Monday, June 27, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 में राजीव सिंघल के कोऑर्डीनेटर बनने की 'खबर' से लोगों को लगा है कि मनोज देसाई ने दीपक बाबु और दिनेश शर्मा को इस्तेमाल करके 'पप्पू' बना दिया है

मेरठ । राजीव सिंघल ने खुद के कोऑर्डीनेटर बनने का दावा करके दीपक बाबु और दिनेश शर्मा को इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई के हाथों ठगे जाने का अहसास कराया है । उल्लेखनीय है कि दीपक बाबु और दिनेश शर्मा पिछले कुछ समय से मनोज देसाई के निरंतर संपर्क में थे और मनोज देसाई की बातें सुनकर आश्वस्त थे कि रोटरी इंटरनेशनल उनके साथ अन्याय नहीं करेगा और कोई न कोई रास्ता निकाल कर उन्हें होते 'दिख' रहे नुकसान की भरपाई करेगा । 26 जून की मुरादाबाद मीटिंग में रोटरी इंटरनेशनल के प्रतिनिधि के रूप में संजय खन्ना द्वारा की गई घोषणाओं ने लेकिन उनके लिए सारे रास्ते बंद कर दिए हैं । संजय खन्ना ने साफ बता दिया है कि दीपक बाबु और दिनेश शर्मा रोटरी इंटरनेशनल के प्रतिनिधि नहीं रह गए हैं और इस नाते से कॉलिज ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में शामिल होने के अधिकारी नहीं रह गए हैं । संजय खन्ना की इस घोषणा के बाद दीपक बाबु और दिनेश शर्मा एक सामान्य रोटेरियन रह गए हैं । संजय खन्ना की घोषणा से मिले झटके से यह दोनों अभी सँभलने की कोशिश कर ही रहे थे कि राजीव सिंघल ने अगले रोटरी वर्ष में खुद के एक कोऑर्डीनेटर बनने का दावा करके इन पर जैसे बम ही गिरा दिया है । 26 जून की मीटिंग में संजय खन्ना ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को यह जानकारी तो दी थी कि अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट का कामकाज चलाने/देखने के लिए रोटरी इंटरनेशनल कोऑर्डीनेटर नियुक्त करेगा, लेकिन कोऑर्डीनेटर की संख्या तथा उनके नाम संजय खन्ना ने नहीं बताए थे - इसलिए कोऑर्डीनेटर की बात पर किसी का भी ध्यान नहीं गया । राजीव सिंघल के दावे ने लेकिन कोऑर्डीनेटर के मुद्दे पर डिस्ट्रिक्ट में बबाल मचा दिया है ।
राजीव सिंघल के इस दावे ने लोगों को ज्यादा हरकत में ला दिया है, जिसके अनुसार अगले रोटरी वर्ष के लिए रोटरी इंटरनेशनल ने चार कोऑर्डीनेटर चुने हैं जिनमें एक वह भी हैं । रोटरी इंटरनेशनल की तरफ से हालाँकि अभी इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन राजीव सिंघल के दावे के अनुसार उनके साथ सुरेश अग्रवाल, एमएस रे तथा एके अग्रवाल को कोऑर्डीनेटर बनाया गया है - और जल्दी ही इसकी घोषणा कर दी जायेगी । राजीव सिंघल ने इस बात को भी छिपाने की कोई कोशिश नहीं की है कि उन्हें कोऑर्डीनेटर बनवाने में इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई ने निर्णायक भूमिका निभाई है । मनोज देसाई की निर्णायक भूमिका की बात बताने के पीछे राजीव सिंघल का उद्देश्य क्या रहा, यह तो वह जानें - लेकिन इस बात ने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को भड़काने का काम जरूर किया है । लोगों का कहना है कि इस वर्ष डिस्ट्रिक्ट में जो कुछ भी तमाशा हुआ है; पहले सुनील गुप्ता ने और फिर बाद में दीपक बाबु ने जो तमाम हरकतें कीं - जिनके नतीजे के रूप में न सिर्फ उन्हें बल्कि डिस्ट्रिक्ट को भी बदनामी व दुर्गति का शिकार होना पड़ा है; उसमें अधिकतर में राजीव सिंघल की उम्मीदवारी को अनैतिक तरीके से फायदा पहुँचाने की तिकड़में थीं । गौर करने की बात यह है कि राजीव सिंघल ने मनोज देसाई के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल करके ही सुनील गुप्ता तथा दीपक बाबु को फँसाया था और उन्हें अपने तरीके से इस्तेमाल किया था । पहले सुनील गुप्ता ने और फिर दीपक बाबु ने इस उम्मीद के साथ राजीव सिंघल के पक्ष में 'बेईमानी' तक की, ताकि मनोज देसाई से वह फायदे उठा सकें । इसी बात को ध्यान में रखते हुए लोगों को शिकायत है कि जिन राजीव सिंघल के कारण डिस्ट्रिक्ट बर्बादी के कगार पर पहुँचा है, उन्हीं राजीव सिंघल को कोऑर्डीनेटर बनाने/बनवाने के पीछे मनोज देसाई का उद्देश्य वास्तव में क्या है ?
मजे की बात यह है कि कोऑर्डीनेटर के बाकी तीन लोगों के नाम पर किसी को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कोऑर्डीनेटर के रूप में राजीव सिंघल का नाम सामने आने पर डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच खासी हलचल है । डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लग रहा है कि राजीव सिंघल को जबर्दस्ती उन पर थोपा जा रहा है । इसके लिए इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें कोसा जा रहा है । लोगों का कहना है कि मनोज देसाई एक जिम्मेदार पद पर हैं, और डिस्ट्रिक्ट 3100 की इस वर्ष घटी घटनाओं से अच्छी तरह परिचित हैं; और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में राजीव सिंघल की भूमिका तथा उनकी उम्मीदवारी के नाम पर होने वाली उठापटक को भी अच्छी तरह से जानते हैं - इसके बावजूद उन्होंने राजीव सिंघल को कोऑर्डीनेटर बनवा दिया । डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लगता है कि राजीव सिंघल चूँकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार थे, और उनकी उम्मीदवारी के नाम पर डिस्ट्रिक्ट में खासी उठापटक रही है - इसलिए मनोज देसाई को उन्हें कोऑर्डीनेटर नहीं बनाना/बनवाना चाहिए था । लोगों का मानना और कहना है कि मनोज देसाई का यह फैसला पक्षपाती फैसला है तथा इस फैसले के जरिए उन्होंने अपनी भूमिका को विवादास्पद बना दिया है; और उनके इस फैसले से डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच बबाल और बढ़ेगा । राजीव सिंघल को कोऑर्डीनेटर बनाने/बनवाने के मामले में मनोज देसाई की आलोचना इसलिए भी हो रही है क्योंकि राजीव सिंघल का नाम राकेश रस्तोगी का नाम काट कर जोड़ा गया है । मजे की बात यह है कि इस मामले में मनोज देसाई की फजीहत कराने का काम खुद राजीव सिंघल ने किया है । राजीव सिंघल की तरफ से ही कहा/बताया गया है कि कोऑर्डीनेटर के रूप में राकेश रस्तोगी का नाम हटा/हटवा कर मनोज देसाई ने ही उन्हें कोऑर्डीनेटर बना/बनवाया है ।
इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई की इस कार्रवाई से सबसे ज्यादा झटका दीपक बाबु और दिनेश शर्मा को लगा है । इन्हें और इनके नजदीकियों को लग रहा है कि मनोज देसाई ने इन्हें धोखे में रख कर इन्हें ठग लिया है । दीपक बाबु और दिनेश शर्मा ने कई बार इस बात के संकेत दिए कि रोटरी इंटरनेशनल ने उनके साथ जो अन्याय किया है, उसके खिलाफ वह अदालत में जायेंगे । कई बार संकेत देने के बावजूद वह अदालत लेकिन गए नहीं । उनके नजदीकियों का कहना है कि मनोज देसाई ने मीठी मीठी बातें करके उन्हें अदालत जाने से रोक तो लिया, लेकिन उनके लिए किया कुछ नहीं । राजीव सिंघल को कोऑर्डीनेटर बना/बनवा कर तो मनोज देसाई ने जैसे दीपक बाबु और दिनेश शर्मा के जले पर नमक रगड़ने का काम किया है । दीपक बाबु और दिनेश शर्मा को लगता है कि मनोज देसाई यदि चाहते तो उन्हें बेहतर पोजीशन पर रख सकते थे; जब चार कोऑर्डीनेटर बनने/बनाने थे - तो दो कोऑर्डीनेटर के पद तो इन्हें दिए जा सकते थे । राजीव सिंघल के कोऑर्डीनेटर बनने की 'खबर' से दीपक बाबु और दिनेश शर्मा को ही नहीं, दूसरे लोगों को भी लगा है कि मनोज देसाई व राजीव सिंघल ने मिल कर इन्हें इस्तेमाल किया है और इन्हें 'पप्पू' बना दिया है । राजीव सिंघल के कोऑर्डीनेटर बनने की आहट से डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच जिस तरह की नाराजगीभरी खलबली है, उससे लग रहा है कि डिस्ट्रिक्ट में बबाल अभी थमेगा नहीं । इस बबाल के केंद्र में मनोज देसाई के आ जाने से मामला लेकिन खासा गंभीर और दिलचस्प हो गया है ।