नई दिल्ली । मिल गया .....मिल गया .....मिल गया .....मुकेश अरनेजा को पेट्स का निमंत्रण मिल गया । पेट्स
का निमंत्रण मिलने की बात को मुकेश अरनेजा कुछ इस तरह से लोगों को बता रहे
हैं जैसे उन्होंने कोई बहुत बड़ा किला फतह कर लिया हो । डीटीटीएस का
निमंत्रण न मिलने से मुकेश अरनेजा जिस तरह दुखी और निराश हुए दिखे थे, उसे
देखते हुए पेट्स का निमंत्रण मिलना उनके लिए किला जीतने जैसा ही है ।
डीटीटीएस में निमंत्रित न करके विनोद बंसल ने मुकेश अरनेजा को ऐसा करारा
झटका दिया था कि मुकेश अरनेजा को अपनी भारी किरकिरी महसूस हुई थी । मुकेश
अरनेजा अपने आप को डिस्ट्रिक्ट का बड़ा भारी नेता मानते हैं, लेकिन विनोद
बंसल ने 'बिना कुछ किये' ही उनकी नेतागिरी की हवा निकाल दी । मजे
की बात यह दिखी कि डीटीटीएस में निमंत्रित न किये जाने के लिए मुकेश अरनेजा
ने विनोद बंसल के लिए तो कुछ नहीं कहा, लेकिन राजेश बत्रा को उन्होंने जी
भर कर कोसा । डीटीटीएस में निमंत्रित न किये जाने के लिए मुकेश अरनेजा
ने दरअसल विनोद बंसल की बजाये राजेश बत्रा को जिम्मेदार माना था । उन्होंने
कुछेक लोगों से कहा था कि विनोद बंसल की हिम्मत नहीं हो सकती कि वह उन्हें
निमंत्रित न करें; लेकिन वह राजेश बत्रा के हाथों मजबूर हुए । राजेश
बत्रा को कोसने/गलियाने का मुकेश अरनेजा वैसे भी कोई मौका नहीं छोड़ते हैं,
डीटीटीएस का निमंत्रण न मिलने के बाद तो राजेश बत्रा के प्रति उनका गुस्सा
सातवें आसमान पर जा पहुँचा ।
राजेश बत्रा के प्रति मुकेश अरनेजा ने गुस्सा तो खूब निकाला, लेकिन उन्हें साथ ही साथ यह चिंता भी हुई कि उन्हें कहीं पेट्स का निमंत्रण भी नहीं मिला तो उनकी तो सारी शेखीबाजी निकल जायेगी । इसलिए मुकेश अरनेजा पेट्स का निमंत्रण जुगाड़ने की कोशिश में भी जुटे । विनोद बंसल के नजदीकियों ने ही बताया कि इस कोशिश में वह एक तरफ तो विनोद बंसल की खुशामद में जुटे और दूसरी तरफ उन्होंने मौजूदा इंटरनेशनल डायरेक्टर शेखर मेहता से तथा पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता से सिफारिश भी करवाई । पेट्स का निमंत्रण पाना मुकेश अरनेजा के लिए दरअसल जीने-मरने जैसा मामला रहा । उन्होंने माना/कहा कि उन्हें यदि पेट्स का निमंत्रण नहीं मिला तो उनकी तो नाक ही कट जायेगी । इसीलिये पेट्स का निमंत्रण पाने के लिए उन्होंने शेखर मेहता और सुशील गुप्ता जैसे बड़े नेताओं की मदद लेने से भी गुरेज नहीं किया । इनकी मदद जुटाने के लिए मुकेश अरनेजा ने राजेश बत्रा का नाम इस्तेमाल किया । मुकेश अरनेजा ने इन्हें भरमाया कि राजेश बत्रा ने ही विनोद बंसल पर दबाव बनाया हुआ है कि मुकेश अरनेजा को उनके गवर्नर-काल में कोई तवज्जो न मिले, और राजेश बत्रा के दबाव के कारण ही विनोद बंसल ने उन्हें डीटीटीएस में निमंत्रित नहीं किया । इस तरह की बातें करके मुकेश अरनेजा ने शेखर मेहता और सुशील गुप्ता को विनोद बंसल से उन्हें पेट्स में निमंत्रित करने की सिफारिश करने के लिए तैयार किया ।
मुकेश अरनेजा की पर्दे के पीछे की इस कार्रवाई ने 'काम' किया और उन्हें पेट्स का निमंत्रण मिल गया । पेट्स का निमंत्रण पाकर मुकेश अरनेजा इतने खुश हुए हैं कि सभी को बताते फिर रहे हैं । पेट्स का निमंत्रण और भी कई लोगों को मिला है, लेकिन इस निमंत्रण की जितनी खुशी मुकेश अरनेजा को हो रही है उतनी खुशी अन्य किसी ने प्रकट नहीं की है । मुकेश अरनेजा लोगों को बता रहे हैं कि राजेश बत्रा ने तो पूरी कोशिश की थी कि डीटीटीएस की तरह उन्हें पेट्स का भी निमंत्रण न मिले, लेकिन उन्होंने विनोद बंसल की ऐसी हालत कर दी कि विनोद बंसल के लिए राजेश बत्रा की बात मानना संभव ही नहीं रहा । मुकेश अरनेजा ने लोगों के बीच दावा किया है कि उन्हें यदि पहले से पता होता कि डीटीटीएस में उनकी उपस्थिति में राजेश बत्रा अड़ंगा डालेंगे तो वह डीटीटीएस का निमंत्रण भी ले कर दिखा देते । मुकेश अरनेजा का कहना है कि उन्हें पता है कि विनोद बंसल को कहाँ से, किससे और कैसे 'कसवाना' है - जिसके बाद विनोद बंसल के पास राजेश बत्रा की बात मानने या उनके दबावों में आने से इंकार करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा ।
मुकेश अरनेजा पेट्स का निमंत्रण पाकर बहुत खुश हैं । खुश होने का कारण भी है - उन्होंने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह अपने लिए जो चाहते हैं उसे किसी न किसी तिकड़म से पा ही लेते हैं ।
राजेश बत्रा के प्रति मुकेश अरनेजा ने गुस्सा तो खूब निकाला, लेकिन उन्हें साथ ही साथ यह चिंता भी हुई कि उन्हें कहीं पेट्स का निमंत्रण भी नहीं मिला तो उनकी तो सारी शेखीबाजी निकल जायेगी । इसलिए मुकेश अरनेजा पेट्स का निमंत्रण जुगाड़ने की कोशिश में भी जुटे । विनोद बंसल के नजदीकियों ने ही बताया कि इस कोशिश में वह एक तरफ तो विनोद बंसल की खुशामद में जुटे और दूसरी तरफ उन्होंने मौजूदा इंटरनेशनल डायरेक्टर शेखर मेहता से तथा पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील गुप्ता से सिफारिश भी करवाई । पेट्स का निमंत्रण पाना मुकेश अरनेजा के लिए दरअसल जीने-मरने जैसा मामला रहा । उन्होंने माना/कहा कि उन्हें यदि पेट्स का निमंत्रण नहीं मिला तो उनकी तो नाक ही कट जायेगी । इसीलिये पेट्स का निमंत्रण पाने के लिए उन्होंने शेखर मेहता और सुशील गुप्ता जैसे बड़े नेताओं की मदद लेने से भी गुरेज नहीं किया । इनकी मदद जुटाने के लिए मुकेश अरनेजा ने राजेश बत्रा का नाम इस्तेमाल किया । मुकेश अरनेजा ने इन्हें भरमाया कि राजेश बत्रा ने ही विनोद बंसल पर दबाव बनाया हुआ है कि मुकेश अरनेजा को उनके गवर्नर-काल में कोई तवज्जो न मिले, और राजेश बत्रा के दबाव के कारण ही विनोद बंसल ने उन्हें डीटीटीएस में निमंत्रित नहीं किया । इस तरह की बातें करके मुकेश अरनेजा ने शेखर मेहता और सुशील गुप्ता को विनोद बंसल से उन्हें पेट्स में निमंत्रित करने की सिफारिश करने के लिए तैयार किया ।
मुकेश अरनेजा की पर्दे के पीछे की इस कार्रवाई ने 'काम' किया और उन्हें पेट्स का निमंत्रण मिल गया । पेट्स का निमंत्रण पाकर मुकेश अरनेजा इतने खुश हुए हैं कि सभी को बताते फिर रहे हैं । पेट्स का निमंत्रण और भी कई लोगों को मिला है, लेकिन इस निमंत्रण की जितनी खुशी मुकेश अरनेजा को हो रही है उतनी खुशी अन्य किसी ने प्रकट नहीं की है । मुकेश अरनेजा लोगों को बता रहे हैं कि राजेश बत्रा ने तो पूरी कोशिश की थी कि डीटीटीएस की तरह उन्हें पेट्स का भी निमंत्रण न मिले, लेकिन उन्होंने विनोद बंसल की ऐसी हालत कर दी कि विनोद बंसल के लिए राजेश बत्रा की बात मानना संभव ही नहीं रहा । मुकेश अरनेजा ने लोगों के बीच दावा किया है कि उन्हें यदि पहले से पता होता कि डीटीटीएस में उनकी उपस्थिति में राजेश बत्रा अड़ंगा डालेंगे तो वह डीटीटीएस का निमंत्रण भी ले कर दिखा देते । मुकेश अरनेजा का कहना है कि उन्हें पता है कि विनोद बंसल को कहाँ से, किससे और कैसे 'कसवाना' है - जिसके बाद विनोद बंसल के पास राजेश बत्रा की बात मानने या उनके दबावों में आने से इंकार करने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा ।
मुकेश अरनेजा पेट्स का निमंत्रण पाकर बहुत खुश हैं । खुश होने का कारण भी है - उन्होंने एक बार फिर यह साबित किया है कि वह अपने लिए जो चाहते हैं उसे किसी न किसी तिकड़म से पा ही लेते हैं ।