Friday, June 3, 2016

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन में अपनी पत्नी को जोन चेयरपरसन बनवा कर पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील अग्रवाल भारी मुसीबत में फँसे

सहारनपुर । सुशील अग्रवाल - पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर सुशील अग्रवाल अपनी पत्नी अर्चना अग्रवाल को अगले लायन वर्ष की डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट में जोन चेयरपरसन बनवा कर अजीब सी भारी मुसीबत में फँस गए हैं । जब से यह बात सामने आई है कि सुशील अग्रवाल की पत्नी शिव कुमार चौधरी की डिस्ट्रिक्ट कैबिनेट में जोन चेयरपरसन बनी हैं, तब से कई लोग सुशील अग्रवाल से संपर्क कर उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि वह शिव कुमार चौधरी से उनके पैसे वापस दिलवा दें । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में यह चर्चा बड़ी आम है कि शिव कुमार चौधरी ने अपने बिजनेस में कई लोगों से पैसे लिए हुए हैं, लेकिन वायदानुसार वह उन्हें न तो उस पैसे पर कोई ब्याज या लाभांश दे रहे हैं, और न ही पैसे वापस कर रहे हैं । शिव कुमार चौधरी से अपने अपने पैसे वापस पाने की कोशिश करने वाले लोगों को अर्चना अग्रवाल के जोन चेयरपरसन बनने के बाद उम्मीद बँधी है कि सुशील अग्रवाल उनके पैसे अवश्य ही वापस दिलवा देंगे । लोगों के बीच पैदा हुई इस उम्मीद ने सुशील अग्रवाल के लिए भारी मुसीबत खड़ी कर दी है । सुशील अग्रवाल ने इस अयाचित मुसीबत से यह कहते हुए पीछा छुड़ाने की कोशिश भी की है कि शिव कुमार चौधरी के बिजनेस से उनका कोई लेना देना नहीं है, और उनकी बिजनेस डीलिंग में वह कोई दखल नहीं रखते हैं; सुशील अग्रवाल ने कुछेक लोगों से यह कहते हुए नाराजगी भी व्यक्त की कि शिव कुमार चौधरी को जब पैसे दिए थे तब मुझसे पूछा था क्या ? सुशील अग्रवाल की यह कोशिशें लेकिन सफल हो नहीं रही हैं - क्योंकि लोगों के भी अपने अपने तर्क हैं ।
शिव कुमार चौधरी से अपने अपने पैसे वापस पाने की जुगत लगा रहे डिस्ट्रिक्ट के लायन सदस्यों का कहना है कि सुशील अग्रवाल यदि सिर्फ एक पूर्व गवर्नर होते, तो वह उनसे इस तरह की उम्मीद नहीं करते । उनसे उम्मीद करने का यह भी कोई कारण नहीं बनता है कि सुशील अग्रवाल पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर हैं । लेकिन उनकी पत्नी के जोन चेयरपरसन बनने से यह बात जाहिर होती है कि शिव कुमार चौधरी के साथ उनके विशेष संबंध हैं, और इस नाते से डिस्ट्रिक्ट के लायन सदस्य उनसे यह उम्मीद कर सकते हैं कि लायन सदस्यों के साथ की गईं शिव कुमार चौधरी की बेईमानी का वह संज्ञान लें और शिव कुमार चौधरी को वह इस बात इस बात के लिए राजी करें कि जो लायन सदस्य उनसे अपने पैसे वापस माँग रहे हैं, उनके पैसे वह वापस करें । यह इसलिए भी जरूरी है क्योंकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में शिव कुमार चौधरी ने अपने लिए बहुत ऊँचे मापदण्ड निर्धारित किए हैं - डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में वह अच्छे अच्छे काम करना चाहते हैं और लोगों के बीच भाईचारा स्थापित करने वाले काम करना चाहते हैं जिससे डिस्ट्रिक्ट का और लायनिज्म का नाम और ऊँचा हो । लोगों का कहना है कि शिव कुमार चौधरी लेकिन यदि अपने अपने पैसे माँग रहे लोगों को पैसे वापस नहीं करेंगे, तो फिर अपने इन उद्देश्यों को कैसे पा सकेंगे ? अपनी बात को तर्कसंगत बनाने के लिए लोगों ने सुशील अग्रवाल को रोटेरियन असित मित्तल का उदाहरण भी दिया है । नोएडा के असित मित्तल रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 के पूर्व गवर्नर हैं, उनके भी उसी तरह के झमेले रहे जैसे कि शिव कुमार चौधरी के हैं - और जिन झमेलों को न निपटाने के कारण असित मित्तल पिछले करीब दो वर्षों से जेल की हवा खा रहे हैं । असित मित्तल की इस नियति के चलते रोटरी व डिस्ट्रिक्ट में उनके 'खास' रहे लोगों को भी खासी फजीहत का सामना करना पड़ा है । लोगों का कहना है कि अपनी पत्नी को जोन चेयरपरसन बनवा कर सुशील अग्रवाल ने शिव कुमार चौधरी के साथ जिस निकटता का इज़हार किया है, उसके कारण उन्हें इस बात की फ़िक्र करना ही चाहिए कि शिव कुमार चौधरी का भी कहीं असित मित्तल जैसा हाल न हो, और वह डिस्ट्रिक्ट व अपने 'खास' लोगों के लिए बदनामी का कारण न बनें ।
अर्चना अग्रवाल का जोन चेयरपरसन बनना वास्तव में एक बड़ी घटना है । उल्लेखनीय है कि सुशील अग्रवाल करीब 26 वर्ष पहले, 1990-92 में इंटरनेशनल डायरेक्टर थे; और करीब 32 वर्ष पहले, 1983-84 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर थे । जाहिर है कि उनकी पत्नी के रूप में अर्चना अग्रवाल ने लायन-व्यवस्था का सारा वैभव भोगा ही है और एन्जॉय किया है । वह खुद भी लायनेस चेयरपरसन रही हैं । ऐसे में, हर किसी के लिए यह हैरानी की बात है कि अर्चना अग्रवाल को जोन चेयरपरसन बनने की आखिर क्या जरूरत थी ? शिव कुमार चौधरी तथा उनके नजदीकियों ने अर्चना अग्रवाल के जोन चेयरपरसन बनने को उनकी 'जरूरत' की बजाए सुशील अग्रवाल और शिव कुमार चौधरी के बीच निकट के संबंध के नतीजे के रूप में प्रचारित किया है । सुशील अग्रवाल की पत्नी अर्चना अग्रवाल के जोन चेयरपरसन बनने से सुशील अग्रवाल से शिव कुमार चौधरी के निकट के संबंध 'साबित' भी हुए हैं, और निस्संदेह इससे शिव कुमार चौधरी का रुतबा भी बढ़ा है - किंतु यह सारी बातें सुशील अग्रवाल के लिए मुसीबत का सबब बन गई हैं । सुशील अग्रवाल के लिए यह समझना सचमुच मुश्किल हो रहा है कि वह शिव कुमार चौधरी को कैसे इस बात के लिए राजी करें कि उन्होंने जिन लोगों से पैसे लिए हैं, और उनमें से जो लोग अपने पैसे वापस माँग रहे हैं - उनके पैसे वह तत्काल वापस करें; अन्यथा कहीं ऐसा न हो कि वह भी असित मित्तल वाली दशा को प्राप्त हों !