लखनऊ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर अनुपम बंसल के सामने एके सिंह को जोन चेयरपरसन के पद से हटाने को लेकर गुरनाम सिंह द्धारा बनाये जा दबाव से निपटने की गंभीर चुनौती पैदा हो गई है । गुरनाम
सिंह ने अनुपम बंसल को जता दिया है कि अनुपम बंसल ने यदि उनकी यह माँग
पूरी नहीं की तो उनका भी हाल केएस लूथरा जैसा किया जायेगा और आगे उन्हें
गवर्नरी नहीं करने दी जायेगी । अनुपम बंसल यूँ तो गुरनाम सिंह के नजदीक हैं और उनकी हर बात मानते रहे हैं, लेकिन एके सिंह को दिसंबर माह के भीतर भीतर जोन चेयरपरसन के पद से हटाये जाने की उनकी माँग को मानते हुए फ़िलहाल तो वह
नहीं दिख रहे हैं । गुरनाम सिंह के नजदीकियों का दावा है कि अनुपम बंसल को
गुरनाम सिंह की इस माँग को पूरा करना ही होगा । गुरनाम सिंह के लिए यह माँग दरअसल अपनी 'राजनीति' को बचाने का आख़िरी हथियार है । गुरनाम सिंह ने समझ लिया है कि दिसंबर माह के
बाद भी एके सिंह यदि जोन चेयरपरसन बने रहे तो फिर वह सेकेंड वाइस
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवारी प्रस्तुत करने हेतु अधिकृत हो
जायेंगे और तब - एक उम्मीदवार के रूप में एके सिंह का मुकाबला करना विशाल
सिन्हा के लिए मुश्किल हो जायेगा । विशाल सिन्हा चूँकि गुरनाम सिंह के उम्मीदवार हैं, इसलिए उक्त मुश्किल विशाल सिन्हा की नहीं, गुरनाम सिंह की होगी ।
गुरनाम
सिंह अपनी मुश्किल को आसान बनाने के लिए ही एके सिंह को दिसंबर माह के
पूरा होने से पहले ही जोन चेयरपरसन के पद से हटवा देना चाहते हैं, ताकि एके
सिंह सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी के लिए क्वालीफाई ही न कर पायें । यानि न रहेगा बाँस, और न बजेगी बाँसुरी । अनुपम बंसल इस माँग को पूरा करने के लिए अभी तक इसलिए तैयार नहीं हुए हैं, क्योंकि इससे उनकी डिस्ट्रिक्ट में भारी फजीहत होगी । अनुपम बंसल के नजदीकियों को लगता है कि
गुरनाम सिंह के 'आदमी' होने के रूप में पहचाने जाने के कारण उन्हें
डिस्ट्रिक्ट में बहुत से लोगों का पहले से ही सहयोग नहीं मिल पा रहा है -
एके सिंह को यदि उन्होंने जोन चेयरपरसन के पद से हटा दिया तो उनकी बची-खुची
साख भी मिट्टी में मिल जायेगी । गुरनाम सिंह के नजदीक समझे जाने वाले कुछेक लोगों का तो यहाँ तक
मानना और कहना है कि एके सिंह के खिलाफ षड्यंत्र करके गुरनाम सिंह ने यदि
विशाल सिन्हा को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनवाने की तिकड़म लगाई, तो
उसका उल्टा असर भी हो सकता है ।
गुरनाम सिंह के
शुभचिंतकों का ही मानना और कहना है कि पिछले वर्ष गुरनाम सिंह और विशाल
सिन्हा ने जिस तरह केएस लूथरा और भूपेश बंसल को तरह-तरह से अपमानित करने और
तंग करने का काम किया, उसी के कारण डिस्ट्रिक्ट में उनके खिलाफ माहौल बना
और उन्हें हार का मुँह देखना पड़ा था । एके सिंह को जोन चेयरपरसन के पद
से हटवा कर वह एके सिंह को तो उम्मीदवार बनने से रोक लेंगे, लेकिन उसके
कारण डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच उनके खिलाफ जो माहौल बनेगा, उसका फायदा
उठाने के लिए यदि कोई और उम्मीदवार आ गया तो फिर वह क्या करेंगे ? शुभचिंतकों की ही सलाह है कि गुरनाम सिंह को षड्यंत्र और तिकड़म के जरिये
एके सिंह को चुनावी दौड़ से बाहर करने की बजाये विशाल सिन्हा को एक
उम्मीदवार के रूप में सक्रिय होने के लिए प्रेरित करना चाहिए - उससे ही
विशाल सिन्हा का भला होगा ।
मजे की बात यह है कि गुरनाम सिंह एक तरफ तो अनुपम बंसल पर एके सिंह को जोन चेयरपरसन पद से हटाने के लिए दबाव बना रहे हैं, और
दूसरी तरफ वह लोगों के बीच यह भी कह/बता रहे हैं कि अनुपम बंसल चुनाव
चाहते हैं, इसीलिये वह एके सिंह को आगे बढ़ने के मौके 'दे' रहे हैं । यह बात
शायद सच भी है । अनुपम बंसल को दूसरी कैबिनेट मीटिंग में नजारा दिख
गया है कि यदि वह विशाल सिन्हा के भरोसे रहे तो उनकी कॉन्फ्रेंस पिटेगी ही
पिटेगी । उल्लेखनीय है कि काशीपुर क्षेत्र में आयोजित हुई दूसरी कैबिनेट
मीटिंग में विशाल सिन्हा खुद तो फैलोशिप का जिम्मा लेने के लिए तैयार नहीं
ही हुए, उन्होंने फैलोशिप का जिम्मा एके सिंह को भी नहीं देने दिया । इसका
नतीजा यह हुआ कि दूसरी कैबिनेट मीटिंग में काशीपुर क्षेत्र से मुश्किल से
बीस लोग जुटे; जबकि उससे पिछली शाम एके सिंह द्धारा काशीपुर में ही की गई मीटिंग में सत्तर से ज्यादा लोग उपस्थित थे । काशीपुर में दूसरी कैबिनेट मीटिंग के मुकाबले एके सिंह द्धारा आयोजित मीटिंग को प्राप्त हुई जोरदार सफलता को देखने के बाद ही गुरनाम सिंह को समझ में आ गया कि एके सिंह को रास्ते से हटा कर ही वह विशाल सिन्हा को सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनवा सकते हैं । काशीपुर में दूसरी कैबिनेट मीटिंग की जो दुर्गति हुई, उससे लेकिन अनुपम बंसल ने यह सबक लिया है कि वह यदि विशाल सिन्हा के भरोसे रहे तो सब कुछ गँवा बैठेंगे ।
दरअसल इसीलिए अनुपम बंसल अभी तक एके सिंह को जोन चेयरपरसन के पद से हटाने की गुरनाम सिंह की माँग को मानने से इंकार कर रहे हैं । गुरनाम सिंह हालाँकि अभी भी प्रयास कर रहे हैं कि अनुपम बंसल
उनकी बात मान लें, ताकि विशाल सिन्हा को लेकर वह निश्चिंत हो सकें । इसके
लिए वह तरह-तरह से अनुपम बंसल को डराने-धमकाने में लगे हैं । अनुपम बंसल और दूसरे कई लोग मान रहे हैं और कह भी रहे हैं कि विशाल सिन्हा के सामने अभी भी उम्मीद बनी हुई है, लेकिन यदि एके सिंह के साथ बेईमानी और नाइंसाफी हुई तो विशाल सिन्हा के लिए ज्यादा बुरा होगा ।