नई दिल्ली । मॉरीशस में संपन्न हुई इसामे (इंडिया, साउथ एशिया,
अफ्रीका व मिडिल ईस्ट) फोरम की मीटिंग में सलीम मौस्सान की स्पीच ने सुनने
वालों को जिस कदर प्रभावित किया, उसने लायंस इंटरनेशनल के सेकेंड वाइस प्रेसीडेंट के चुनाव के संदर्भ में नरेश अग्रवाल की उम्मीदवारी के लिए खतरे की घंटी बजा दी है । सलीम मौस्सान लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 351 लेबनॉन
के बेरूत सेंट गेब्रियल लायंस क्लब के चार्टर प्रेसीडेंट हैं और होनोलुलु
में वर्ष 2015 की 26 से 30 जून के बीच होने वाली इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में
होने वाले इंटरनेशनल सेकेंड वाइस प्रेसीडेंट पद के चुनाव के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार
हैं । इसी पद के लिए भारत से नरेश अग्रवाल भी उम्मीदवार हैं । इस पद के लिए यूँ तो और भी उम्मीदवार हैं लेकिन मुख्य मुकाबला नरेश अग्रवाल और सलीम मौस्सान के बीच ही होता हुआ नजर आ रहा है ।
नरेश अग्रवाल लायंस इंटरनेशनल की चुनावी राजनीति में दखल रखने वाले कुछेक बड़े नेताओं के भरोसे अपनी जीत की उम्मीद लगाये हुए हैं, तो लायंस इंटरनेशनल की चुनावी राजनीति में सक्रिय कुछेक अन्य नेता सलीम मौस्सान की उम्मीदवारी के पक्ष में अभियान चलाये हुए हैं । नरेश अग्रवाल के लिए गंभीर चुनौती की बात यह है कि पिछली बार के सेकेंड वाइस प्रेसीडेंट के चुनाव में रॉबर्ट कोर्लव की जीत को सुनिश्चित करने वाले कई नेता इस बार सलीम मौस्सान की उम्मीदवारी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हुए हैं । हालाँकि यह सच है कि हाल-फिलहाल के वर्षों में रहे प्रेसीडेंट्स के बीच नरेश अग्रवाल की अच्छी पैठ है, लेकिन अपने समर्थक व शुभचिंतक बड़े नेताओं को अपनी उम्मीदवारी के पक्ष में सक्रिय कर पाने में नरेश अग्रवाल ज्यादा कामयाब नहीं हो पा रहे हैं । उनकी तुलना में सलीम मौस्सान अपने समर्थक व शुभचिंतक नेताओं को सक्रिय कर पाने और रखने में ज्यादा सफल नजर आ रहे हैं ।
नरेश अग्रवाल साधनों के मामले में भी और सक्रिय सहयोगियों के मामले में भी सलीम मौस्सान से पिछड़ते हुए दिख रहे हैं । दरअसल सारा मामला साधनों के इस्तेमाल का है । नरेश अग्रवाल साधनों के मामले में चूँकि कमजोर दिख रहे हैं, इसलिए उनके समर्थक व शुभचिंतक भी सचमुच कुछ करने से बचते नजर आ रहे हैं । दरअसल कुछ भी करने में पैसे खर्च होते हैं : नरेश अग्रवाल चाहते हैं कि उनके समर्थक अपना समय और अपनी एनर्जी लगाने के साथ-साथ अपना ही पैसा भी खर्च करें । इसका नतीजा है कि उनके समर्थक व शुभचिंतक कुछ भी करने से बचते हुए दिख रहे हैं । चुनाव में मुश्किल से छह महीने बचे हैं, लेकिन नरेश अग्रवाल अभी तक भी इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं बना सके हैं कि उनके समर्थक व शुभचिंतक वास्तव में कुछ करने के लिए प्रेरित हो सकें । नरेश अग्रवाल की उम्मीदवारी को अभी हाल ही में मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 310 थाईलैंड, मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 16 न्यू जर्सी, मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 13 ओहियो, मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 31 नॉर्थ क्रोलिया के काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की तरफ से एंडोर्समेंट मिला है; लेकिन नरेश अग्रवाल यहाँ ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बना सके हैं जिससे कि यहाँ के वोट उन्हें सचमुच में मिल सकें ।
मॉरीशस में संपन्न हुई इसामे फोरम की मीटिंग में नरेश अग्रवाल की तैयारी की कमी की खूब पोल खुली । उनके सामने मौका था कि वहाँ मौजूद विभिन्न देशों के लायन नेताओं के बीच वह अपनी उम्मीदवारी का एक संगठित रूप प्रस्तुत करें, किंतु नरेश अग्रवाल ऐसा करने से चूक गए । सलीम मौस्सान ने किंतु इस मौके का जमकर फायदा उठाया । उन्होंने अपनी पत्नी आलिया तथा अपने समर्थकों के साथ लोगों के बीच अच्छा प्रभाव जमाया । मीटिंग में मौजूद लोगों के बीच आलिया द्धारा परिचित कराये जाने के बाद सलीम मौस्सान ने जो भाषण दिया, उसने भी सुनने वालों को खासा अभिभूत किया । इसामे फोरम की मीटिंग में दिए गए भाषण और लोगों के साथ की गई गर्मजोशी भरी बातचीतों के बाद सलीम मौस्सान की लोकप्रियता और स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है । उसके बाद अम्मान जॉर्डन, डिस्ट्रिक्ट 414 टुनिशिया, डिस्ट्रिक्ट 352 कैरो मिस्र में हुई उनकी मीटिंग्स में इस असर को साफ साफ देखा भी गया है । मॉरीशस में आयोजित हुई इसामे फोरम की मीटिंग में इंटरनेशनल सेकेंड वाइस प्रेसीडेंट पद के उम्मीदवार के रूप में अपने आप को प्रस्तुत करने के मामले में नरेश अग्रवाल जिस तरह सलीम मौस्सान से पिछड़ गए हैं, उसके कारण इंटरनेशनल वाइस प्रेसीडेंट पद की दौड़ में शामिल रहने के लिए उनके सामने अपने अभियान को लेकर और गंभीर होने की जरूरत आ पड़ी है ।
नरेश अग्रवाल लायंस इंटरनेशनल की चुनावी राजनीति में दखल रखने वाले कुछेक बड़े नेताओं के भरोसे अपनी जीत की उम्मीद लगाये हुए हैं, तो लायंस इंटरनेशनल की चुनावी राजनीति में सक्रिय कुछेक अन्य नेता सलीम मौस्सान की उम्मीदवारी के पक्ष में अभियान चलाये हुए हैं । नरेश अग्रवाल के लिए गंभीर चुनौती की बात यह है कि पिछली बार के सेकेंड वाइस प्रेसीडेंट के चुनाव में रॉबर्ट कोर्लव की जीत को सुनिश्चित करने वाले कई नेता इस बार सलीम मौस्सान की उम्मीदवारी के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हुए हैं । हालाँकि यह सच है कि हाल-फिलहाल के वर्षों में रहे प्रेसीडेंट्स के बीच नरेश अग्रवाल की अच्छी पैठ है, लेकिन अपने समर्थक व शुभचिंतक बड़े नेताओं को अपनी उम्मीदवारी के पक्ष में सक्रिय कर पाने में नरेश अग्रवाल ज्यादा कामयाब नहीं हो पा रहे हैं । उनकी तुलना में सलीम मौस्सान अपने समर्थक व शुभचिंतक नेताओं को सक्रिय कर पाने और रखने में ज्यादा सफल नजर आ रहे हैं ।
नरेश अग्रवाल साधनों के मामले में भी और सक्रिय सहयोगियों के मामले में भी सलीम मौस्सान से पिछड़ते हुए दिख रहे हैं । दरअसल सारा मामला साधनों के इस्तेमाल का है । नरेश अग्रवाल साधनों के मामले में चूँकि कमजोर दिख रहे हैं, इसलिए उनके समर्थक व शुभचिंतक भी सचमुच कुछ करने से बचते नजर आ रहे हैं । दरअसल कुछ भी करने में पैसे खर्च होते हैं : नरेश अग्रवाल चाहते हैं कि उनके समर्थक अपना समय और अपनी एनर्जी लगाने के साथ-साथ अपना ही पैसा भी खर्च करें । इसका नतीजा है कि उनके समर्थक व शुभचिंतक कुछ भी करने से बचते हुए दिख रहे हैं । चुनाव में मुश्किल से छह महीने बचे हैं, लेकिन नरेश अग्रवाल अभी तक भी इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं बना सके हैं कि उनके समर्थक व शुभचिंतक वास्तव में कुछ करने के लिए प्रेरित हो सकें । नरेश अग्रवाल की उम्मीदवारी को अभी हाल ही में मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 310 थाईलैंड, मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 16 न्यू जर्सी, मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 13 ओहियो, मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट 31 नॉर्थ क्रोलिया के काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की तरफ से एंडोर्समेंट मिला है; लेकिन नरेश अग्रवाल यहाँ ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बना सके हैं जिससे कि यहाँ के वोट उन्हें सचमुच में मिल सकें ।
मॉरीशस में संपन्न हुई इसामे फोरम की मीटिंग में नरेश अग्रवाल की तैयारी की कमी की खूब पोल खुली । उनके सामने मौका था कि वहाँ मौजूद विभिन्न देशों के लायन नेताओं के बीच वह अपनी उम्मीदवारी का एक संगठित रूप प्रस्तुत करें, किंतु नरेश अग्रवाल ऐसा करने से चूक गए । सलीम मौस्सान ने किंतु इस मौके का जमकर फायदा उठाया । उन्होंने अपनी पत्नी आलिया तथा अपने समर्थकों के साथ लोगों के बीच अच्छा प्रभाव जमाया । मीटिंग में मौजूद लोगों के बीच आलिया द्धारा परिचित कराये जाने के बाद सलीम मौस्सान ने जो भाषण दिया, उसने भी सुनने वालों को खासा अभिभूत किया । इसामे फोरम की मीटिंग में दिए गए भाषण और लोगों के साथ की गई गर्मजोशी भरी बातचीतों के बाद सलीम मौस्सान की लोकप्रियता और स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है । उसके बाद अम्मान जॉर्डन, डिस्ट्रिक्ट 414 टुनिशिया, डिस्ट्रिक्ट 352 कैरो मिस्र में हुई उनकी मीटिंग्स में इस असर को साफ साफ देखा भी गया है । मॉरीशस में आयोजित हुई इसामे फोरम की मीटिंग में इंटरनेशनल सेकेंड वाइस प्रेसीडेंट पद के उम्मीदवार के रूप में अपने आप को प्रस्तुत करने के मामले में नरेश अग्रवाल जिस तरह सलीम मौस्सान से पिछड़ गए हैं, उसके कारण इंटरनेशनल वाइस प्रेसीडेंट पद की दौड़ में शामिल रहने के लिए उनके सामने अपने अभियान को लेकर और गंभीर होने की जरूरत आ पड़ी है ।