गाजियाबाद । अजय सिंघल को अगले
लायन वर्ष में सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए उम्मीदवार बनाये
जाने के संकेत देने के उद्देश्य से गाजियाबाद में आयोजित हुए कार्यक्रम को
जिस तरह की कामयाबी मिली, उसका नतीजा यह हुआ कि अवतार कृष्ण की
उम्मीदवारी की संभावना को बनाये रखने के उद्देश्य से देहरादून में विजेताओं
के स्वागत-सम्मान के बहाने सुनील जैन द्धारा किए जाने वाले कार्यक्रम को
ही तिलांजली दे दी गई और सुनील जैन ने स्वागत-सम्मान का कार्यक्रम बस
जैसे-तैसे निपटाया । उल्लेखनीय है कि अवतार कृष्ण ने अगले लायन वर्ष
में अपनी उम्मीदवारी की संभावना को बनाये रखने के लिए एसएमएस के जरिए लोगों
के बीच अपनी सक्रियता दिखाने का प्रयास जारी कर दिया था । उनके इस प्रयास
को और मजबूती देने तथा विश्वसनीय बनाने के लिए सुनील जैन ने देहरादून में
नए विजेताओं के स्वागत-सम्मान के लिए एक कार्यक्रम करने की तैयारी शुरू की ।
तैयारी यह थी कि विजेताओं के स्वागत-सम्मान के लिए इकठ्ठा हुए लोगों के
बीच कार्यक्रम में अवतार कृष्ण को खूब तवज्जो दी जायेगी, जिससे लोगों के
बीच अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी की चर्चा को खुद-ब-खुद हवा मिलेगी - और जब
हवा मिलेगी तो उक्त चर्चा अपने आप ही भड़केगी ।
सुनील जैन देहरादून में इस कार्यक्रम को कर पाते, उससे पहले मुकेश गोयल ने
गाजियाबाद में लायंस क्लब गाजियाबाद के अजय सिंघल की उम्मीदवारी को प्रमोट
करते हुए एक कार्यक्रम कर डाला । मजे की बात यह रही कि गाजियाबाद के
कार्यक्रम की आनन-फानन में जो योजना बनी उसका प्रारंभिक उद्देश्य सिर्फ
इतना तय किया गया था कि अगले उम्मीदवार के रूप में अजय सिंघल की संभावना को
'देखा/दिखाया' जाए । मुकेश गोयल लेकिन चूँकि 'हल्दी की गाँठ भर मिल
जाने पर पंसारी की दुकान खोल लेने' का हुनर रखते हैं, लिहाजा कार्यक्रम की
तैयारी जैसे-जैसे परवान चढ़ी और कार्यक्रम हुआ तो वह अजय सिंघल की
उम्मीदवारी का बाकायदा प्रमोशनल आयोजन बन गया । अगले लायन वर्ष में
सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए अजय सिंघल की उम्मीदवारी की
चर्चा तो कार्यक्रम की तैयारी के दौरान ही जंगल की आग की तरह डिस्ट्रिक्ट
के लोगों के बीच फैल चुकी थी; कार्यक्रम की जोरदार सफलता ने अजय सिंघल को
एक प्रभावी उम्मीदवार के रूप में भी स्थापित कर दिया । कार्यक्रम में
पैंतीस से अधिक क्लब्स का प्रतिनिधित्व होने का जो दावा किया गया, उसने
डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के खिलाड़ियों को भी खासा चक्कर में डाल दिया
। अजय सिंघल की उम्मीदवारी को प्रमोट करने के उद्देश्य से हुए इस
कार्यक्रम की सफलता ने सुनील जैन द्धारा देहरादून में अवतार कृष्ण की
उम्मीदवारी की संभावना को जिंदा रखने के उद्देश्य से किए जाने वाले
कार्यक्रम की तैयारी को तगड़ा झटका दिया ।
अजय सिंघल की उम्मीदवारी को प्रमोट करने के उद्देश्य से हुए
कार्यक्रम की सफलता की चमक देख कर सुनील जैन को अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी
की संभावना को जिंदा रखने का प्रयत्न करना भी गैरजरूरी लगने लगा । अवतार
कृष्ण की उम्मीदवारी के दूसरे संभावित समर्थकों ने भी सुनील जैन के
प्रस्तावित कार्यक्रम से हाथ खींच लिए । इसके बाद - सुनील जैन ने
हालाँकि कार्यक्रम तो किया, लेकिन बस जैसे-तैसे ही 'किया' और उसमें अवतार
कृष्ण की उम्मीदवारी को लेकर कोई संकेत-वंकेत नहीं दिया । उल्लेखनीय है कि
अजय सिंघल की उम्मीदवारी को प्रमोट करने वाला कार्यक्रम जब तक नहीं हुआ था,
तब तक अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी के समर्थक नेता अगले लायन वर्ष में अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी के प्रस्तुत होने के संकेत दे रहे थे ।
उनका मानना और कहना था कि एक बार चुनाव में हारने वाला उम्मीदवार जब
लगातार दूसरी बार उम्मीदवारी प्रस्तुत करता है और लोगों के बीच अपने लिए
सहानुभूति जुटाने की कोशिश करता है तो प्रायः सफल हो ही जाता है । अजय
सिंघल की उम्मीदवारी को प्रमोट करने के कार्यक्रम की तैयारी लेकिन जिस
अंदाज में हुई और कार्यक्रम को जो सफलता मिली, उसमें सिर्फ सहानुभूति के
भरोसे अवतार कृष्ण के लिए उम्मीद बनाए रखना संभव नहीं दिखा; और उसके
चलते अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी के संभावित समर्थकों के बीच जो हलचल हुई
उसमें सुनील जैन द्धारा अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी की संभावना को जिंदा
रखने के उद्देश्य से प्लान किया जा रहा कार्यक्रम बैठ गया ।
इसे अगले लायन वर्ष में होने वाले सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर पद के संभावित चुनाव के संदर्भ में अजय सिंघल की एक बड़ी उपलब्धि के
रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । माना/समझा जा रहा है कि अवतार कृष्ण की
उम्मीदवारी की संभावना को जिंदा रखने के उद्देश्य से किया जाने वाला
कार्यक्रम यदि होता, तो उससे अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी को मनोवैज्ञानिक
बढ़त तो मिलती ही और वह बढ़त अजय सिंघल के लिए एक बड़ी चुनौती होती । अजय सिंघल की उम्मीदवारी को प्रमोट करने के उद्देश्य से हुए पहले ही कार्यक्रम ने उस संभावित चुनौती को लेकिन झटका तो दे ही दिया है । इस उपलब्धि से हालाँकि कोई निर्णायक नतीजा निकालना जल्दबाजी करना होगा, क्योंकि सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद तक की राह बड़ी रपटीली है और अभी वह लंबी भी है ।
अजय सिंघल ने डिस्ट्रिक्ट की राजनीति के संदर्भ में भले ही धमाकेदार शुरुआत की है, लेकिन क्लब के
स्तर पर कुछेक चुनौतियों से निपटना उनके लिए अभी बाकी है । अजय सिंघल की
उम्मीदवारी के प्रकट होते ही क्लब के कुछेक असंतोषी किस्म के लोगों ने डीआर
गोयल की उम्मीदवारी का राग छेड़ने की कोशिश की है । लायंस क्लब गाजियाबाद में डीआर गोयल की उम्मीदवारी की चर्चा वर्षों पहले चलती रही तरुण कंसल की उम्मीदवारी की चर्चा की
तरह एक मजाक बनी हुई है । क्लब के लोगों का कहना है कि जो हाल तरुण कंसल का
रहता था, वही हाल डीआर गोयल का बना हुआ है - गवर्नरी के लड्डू तो उनके मन
में फूटते हैं, किंतु उम्मीदवार बनने की उनकी हिम्मत नहीं होती है । इस समय भी क्लब के जो लोग डीआर गोयल की उम्मीदवारी का नाम ले रहे हैं, उनका उद्देश्य सचमुच में डीआर गोयल की उम्मीदवारी को प्रस्तुत करने का नहीं है, उनका उद्देश्य तो बस अजय सिंघल की राह में रोड़े अटकाने का है । क्लब में जो लोग अजय सिंघल की उम्मीदवारी के साथ हैं, उनका
कहना है कि डीआर गोयल की उम्मीदवारी का नाम लेने वाले लोग कुछ समय
शोर-शराबा करके शांत हो जायेंगे क्योंकि डीआर गोयल उम्मीदवार बनने के लिए
खुद ही तैयार नहीं होंगे । इसीलिए क्लब में अजय सिंघल की उम्मीदवारी के समर्थक डीआर गोयल की उम्मीदवारी की बात पर चुप्पी साधे हुए हैं और कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं - शायद वह समझ रहे हैं कि कुछ कहने से बात कहीं बढ़ या बिगड़ न जाए ।
अजय सिंघल की उम्मीदवारी जिस सावधानी और जिस तैयारी के साथ प्रस्तुत हुई है, और
उसकी प्रस्तुति ने अवतार कृष्ण की उम्मीदवारी की संभावना को जिंदा रखने की
कोशिश को जो धक्का पहुँचाया है उसके चलते अजय सिंघल अगले लायन वर्ष में
सेकेंड वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के एक मजबूत उम्मीदवार तो बन ही गए हैं । अपनी इस मजबूती को वह कैसे आगे भी बनाये रख पाते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा ।