Monday, December 23, 2013

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राकेश सिंघल की हुई फजीहत ने दूसरे डिस्ट्रिक्ट के वरिष्ठ रोटेरियंस जीके ठकराल और दीपक तलवार को भी आश्चर्य में डाला

मुजफ्फरनगर । रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राकेश सिंघल को दूसरे डिस्ट्रिक्ट से पधारे अतिथियों जीके ठकराल और दीपक तलवार के सामने अपने ही डिस्ट्रिक्ट के लोगों के जिस आक्रोश और विरोध का सामना करना पड़ा - उसके चलते डिस्ट्रिक्ट में हो रही उनकी फजीहत की कीर्ति डिस्ट्रिक्ट की सीमाओं के पार भी जा पहुँची है । जीके ठकराल डिस्ट्रिक्ट 3080 - जो कि पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू का डिस्ट्रिक्ट है - के और दीपक तलवार डिस्ट्रिक्ट 3010 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हैं तथा ये दोनों ही रोटरी फाउंडेशन के जिम्मेदार पदों पर हैं । रोटरी फाउंडेशन के बाबत डिस्ट्रिक्ट 3100 की मुजफ्फरनगर में आयोजित इंटरसिटी में इन दोनों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था । ये दोनों वरिष्ठ रोटेरियन बेचारे डिस्ट्रिक्ट 3100 की इंटरसिटी में पहुँचे तो रोटरी फाउंडेशन के बाबत ज्ञान देने थे, लेकिन वहाँ से लौटे डिस्ट्रिक्ट 3100 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राकेश सिंघल की कारगुजारियों का ज्ञान लेकर । इन दोनों ने ही बाद में अलग अलग लोगों से जिक्र किया कि अपने रोटरी जीवन में उन्होंने इतनी गैरजिम्मेदारी से और पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने वाला गवर्नर नहीं देखा है और न किसी गवर्नर की ऐसी फजीहत होते देखी ।
मुजफ्फरनगर में 22 दिसंबर को आयोजित इंटरसिटी में जो तमाशा हुआ, वह सचमुच बेमिसाल था और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में राकेश सिंघल का व्यवहार वास्तव में हैरान करने वाला था - लेकिन जीके ठकराल और दीपक तलवार को जिस बात ने आश्चर्य में डाला, वह था राकेश सिंघल का अपने ही डिस्ट्रिक्ट में अलग-थलग पड़ जाना । डिस्ट्रिक्ट इंटरसिटी में डिस्ट्रिक्ट चीफ काउंसलर बृज भूषण, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट संजीव रस्तोगी, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी सुनील गुप्ता सहित कई पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर उपस्थित थे - लेकिन डिस्ट्रिक्ट के लोगों के गुस्से और विरोध का सामना कर रहे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राकेश सिंघल के बचाव में कोई भी आगे नहीं आया; कुछ मौके से निकल गए थे और कुछ किनारे खड़े होकर तमाशा देख रहे थे । प्रायः सभी का मानना और कहना रहा कि राकेश सिंघल जो कर रहे हैं वह किसी भी तरह से न्यायपूर्ण नहीं है और उनके किये-धरे का किसी भी तर्क से बचाव नहीं किया जा सकता है ।
जीके ठकराल और दीपक तलवार जैसे वरिष्ठ व अनुभवी रोटेरियंस ने पहले तो मामले को समझने और उसे हल करने के उपायों पर विचार करना शुरू किया ताकि हालात को सँभाला जा सके, लेकिन जैसे ही उन्होंने मामले को जाना उन्हें यह समझने में देर नहीं लगी कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ने इतनी घपड़-चौथ कर रखी है कि सारा दोष सिर्फ और सिर्फ डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का ही बनता है । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का दोष समझ लेने के बाद जीके ठकराल और दीपक तलवार के सामने समस्या यह आ खड़ी हुई कि जिस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के बुलावे पर वह यहाँ आये हैं उसे ही कैसे दोषी ठहराये - सो उन्होंने मौके से चुपचाप निकल लेने में ही अपनी भलाई देखी । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राकेश सिंघल को लोगों के बीच अकेला फँसा देख कर पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नीरज कुमार अग्रवाल आगे आये और उन्होंने राकेश सिंघल के लिए निकलने का मौका बनाया ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव को लेकर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में राकेश सिंघल ने अपनी पक्षपातपूर्ण भूमिका से डिस्ट्रिक्ट में जो झमेला खड़ा किया हुआ है, उसके चलते लोगों को यह आभास तो था कि इंटरसिटी में इस बारे में कुछ सवाल-जबाव जरूर ही होंगे । वह हुए भी और कुछ समय तक हालात संभले हुए भी रहे लेकिन जब डिस्ट्रिक्ट गवर्नर 'फैसला' सुनाने के बाद इस जिद पर अड़े कि अब वह किसी सवाल का जबाव नहीं देंगे, तब हालात बिगड़ना शुरू हो गए । इस पर भी राकेश सिंघल का रवैया यह रहा कि वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर हैं और वह जो चाहेंगे, करेंगे । उनके इस रवैये को किसी ने भी पसंद नहीं किया और उनके इसी रवैये के चलते हर किसी ने उनका साथ छोड़ दिया । उनके अहंकारी और मनमाने रवैये के चलते उनके अपने लोग उनके खिलाफ हो गए । राकेश सिंघल अपनी डिस्ट्रिक्ट टीम में असिस्टेंट गवर्नर पब्लिकेशन के पद पर नियुक्त चक्रेश लोहिआ के सवालों का जबाव देने को तैयार नहीं थे, जिस पर उन दोनों के बीच गर्मागर्मी हुई । राकेश सिंघल की डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टरी में बिलकुल शुरुआत में ही चक्रेश लोहिआ के नाम और तस्वीर और संपादकीय का दर्शन होता है, लेकिन मुजफ्फरनगर में राकेश सिंघल उन्हीं चक्रेश लोहिआ पर मंच से चिल्ला रहे थे कि मैं तुम्हें देख लूँगा, मैं तुमसे निपट लूँगा ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में राकेश सिंघल ने जिम्मेदारी तो इंटरनेशनल प्रेसीडेंट रॉन डी बर्टन के नारे 'एंगेज रोटरी चेंज लाइव्स' को अमल में लाने की उठाई पर मंच से घोषणाएँ वह अपनी ही डिस्ट्रिक्ट टीम के एक सदस्य को 'देख लेने' और 'निपट लेने' की करते सुने गए हैं ।
दरअसल राकेश सिंघल के इसी रवैये ने लोगों को भड़काया और फिर ऐसा माहौल बना जिसकी किसी ने भी कल्पना नहीं की थी । राकेश सिंघल के रवैये पर हालाँकि उन्हें जानने/पहचानने वालों को आश्चर्य भी हुआ - उनके लिए यह समझना मुश्किल हुआ कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में क्यों तो उन्होंने लोगों के सवालों के जबाव देने से इंकार किया और फिर क्यों इस हद तक चले गए कि 'देख लेने' और 'निपट लेने' की शब्दावली इस्तेमाल करने पर उतर आये । जिस जिस ने भी यह समझने की कोशिश की वह प्रायः इसी नतीजे पर पहुँचा कि वहाँ जो सवाल हो रहे थे वह राकेश सिंघल द्धारा पिछले कई दिनों से लगातार बोले जा रहे झूठ की चूँकि पोल खोल रहे थे, इसलिए राकेश सिंघल बौखला गए थे और इसीलिये उन्होंने सवालों के जबाव देने से मना कर दिया और प्रयास किया कि कोई सवाल न किये जाएँ । सवाल लेकिन फिर भी हो रहे थे - राकेश सिंघल किसी सवाल का जबाव नहीं दे रहे थे; लेकिन उनके जबाव देने से किये जा रहे इंकार 'से' भी लोगों को जबाव 'मिल' रहे थे : और लोगों को जो जबाव 'मिल' रहे थे उनसे राकेश सिंघल द्धारा बोले जा रहे झूठ और उनके द्धारा किये जा रहे षड्यंत्र की पोल खुल रही थी, जिससे राकेश सिंघल बौखला रहे थे ।
किंतु उस बौखलाहट ने राकेश सिंघल को और अकेला तो कर ही दिया, साथ ही अतिथियों के रूप में दूसरे डिस्ट्रिक्ट से पधारे वरिष्ठ रोटेरियंस के सामने भी उनकी असलियत को उद्घाटित भी कर दिया है ।