Sunday, June 12, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3080, यानि राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव कराने के मामले में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन को रोटरी इंटरनेशनल से 'फटकार' तथा अपने आकाओं से 'दुत्कार' मिली

देहरादून । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के मुद्दे पर दोहरी फजीहत का सामना करना पड़ा है । एक तरफ तो रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के कारगर न हो पाने के उनके तर्क को ख़ारिज करते हुए वर्ष 2018-19 के गवर्नर पद का चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से कराना शुरू कर दिया है, तो दूसरी तरफ इस मामले में डिस्ट्रिक्ट के 'महारथी' पूर्व गवर्नर्स ने भी उनकी इज्जत बचाने का प्रयास करने से इंकार कर दिया । इस मामले में डेविड हिल्टन के साथ हुआ यह कि डिस्ट्रिक्ट के 'महारथी' पूर्व गवर्नर्स ने पहले तो उन्हें इस्तेमाल किया और रोटरी इंटरनेशनल के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव करवाने के प्रयास में उनसे रोड़ा डलवा दिया, लेकिन जब रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के पदाधिकारियों ने कोड़ा फटकारा और वर्ष 2018-19 के गवर्नर पद का चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से ही करवाने का निश्चय किया - तो डिस्ट्रिक्ट के 'महारथी' पूर्व गवर्नर्स ने 'कोड़े खाने' के लिए डेविड हिल्टन को अकेला छोड़ दिया । डेविड हिल्टन के नजदीकियों का कहना है कि इस मुद्दे पर डेविड हिल्टन ने यशपाल दास और मधुकर मल्होत्रा से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन इन दोनों ने ही उनकी गुहार पर कोई ध्यान नहीं दिया । डेविड हिल्टन ने चाहा सिर्फ यह था कि वर्ष 2018-19 के गवर्नर पद का चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से कराने की कार्रवाई पर एक सांकेतिक विरोध रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय में दर्ज कराया जाए; और डिस्ट्रिक्ट के पहले के रुख को दोहराया जाए । डेविड हिल्टन का सुझाव था कि यह सांकेतिक विरोध कुछेक क्लब्स की तरफ से भी दर्ज करवाया जा सकता है । इस सांकेतिक विरोध के जरिए डेविड हिल्टन दरअसल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के मुद्दे पर रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के रवैये से हो रही अपनी फजीहत की 'मात्रा' को कुछ कम करना चाहते थे । यशपाल दास व मधुकर मल्होत्रा ने लेकिन डेविड हिल्टन की इस चाहत को पूरा करने में कोई दिलचस्पी नहीं ली - और डेविड हिल्टन को अंततः दोतरफा फजीहत का शिकार होना पड़ा ।
डेविड हिल्टन दरअसल इस बात में अपनी भारी फजीहत होते हुए देख रहे थे कि अपने जिस डिस्ट्रिक्ट में करीब डेढ़ महीने पहले उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव करवाने में यह तर्क देते हुए अपनी असमर्थता व्यक्त कर दी थी, कि डिस्ट्रिक्ट के वोटर्स को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की तकनीकी प्रक्रिया से परिचित करवाना संभव नहीं होगा - उसी डिस्ट्रिक्ट में रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव करवा रहा है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन ने जो कहा था, उसका आशय वास्तव में यही था कि डिस्ट्रिक्ट के जो वोटर्स हैं, यानि क्लब्स के अध्यक्ष - वह इतने मूर्ख हैं कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की तकनीकी प्रक्रिया को अपना नहीं सकेंगे और इसलिए उनके डिस्ट्रिक्ट में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव करवाना संभव ही नहीं होगा । रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने लेकिन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव शुरू करवा कर साबित कर दिया कि डेविड हिल्टन सिर्फ बहानेबाजी कर रहे थे और अपने क्लब्स के अध्यक्षों को मूर्ख बता कर वास्तव में अपना राजनीतिक ऊल्लू साध रहे थे । सच बल्कि यह है कि डेविड हिल्टन वास्तव में राजा साबू, यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा आदि अपने आकाओं के हुकुम की तामील कर रहे थे और उन्हीं के कहने पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव कराने से बहानेबाजी करते हुए इंकार कर रहे थे । उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017-18 के गवर्नर पद के लिए पिछले करीब दो महीने में हुए चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराने की माँग खुद एक उम्मीदवार टीके रूबी ने की थी । उनका आरोप था कि चुनाव के नतीजे को अपने मनमाफिक करने के लिए कुछेक पूर्व गवर्नर्स - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन का इस्तेमाल करते हुए बेईमानी करेंगे, जिसे रोकने का एकमात्र तरीका इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव करवाना होगा । टीके रूबी की माँग के आधार पर ही रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन को वर्ष 2017-18 के गवर्नर पद का चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से करवाने का सुझाव दिया था, जिसे डेविड हिल्टन ने अपने डिस्ट्रिक्ट में अव्यावहारिक बताते हुए मानने से इंकार कर दिया था । 
टीके रूबी का आरोप सच साबित हुआ - और वर्ष 2017-18 के गवर्नर पद के चुनाव में भारी धाँधली तथा वोटों की हेराफेरी और उसमें पूर्व गवर्नर्स व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन की मिलीभगत के संकेत व सुबूत मिले । वर्ष 2017-18 के चुनाव में हुई धाँधली का संज्ञान लेते हुए रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने वर्ष 2018-19 के चुनाव को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से कराने का फैसला कर लिया और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन के तर्कों को सिरे से ख़ारिज करते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनकी भूमिका को समाप्त कर दिया । रोटरी इंटरनेशनल के इस फैसले को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन व डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति को प्रभावित व नियंत्रित करने वाले पूर्व गवर्नर्स की चालबाजियों पर करारे तमाचे की तरह ही देखा/पहचाना गया है । किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का इससे बड़ा अपमान नहीं हो सकता है । इस अपमान व तमाचे की गूँज व छाप को कुछ हल्का करने के लिए ही डेविड हिल्टन चाहते थे कि रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के इस फैसले का सांकेतिक विरोध तो कम से कम किया ही जाए - और रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय के फैसले को चुपचाप तरीके से स्वीकार न किया जाए । डेविड हिल्टन के नजदीकियों के अनुसार, डेविड हिल्टन ने इस संबंध में यश पाल दास तथा मधुकर मल्होत्रा से बात की - लेकिन इन दोनों ने ही डेविड हिल्टन की बात पर ध्यान नहीं दिया । इन दोनों का कहना रहा कि रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय ने जब खुद ही पहल करके इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव कराने का फैसला किया है, तो डिस्ट्रिक्ट की तरफ से उसमें अड़ंगा डालने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए ।
इस पूरे प्रकरण में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन की भारी फजीहत हुई है । डेविड हिल्टन के लिए लोगों को इस बात का जबाव देना मुश्किल हो रहा है कि रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय की पहल के चलते इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव हो सकता है, तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में वह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग से चुनाव कराने के लिए क्यों तैयार नहीं हुए थे ? डेविड हिल्टन की इस हरकत से उनकी तो फजीहत हुई ही है, डिस्ट्रिक्ट का भी नाम खराब हुआ है । डेविड हिल्टन के लिए इससे भी ज्यादा बुरी बात यह हुई है कि डिस्ट्रिक्ट के जिन 'आकाओं' के कहने पर उन्होंने चुनाव में हेराफेरी का मौका बनाए रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग न कराने की हरकत की थी - उनके उन आकाओं ने अपमान व फजीहत की इस घड़ी में उन्हें अकेला छोड़ दिया है । यानि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर डेविड हिल्टन रोटरी इंटरनेशनल कार्यालय से भी 'पिटे' और उन्होंने अपने डिस्ट्रिक्ट में अपने आकाओं से भी 'मार' खाई । डिस्ट्रिक्ट गवर्नरी के आखिरी महीने में किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की ऐसी दोहरी फजीहत इससे पहले शायद ही किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की हुई होगी ।