्षाकृत इन्बॉल्व और कंसर्न देखा/पाया गया । इसका नतीजा ही है कि सुधीर मंगला की तुलना में सुरेश भसीन की उम्मीदवारी को लोगों के बीच ज्यादा नंबर मिलने लगे हैं ।
क्लब के अध्यक्ष के रूप में विपिन गुप्ता का तथा क्लब के दूसरे सदस्यों का सहयोग सुधीर मंगला को मिलता हुआ यदि नहीं नजर आ रहा है, तो इसके लिए क्लब के लोगों ने सुधीर मंगला को ही जिम्मेदार ठहराया है । उनका कहना है कि अपनी उम्मीदवारी को लेकर सुधीर मंगला ने क्लब के लोगों को न तो विश्वास में लिया है और न ही वह क्लब के लोगों के साथ किसी तरह की कोई सलाह करते हैं । सुधीर मंगला ने पिछले वर्ष रमेश अग्रवाल द्धारा की गई कथित बेईमानी के संदर्भ में की गई शिकायत को जिस तरह, क्लब के पदाधिकारियों को भरोसे में लिए बिना सरेंडर कर दिया था उसके चलते भी क्लब के प्रमुख सदस्य सुधीर मंगला से बुरी तरह खफा हैं । क्लब के लोगों का मानना और कहना है कि सुधीर मंगला डिस्ट्रिक्ट के जिन बदनाम और घटिया लोगों के कहने में हैं, उनके कहने में आकर ही वह क्लब के प्रमुख सदस्यों को कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं । मजे की बात यह हुई कि पहले क्लब के पदाधिकारियों ने सुधीर मंगला से क्लब के अधिष्ठापन समारोह को लेकर बात की थी, लेकिन तब सुधीर मंगला ने उसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी । सुधीर मंगला ने क्लब के अधिष्ठापन समारोह के आयोजन में अपना 'सहयोग' देने से भी साफ इंकार कर दिया था । सुधीर मंगला ने कई लोगों से साफ साफ कहा/बताया भी कि अधिष्ठापन में पैसा खर्च करने की बजाये वह अध्यक्षों को अलग से पार्टी देंगे तो उन्हें ज्यादा फायदा होगा । उनका तर्क था कि क्लब के अधिष्ठापन समारोह में उम्मीदवारी को प्रमोट करना मुश्किल होता है; उसमें क्लब प्रमोट होता है, उम्मीदवार नहीं - उसमें खर्च किया गया पैसा व्यर्थ ही जाता है । सुधीर मंगला की इन बातों को सुनकर क्लब के पदाधिकारियों ने क्लब के अधिष्ठान समारोह को आयोजित करने का इरादा त्याग दिया था ।
रवि भाटिया के क्लब के अधिष्ठापन समारोह में रवि भाटिया की उम्मीदवारी का जो प्रमोशन हुआ और डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उम्मीदवार के रूप में रवि भाटिया की जो धाक जमी, उसे देख/जान कर सुधीर मंगला ने लेकिन अचनक से पलटी मारी और वह क्लब के अधिष्ठापन समारोह करने की बात करने लगे । उनके इस रवैये ने दूसरों के साथ-साथ क्लब के लोगों को भी हैरान किया । क्लब के लोगों को यह जान कर झटका लगा कि सुधीर मंगला ने अपना यह फैसला अपनी उम्मीदवारी के सलाहकारों से मिली सलाह के कारण किया है । क्लब के लोगों को एक बार फिर इस बात का सामना करना पड़ा कि सुधीर मंगला उनकी बजाये बाहर के लोगों की बात को ज्यादा अहमियत देते हैं । यह 'देख' कर क्लब के लोगों ने क्लब के अधिष्ठापन समारोह की तैयारी से अपने आप को पूरी तरह अलग कर लिया । यह बात तो सुधीर मंगला खुद ही लोगों को बता रहे हैं कि अधिष्ठापन समारोह का सारा खर्चा वही उठा रहे हैं । क्लब के लोगों के अधिष्ठापन समारोह की
तैयारी से दूर-दूर होने के बाकी तथ्य डिस्ट्रिक्ट के लोगों को खुद-ब-खुद मिल रहे हैं । कई लोगों ने इन पंक्तियों के लेखक को बताया कि सुधीर मंगला के क्लब के अधिष्ठापन समारोह के निमंत्रण उन्हें सिर्फ सुधीर मंगला से ही मिले हैं; क्लब के पदाधिकारियों ने निमंत्रण तक देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है । इन्हीं लोगों ने बताया कि रवि भाटिया के क्लब का अधिष्ठापन समारोह हुआ था, तो उसका निमंत्रण उन्हें रवि भाटिया से भी मिला था और क्लब के अध्यक्ष से भी मिला था । रवि भाटिया की पत्नी ने आमंत्रितों की पत्नी(यों) को फोन किया था । पूर्व गवर्नर्स को रवि भाटिया और क्लब के अध्यक्ष के साथ-साथ क्लब के एक पूर्व गवर्नर रंजन ढींगरा ने भी फोन किया, तथा पूर्व गवर्नर्स की पत्नी(यों) को रंजन ढींगरा की पत्नी ने भी फोन किया । क्लब के दूसरे कुछेक सदस्यों ने भी अपनी पहल से अपने-अपने परिचितों को फोन किया था । इस तरह, रवि भाटिया के क्लब के अधिष्ठापन समारोह को रवि भाटिया की उम्मीदवारी को प्रमोट करने के एक मौके के रूप में क्लब के लोगों ने सामूहिक रूप से इस्तेमाल किया । रवि भाटिया की उम्मीदवारी को इसका फायदा भी मिला । दरअसल उन्हें मिले फायदे को देख कर ही सुधीर मंगला के सलाहकारों ने उन्हें अपने क्लब का अधिष्ठापन समारोह करने के लिए तैयार किया । सलाहकारों के दबाव में सुधीर मंगला अपने क्लब का अधिष्ठापन समारोह करने को तो राजी हो गए, लेकिन अपने क्लब के लोगों का सहयोग लेने में वह विफल रहे हैं । लोगों से मिले इस फीडबैक के बाद सुधीर मंगला अपने क्लब के लोगों को मनाने में जुटे तो हैं और कोशिश कर रहे हैं कि समारोह वाले दिन क्लब के लोग उनके साथ सक्रिय 'दिखें' - उनकी इस कोशिश का क्या नतीजा निकलेगा, यह तो बाद में पता चलेगा, फ़िलहाल तो उनका नुकसान हो चुका है । न न करते हुए, क्लब का अधिष्ठापन समारोह करने को लेकर सुधीर मंगला तैयार हुए; लेकिन उनकी इस तैयारी ने उनकी उम्मीदवारी से उनके क्लब के लोगों की बनी हुई दूरी की पोल और खोल दी है । इस तरह, सुधीर मंगला को अपने सलाहकारों की सलाह पर अमल करना भारी पड़ा है ।