मेरठ । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए रजनीश गोयल तथा पंकज बिजल्वान के बीच छिड़ी चुनावी लड़ाई में फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अश्वनी काम्बोज के लिए हालात इस समय, बकौल मिर्जा ग़ालिब 'ईमां मुझे रोके है, तो खींचे है मुझे कुफ्र' जैसे हो रहे हैं । उनकी यह दुविधापूर्ण हालत पंकज बिजल्वान के कारण हो रही है । पंकज बिजल्वान चूँकि उन्हीं के क्लब के सदस्य हैं, और इस नाते दोनों के बीच नजदीकी संबंध है - इसलिए 'ईमां' तो उन्हें पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के पक्ष में रोकने की कोशिश कर रहा है; लेकिन लायनिज्म की व्यावहारिकता उन्हें 'कुफ्र' करने के लिए मजबूर कर रही है, जिसके चलते वह रजनीश गोयल की उम्मीदवारी के साथ खड़े नजर आते हैं । उल्लेखनीय है कि पिछले काफी समय से पंकज बिजल्वान और उनके समर्थक अश्वनी काम्बोज को अपने साथ खड़े 'दिखाने' के प्रयासों में थे, लेकिन अश्वनी कम्बोज उनके प्रयासों में फँस ही नहीं रहे थे; किंतु अभी हाल ही में नामांकन पत्र जमा कराने में जब पंकज बिजल्वान और अश्वनी काम्बोज साथ-साथ खड़े हुए - तो पंकज बिजल्वान के समर्थकों ने इसे अपनी बड़ी उपलब्धि के रूप में प्रचारित किया । उनके इस प्रचार पर लेकिन उस समय पानी फिर गया, जब अश्वनी काम्बोज को रजनीश गोयल की उम्मीदवारी के पक्ष में मेरठ में हुई मीटिंग में उपस्थित देखा गया ।
अश्वनी काम्बोज के नजदीकियों का कहना है कि अश्वनी काम्बोज को अगले लायन वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनना है, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें डिस्ट्रिक्ट के सभी लोगों का समर्थन चाहिए होगा - इसलिए वह किसी एक खेमे के साथ बँध कर नहीं रह सकते हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'बनने' के लिए भी उन्हें दोनों खेमों का समर्थन चाहिए होगा । यह बात सिद्धांततः कितनी भी उचित व तर्कपूर्ण लगे, लेकिन व्यावहारिक रूप में यह पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के अभियान को चोट पहुँचाती है । पंकज बिजल्वान के समर्थकों का ही कहना है कि अश्वनी काम्बोज यदि दोनों खेमों में दिखेंगे, तो इसका अर्थ यही लगाया जायेगा कि पंकज बिजल्वान को अश्वनी काम्बोज का समर्थन नहीं है और इससे पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का अभियान कमजोर साबित होगा । तब तो और भी जबकि रजनीश गोयल को निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय मित्तल, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीवा अग्रवाल तथा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गौरव गर्ग का एकतरफा समर्थन प्राप्त है । पंकज बिजल्वान तथा उनके समर्थकों की लगातार कोशिशों के बावजूद अश्वनी काम्बोज जिस तरह से पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी एकतरफा समर्थन करने से बच रहे हैं, उसे देख कर डिस्ट्रिक्ट के लोगों को यह भी लग रहा है कि अश्वनी काम्बोज को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में पंकज बिजल्वान की स्थिति काफी कमजोर लग रही है, और वह एक हारते हुए उम्मीदवार के साथ खड़े नहीं दिखना चाहते हैं ।
डिस्ट्रिक्ट में लोगों को कुछ समय पहले का वह मौका भी याद है, जब अश्वनी काम्बोज ने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के झंडाबरदार मुकेश गोयल को सार्वजनिक रूप से उनके गवर्नर-वर्ष के पद न बाँटने के लिए कहा था । मुकेश गोयल की राजनीति का यह पुराना फंडा है, जिसमें वह पदों का लालच देकर अपने उम्मीदवार के लिए वोट जुटाने का काम करते हैं । इसी फंडे के तहत मुकेश गोयल ने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से अश्वनी काम्बोज के गवर्नर वर्ष के पद बाँटने शुरू कर दिए थे ।अश्वनी काम्बोज ने इस पर सख्त ऐतराज किया और सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि उन्होंने अपने गवर्नर-वर्ष के पद बाँटने का अधिकार किसी को नहीं दिया है । अश्वनी काम्बोज ने हालाँकि किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन हर किसी ने - और खुद मुकेश गोयल ने भी समझ लिया था कि अश्वनी काम्बोज ने उन्हें ही निशाना बनाया है । इसीलिए मुकेश गोयल ने तुरंत ही इसका जबाव दिया और दावा किया कि वह कोई पद नहीं बाँट रहे हैं । मुकेश गोयल ने सार्वजनिक किए अपने पत्र में अश्वनी काम्बोज को बेइज्जत करते हुए यह दावा भी किया कि वह तो उनसे बात भी नहीं करते हैं और उन्हें फोन भी नहीं करते हैं । अश्वनी काम्बोज और मुकेश गोयल के बीच हुए इस घमासान को वास्तव में पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा गया था । पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के अभियान से दूर-दूर रहने की अश्वनी काम्बोज की कोशिशों को उस झटके के असर के बने रहने के सुबूत के तौर पर ही देखा जा रहा है । नामांकन पत्र जमा कराने के मौके पर पंकज बिजल्वान के साथ खड़े होने को कहीं उनका समर्थन न मान/समझ लिया जाए, इसलिए अश्वनी काम्बोज ने रजनीश गोयल के साथ खड़े होने/दिखने का काम भी जल्दी से कर लिया । रजनीश गोयल के साथ अश्वनी काम्बोज को खड़ा देख कर पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के समर्थकों के बीच गहरी निराशा पैदा हुई है और उक्त तस्वीर में उन्हें पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का अभियान कमजोर पड़ता दिखा है ।
अश्वनी काम्बोज के नजदीकियों का कहना है कि अश्वनी काम्बोज को अगले लायन वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनना है, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें डिस्ट्रिक्ट के सभी लोगों का समर्थन चाहिए होगा - इसलिए वह किसी एक खेमे के साथ बँध कर नहीं रह सकते हैं । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'बनने' के लिए भी उन्हें दोनों खेमों का समर्थन चाहिए होगा । यह बात सिद्धांततः कितनी भी उचित व तर्कपूर्ण लगे, लेकिन व्यावहारिक रूप में यह पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के अभियान को चोट पहुँचाती है । पंकज बिजल्वान के समर्थकों का ही कहना है कि अश्वनी काम्बोज यदि दोनों खेमों में दिखेंगे, तो इसका अर्थ यही लगाया जायेगा कि पंकज बिजल्वान को अश्वनी काम्बोज का समर्थन नहीं है और इससे पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का अभियान कमजोर साबित होगा । तब तो और भी जबकि रजनीश गोयल को निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय मित्तल, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीवा अग्रवाल तथा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर गौरव गर्ग का एकतरफा समर्थन प्राप्त है । पंकज बिजल्वान तथा उनके समर्थकों की लगातार कोशिशों के बावजूद अश्वनी काम्बोज जिस तरह से पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी एकतरफा समर्थन करने से बच रहे हैं, उसे देख कर डिस्ट्रिक्ट के लोगों को यह भी लग रहा है कि अश्वनी काम्बोज को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में पंकज बिजल्वान की स्थिति काफी कमजोर लग रही है, और वह एक हारते हुए उम्मीदवार के साथ खड़े नहीं दिखना चाहते हैं ।
डिस्ट्रिक्ट में लोगों को कुछ समय पहले का वह मौका भी याद है, जब अश्वनी काम्बोज ने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के झंडाबरदार मुकेश गोयल को सार्वजनिक रूप से उनके गवर्नर-वर्ष के पद न बाँटने के लिए कहा था । मुकेश गोयल की राजनीति का यह पुराना फंडा है, जिसमें वह पदों का लालच देकर अपने उम्मीदवार के लिए वोट जुटाने का काम करते हैं । इसी फंडे के तहत मुकेश गोयल ने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने के उद्देश्य से अश्वनी काम्बोज के गवर्नर वर्ष के पद बाँटने शुरू कर दिए थे ।अश्वनी काम्बोज ने इस पर सख्त ऐतराज किया और सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि उन्होंने अपने गवर्नर-वर्ष के पद बाँटने का अधिकार किसी को नहीं दिया है । अश्वनी काम्बोज ने हालाँकि किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन हर किसी ने - और खुद मुकेश गोयल ने भी समझ लिया था कि अश्वनी काम्बोज ने उन्हें ही निशाना बनाया है । इसीलिए मुकेश गोयल ने तुरंत ही इसका जबाव दिया और दावा किया कि वह कोई पद नहीं बाँट रहे हैं । मुकेश गोयल ने सार्वजनिक किए अपने पत्र में अश्वनी काम्बोज को बेइज्जत करते हुए यह दावा भी किया कि वह तो उनसे बात भी नहीं करते हैं और उन्हें फोन भी नहीं करते हैं । अश्वनी काम्बोज और मुकेश गोयल के बीच हुए इस घमासान को वास्तव में पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा गया था । पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के अभियान से दूर-दूर रहने की अश्वनी काम्बोज की कोशिशों को उस झटके के असर के बने रहने के सुबूत के तौर पर ही देखा जा रहा है । नामांकन पत्र जमा कराने के मौके पर पंकज बिजल्वान के साथ खड़े होने को कहीं उनका समर्थन न मान/समझ लिया जाए, इसलिए अश्वनी काम्बोज ने रजनीश गोयल के साथ खड़े होने/दिखने का काम भी जल्दी से कर लिया । रजनीश गोयल के साथ अश्वनी काम्बोज को खड़ा देख कर पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के समर्थकों के बीच गहरी निराशा पैदा हुई है और उक्त तस्वीर में उन्हें पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का अभियान कमजोर पड़ता दिखा है ।