Tuesday, June 14, 2016

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन की पीएसटी स्कूलिंग को खुद ही सफल घोषित करने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी वास्तव में डिस्ट्रिक्ट के 25 प्रतिशत पीएसटी की उपस्थिति भी संभव नहीं कर सके

गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का पदभार सँभालने की तैयारी कर रहे शिव कुमार चौधरी को डिस्ट्रिक्ट के क्लब्स जिस तरह से अपने अपने कार्यक्रमों से दूर रख रहे हैं और उन्हें कोई तवज्जो देने को तैयार नहीं हो रहे हैं - वह अपने आप में डिस्ट्रिक्ट की और लायंस इंटरनेशनल की एक बड़ी परिघटना है । लायंस इंटरनेशनल के इतिहास में किसी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की ऐसी फजीहत शायद ही हुई हो । मेरठ, गाजियाबाद, मोदीनगर, शामली, बिजनौर आदि शहरों में हाल-फिलहाल में लायंस क्लब्स के जो कार्यक्रम हुए या होने हैं - उनमें फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अजय सिंघल तथा सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय मित्तल को तो पर्याप्त तवज्जो मिलती दिख रही है, लेकिन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी को पूरी तरह अलग-थलग रखा गया है; जहाँ कहीं उन्हें बुलाया भी गया, वहाँ भी उन्हें कोई तवज्जो मिलती हुई नहीं दिखी है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर शिव कुमार चौधरी को सबसे बड़ा झटका अपने ही कार्यक्रम - पीएसटी स्कूलिंग में लगा, जहाँ डिस्ट्रिक्ट के कुल पीएसटी में से मुश्किल से एक-चौथाई पीएसटी ही शामिल होने आए । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में करीब सवा चार सौ पीएसटी हैं, लेकिन शिव कुमार चौधरी की पीएसटी स्कूलिंग में पीएसटी की गिनती खींचतान के सौ तक पहुँच पाई । लगता है कि खुद शिव कुमार चौधरी को भी पता था कि उनकी स्कूलिंग में ज्यादा लोग नहीं आयेंगे, इसलिए उन्होंने कार्यक्रम का आयोजन एक छोटे से कमरे में किया - और बाद में कार्यक्रम को हाउसफुल घोषित कर दिया । इस तरह की 'धोखाधड़ी' से शिव कुमार चौधरी अपने मुँहमियाँ मिटठू भले ही बन लें, किंतु डिस्ट्रिक्ट में अलग-थलग पड़ने के कारण होने वाली अपनी फजीहत के सच को तो छिपा नहीं ही सकते हैं ।
डिस्ट्रिक्ट में अपनी फजीहत के लिए शिव कुमार चौधरी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मुकेश गोयल को जिम्मेदार ठहराते हैं । शिव कुमार चौधरी का कहना है कि यह मुकेश गोयल की राजनीति है, जिसके तहत वह लोगों को उनके खिलाफ भड़का रहे हैं और क्लब्स के पदाधिकारियों को अपने अपने कार्यक्रमों से उन्हें दूर रखने के लिए मजबूर कर रहे हैं । शिव कुमार चौधरी के इस आरोप को यदि सच मान भी लिया जाए - तो भी यह सवाल तो उठता ही है कि क्लब्स के पदाधिकारी अपने गवर्नर शिव कुमार चौधरी की बजाए एक पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मुकेश गोयल की बात क्यों मानते हैं ? शिव कुमार चौधरी कई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के समर्थन का दावा करते हैं; एक वरिष्ठ पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर, जो इंटरनेशनल डायरेक्टर के पद पर भी रहे हैं, सुशील अग्रवाल घोषित रूप से शिव कुमार चौधरी के पक्ष में हैं - लेकिन फिर भी क्लब्स के पदाधिकारी यदि शिव कुमार चौधरी को अपने से दूर रखना चाहते हैं, उन्हें अपने कार्यक्रमों में बुलाना तक नहीं चाहते हैं, उनके कार्यक्रम में आना/जाना तक नहीं चाहते हैं; तो शिव कुमार चौधरी के लिए जरूरत अपने गिरेबाँ में झाँकने की हो जाती है । डिस्ट्रिक्ट में कई लोगों का मानना और कहना है कि शिव कुमार चौधरी ने अपने व्यवहार और अपने रवैये से डिस्ट्रिक्ट में तमाम लोगों को अपना विरोधी बनाया हुआ है; किसी के साथ भी बदतमीजी कर देना जिस तरह से उनका स्वभाव है - उसके कारण लोगों को उनके साथ दूरी बनाने में ही अपना भला दिखता है । इसी बात की झलक पिछले दिनों हुए चुनाव में भी देखने को मिली थी, जिसमें सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उनके उम्मीदवार के रूप में रेखा गुप्ता को तो बहुत ही बुरी पराजय का सामना करना पड़ा ही था - खुद उन्हें भी रिकॉर्ड नेगेटिव वोट मिले थे । शिव कुमार चौधरी ने डिस्ट्रिक्ट में सबसे ज्यादा नेगेटिव वोट पाकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने का रिकॉर्ड बनाया है । उम्मीद की गई थी कि इस रिकॉर्ड का सेहरा अपने सिर बँधने से शिव कुमार चौधरी सबक लेंगे और अपने व्यवहार व रवैये में सुधार करके लोगों के साथ सचमुच में फ्रेंडली बनने का प्रयास करेंगे ।
लेकिन लगता है कि शिव कुमार चौधरी ने नेगेटिव वोट से पड़ी चोट से कोई सबक नहीं सीखा, जिसका नतीजा उन्हें एक बार फिर पीएसटी स्कूलिंग में भुगतना पड़ा है । उल्लेखनीय है कि पीएसटी स्कूलिंग की लायनिज्म में बहुत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका है; लायंस इंटरनेशनल का यह एक महत्त्वपूर्ण प्रोग्राम है; इस प्रोग्राम को प्रभावी तरीके से संभव करके ही लायन वर्ष की सफलता की नींव रखी जा सकती है; इसीलिए प्रत्येक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से यह उम्मीद की जाती है कि वह अपने डिस्ट्रिक्ट के प्रत्येक पी (प्रेसीडेंट), एस (सेक्रेटरी) तथा टी (ट्रेजरार) की उपस्थिति को पीएसटी स्कूलिंग में सुनिश्चित करें । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में शिव कुमार चौधरी ने लेकिन अपने डिस्ट्रिक्ट के पी, एस, टी की उपस्थिति को पीएसटी स्कूलिंग में सुनिश्चित करने का कोई प्रयास ही नहीं किया । मजे की बात यह रही, जैसा कि कार्यक्रम में मौजूद लोगों का ही कहना है कि कार्यक्रम स्थल पर कुर्सियों की कुल संख्या ही डिस्ट्रिक्ट के पी/एस/टी की कुल संख्या से बहुत कम थी । लगता है कि शिव कुमार चौधरी को पहले से ही पता था कि उनके पीएसटी स्कूलिंग कार्यक्रम में ज्यादा पीएसटी आयेंगे ही नहीं - इसलिए उन्होंने कुर्सियाँ कम रखवाईं, जिससे कि उनके भर जाने पर वह हाऊसफुल को दावा करते हुए पीएसटी स्कूलिंग कार्यक्रम को खुद ही सफल घोषित कर दें । जिस डिस्ट्रिक्ट पीएसटी स्कूलिंग कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट के एक चौथाई पीएसटी भी शामिल न हों, क्या उसे सफल कहा जा सकता ? और क्या इस असफलता का ठीकरा मुकेश गोयल के सिर फोड़ कर शिव कुमार चौधरी अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं ? पीएसटी स्कूलिंग में शिव कुमार चौधरी को जो झटका मिला है, वह नेगेटिव वोट डालने के बाद क्लब्स के पदाधिकारियों की तरफ से मिला उन्हें लगातार दूसरा झटका है; पहले झटके से उन्होंने कोई सबक नहीं सीखा, यह तो स्पष्ट हो चुका है; दूसरे झटके को लेकर भी वह जिस तरह की 'धोखाधड़ी' करके एक असफल कार्यक्रम को सफल साबित करने की कोशिश कर रहे हैं - उससे आभास मिल रहा है कि दूसरे झटके से भी वह कोई सबक सीखने को तैयार नहीं हैं ।
शिव कुमार चौधरी की पीएसटी स्कूलिंग में डिस्ट्रिक्ट के 75 प्रतिशत से अधिक पीएसटी नहीं आए; क्लब्स के कार्यक्रमों में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में शिव कुमार चौधरी को बुलाया नहीं जा रहा, उनका सम्मान नहीं किया जा रहा - और फिर भी शिव कुमार चौधरी 'खतरे' को पहचानने/समझने की कोशिश तक नहीं कर रहे हैं; अपने व्यवहार व अपने रवैये को सुधारने का कोई प्रयास तक नहीं कर रहे हैं : उससे लग रहा है कि शिव कुमार चौधरी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की पहचान व प्रतिष्ठा की फजीहत के नए रिकॉर्ड बनायेंगे ।