गाजियाबाद
। जापान के फुकुओका में आयोजित हुए लायंस इंटरनेशनल के 99वें अधिवेशन से
लौट कर शिव कुमार चौधरी ने एक बार फिर डिस्ट्रिक्ट के कुछेक पूर्व
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की पोल खोलने की जो घोषणा की है, उससे डिस्ट्रिक्ट के
लोगों को तमाशा देखने की एक बार फिर उम्मीद बँधी है । दरअसल उनकी
घोषणा के तुरंत बाद कुछेक लोगों ने ऐलान किया है कि वह भी शिव कुमार चौधरी
की असलियत लोगों के सामने लायेंगे । कुछेक लोगों का कहना है कि उनके पास
शिव कुमार चौधरी की बातों के कई ऑडियो व वीडियो हैं - जिनमें वह
डिस्ट्रिक्ट के महत्वपूर्ण लोगों के बारे में अभद्र, अशालीन व अश्लील तरीके
से बात कर रहे हैं । लोगों का कहना है कि शिव कुमार चौधरी को बकवासबाजी
करने का रोग तो है ही; जिसके चलते वह किसी के बारे में भी - यहाँ तक कि
लायनेस सदस्यों, लायन सदस्यों के परिवार की महिलाओं व लड़कियों के बारे में
भी अशालीन व अश्लील किस्म की बातें करते रहते हैं । कई लोगों ने उनकी बातें
अपने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड की हुईं हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर वह शिव
कुमार चौधरी की असलियत को लोगों के सामने ला सकें । लोगों का कहना है
कि बदतमीजी के मामले में शिव कुमार चौधरी ने यदि लक्ष्मणरेखा लाँघी तो फिर
वह भी चुप नहीं बैठेंगे और लोगों को सुबूतों के साथ बतायेंगे कि शिव कुमार
चौधरी किस हद तक की नीची और घटिया सोच के व्यक्ति हैं । इसके साथ साथ, शिव
कुमार चौधरी द्धारा लोगों के पैसे मारे जाने के किस्से तो हैं ही । इस
तरह की बातों से डिस्ट्रिक्ट में लोगों को लग रहा है कि उन्हें डिस्ट्रिक्ट
में अब जोरदार तमाशा देखने को मिलेगा - एक तरफ शिव कुमार चौधरी पूर्व
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स की पोल खोलेंगे, और दूसरी तरफ अन्य लोग शिव कुमार
चौधरी की कारस्तानियों को सामने लायेंगे । इससे डिस्ट्रिक्ट के लोगों को खासा मनोरंजन होने
की उम्मीद है ।
डिस्ट्रिक्ट में कुछेक लोगों को हैरानी इस बात पर भी है कि इंटरनेशनल अधिवेशन से लौट कर शिव कुमार चौधरी अधिवेशन में हुई बातों को यहाँ लोगों के साथ शेयर करने की बजाए, लोगों के मनोरंजन के लिए स्टेज तैयार करने में क्यों जुट गए हैं ? डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अधिष्ठापित होकर, इंटरनेशनल अधिवेशन से लौटे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से लोग उम्मीद करते हैं कि वह उन्हें लायनिज्म के नए वर्ष के उद्देश्यों व लक्ष्यों के बारे में बतायेंगे - लेकिन शिव कुमार चौधरी ने इंटरनेशनल अधिवेशन से लौटते ही एक अलग राग छेड़ दिया है । उनकी इस हरकत से लोगों को लगा है कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन जरूर गए हैं, लेकिन लायनिज्म में उन्हें करना कुछ नहीं है । कुछेक लोगों का कहना है कि बेचारे को इंटरनेशनल अधिवेशन में जो हुआ है, वह समझ में ही नहीं आया होगा - इंटरनेशनल अधिवेशन में चूँकि सारा काम और सारी बातें अंग्रेजी भाषा में होती हैं; और अंग्रेजी भाषा शिव कुमार चौधरी के लिए भैंस बराबर है - इसलिए वह तो बस पिकनिक मनाकर और फोटो खिंचवा कर लौटे हैं; ऐसे में, वहाँ से लौट कर वह लोगों को बताएँ भला क्या ? इंटरनेशनल अधिवेशन में जाने वाले कई डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के साथ भाषा संबंधी समस्या होती ही है; समस्या का सामना करने वाले लोग मिलजुल कर लेकिन उसका हल निकाल लेते हैं - इसके लिए किंतु व्यवहार में विनम्रता की जरूरत होती है । शिव कुमार चौधरी में उसका नितांत अभाव है । वह झूठी हेकड़ी में रहते हैं और दूसरों पर हावी होने की कोशिश करते हैं - और इसके चलते फजीहत का शिकार बनते हैं । अधिवेशन में फुकुओका पहुँचे दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के लायन लीडर्स के बीच शिव कुमार चौधरी ने अपने इसी व्यवहार से अपने आप को जल्दी से बदनाम कर लिया । मुकेश गोयल के साथ अजय सिंघल ने वहाँ पहुँच कर शिव कुमार चौधरी की और फजीहत करवा दी । दूसरे डिस्ट्रिक्ट के लायन लीडर्स वहाँ शिव कुमार चौधरी की बजाए अजय सिंघल को ज्यादा तवज्जो दे रहे थे, और इस बात से जलभुन कर शिव कुमार चौधरी अपने डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच लौटे ।
यहाँ लौट कर शिव कुमार चौधरी को जब यह पता चला कि क्लब्स के अधिष्ठापन समारोहों में उन्हें बुलाया ही नहीं जा रहा है, तो उनका पारा और चढ़ गया । डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में अभी तक जिन क्लब्स के अधिष्ठापन समारोह हुए हैं, या जिनके होने की तैयारी हो रही है, उनमें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी को बुलाया ही नहीं जा रहा है । किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के लिए इससे ज्यादा फजीहत की बात क्या होगी कि उसके गवर्नर-काल में होने वाले क्लब्स के अधिष्ठापन समारोहों में उसे ही नहीं बुलाया जा रहा है । इस फजीहत से उबरने के लिए शिव कुमार चौधरी क्लब्स के पदाधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाये भी कि अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह में मुझे भी बुला लो ! शिव कुमार चौधरी की बदकिस्मती रही कि क्लब्स के पदाधिकारियों की तरफ से तब भी उन्हें कोई सकारात्मक जबाव नहीं मिला । इससे भी ज्यादा बड़ा झटका शिव कुमार चौधरी को यह देख कर लगा कि उन्होंने जिन लोगों को पद दिए थे, वह पद के तय किए गए पैसे देने में आनाकानी कर रहे हैं; शिव कुमार चौधरी को पैसे डूबते हुए दिखे तो वह सौदेबाजी पर उतर आए - उन्होंने कहा कि पंद्रह हजार नहीं दे रहे हो, तो दस हजार ही दे दो; किसी किसी को तो उन्होंने पाँच हजार तक दे देने का विकल्प दिया । यह छूट देने के बावजूद उन्हें पैसे मिलते हुए दिख नहीं रहे हैं । दरअसल डिस्ट्रिक्ट में इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि शिव कुमार चौधरी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सिर्फ पैसे इकट्ठे करने के अभियान में लगे हैं, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं ।
पैसे हड़पने के मामले में शिव कुमार चौधरी की पहले से ही बड़ी बदनामी है । बिजनेस के नाम पर लोगों से पैसे ले लेने और फिर वापस न करने के गंभीर आरोपों को लेकर शिव कुमार चौधरी को न केवल बदनामी झेलनी पड़ रही है, बल्कि कोर्ट केस तक का सामना करना पड़ रहा है । इस मामले में शिव कुमार चौधरी को अपने डिस्ट्रिक्ट में ही नहीं, फुकुओका में दूसरे तमाम लायन लीडर्स के सामने भी भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा; और इस तरह से लायनिज्म तथा डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के लिए फजीहत का कारण बने । इन्हीं बातों को देखते/सुनते/जानते हुए डिस्ट्रिक्ट में पदाधिकारी बनने वाले लोग अब शिव कुमार चौधरी को पैसे देने से बचने लगे हैं । यानि शिव कुमार चौधरी को बदनामी भी मिली, और बदनामी के चलते पैसे मिलने में भी समस्या आने लगी है । शिव कुमार चौधरी के सामने समस्या की बात यह हुई है कि कई एक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स तो उनसे दूर दूर बने ही हुए हैं, जिन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को वह अपने साथ समझते भी हैं - वह भी उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुशील अग्रवाल, जो पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर भी हैं, को खुश करने/रखने के लिए शिव कुमार चौधरी ने उनकी पत्नी अर्चना अग्रवाल को जोन चेयरपरसन भी बनाया है - किंतु सुशील अग्रवाल फिर भी उनकी मदद करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं । सुशील अग्रवाल के इस रवैये ने भी शिव कुमार चौधरी को निराश किया है । इस तरह शिव कुमार चौधरी को न तो क्लब्स के पदाधिकारियों से सहयोग व सम्मान मिल रहा है, और न पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से कोई सहयोग मिल रहा है । चौतरफा बदनामी और हो रही है । इस स्थिति ने शिव कुमार चौधरी को पूर्व गवर्नर्स के खिलाफ भड़का दिया है; और भड़कते हुए ही उन्होंने पूर्व गवर्नर्स की पोल खोलने की घोषणा की है ।
शिव कुमार चौधरी की इस घोषणा, और उनकी इस घोषणा के जबाव में सामने आई उनकी असलियत सामने लाने की चर्चाओं ने डिस्ट्रिक्ट में तमाशे की स्थिति पैदा कर दी है । लोगों को लग रहा है कि शिव कुमार चौधरी लायनिज्म का कुछ काम भले ही न करें, अपने गवर्नर-काल में तमाशा जरूर दिखा/दिखवा देंगे । सो, लोगों को इंतजार है कि अपनी घोषणा के अनुसार शिव कुमार चौधरी तमाशे की शुरुआत आखिर कब करते हैं ?
डिस्ट्रिक्ट में कुछेक लोगों को हैरानी इस बात पर भी है कि इंटरनेशनल अधिवेशन से लौट कर शिव कुमार चौधरी अधिवेशन में हुई बातों को यहाँ लोगों के साथ शेयर करने की बजाए, लोगों के मनोरंजन के लिए स्टेज तैयार करने में क्यों जुट गए हैं ? डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में अधिष्ठापित होकर, इंटरनेशनल अधिवेशन से लौटे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से लोग उम्मीद करते हैं कि वह उन्हें लायनिज्म के नए वर्ष के उद्देश्यों व लक्ष्यों के बारे में बतायेंगे - लेकिन शिव कुमार चौधरी ने इंटरनेशनल अधिवेशन से लौटते ही एक अलग राग छेड़ दिया है । उनकी इस हरकत से लोगों को लगा है कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बन जरूर गए हैं, लेकिन लायनिज्म में उन्हें करना कुछ नहीं है । कुछेक लोगों का कहना है कि बेचारे को इंटरनेशनल अधिवेशन में जो हुआ है, वह समझ में ही नहीं आया होगा - इंटरनेशनल अधिवेशन में चूँकि सारा काम और सारी बातें अंग्रेजी भाषा में होती हैं; और अंग्रेजी भाषा शिव कुमार चौधरी के लिए भैंस बराबर है - इसलिए वह तो बस पिकनिक मनाकर और फोटो खिंचवा कर लौटे हैं; ऐसे में, वहाँ से लौट कर वह लोगों को बताएँ भला क्या ? इंटरनेशनल अधिवेशन में जाने वाले कई डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के साथ भाषा संबंधी समस्या होती ही है; समस्या का सामना करने वाले लोग मिलजुल कर लेकिन उसका हल निकाल लेते हैं - इसके लिए किंतु व्यवहार में विनम्रता की जरूरत होती है । शिव कुमार चौधरी में उसका नितांत अभाव है । वह झूठी हेकड़ी में रहते हैं और दूसरों पर हावी होने की कोशिश करते हैं - और इसके चलते फजीहत का शिकार बनते हैं । अधिवेशन में फुकुओका पहुँचे दूसरे डिस्ट्रिक्ट्स के लायन लीडर्स के बीच शिव कुमार चौधरी ने अपने इसी व्यवहार से अपने आप को जल्दी से बदनाम कर लिया । मुकेश गोयल के साथ अजय सिंघल ने वहाँ पहुँच कर शिव कुमार चौधरी की और फजीहत करवा दी । दूसरे डिस्ट्रिक्ट के लायन लीडर्स वहाँ शिव कुमार चौधरी की बजाए अजय सिंघल को ज्यादा तवज्जो दे रहे थे, और इस बात से जलभुन कर शिव कुमार चौधरी अपने डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच लौटे ।
यहाँ लौट कर शिव कुमार चौधरी को जब यह पता चला कि क्लब्स के अधिष्ठापन समारोहों में उन्हें बुलाया ही नहीं जा रहा है, तो उनका पारा और चढ़ गया । डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में अभी तक जिन क्लब्स के अधिष्ठापन समारोह हुए हैं, या जिनके होने की तैयारी हो रही है, उनमें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी को बुलाया ही नहीं जा रहा है । किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के लिए इससे ज्यादा फजीहत की बात क्या होगी कि उसके गवर्नर-काल में होने वाले क्लब्स के अधिष्ठापन समारोहों में उसे ही नहीं बुलाया जा रहा है । इस फजीहत से उबरने के लिए शिव कुमार चौधरी क्लब्स के पदाधिकारियों के सामने गिड़गिड़ाये भी कि अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह में मुझे भी बुला लो ! शिव कुमार चौधरी की बदकिस्मती रही कि क्लब्स के पदाधिकारियों की तरफ से तब भी उन्हें कोई सकारात्मक जबाव नहीं मिला । इससे भी ज्यादा बड़ा झटका शिव कुमार चौधरी को यह देख कर लगा कि उन्होंने जिन लोगों को पद दिए थे, वह पद के तय किए गए पैसे देने में आनाकानी कर रहे हैं; शिव कुमार चौधरी को पैसे डूबते हुए दिखे तो वह सौदेबाजी पर उतर आए - उन्होंने कहा कि पंद्रह हजार नहीं दे रहे हो, तो दस हजार ही दे दो; किसी किसी को तो उन्होंने पाँच हजार तक दे देने का विकल्प दिया । यह छूट देने के बावजूद उन्हें पैसे मिलते हुए दिख नहीं रहे हैं । दरअसल डिस्ट्रिक्ट में इस चर्चा ने जोर पकड़ लिया है कि शिव कुमार चौधरी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में सिर्फ पैसे इकट्ठे करने के अभियान में लगे हैं, और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के काम करने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं ।
पैसे हड़पने के मामले में शिव कुमार चौधरी की पहले से ही बड़ी बदनामी है । बिजनेस के नाम पर लोगों से पैसे ले लेने और फिर वापस न करने के गंभीर आरोपों को लेकर शिव कुमार चौधरी को न केवल बदनामी झेलनी पड़ रही है, बल्कि कोर्ट केस तक का सामना करना पड़ रहा है । इस मामले में शिव कुमार चौधरी को अपने डिस्ट्रिक्ट में ही नहीं, फुकुओका में दूसरे तमाम लायन लीडर्स के सामने भी भारी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा; और इस तरह से लायनिज्म तथा डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के लिए फजीहत का कारण बने । इन्हीं बातों को देखते/सुनते/जानते हुए डिस्ट्रिक्ट में पदाधिकारी बनने वाले लोग अब शिव कुमार चौधरी को पैसे देने से बचने लगे हैं । यानि शिव कुमार चौधरी को बदनामी भी मिली, और बदनामी के चलते पैसे मिलने में भी समस्या आने लगी है । शिव कुमार चौधरी के सामने समस्या की बात यह हुई है कि कई एक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स तो उनसे दूर दूर बने ही हुए हैं, जिन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स को वह अपने साथ समझते भी हैं - वह भी उनकी कोई मदद नहीं कर रहे हैं । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुशील अग्रवाल, जो पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर भी हैं, को खुश करने/रखने के लिए शिव कुमार चौधरी ने उनकी पत्नी अर्चना अग्रवाल को जोन चेयरपरसन भी बनाया है - किंतु सुशील अग्रवाल फिर भी उनकी मदद करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं । सुशील अग्रवाल के इस रवैये ने भी शिव कुमार चौधरी को निराश किया है । इस तरह शिव कुमार चौधरी को न तो क्लब्स के पदाधिकारियों से सहयोग व सम्मान मिल रहा है, और न पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स से कोई सहयोग मिल रहा है । चौतरफा बदनामी और हो रही है । इस स्थिति ने शिव कुमार चौधरी को पूर्व गवर्नर्स के खिलाफ भड़का दिया है; और भड़कते हुए ही उन्होंने पूर्व गवर्नर्स की पोल खोलने की घोषणा की है ।
शिव कुमार चौधरी की इस घोषणा, और उनकी इस घोषणा के जबाव में सामने आई उनकी असलियत सामने लाने की चर्चाओं ने डिस्ट्रिक्ट में तमाशे की स्थिति पैदा कर दी है । लोगों को लग रहा है कि शिव कुमार चौधरी लायनिज्म का कुछ काम भले ही न करें, अपने गवर्नर-काल में तमाशा जरूर दिखा/दिखवा देंगे । सो, लोगों को इंतजार है कि अपनी घोषणा के अनुसार शिव कुमार चौधरी तमाशे की शुरुआत आखिर कब करते हैं ?