Monday, August 13, 2012

रमेश अग्रवाल को लेकर अपने रवैये में 180 डिग्री का कट मार कर आलोक गुप्ता ने राजनीतिक चतुराई का परिचय दिया है

गाजियाबाद/नई दिल्ली | रमेश अग्रवाल को लेकर आलोक गुप्ता के रवैये में 180 डिग्री का जो फर्क दिखा है, उसने सभी को हैरान तो किया ही है - साथ ही डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव में नए समीकरण बनने के संकेत भी दिए हैं | पहले, रमेश अग्रवाल को लेकर आलोक गुप्ता के रवैये में दिखे 180 डिग्री के फर्क के बारे में जान लें : करीब आठ माह पहले रोटरी क्लब वैशाली द्धारा आयोजित हुए डिस्ट्रिक्ट टेबल टेनिस टूर्नामेंट में रमेश अग्रवाल का क्लब धोखाधड़ी और बेईमानी करता हुआ पकड़ा गया था और वहाँ मौजूद हर कोई धोखाधड़ी व बेईमानी करने के लिए रमेश अग्रवाल की थू-थू कर रहा था, तब एक अकेले आलोक गुप्ता वहाँ रमेश अग्रवाल की वकालत और उनका बचाव कर रहे थे | आलोक गुप्ता ने वहाँ मौजूद हर किसी को यह बताने की हर संभव कोशिश की थी कि रमेश अग्रवाल के क्लब पर धोखाधड़ी और बेईमानी करने का जो आरोप है, उसके लिए रमेश अग्रवाल किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं हैं | अपनी इस कोशिश में आलोक गुप्ता कई लोगों से सीधे सीधे भिड़ भी गए थे और कुछेक लोगों के साथ उनकी खासी गर्मागर्मी भी हुई थी | वहाँ मौजूद हर किसी ने इस बात पर गौर किया था कि वहाँ एक अकेले आलोक गुप्ता ही रमेश अग्रवाल की वकालत कर रहे थे - और बहुत मुखर व आक्रामक होकर कर रहे थे | वहाँ जो कोई भी रमेश अग्रवाल को निशाना बना रहा था, आलोक गुप्ता उससे आमने-सामने होकर भिड़ जा रहे थे | लेकिन, अभी दो दिन पहले आयोजित हुए रोटरी क्लब गाजियाबाद साऊथ एण्ड के अधिष्ठापन समारोह में रमणीक तलवार जब रमेश अग्रवाल के खिलाफ आग उगल रहे थे तब हर कोई यह देख कर हैरान हो रहा था कि आलोक गुप्ता न सिर्फ उस आग में हाथ सेंक रहे थे, बल्कि उस आग से उपजी गर्मी का पूरा-पूरा मजा ले रहे थे | रमेश अग्रवाल के खिलाफ कही जा रही बातों का आलोक गुप्ता मजा तो ले ही रहे थे, वह रमणीक तलवार का समर्थन-सा करते हुए भी और उनके नजदीक दिखने की कोशिश भी करते हुए नज़र आ रहे थे | रमेश अग्रवाल के खिलाफ हो रहीं बातों पर आलोक गुप्ता के रवैये में आये इस शीर्षासनी फर्क को जिन लोगों ने भी पहचाना - उन्हें हैरानी हुई |
रमेश अग्रवाल के खिलाफ हो रही बातों पर आलोक गुप्ता के रवैये में आये इस 180 डिग्री के फर्क के जिन लोगों ने लेकिन राजनीतिक भावार्थ समझने की कोशिश की - उन्होंने इसे आलोक गुप्ता की राजनीतिक चतुराई से जोड़ कर देखा/पहचाना है | उनका मानना और कहना है कि आलोक गुप्ता ने लोगों के मूड को भाँपते/पहचानते हुए उसी के अनुरूप अपने रवैये को संयोजित व व्यवस्थित करना शुरू कर दिया है | उनके रवैये में दिखे बदलाव के लिए रमेश अग्रवाल के रवैये को भी जिम्मेदार माना/ठहराया जा रहा है | आलोक गुप्ता के नजदीकियों के अनुसार, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के चुनाव के संदर्भ में आलोक गुप्ता को रमेश अग्रवाल से मदद मिलने की बहुत उम्मीद थी - यह कहना बल्कि ज्यादा सही होगा कि रमेश अग्रवाल की मदद के भरोसे ही आलोक गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी को प्रस्तुत किया | रमेश अग्रवाल और आलोक गुप्ता के रिश्ते को कई लोग राम-लक्ष्मण वाले संबंध के रूप में भी देखते/बताते रहे हैं | इसी संबंध के भरोसे आलोक गुप्ता ने यह आकलन किया और लोगों को बताया भी कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने का उनके पास इसी वर्ष मौका है | कुछ रमेश अग्रवाल के साथ अपने संबंधों के चलते और कुछ रमेश अग्रवाल के साथ अपनी नजदीकी लोगों को दिखाने तथा कुछ रमेश अग्रवाल के और नजदीक होने के उपक्रम में ही आलोक गुप्ता आठ माह पहले आयोजित हुए डिस्ट्रिक्ट टेबल टेनिस टूर्नामेंट में हर उस व्यक्ति से जा भिड़े थे जो रमेश अग्रवाल की खिलाफत कर रहा था | लेकिन पिछले आठ माह में यमुना और हिंडन में बहुत सा पानी बह गया है और आलोक गुप्ता समझ गए हैं कि रमेश अग्रवाल ने उनके साथ संबधों का कोई मान नहीं रखा है और अब जब उन्हें मदद की जरूरत है तो पूरी तरह से मुँह फेर लिया है | आलोक गुप्ता के नजदीकियों के अनुसार, आलोक गुप्ता ने यह भी पाया कि रमेश अग्रवाल उन्हें मूर्ख बना रहे है और उन्हें सिर्फ इस्तेमाल कर रहे हैं | आलोक गुप्ता के नजदीकियों के अनुसार, शुरू में आलोक गुप्ता यह सुन/जान कर काफी उत्साहित और खुश होते थे कि रमेश अग्रवाल लगातार जेके गौड़ की बुराई करते रहते थे; लेकिन जल्दी ही आलोक गुप्ता ने पाया कि रमेश अग्रवाल उनसे बात करते हुए तो जेके गौड़ की बुराई करते हैं, लेकिन जेके गौड़ के काम भी आते रहते हैं | अच्छे-अच्छे क्लब्स पर अधिष्ठापन समारोह में ही जीओवी करा लेने तथा उनके अलावा अन्य गवर्नर्स को न बुलाने और या न बुलवाने के लिए दबाव डालने वाले रमेश अग्रवाल आश्चर्यजनक रूप से जेके गौड़ के क्लब पर काफी मेहरबान नज़र आये | जेके गौड़ के क्लब के अधिष्ठापन समारोह में - जो कि वास्तव में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार के रूप में जेके गौड़ का शक्तिप्रदर्शन था - प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियाँ उड़ीं, लेकिन प्रोटोकॉल की बड़ी-बड़ी बातें करने वाले रमेश अग्रवाल चुपचाप बने रहे | इससे आलोक गुप्ता को पक्का विश्वास हो गया कि रमेश अग्रवाल उन्हें सिर्फ धोखा दे रहे हैं, और जेके गौड़ के साथ मिले हुए हैं |
इसके साथ ही, लोगों से मिलते-जुलते हुए आलोक गुप्ता ने पाया कि डिस्ट्रिक्ट में रमेश अग्रवाल की खिलाफत बढ़ रही है और कोई किसी कारण से तो कोई किसी कारण से रमेश अग्रवाल के खिलाफ हो रहा है | ऐसे में, संभवतः आलोक गुप्ता ने यह रणनीति बनाई हो कि उन्हें जब रमेश अग्रवाल की मदद नहीं मिल रही है तो उन्हें रमेश अग्रवाल के विरोधियों के बीच अपने लिए समर्थन जुटाने का प्रयास करना चाहिए | रोटरी क्लब गाजियाबाद साऊथ एण्ड के आयोजन में रमणीक तलवार की रमेश अग्रवाल विरोधी बातों पर मजा लेने और रमणीक तलवार के साथ दिखने में उनके इसी प्रयास को पहचाना जा रहा है | यहाँ यह याद करना भी प्रासंगिक होगा कि पिछले चुनाव में रवि चौधरी के अभियान की हवा निकालने की शुरुआत रमणीक तलवार ने ही की थी | इसके अलावा, संभवतः पिछले चुनाव का वह अनुभव भी आलोक गुप्ता को याद आया होगा - जिसके तहत वह जानते हैं कि रवि चौधरी को कई लोगों ने समझाया था कि असित मित्तल से दूरी बना कर रहो, अन्यथा असित मित्तल की करतूतें तुम्हें ले डूबेंगी; लेकिन रवि चौधरी ने इस समझाइश पर गौर नहीं किया और नतीजा भुगता | आलोक गुप्ता के नजदीकियों के अनुसार, आलोक गुप्ता भी समझ रहे हैं कि रमेश अग्रवाल की करतूतें उस उम्मीदवार का बैंड बजा देंगी जो उनके समर्थन पर निर्भर रहेगा |
यह मानना/कहना तो जल्दबाजी करना होगा कि आलोक गुप्ता ने रमेश अग्रवाल पर निर्भर रहने का इरादा पूरी तरह छोड़ दिया है - लेकिन आठ माह पहले डिस्ट्रिक्ट टेबल टेनिस टूर्नामेंट में रमेश अग्रवाल को निशाना बनाने वालों पर टूट पड़ने वाले आलोक गुप्ता को अब रोटरी क्लब गाजियाबाद साउथ एण्ड के आयोजन में रमणीक तलवार की रमेश अग्रवाल विरोधी बातों पर मजा लेते और रमणीक तलवार के साथ नजदीकी बनाने की कोशिश करते देख कर यह जरूर समझा जा रहा है कि आलोक गुप्ता ने अब रमेश अग्रवाल के विरोधियों के बीच पैठ बनाने का प्रयास करना शुरू कर दिया है | आलोक गुप्ता के इस प्रयास को उनकी राजनीतिक चतुराई के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है | रमेश अग्रवाल को लेकर आलोक गुप्ता के रवैये में 180 डिग्री का जो फर्क दिखा है, उससे लग रहा है कि आलोक गुप्ता वह गलती नहीं करना चाहते हैं जो रवि चौधरी ने की - और यह देख/जान कर तो बिल्कुल भी नहीं कि रमेश अग्रवाल उन्हें धोखा देने पर पूरी तरह आमादा हैं |