देहरादून । सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने और 'दिखाने' के उद्देश्य से पंकज बिजल्वान द्वारा मेरठ में आयोजित की गई मीटिंग में न पहुँच कर फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अश्वनी काम्बोज ने एक बार फिर पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के प्रचार अभियान को झटका दे दिया है । पंकज बिजल्वान के नजदीकियों व समर्थकों के बीच अश्वनी काम्बोज के इस रवैये को लेकर गहरी नाराजगी पैदा हुई है और उन्होंने अश्वनी काम्बोज को क्लब से निकालने की माँग करना शुरू कर दिया है । उल्लेखनीय है कि दोनों एक ही क्लब के सदस्य हैं; पंकज बिजल्वान के नजदीकियों व समर्थकों का कहना है कि अश्वनी काम्बोज यदि अपने ही क्लब के उम्मीदवार के समर्थन में खड़े नहीं हो सकते हैं तो उन्हें क्लब में रहने/रखने का अधिकार नहीं है और उन्हें तुरंत क्लब से निकाल देना चाहिए । दरअसल मेरठ में हुई मीटिंग में अश्वनी काम्बोज की उपस्थिति को लेकर पंकज बिजल्वान तथा उनके समर्थकों को खासी उम्मीद थी; उन्हें इसकी जरूरत भी थी । पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का अभियान जिस तरह की ढीलमढाल, अराजकता और असफलता का शिकार हुआ पड़ा है, उसमें अश्वनी काम्बोज के सहारे जान फूँकने की कोशिश की गई थी । पंकज बिजल्वान तथा उनके समर्थकों को विश्वास रहा कि फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अश्वनी काम्बोज उनकी मीटिंग में उपस्थित 'दिखेंगे', तो उनकी उम्मीदवारी के अभियान में कुछ जान पड़ेगी - लेकिन अश्वनी काम्बोज ने उनके विश्वास को धूल चटा दी ।
अश्वनी काम्बोज के नजदीकियों का कहना लेकिन यह है कि अश्वनी काम्बोज को अगले लायन वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में डिस्ट्रिक्ट के सभी आम और खास लायन सदस्यों का सहयोग चाहिए होगा, इसलिए वह इस बार के चुनाव में तटस्थ रहना और 'दिखना' चाहते हैं - ताकि चुनावी चक्कर में वह एक पक्ष के आम व खास लोगों का सहयोग/समर्थन खो न दें । अश्वनी काम्बोज के इन्हीं नजदीकियों का कहना/बताना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अश्वनी काम्बोज ने कुछ बड़ा व महत्त्वपूर्ण काम करने का निश्चय किया हुआ है और अपने गवर्नर-वर्ष में वह कुछेक बड़े प्रोजेक्ट करना चाहते हैं; स्वाभाविक रूप से इसके लिए उन्हें सभी का सहयोग/समर्थन चाहिए होगा; उन्हें लेकिन डर यह है कि वह यदि चुनावी चक्कर में पड़े तो अपने गवर्नर-वर्ष की योजनाओं को पूरा करने का मौका खो देंगे - और इसीलिए उन्होंने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति से अपने आप को दूर रखने का फैसला किया हुआ है और यही कारण है कि वह मेरठ में हुई पंकज बिजल्वान की मीटिंग में नहीं पहुँचे । कई लोगों को लेकिन यह भी लगता है कि अश्वनी काम्बोज को चूँकि समझ में आ गया है कि पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के सफल होने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए उन्होंने अपने आप को पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के अभियान से दूर कर लिया है । अश्वनी काम्बोज नहीं चाहते हैं कि डिस्ट्रिक्ट में लोगों को कहने का मौका मिले कि अश्वनी काम्बोज के समर्थन के बावजूद पंकज बिजल्वान चुनाव हार गए - अश्वनी काम्बोज को लगता है कि इससे उनकी फजीहत ही होगी और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें कोई भी गंभीरता से नहीं लेगा तथा उनसे सहयोग नहीं करेगा । इसलिए उन्होंने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के प्रचार अभियान से दूरी बना लेने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी है ।
मेरठ मीटिंग को लेकर पंकज बिजल्वान के लिए मुसीबत तथा फजीहत की बात यह भी रही कि उनके समर्थकों के रूप में देखे/पहचाने जा रहे देहरादून के पूर्व गवर्नर्स सुनील जैन तथा अनीता गुप्ता भी मीटिंग में नहीं पहुँचे । पिछले दिनों अचानक से प्रस्तुत हुई मुकुल अग्रवाल की उम्मीदवारी का सुनील जैन ने जिस तत्परता से समर्थन करने की घोषणा की थी, उससे ही लग गया था कि पंकज बिजल्वान का समर्थन वह मजबूरी में ही कर रहे थे । पंकज बिजल्वान के समर्थकों का हालाँकि कहना है कि अब जब मुकुल अग्रवाल की उम्मीदवारी सोडावाटर का उफान साबित हो कर चुपचाप बैठ गई है, तो सुनील जैन फिर से पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का झंडा उठाने के लिए मजबूर होंगे । पंकज बिजल्वान तथा उनके समर्थकों के विश्वास के अनुरूप सुनील जैन पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का झंडा उठाने के लिए दोबारा से मजबूर होंगे या नहीं, यह तो बाद में पता चलेगा - अभी लेकिन पंकज बिजल्वान के नजदीकियों ने अश्वनी काम्बोज को क्लब से निकालने की जो माँग करना शुरू की है, उसने डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक परिदृश्य को दिलचस्प बना दिया है ।
अश्वनी काम्बोज के नजदीकियों का कहना लेकिन यह है कि अश्वनी काम्बोज को अगले लायन वर्ष में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में डिस्ट्रिक्ट के सभी आम और खास लायन सदस्यों का सहयोग चाहिए होगा, इसलिए वह इस बार के चुनाव में तटस्थ रहना और 'दिखना' चाहते हैं - ताकि चुनावी चक्कर में वह एक पक्ष के आम व खास लोगों का सहयोग/समर्थन खो न दें । अश्वनी काम्बोज के इन्हीं नजदीकियों का कहना/बताना है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अश्वनी काम्बोज ने कुछ बड़ा व महत्त्वपूर्ण काम करने का निश्चय किया हुआ है और अपने गवर्नर-वर्ष में वह कुछेक बड़े प्रोजेक्ट करना चाहते हैं; स्वाभाविक रूप से इसके लिए उन्हें सभी का सहयोग/समर्थन चाहिए होगा; उन्हें लेकिन डर यह है कि वह यदि चुनावी चक्कर में पड़े तो अपने गवर्नर-वर्ष की योजनाओं को पूरा करने का मौका खो देंगे - और इसीलिए उन्होंने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति से अपने आप को दूर रखने का फैसला किया हुआ है और यही कारण है कि वह मेरठ में हुई पंकज बिजल्वान की मीटिंग में नहीं पहुँचे । कई लोगों को लेकिन यह भी लगता है कि अश्वनी काम्बोज को चूँकि समझ में आ गया है कि पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के सफल होने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए उन्होंने अपने आप को पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के अभियान से दूर कर लिया है । अश्वनी काम्बोज नहीं चाहते हैं कि डिस्ट्रिक्ट में लोगों को कहने का मौका मिले कि अश्वनी काम्बोज के समर्थन के बावजूद पंकज बिजल्वान चुनाव हार गए - अश्वनी काम्बोज को लगता है कि इससे उनकी फजीहत ही होगी और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्हें कोई भी गंभीरता से नहीं लेगा तथा उनसे सहयोग नहीं करेगा । इसलिए उन्होंने पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी के प्रचार अभियान से दूरी बना लेने में ही अपनी भलाई देखी/पहचानी है ।
मेरठ मीटिंग को लेकर पंकज बिजल्वान के लिए मुसीबत तथा फजीहत की बात यह भी रही कि उनके समर्थकों के रूप में देखे/पहचाने जा रहे देहरादून के पूर्व गवर्नर्स सुनील जैन तथा अनीता गुप्ता भी मीटिंग में नहीं पहुँचे । पिछले दिनों अचानक से प्रस्तुत हुई मुकुल अग्रवाल की उम्मीदवारी का सुनील जैन ने जिस तत्परता से समर्थन करने की घोषणा की थी, उससे ही लग गया था कि पंकज बिजल्वान का समर्थन वह मजबूरी में ही कर रहे थे । पंकज बिजल्वान के समर्थकों का हालाँकि कहना है कि अब जब मुकुल अग्रवाल की उम्मीदवारी सोडावाटर का उफान साबित हो कर चुपचाप बैठ गई है, तो सुनील जैन फिर से पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का झंडा उठाने के लिए मजबूर होंगे । पंकज बिजल्वान तथा उनके समर्थकों के विश्वास के अनुरूप सुनील जैन पंकज बिजल्वान की उम्मीदवारी का झंडा उठाने के लिए दोबारा से मजबूर होंगे या नहीं, यह तो बाद में पता चलेगा - अभी लेकिन पंकज बिजल्वान के नजदीकियों ने अश्वनी काम्बोज को क्लब से निकालने की जो माँग करना शुरू की है, उसने डिस्ट्रिक्ट के राजनीतिक परिदृश्य को दिलचस्प बना दिया है ।