Thursday, August 30, 2012

नोमीनेटिंग कमेटी के लिए अचानक और आश्चर्यजनक रूप से प्रस्तुत हुई दमनजीत सिंह की उम्मीदवारी ने बड़े रोटरी नेताओं की सक्रियता का खेल उजागर किया

नई दिल्ली/मुंबई | दमनजीत सिंह ने इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार चुनने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करके अपने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को तो चक्कर में डाल ही दिया है, पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता की राजनीति के लिए भी गंभीर संकट पैदा कर दिया है | दमनजीत सिंह राजनीति से कोसों दूर रहने वाले एक भले रोटेरियन के रूप में डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच पहचाने जाते हैं; लेकिन 'राजनीति से कोसों दूर रहने वाले' दमनजीत सिंह की एक चाल ने डिस्ट्रिक्ट ही नहीं देश की रोटरी की राजनीति की चाल बिगाड़ दी है | चूँकि सच यही है कि दमनजीत सिंह राजनीति से कोसों दूर रहने वाले रोटेरियन हैं, इसलिए इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार चुनने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए जैसे ही दमनजीत सिंह की उम्मीदवारी की प्रस्तुति की चर्चा चली, जूलियस सीजर के 'यू टू ब्रूटस' वाली स्टाइल में डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने जैसे एक-दूसरे से पूछा - 'दमनजीत सिंह भी !' एक तरफ सच यदि यह है कि दमनजीत सिंह राजनीति से कोसों दूर रहने वाले रोटेरियन हैं, तो दूसरी तरफ सच यह भी है कि कोयले की खदान में रहते हुए कोई कब तक अपने हाथ काले होने से बचा सकता है | सो, डिस्ट्रिक्ट के लोगों के सामने एक ऐसा सच सामने था जिसे स्वीकार करते हुए उन्हें चक्कर आ रहा था - इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार चुनने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए दमनजीत सिंह भी उम्मीदवार बनने की तैयारी कर रहे हैं | जो लोग सिर्फ दमनजीत सिंह को जानते हैं उन्हें इस जानकारी से आश्चर्य हो रहा था; लेकिन जो लोग मानते हैं कि हर 'घटना' के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता है उन्होंने समझने की कोशिश की कि राजनीति से कोसों दूर रहने वाले दमनजीत सिंह के राजनीति के मैदान में उतरने के पीछे कारण आखिर क्या है ?
दमनजीत सिंह के निकटवर्तियों के हवाले से ऐसे लोगों ने जाना/पाया कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार चुनने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए प्रस्तुत होने वाली दमनजीत सिंह की उम्मीदवारी के पीछे भरत पांड्या और मौजूदा इंटरनेशनल डायरेक्टर यशपाल दास तथा पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर अशोक महाजन हैं | यहाँ यह जानना महत्वपूर्ण है कि भरत पांड्या इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के उम्मीदवार हैं और यशपाल दास व अशोक महाजन ने उन्हें इंटरनेशनल डायरेक्टर चुनवाने का बीड़ा उठाया हुआ है | डिस्ट्रिक्ट 3010 में अशोक महाजन का काम अभी कुछ समय पहले तक मुकेश अरनेजा देखते थे, लेकिन 'जहाँ देखी तवा परांत, वहीं बिताई सारी रात' जैसी अपनी फितरत के चलते मुकेश अरनेजा ने अब शेखर मेहता से अपने तार जोड़े हुए हैं; लिहाजा अशोक महाजन को डिस्ट्रिक्ट 3010 में अपनी राजनीति चलाने के लिए कोई और 'आधार' चाहिए | दमनजीत सिंह पर हाथ रख कर अशोक महाजन ने वास्तव में डिस्ट्रिक्ट 3010 में अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है | अशोक महाजन और शेखर मेहता की निगाह रोटरी इंटरनेशनल के प्रेसीडेंट पद पर है, और इसीलिए उन्हें प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट में 'अपने' आदमी चाहिए हैं | डिस्ट्रिक्ट 3010 की चौधराहट सुशील गुप्ता अपने पास रखना चाहते हैं - उनका राजनीतिक गठजोड़ शेखर मेहता के साथ तो बनता है, लेकिन अशोक महाजन के साथ नहीं बनता |
इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार चुनने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के चुनाव के जरिये डिस्ट्रिक्ट 3010 को इन तीनों ने अपनी अपनी प्रयोगशाला बना लिया है | सुशील गुप्ता अपने डिस्ट्रिक्ट की चौधराहट को अपने पास बनाये रखने के लिए रंजन ढींगरा पर दांव लगाना चाहते हैं; शेखर मेहता को लगता है कि मुकेश अरनेजा इस डिस्ट्रिक्ट में 'उनकी' राजनीति करेंगे; उन्हें दरअसल एक 'खाड़कू' किस्म का व्यक्ति चाहिए और वह मुकेश अरनेजा को इसके लिए बिलकुल फिट पाते हैं - इसलिए वह सुशील गुप्ता को मुकेश अरनेजा का समर्थन करने के लिए समझा रहे हैं | सुशील गुप्ता उन्हें मुकेश अरनेजा पर भरोसा करने से सावधान करने की कोशिश कर रहे हैं | कुछेक और लोगों ने भी शेखर मेहता को मुकेश अरनेजा जैसे अवसरवादी से बचने की सलाह दी है - शेखर मेहता को बताया/समझाया गया है कि मुकेश अरनेजा ने हर किसी को अपने स्वार्थ में इस्तेमाल ही किया है और हर किसी को धोखा ही दिया है | डिस्ट्रिक्ट 3010 में सुशील गुप्ता और शेखर मेहता के बीच इस मत-भिन्नता में आशोक महाजन ने अपनी दाल गलाने के लिए दमनजीत सिंह पर हाथ रखा है - उन्हें विश्वास है कि दमनजीत सिंह की साफ छवि उनका काम आसान बनायेगी | अशोक महाजन को विश्वास है कि दमनजीत सिंह को आगे करके वह डिस्ट्रिक्ट 3010 के उन नेताओं को भी अपने पाले में ले आयेंगे, जो राजा साबू के आदमी के रूप में जाने/पहचाने/समझे जाते हैं |
राजा साबू और कल्याण बनर्जी के बीच पिछले कुछ समय से जो 'सीजफायर' बना हुआ है, उसके चलते उम्मीद है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर का चुनाव बहुत दूर तक नहीं जायेगा और ज्यादा घमासान नहीं मचेगा और सारा खेल नोमीनेटिंग कमेटी के फैसले तक ही चलेगा | इसलिए रोटरी की राजनीति में राजा साबू और कल्याण बनर्जी की छाया से निकल कर अपना अपना झंडा फहराने की तैयारी कर रहे सुशील गुप्ता, शेखर मेहता और अशोक महाजन ने अपनी सारी ताकत इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार चुनने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के चुनाव में लगा दी है | नोमीनेटिंग कमेटी का चुनाव इस कारण से भी महत्वपूर्ण हो गया है, क्योंकि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के उम्मीदवारों की पसंद और भरोसा उन्हें चुनवाने/जितवाने का 'ठेका' लिए नेताओं की पसंद और भरोसे से अलग भी दिख रहा है | इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए भरत पांड्या यदि राजा साबू/अशोक महाजन ग्रुप के भरोसे हैं तो उन्हीं के डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3140 - के गुलाम वहनवती को कल्याण बनर्जी ग्रुप की शह है | कल्याण बनर्जी ग्रुप से लेकिन डिस्ट्रिक्ट 3060 के मनोज देसाई का पलड़ा भारी दिखता है, क्योंकि उनकी उम्मीदवारी में मौजूदा इंटरनेशनल डायरेक्टर शेखर मेहता दिलचस्पी लेते सुने गए हैं | डिस्ट्रिक्ट 3131 के विनय कुलकर्णी को भरोसा है कि राजा साबू/अशोक महाजन ग्रुप उन पर भी दांव लगा सकता है | डिस्ट्रिक्ट 3132 के राजीव प्रधान और उनके समर्थकों को उम्मीद है कि रोटरी के भले के लिए दोनों ग्रुप के नेता उन्हें ही इंटरनेशनल डायरेक्टर चुनवायेंगे | डिस्ट्रिक्ट 3040 के आलोक बिल्लोरे तथा डिस्ट्रिक्ट 3030 के मधु रुघवानी भी अपनी उम्मीदवारी के लिए माहौल बनाने की जुगत में लगे हैं, लेकिन अभी उन्हें अपनी उम्मीदवारी के प्रति लोगों को आश्वस्त करने का काम ही करना पड़ रहा है |
दमनजीत सिंह की अचानक और आश्चर्यजनक रूप से इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अधिकृत उम्मीदवार चुनने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए प्रस्तुत हुई उम्मीदवारी ने नोमीनेटिंग कमेटी के लिए होने वाले चुनाव में पर्दे के पीछे चलने वाले खेल का एक संकेत भर दिया है | लेकिन यह ऐसा संकेत है जो बताता है कि नोमीनेटिंग कमेटी का चुनाव खासा दिलचस्प होने जा रहा है, क्योंकि इसमें बड़े नेताओं की सक्रिय भूमिका रहेगी |