Friday, April 19, 2013

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 बी वन में अनुपम बंसल के गवर्नर-काल की टीम बनाने में विशाल सिन्हा की सक्रियता के चलते डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी पद पर होने वाली नियुक्ति को लेकर असमंजस बना

लखनऊ । अनुपम बंसल के गवर्नर-काल में डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी पद को लेकर एक दिलचस्प किस्म की खींचतान चलने की ख़बरें सुनने को मिल रही हैं । उम्मीद की जा रही है कि 21 अप्रैल को चुने हुए पदाधिकारियों के सम्मान में जो कार्यक्रम हो रहा है, उसमें अनुपम बंसल अपनी टीम के प्रमुख पदाधिकारियों के नामों की घोषणा करेंगे - इसके चलते डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी पद को लेकर खींचतान और बढ़ गई है । अनुपम बंसल के गवर्नर-काल के लिए बने कार्यालय में जिन लोगों का नियमित आना-जाना है उनकी बातें सुनें/मानें तो डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी पद के लिए बिश्वनाथ चौधरी का नाम तय हो चुका है और उसमें किसी तरह के उलटफेर की संभावना नहीं है, लेकिन इन्हीं में से कुछ लोगों का कहना है कि अनुपम बंसल की टीम के गठन को लेकर विशाल सिन्हा जिस तरह सक्रिय हैं उसे देख कर आशंका होती है कि एन मौके पर डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी का ताज कहीं विशाल सिन्हा के माथे पर न बंध जाये । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद का कार्यभार संभालने की तैयारी में जुटे अनुपम बंसल के कार्यालय में विशाल सिन्हा की जिस तरह की सक्रियता है और जिस तरह सारे फैसले उन्हीं के दिशा-निर्देशन में हो रहे हैं उसे देख कर बिश्वनाथ चौधरी ने भी अपने आसपास के लोगों से कहना शुरू कर दिया है कि जब सभी फैसले विशाल सिन्हा को ही करने हैं तो डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी उन्हीं को बना देना चाहिए । बिश्वनाथ चौधरी की इस तरह की बातों को उनकी निराशा और नाराजगी की प्रतिक्रिया के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है ।
अनुपम बंसल के समर्थक कुछेक वरिष्ठ लोगों का भी मानना/कहना है कि अनुपम बंसल के गवर्नर-काल की गतिविधियों व फैसलों में यदि विशाल सिन्हा का हस्तक्षेप ज्यादा रहना है तो अच्छा यही होगा कि उन्हें ही डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी बना देना चाहिए, अन्यथा जो डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी पद पर होगा वह अपने आप को इग्नोर और अपमानित महसूस करेगा और तब झंझट पैदा होगा । विशाल सिन्हा को चूँकि अगले लायन वर्ष में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करनी है, इसलिए डिस्ट्रिक्ट की गतिविधियों व फैसलों को वह अपने फायदे को ध्यान में रखते हुए क्रियान्वित करना/करवाना चाहेंगे - तब तो और भी जबकि अनुपम बंसल उन्हें खुली छूट देने के लिए तैयार बैठे हैं । अनुपम बंसल और विशाल सिन्हा से हमदर्दी रखने वाले लोगों का सुझाव यही है कि अनुपम बंसल को जब अपने गवर्नर-काल में विशाल सिन्हा को हावी होने/रहने देना है तब फिर उन्हें बिश्वनाथ चौधरी को अपमानित होने देने की स्थिति में नहीं धकेलना चाहिए - यह बिश्वनाथ चौधरी, विशाल सिन्हा और अनुपम बंसल - तीनों के लिए घातक होगा ।
अनुपम बंसल ने जिस तरह अपने आप को और अपने गवर्नर-काल को गुरनाम सिंह और विशाल सिन्हा के हवाले कर दिया है उसके कारण वह अपने क्लब में भी पूरी तरह अलग-थलग पड़ गए हैं । उल्लेखनीय है कि उनके और दूसरे पदाधिकारियों के सम्मान के लिए होने वाले आयोजन की तैयारी के लिए जो पहली मीटिंग बुलाई गई थी, उसमें अनुपन बंसल के क्लब से एक भी सदस्य शामिल नहीं हुआ था । उससे ही साबित हो गया था कि अनुपम बंसल को अपने ही क्लब में समर्थन नहीं है । डिस्ट्रिक्ट में लोगों को यह आभास तो रहा है कि अनुपम बंसल किसी भी मामले में क्लब के वरिष्ठ सदस्य और पूर्व गवर्नर भूपेश बंसल को न तो विश्वास में ले रहे हैं और न ही उनसे किसी भी तरह का कोई सलाह-मशविरा कर रहे हैं - लेकिन इसके चलते अनुपम बंसल क्लब में बुरी तरह अकेले और अलग-थलग पड़ गए हैं इसका सुबूत पहली बार लोगों के सामने आया । उस 'घटना' के बाद ऐसा लगा था कि अनुपम बंसल कुछ संभलेंगे और अपने क्लब के लोगों के साथ संबंध सुधारने का प्रयास करेंगे और इस प्रयास में गुरनाम सिंह व विशाल सिन्हा के साथ अपने संबंधों को संतुलित करेंगे - लेकिन अनुपम बंसल ऐसा करते हुए किसी को 'दिख' नहीं रहे हैं । अनुपम बंसल के गवर्नर-काल की टीम बनाने में विशाल सिन्हा की जो सक्रियता है, उसे देखते हुए डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी पद पर होने वाली बिश्वनाथ चौधरी की संभावित ताजपोशी खतरे में पड़ती दिख रही है । कई लोगों का मानना और कहना है कि बिश्वनाथ चौधरी की ताजपोशी यदि अभी हो भी गई तो बाद में भी वह संकट में ही फँसी रहेगी । लोगों की इसी तरह की प्रतिक्रिया के बीच डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट सेक्रेटरी के पद को लेकर असमंजस और खींचतान बनी हुई है ।