नई दिल्ली । रोटरी क्लब दिल्ली मयूर विहार के राजीव गुप्ता की अगले रोटरी वर्ष में प्रस्तुत होने वाली उम्मीदवारी की चर्चा ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के अभियान को खासी तगड़ी चोट पहुँचाई है । राजीव
गुप्ता इस वर्ष असिस्टेंट गवर्नर हैं और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के
लिए प्रस्तुत सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के शुरू से ही घनघोर समर्थक रहे हैं
। सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के जो भी समर्थक रहे हैं, उनमें राजीव गुप्ता
सबसे आगे रहे हैं और सबसे ज्यादा सक्रिय रहे हैं । राजीव गुप्ता के
दिलचस्पी लेने के कारण ही रोटरी क्लब दिल्ली मयूर विहार का अधिष्ठापन
समारोह सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के एक बड़े लॉन्चिंग पैड के रूप में आयोजित
हुआ था । रोटरी क्लब दिल्ली मयूर विहार के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल अधिष्ठापन
समारोह में जितने लोगों को आमंत्रित कर रहे थे, राजीव गुप्ता ने निजी
दिलचस्पी लेकर उससे ज्यादा लोगों को आमंत्रित करवाया था और इस चक्कर में
हुए अतिरिक्त खर्च की भरपाई भी की थी । इस भरपाई को लेकर क्लब के लोगों के
बीच थोड़ा विवाद भी हुआ था - कुछ लोगों का कहना था कि यह भरपाई राजीव गुप्ता
ने की थी, लेकिन कुछ अन्य लोगों का कहना था कि अतिरिक्त खर्च हुई रकम
राजीव गुप्ता ने सतीश सिंघल से दिलवाई थी । इस तरह के छोटे-मोटे विवादों
के बावजूद रोटरी क्लब दिल्ली मयूर विहार का अधिष्ठापन समारोह बहुत जोरदार
रूप में संपन्न हुआ था; और उस समारोह में सतीश सिंघल की उम्मीदवारी का जैसा
जो प्रमोशन हुआ था उससे सतीश सिंघल की उम्मीदवारी ने एक ऊँची छलाँग भरी थी
।
रोटरी क्लब दिल्ली मयूर विहार के अधिष्ठापन समारोह में सतीश सिंघल की उम्मीदवारी को जो ऊँची छलाँग मिली, उससे राजीव गुप्ता को भी एक बड़े स्ट्रैटिजिस्ट की पहचान मिली और माना जाने लगा कि राजीव गुप्ता के साथ रहने से सतीश सिंघल के लिए अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाना और उसे बढ़ाते जाना जरा भी मुश्किल नहीं होगा ।
लेकिन वही राजीव गुप्ता अंततः सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के लिए घाटे का वाहक बने हैं ।
यह इसलिए हुआ क्योंकि राजीव गुप्ता ने सतीश सिंघल की उम्मीदवारी का झंडा उठाने के साथ-साथ अगले रोटरी वर्ष में अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने के संकेत देने भी शुरू कर दिए । उनके हवाले से लोगों के बीच चर्चा फैली कि सतीश सिंघल को चुनवाने/जितवाने के बाद राजीव गुप्ता अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करेंगे । माना/समझा गया कि सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के पक्ष में राजीव गुप्ता ने जो सक्रियता दिखाई है, उसके पीछे उनका मकसद अगले वर्ष प्रस्तुत होने वाली अपनी उम्मीदवारी के लिए जमीन तैयार करना है । इसका परिणाम यह हुआ कि सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के ऐसे कई समर्थक - जो राजीव गुप्ता की प्रस्तावित उम्मीदवारी के पक्ष में नहीं थे, भड़क गए और उन्होंने सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थन से बचना शुरू कर दिया । अगले रोटरी वर्ष के लिए राजीव गुप्ता के ही क्लब के अनूप मित्तल के नाम की भी चर्चा थी । सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के कुछेक समर्थकों ने रोटरी क्लब नोएडा एक्सीलेंस के प्रवीण निगम को उम्मीदवार के रूप में प्रमोट करना शुरू कर दिया । हालात यह बने कि सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थक सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के लिए काम करने की बजाए अगले रोटरी वर्ष की चुनावी राजनीति करने में लग गए ।
इससे सतीश सिंघल की उम्मीदवारी का अभियान तो पिछड़ा ही - साथ ही उनके समर्थकों के बीच परस्पर विरोधी खेमेबाजी भी होने लगी । सतीश सिंघल के प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार प्रसून चौधरी ने इस स्थिति का पूरा पूरा फायदा उठाया । सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के ऐसे समर्थकों पर, जो राजीव गुप्ता की प्रस्तावित उम्मीदवारी के विरोधी हैं - प्रसून चौधरी की तरफ से डोरे डाले गए और सतीश सिंघल के कई समर्थकों को अपनी तरफ मिला लिया गया । इसी का नतीजा है कि चुनाव अभियान शुरू होते समय जिन लोगों को सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थन में देखा/समझा जा रहा था, उनमें से कई अब प्रसून चौधरी की उम्मीदवारी के समर्थन में सक्रिय देखे जा रहे हैं । इस तरह, राजीव गुप्ता की उम्मीदवारी का संकेत मिलने के साथ सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थकों के बीच जो उथल-पुथल मची, उसने सतीश सिंघल की उम्मीदवारी को नुकसान पहुँचाने का ही काम किया है ।
मजे की बात यह हुई है कि अगले रोटरी वर्ष में प्रस्तुत होने वाली राजीव गुप्ता की उम्मीदवारी की चर्चा भी अब ठंडी पड़ गई है । राजीव गुप्ता के क्लब के लोगों का ही कहना है कि क्लब में अपनी उम्मीदवारी को लेकर राजीव गुप्ता ने कोई बात नहीं की है । उनसे पूछा भी गया तो उन्होंने यह कहते हुए बात को टाल दिया कि क्लब के लोग तो उनकी उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं, ऐसे में अभी वह अपनी उम्मीदवारी को लेकर क्या बात करें ? क्लब के बाहर भी उनके जो नजदीकी हैं, उनका कहना है कि राजीव गुप्ता ने अब अपनी उम्मीदवारी को लेकर बात करना बंद दिया है । उनके कुछेक नजदीकियों का कहना है कि पहले भी वह यह कहते थे कि सतीश सिंघल के जीतने पर ही वह अगले वर्ष अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करेंगे; हो सकता है कि अब उन्हें सतीश सिंघल के जीतने का भरोसा न रह गया हो और इसीलिए उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की बात करना बंद कर दिया हो । सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के संदर्भ में यह एक बड़ा ट्रैजिक सा प्रसंग बन गया है कि जिन राजीव गुप्ता को सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के सबसे बड़े समर्थक के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था, उन्हीं राजीव गुप्ता के कारण सतीश सिंघल की उम्मीदवारी अपने प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार प्रसून चौधरी की उम्मीदवारी के मुकाबले पिछड़ती हुई नजर आ रही है ।
रोटरी क्लब दिल्ली मयूर विहार के अधिष्ठापन समारोह में सतीश सिंघल की उम्मीदवारी को जो ऊँची छलाँग मिली, उससे राजीव गुप्ता को भी एक बड़े स्ट्रैटिजिस्ट की पहचान मिली और माना जाने लगा कि राजीव गुप्ता के साथ रहने से सतीश सिंघल के लिए अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाना और उसे बढ़ाते जाना जरा भी मुश्किल नहीं होगा ।
लेकिन वही राजीव गुप्ता अंततः सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के लिए घाटे का वाहक बने हैं ।
यह इसलिए हुआ क्योंकि राजीव गुप्ता ने सतीश सिंघल की उम्मीदवारी का झंडा उठाने के साथ-साथ अगले रोटरी वर्ष में अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करने के संकेत देने भी शुरू कर दिए । उनके हवाले से लोगों के बीच चर्चा फैली कि सतीश सिंघल को चुनवाने/जितवाने के बाद राजीव गुप्ता अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करेंगे । माना/समझा गया कि सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के पक्ष में राजीव गुप्ता ने जो सक्रियता दिखाई है, उसके पीछे उनका मकसद अगले वर्ष प्रस्तुत होने वाली अपनी उम्मीदवारी के लिए जमीन तैयार करना है । इसका परिणाम यह हुआ कि सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के ऐसे कई समर्थक - जो राजीव गुप्ता की प्रस्तावित उम्मीदवारी के पक्ष में नहीं थे, भड़क गए और उन्होंने सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थन से बचना शुरू कर दिया । अगले रोटरी वर्ष के लिए राजीव गुप्ता के ही क्लब के अनूप मित्तल के नाम की भी चर्चा थी । सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के कुछेक समर्थकों ने रोटरी क्लब नोएडा एक्सीलेंस के प्रवीण निगम को उम्मीदवार के रूप में प्रमोट करना शुरू कर दिया । हालात यह बने कि सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थक सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के लिए काम करने की बजाए अगले रोटरी वर्ष की चुनावी राजनीति करने में लग गए ।
इससे सतीश सिंघल की उम्मीदवारी का अभियान तो पिछड़ा ही - साथ ही उनके समर्थकों के बीच परस्पर विरोधी खेमेबाजी भी होने लगी । सतीश सिंघल के प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार प्रसून चौधरी ने इस स्थिति का पूरा पूरा फायदा उठाया । सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के ऐसे समर्थकों पर, जो राजीव गुप्ता की प्रस्तावित उम्मीदवारी के विरोधी हैं - प्रसून चौधरी की तरफ से डोरे डाले गए और सतीश सिंघल के कई समर्थकों को अपनी तरफ मिला लिया गया । इसी का नतीजा है कि चुनाव अभियान शुरू होते समय जिन लोगों को सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थन में देखा/समझा जा रहा था, उनमें से कई अब प्रसून चौधरी की उम्मीदवारी के समर्थन में सक्रिय देखे जा रहे हैं । इस तरह, राजीव गुप्ता की उम्मीदवारी का संकेत मिलने के साथ सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थकों के बीच जो उथल-पुथल मची, उसने सतीश सिंघल की उम्मीदवारी को नुकसान पहुँचाने का ही काम किया है ।
मजे की बात यह हुई है कि अगले रोटरी वर्ष में प्रस्तुत होने वाली राजीव गुप्ता की उम्मीदवारी की चर्चा भी अब ठंडी पड़ गई है । राजीव गुप्ता के क्लब के लोगों का ही कहना है कि क्लब में अपनी उम्मीदवारी को लेकर राजीव गुप्ता ने कोई बात नहीं की है । उनसे पूछा भी गया तो उन्होंने यह कहते हुए बात को टाल दिया कि क्लब के लोग तो उनकी उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं, ऐसे में अभी वह अपनी उम्मीदवारी को लेकर क्या बात करें ? क्लब के बाहर भी उनके जो नजदीकी हैं, उनका कहना है कि राजीव गुप्ता ने अब अपनी उम्मीदवारी को लेकर बात करना बंद दिया है । उनके कुछेक नजदीकियों का कहना है कि पहले भी वह यह कहते थे कि सतीश सिंघल के जीतने पर ही वह अगले वर्ष अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत करेंगे; हो सकता है कि अब उन्हें सतीश सिंघल के जीतने का भरोसा न रह गया हो और इसीलिए उन्होंने अपनी उम्मीदवारी की बात करना बंद कर दिया हो । सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के संदर्भ में यह एक बड़ा ट्रैजिक सा प्रसंग बन गया है कि जिन राजीव गुप्ता को सतीश सिंघल की उम्मीदवारी के सबसे बड़े समर्थक के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था, उन्हीं राजीव गुप्ता के कारण सतीश सिंघल की उम्मीदवारी अपने प्रतिद्धंद्धी उम्मीदवार प्रसून चौधरी की उम्मीदवारी के मुकाबले पिछड़ती हुई नजर आ रही है ।