नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप कमेटी के चेयरमैन के रूप में पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश अग्रवाल के लिए फजीहत की स्थिति यह बनी है कि उनके अपने क्लब की मेंबरशिप बुरी तरह से घट गई है और करीब आधे सदस्यों ने क्लब छोड़ दिया है । क्लब छोड़ने वाले सदस्यों ने इससे पहले रमेश अग्रवाल को अपनी हरकतों के लिए माफी माँगने के लिए मजबूर किया, और इस तरह रमेश अग्रवाल की दोहरी फजीहत की । डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के इतिहास में डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप कमेटी के किसी चेयरमैन की ऐसी फजीहत नहीं हुई है, और इस तरह रमेश अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट ही नहीं, बल्कि रोटरी के इतिहास में एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है । डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप कमेटी के चेयरमैन के रूप में रमेश अग्रवाल को जिम्मेदारी मिली थी कि वह डिस्ट्रिक्ट में सदस्यता वृद्धि के लिए काम करेंगे; लेकिन उनकी हरकतों के चलते उनके अपने क्लब में सदस्यता बुरी तरह घट कर आधी ही रह गई है । उल्लेखनीय है कि रमेश अग्रवाल के क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली अशोका - में 80 के करीब सदस्य थे, लेकिन अब उनकी संख्या 40 के करीब ही रह गई है । रोटरी क्लब दिल्ली अशोका छोड़ने वाले सदस्यों ने अपना नया क्लब बना लिया है ।
रमेश अग्रवाल ने अपने क्लब में हुए विभाजन के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया है । उल्लेखनीय है कि उन्होंने दीपक गुप्ता पर खासा दबाव बनाया था कि वह नए क्लब के प्रस्ताव को हरी झंडी न दें, ताकि नए क्लब में जाने की तैयारी करने वाले रोटरी क्लब दिल्ली अशोका के सदस्य क्लब में बने रहने के लिए मजबूर होंगे । लेकिन दीपक गुप्ता ने नए क्लब्स की संख्या बढ़ाने के लालच में रमेश अग्रवाल की एक न सुनी और रमेश अग्रवाल को ऐतिहासिक फजीहत का शिकार बना दिया । रमेश अग्रवाल के क्लब को छोड़ कर गए सदस्यों ने रमेश अग्रवाल की दोहरी फजीहत की; क्लब छोड़ने से पहले उन्होंने रमेश अग्रवाल को अपनी हरकतों के लिए माफी माँगने के लिए मजबूर किया । उल्लेखनीय है कि अन्य हरकतों के साथ-साथ क्लब के पदाधिकारियों को जब तब तरह तरह से बेइज्जत करते रहने की रमेश अग्रवाल की आदत से क्लब के कई लोग परेशान थे, और इस वर्ष उन्होंने संगठित होकर रमेश अग्रवाल को क्लब से निकालने/निकलवाने की तैयारी कर ली थी । रमेश अग्रवाल की तरफ से पहले तो दादागिरी दिखा कर उक्त तैयारी को फेल करने की कोशिश की गई; लेकिन रमेश अग्रवाल को जब अपनी कोशिश सफल होती हुई नहीं नजर आई तो फिर वह माफी माँगने के लिए मजबूर हुए ।
रमेश अग्रवाल को लगा था कि माफी माँग कर वह क्लब में बने रहेंगे और मुसीबतों से बच जायेंगे । लेकिन उनकी हरकतों से परेशान क्लब के सदस्यों ने जो सोच कर रखा हुआ था, रमेश अग्रवाल को उसकी कल्पना तक नहीं थी - रमेश अग्रवाल ने दरअसल सपने में भी नहीं सोचा था कि माफी माँगने की शर्मिंदगी के बाद उन्हें दूसरी बड़ी फजीहत का शिकार बनना है । क्लब के करीब आधे सदस्यों के क्लब छोड़ देने से रमेश अग्रवाल की डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप चेयरमैन के रूप में जो फजीहत हुई है, वह तो हुई ही है - क्लब के कमजोर हो जाने से उनके लिए मुसीबतें बढ़ीं है । सबसे बड़ी समस्या रमेश अग्रवाल के सामने क्लब के उस बड़े प्रोजेक्ट को बचाने की है, जिसके शुभारंभ की पूजा में क्लब के पदाधिकारियों को धोखा देकर रमेश अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ बैठ गए थे, और जिसके बाद क्लब में खासा बड़ा बबाल पैदा हो गया था - और जो रमेश अग्रवाल के माफी माँगने तथा क्लब के विभाजित होने तक आ पहुँचा । जाहिर है कि रोटरी क्लब दिल्ली अशोका की सदस्यता घटने ने रमेश अग्रवाल की भारी फजीहत तो की ही है, उनके सामने बड़ी मुसीबतें भी खड़ी कर दी हैं ।
रमेश अग्रवाल ने अपने क्लब में हुए विभाजन के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया है । उल्लेखनीय है कि उन्होंने दीपक गुप्ता पर खासा दबाव बनाया था कि वह नए क्लब के प्रस्ताव को हरी झंडी न दें, ताकि नए क्लब में जाने की तैयारी करने वाले रोटरी क्लब दिल्ली अशोका के सदस्य क्लब में बने रहने के लिए मजबूर होंगे । लेकिन दीपक गुप्ता ने नए क्लब्स की संख्या बढ़ाने के लालच में रमेश अग्रवाल की एक न सुनी और रमेश अग्रवाल को ऐतिहासिक फजीहत का शिकार बना दिया । रमेश अग्रवाल के क्लब को छोड़ कर गए सदस्यों ने रमेश अग्रवाल की दोहरी फजीहत की; क्लब छोड़ने से पहले उन्होंने रमेश अग्रवाल को अपनी हरकतों के लिए माफी माँगने के लिए मजबूर किया । उल्लेखनीय है कि अन्य हरकतों के साथ-साथ क्लब के पदाधिकारियों को जब तब तरह तरह से बेइज्जत करते रहने की रमेश अग्रवाल की आदत से क्लब के कई लोग परेशान थे, और इस वर्ष उन्होंने संगठित होकर रमेश अग्रवाल को क्लब से निकालने/निकलवाने की तैयारी कर ली थी । रमेश अग्रवाल की तरफ से पहले तो दादागिरी दिखा कर उक्त तैयारी को फेल करने की कोशिश की गई; लेकिन रमेश अग्रवाल को जब अपनी कोशिश सफल होती हुई नहीं नजर आई तो फिर वह माफी माँगने के लिए मजबूर हुए ।
रमेश अग्रवाल को लगा था कि माफी माँग कर वह क्लब में बने रहेंगे और मुसीबतों से बच जायेंगे । लेकिन उनकी हरकतों से परेशान क्लब के सदस्यों ने जो सोच कर रखा हुआ था, रमेश अग्रवाल को उसकी कल्पना तक नहीं थी - रमेश अग्रवाल ने दरअसल सपने में भी नहीं सोचा था कि माफी माँगने की शर्मिंदगी के बाद उन्हें दूसरी बड़ी फजीहत का शिकार बनना है । क्लब के करीब आधे सदस्यों के क्लब छोड़ देने से रमेश अग्रवाल की डिस्ट्रिक्ट मेंबरशिप चेयरमैन के रूप में जो फजीहत हुई है, वह तो हुई ही है - क्लब के कमजोर हो जाने से उनके लिए मुसीबतें बढ़ीं है । सबसे बड़ी समस्या रमेश अग्रवाल के सामने क्लब के उस बड़े प्रोजेक्ट को बचाने की है, जिसके शुभारंभ की पूजा में क्लब के पदाधिकारियों को धोखा देकर रमेश अग्रवाल अपनी पत्नी के साथ बैठ गए थे, और जिसके बाद क्लब में खासा बड़ा बबाल पैदा हो गया था - और जो रमेश अग्रवाल के माफी माँगने तथा क्लब के विभाजित होने तक आ पहुँचा । जाहिर है कि रोटरी क्लब दिल्ली अशोका की सदस्यता घटने ने रमेश अग्रवाल की भारी फजीहत तो की ही है, उनके सामने बड़ी मुसीबतें भी खड़ी कर दी हैं ।