Wednesday, January 29, 2020

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में अपनी कमजोर स्थिति से बौखलाए पंकज बिजल्वान ने वोटों की खरीद-फरोख्त का जो हथकंडा अपनाया, वह उनकी स्थिति को और कमजोर करने वाला ही साबित हो रहा है

देहरादून । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की रजनीश गोयल की उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने और 'दिखाने' के उद्देश्य से मेरठ में हुई मीटिंग की जोरदार सफलता से तिलमिलाए पंकज बिजल्वान ने महँगे होटल में ठहराने का ऑफर देकर वोट 'खरीदने' की जो योजना बनाई, वह उन्हें उल्टी पड़ गई दिख रही है और उनके लिए दोहरी मुसीबत का कारण बन गई है । पंकज बिजल्वान के लिए दोहरी मुसीबत की बात यह हुई है कि जिनके वोट खरीदने के लिए महँगे होटल में ठहराने का ऑफर उन्होंने दिया, वह तो 'बिके' नहीं; दूसरी तरफ उनके लोगों की तरफ से महँगे होटल में ठहरने की माँग होने लगी है । कई लोगों ने पंकज बिजल्वान पर साफ साफ दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि उन्हें ठहरने के लिए महँगा होटल ही चाहिए । पंकज बिजल्वान के लिए समस्या की बात यह हुई है कि महँगे होटल में उनके पास कुल करीब 60 कमरे ही हैं; ऐसे में वह किसे महँगे होटल में कमरे दें और किसे न दें ? महँगे होटल में कमरे लेने को लेकर लोगों की तरफ से पंकज बिजल्वान पर जिस तरह का दबाव बन/पड़ रहा है, उसे देखते हुए साफ लग रहा है कि जिसे महँगे होटल में कमरा नहीं मिला वह पंकज बिजल्वान को 'सबक' सिखा कर ही मानेगा । विडंबना की बात यह है कि यह मुसीबत पंकज बिजल्वान ने खुद ही आमंत्रित की है । उनके नजदीकियों का ही कहना है कि पंकज बिजल्वान यदि वोट 'खरीदने' के लिए महँगे कमरों का ऑफर न दिए होते, तो यह बबाल पैदा न होता । पंकज बिजल्वान के समर्थकों का कहना है कि जैसे जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है, पंकज बिजल्वान को अपनी कमजोरी तथा अपनी पराजय का तेजी से आभास होता जा रहा है, और वह बौखलाहट में ऐसे काम कर रहे हैं - जो उनकी मुसीबत को बढ़ाने वाले ही साबित हो रहे हैं ।
दरअसल, मेरठ में रजनीश गोयल की उम्मीदवारी के समर्थन में हुई मीटिंग में जितने क्लब्स के पदाधिकारी व प्रमुख लोग इकट्ठा हुए, उसे देख/जान कर पंकज बिजल्वान तथा उनके समर्थकों की सारी व्यूह रचना बुरी तरह ध्वस्त हो गई है । उल्लेखनीय है कि रजनीश गोयल की मीटिंग से कुछ ही दिन पहले मेरठ में पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के समर्थन में मीटिंग हुई थी - लेकिन रजनीश गोयल की मीटिंग में पंकज बिजल्वान की मीटिंग के मुकाबले ढाई/तीन गुना लोगों के जुटने से पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के अभियान को बहुत ही जोर का झटका लगा । डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में मेरठ को मुकेश गोयल के मजबूत आधार के रूप में देखा/पहचाना जाता है; और अब से पहले डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में मेरठ को मुकेश गोयल से कोई नहीं 'छीन' सका है । अबकी बार लेकिन विनय मित्तल ने मेरठ में मुकेश गोयल को न सिर्फ घेर लिया है, बल्कि उनके मुकाबले रजनीश गोयल के लिए करीब तीन गुना बड़ी मीटिंग करके मुकेश गोयल की राजनीति तथा पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी को तगड़ी चोट दी । मेरठ में रजनीश गोयल की उम्मीदवारी के समर्थन में हुई मीटिंग को मिले समर्थन को देख कर पंकज बिजल्वान तथा उनकी उम्मीदवारी के समर्थकों के तोते उड़ गए । उड़े तोतों को वापस लाने/पाने के लिए पंकज बिजल्वान वोटों की खरीद-फरोख्त पर उतर आए हैं ।
लेकिन वोटों की खरीद-फरोख्त वाला रास्ता भी पंकज बिजल्वान के लिए काँटों भरा साबित होता नजर आ रहा है । कई लोगों ने पंकज बिजल्वान के ऑफर पर उन्हें मुँह पर ही कह दिया है कि तुमने हमें बिकाऊ समझा है क्या ? पंकज बिजल्वान ने यह ऑफर दरअसल उन 'वोटरों' को दिए हैं, जिन्हें रजनीश गोयल के समर्थन में देखा/पहचाना जाता है । इससे पहले पंकज बिजल्वान और या उनके समर्थकों ने लोगों को अपने समर्थन में लाने के लिए कोई जेनुइन प्रयास चूँकि नहीं किए, इसलिए अब दिए जा रहे उनके ऑफर लोगों को अपमानजनक लग रहे हैं; और उन्हें अहसास हो रहा है कि जैसे पंकज बिजल्वान उन्हें 'खरीदने' की कोशिश कर रहे हैं । लोग चूँकि पंकज बिजल्वान के इरादे भाँप रहे हैं, और उन्हें मुँह पर ही लताड़ भी रहे हैं - इसलिए पंकज बिजल्वान की यह तरकीब काम करती नहीं दिख रही है । यह तरकीब अपनाये जाने की चर्चा ने लेकिन उनके अपने नजदीकियों व समर्थकों को महँगे होटल में कमरा लेने के लिए भड़का दिया है, और वह पंकज बिजल्वान पर दबाव बनाने लगे हैं कि उन्हें तो महँगे होटल में ही कमरा चाहिए । यह मामला मेरठ में हुई पंकज बिजल्वान की मीटिंग में बनी स्थिति को ही दोहराता लग रहा है - जहाँ मीटिंग शुरू होने से पहले कुछेक लोग तो शराब पीने बैठ गए, लेकिन जब पंकज बिजल्वान के अन्य नजदीकियों व समर्थकों ने शराब पीने की तरफ बढ़ना शुरू किया तो उन्हें रोका गया, जिसके चलते बबाल हो गया और तोड़फोड़ तक मच गई । महँगे होटल में ठहरने को लेकर पंकज बिजल्वान के नजदीकियों व समर्थकों के बीच जिस तरह की होड़ मची दिख रही है, उसमें पंकज बिजल्वान के नजदीकियों व समर्थकों के बीच आपस में ही भिड़ंत होने के संकेत मिल रहे है - जो पंकज बिजल्वान के पहले से ही कमजोर पड़े अभियान को और कमजोर करने का काम कर रहे हैं ।