Tuesday, December 3, 2013

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 में विनय कुमार अग्रवाल के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के दावे ने सुधीर मंगला की उम्मीदवारी को लोगों के बीच मजाक और मुसीबत का विषय बना दिया है

नई दिल्ली । विनय कुमार अग्रवाल ने सुधीर मंगला के गवर्नर-काल में खुद के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने का शिगुफा छेड़ कर सुधीर मंगला की उम्मीदवारी के लिए एक दिलचस्प किस्म का संकट खड़ा कर दिया है । सुधीर मंगला की उम्मीदवारी के समर्थकों का ही मानना और कहना है कि विनय कुमार अग्रवाल की इस तरह की बातें सुधीर मंगला के चुने जाने की संभावनाओं पर प्रतिकूल असर ही डालेंगी तथा उम्मीदवार के रूप में सुधीर मंगला को नुकसान पहुँचाने का काम करेंगी । ऐसा मानने और कहने वाले लोगों का तर्क है कि रवि भाटिया की उम्मीदवारी के सामने सुधीर मंगला के लिए वैसे भी गंभीर चुनौती है, ऐसे में, सुधीर मंगला के अनुमानित गवर्नर-काल में विनय कुमार अग्रवाल का खुद को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर के रूप में प्रोजेक्ट करना सुधीर मंगला को चोट पहुँचाने का काम ही करेगा । लोगों ने कहना शुरू भी कर दिया है कि सुधीर मंगला अभी उम्मीदवार ही हैं, लेकिन विनय कुमार अग्रवाल ने उनके कार्य-काल में डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनने के सपने देखने शुरू कर दिए हैं ।
उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में अधिकतर लोग सुधीर मंगला और रवि भाटिया के बीच ही मुकाबला मान/समझ रहे हैं । इन दोनों के व्यक्तित्व और रोटरी के प्रति इनकी संलग्नता व प्रतिबद्धतता के मापदंडों पर तुलना करने वाले लोगों को रवि भाटिया का पलड़ा भारी दिखता है । रवि भाटिया के व्यक्तित्व में पढ़े-लिखे होने का और गंभीरता, शालीनता तथा दूसरों के मान-सम्मान का ख्याल रखने का भाव नजर आता है; सुधीर मंगला भी पढ़े-लिखे और एक स्थापित उद्यमी हैं लेकिन उनके व्यवहार में गंभीरता और दूसरों के मान-सम्मान का ख्याल रखने वाले तत्व का नितांत अभाव डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने पाया है । इसी 'अभाव' के चलते तीन वर्ष पहले विनोद बंसल की उम्मीदवारी को पचड़े में डालने के लिए वह इस हद तक चले गए थे कि क्लब में ही झगड़ा हो गया और क्लब दो फाड़ हो गया । विनोद बंसल के साथ सुधीर मंगला का सिर्फ क्लब और रोटरी का ही संबंध नहीं था, बल्कि प्रोफेशनल संबंध भी था और इस नाते से पारिवारिक रिश्ता भी था । लेकिन विनोद बंसल के उम्मीदवार होने को लेकर उन्हें जब ऐतराज हुआ, तो वह जैसे सारे रिश्ते भूल गए । सुधीर मंगला ने ऐसा ही सुलूक पिछले वर्ष अपने नए बने क्लब के अध्यक्ष अरुण जैन के साथ किया । अरुण जैन क्लब, डिस्ट्रिक्ट और रोटरी के लिए एक बहुत ही उपयोगी रोटेरियन साबित होते, लेकिन सुधीर मंगला के रवैये ने उन्हें अपमानजनक तरीके से क्लब के अध्यक्ष पद से ही हटने के लिए मजबूर नहीं किया, बल्कि रोटरी से भी बाहर हो जाने के लिए बाध्य कर दिया । इस तरह की बातें सुधीर मंगला की उम्मीदवारी को कमजोर करती हैं ।
सुधीर मंगला अपने व्यवहार के कारण ही अपनी उम्मीदवारी के समर्थन में अपने क्लब के सदस्यों की मदद नहीं ले पा रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट के आयोजनों में सुधीर मंगला के क्लब के किसी भी सदस्य को उनके साथ खड़ा नहीं देखा/पाया गया । इसके विपरीत रवि भाटिया को अपने क्लब के सदस्यों से हर तरह का सहयोग और समर्थन मिलता दिख रहा है और डिस्ट्रिक्ट के आयोजनों में रवि भाटिया के क्लब के सदस्य उनके साथ खड़े दिखे हैं । इसी तरह की बातों से डिस्ट्रिक्ट के लोगों को लग रहा है कि जिन सुधीर मंगला ने दो वर्ष पहले अपने पुराने क्लब को तुड़वाया, एक वर्ष पहले अपने नए बने क्लब के अध्यक्ष को रोटरी से ही निकलवाया, और अभी भी अपने क्लब के सदस्यों को अपने साथ खड़ा नहीं दिखा पा रहे हैं - वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर यदि बने तो डिस्ट्रिक्ट का क्या हाल होगा ? ऐसे ही आकलन के कारण डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच रवि भाटिया का पलड़ा भारी हो जाता है । रवि भाटिया को डिस्ट्रिक्ट के लोगों ने पिछले कई वर्षों से लगातार साल-दर-साल डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के साथ काम करते हुए देखा/पाया है, जो रोटरी और डिस्ट्रिक्ट के प्रति उनकी संलग्नता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है । सुधीर मंगला इस तरह की कोई संलग्नता और प्रतिबद्धता को नहीं दिखा सके हैं । इसीलिए जो लोग डिस्ट्रिक्ट और रोटरी का भला चाहते/सोचते हैं - उनके बीच सुधीर मंगला की बजाये रवि भाटिया के प्रति समर्थन का भाव दिखता है ।
सुधीर मंगला व्यक्तित्व और डिस्ट्रिक्ट व रोटरी के प्रति संलग्नता और प्रतिबद्धता के मामले में रवि भाटिया से भले ही मात खा जा रहे हों - लेकिन पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय कुमार अग्रवाल ने सुधीर मंगला को जितवाने का पूरा जिम्मा लिया हुआ है । अपना जिम्मा निभाने के क्रम में ही उन्होंने लोगों से कहना शुरू किया है कि सुधीर मंगला को जितवा दो, ताकि मैं भी डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बन सकूँ । उन्होंने लोगों को बताया है कि सुधीर मंगला ने उनसे वायदा किया है कि वह यदि गवर्नर बने तो उन्हें ही डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनायेंगे । विनय कुमार अग्रवाल के इस दावे को सुधीर मंगला के लिए नुकसानदायक मानने वाले लोगों का कहना है कि विनय कुमार अग्रवाल की डिस्ट्रिक्ट में कोई साख नहीं है और उन्हें एक बदमिजाज व्यक्ति के रूप में ही जाना/पहचाना जाता है, जो अभद्र और अशालीन तरीके से बात करने के लिए बदनाम है; जिसका कोई भी वाक्य माँ/बहनों और शरीर के नाजुक अंगों से जुड़ी गालियों के बिना पूरा ही नहीं होता है । ऐसे व्यक्ति को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बना कर सुधीर मंगला डिस्ट्रिक्ट और रोटरी को कहाँ ले जायेंगे और क्या करेंगे ?
सुधीर मंगला गवर्नर बनेंगे या नहीं और यदि बने और उन्होंने विनय कुमार अग्रवाल को डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर बनाया तो डिस्ट्रिक्ट और रोटरी का क्या होगा - यह तो बाद में पता चलेगा; अभी लेकिन विनय कुमार अग्रवाल के इस दावे ने सुधीर मंगला की उम्मीदवारी को लोगों के बीच मजाक और मुसीबत का विषय जरूर बना दिया है ।