नई दिल्ली । विनोद बंसल छह
मई को होने जा रही काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में रोटरी, डिस्ट्रिक्ट
और उनके खुद के साथ किए गए 'अपराध' के अपराधी का नाम उजागर सचमुच में
करेंगे क्या ? विनोद बंसल के नजदीकियों ने बताया है कि छह मई की काउंसिल
ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में विनोद बंसल ऐसा कुछ विस्फोटक काम करेंगे, जैसा
इस डिस्ट्रिक्ट में पहले कभी नहीं हुआ है - और अपने इस काम के जरिये वह
डिस्ट्रिक्ट में गंदी राजनीति करने वाले चेहरों को बेनकाब करेंगे ।
विनोद बंसल के कुछेक ज्यादा नजदीक लोगों ने बताया है कि इस वर्ष
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए हुए चुनाव से पहले विनोद बंसल और उनकी
पत्नी संगीता बंसल को बदनाम करने वाली जो बेनामी ईमेल निकली थी, विनोद
बंसल ने उसे निकालने वाले का नाम पता कर लिया है - और इसी नाम का खुलासा वह
छह मई की काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में करेंगे । विनोद बंसल के
इन्हीं नजदीकियों का दावा है कि विनोद बंसल ने उक्त हरकत करने वाले नेता को
यह बता भी दिया है, और उक्त हरकती ने अपना अपराध स्वीकार भी कर लिया है;
उक्त हरकती ने अपने किये-धरे के लिए विनोद बंसल से माफी भी माँग ली है और
उनसे वायदा किया है कि आगे कभी वह इस तरह की हरकत नहीं करेगा । विनोद
बंसल के नजदीकियों का कहना है कि विनोद बंसल ने पहले उसे माफ कर देने और
उसका नाम सार्वजनिक न करने का फैसला लिया था, और इसीलिए करीब दो महीने पहले
पता चल गये उक्त हरकती के नाम को उन्होंने दबा लिया था; लेकिन अब उन्होंने
विचार बनाया है कि इस तरह की हरकत करने वाले का नाम सभी के सामने तो आना
ही चाहिए, ताकि उसकी और उसके दूसरे संगी-साथियों की हिम्मत आगे ऐसा कुछ
करने की न हो ।
विनोद बंसल के नजदीकियों की मानें तो छह मई को होने जा रही काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में विनोद बंसल उस हरकती का नाम जाँच के पूरे तथ्यों के साथ सामने रखेंगे और इस तरह डिस्ट्रिक्ट में पहली बार एक हरकती के चेहरे से मुखौटा हटेगा ।
विनोद बंसल के नजदीकियों की मानें तो छह मई को होने जा रही काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में विनोद बंसल उस हरकती का नाम जाँच के पूरे तथ्यों के साथ सामने रखेंगे और इस तरह डिस्ट्रिक्ट में पहली बार एक हरकती के चेहरे से मुखौटा हटेगा ।
विनोद बंसल को 'जानने' का दावा करने वाले दूसरे लोगों को
लेकिन लगता है कि विनोद बंसल ऐसा कुछ नहीं करेंगे, जैसा कुछ करने का दावा
उनके नजदीकी कर रहे हैं । उनका तर्क है कि विनोद बंसल को यदि सचमुच ऐसा कुछ
करना होता, तो वह अब तक कर चुके होते - दो महीने से जाँच रिपोर्ट को दबाये
बैठे नहीं होते और काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग का इंतजार नहीं कर रहे
होते । कई लोगों का कहना है कि 'देख लूँगा' 'देख लूँगा' तो विनोद बंसल
उस दिन से कर रहे हैं जिस दिन वह बेनामी ईमेल सामने आई थी; लेकिन जब 'देख
लेने' का मौका आया तो विनोद बंसल चुप लगा गये हैं - लगता है कि वह इतने
मात्र से ही संतुष्ट हो गए हैं कि उक्त हरकत करने वाले ने उनसे तो माफी
माँग ही ली है । कुछेक लोगों को तो शक यह भी है कि विनोद बंसल को सच
में उक्त हरकती का पता चला भी है या वह झूठे ही यह दावा करके अपना रौब बना
रहे हैं ? यह शक करने वालों का तर्क है कि उक्त बेनामी ईमेल में विनोद बंसल
और उनकी पत्नी संगीता बंसल के लिए जिस तरह की अपमानजनक बातें कहीं गईं
थीं, उन्हें देखते/पढ़ते हुए उक्त बेनामी ईमेल के पीछे छिपे चेहरे को विनोद
बंसल द्धारा जान लेने के बाद भी छिपाए रखने की बात हजम कर पाना मुश्किल है ।
विनोद बंसल के नजदीकियों के दावे के विपरीत, जिन भी लोगों को लगता है कि विनोद बंसल छह मई की काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में कुछ नहीं करेंगे - उनका एक तर्क यह भी है कि विनोद बंसल जिन कुछेक पूर्व गवर्नर्स की बदतमीजी का लगातार शिकार रहे, उनका कभी भी प्रतिवाद नहीं कर सके - प्रतिवाद करना तो दूर की बात, उनके साथ अपनी दूरी तक नहीं बना/दिखा सके । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में रमेश अग्रवाल, विनय कुमार अग्रवाल और मुकेश अरनेजा ने उन्हें लगातार तरह-तरह से परेशान और अपमानित किया, लेकिन वह कभी भी जबावी कार्रवाई करते हुए नहीं दिखे । जेके गौड़ जैसे व्यक्ति तक ने - जिसे लोग न तीन में मानते हैं न तेरह में - उन्हें बुरी तरह खिजाया । इन लोगों से विनोद बंसल हमेशा 'हारते' हुए से नजर आए - तो इसका कारण कुछ लोगों की निगाह में यह रहा कि विनोद बंसल को जबाव देना नहीं आया, तो अन्य कुछेक की निगाह में यह रहा कि विनोद बंसल भले व्यक्ति हैं और उन्होंने घटिया लोगों से निपटने के लिए घटियापन पर उतरने की जरूरत नहीं समझी ।
विनोद बंसल के नजदीकियों के दावे के विपरीत, जिन भी लोगों को लगता है कि विनोद बंसल छह मई की काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में कुछ नहीं करेंगे - उनका एक तर्क यह भी है कि विनोद बंसल जिन कुछेक पूर्व गवर्नर्स की बदतमीजी का लगातार शिकार रहे, उनका कभी भी प्रतिवाद नहीं कर सके - प्रतिवाद करना तो दूर की बात, उनके साथ अपनी दूरी तक नहीं बना/दिखा सके । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव के संदर्भ में रमेश अग्रवाल, विनय कुमार अग्रवाल और मुकेश अरनेजा ने उन्हें लगातार तरह-तरह से परेशान और अपमानित किया, लेकिन वह कभी भी जबावी कार्रवाई करते हुए नहीं दिखे । जेके गौड़ जैसे व्यक्ति तक ने - जिसे लोग न तीन में मानते हैं न तेरह में - उन्हें बुरी तरह खिजाया । इन लोगों से विनोद बंसल हमेशा 'हारते' हुए से नजर आए - तो इसका कारण कुछ लोगों की निगाह में यह रहा कि विनोद बंसल को जबाव देना नहीं आया, तो अन्य कुछेक की निगाह में यह रहा कि विनोद बंसल भले व्यक्ति हैं और उन्होंने घटिया लोगों से निपटने के लिए घटियापन पर उतरने की जरूरत नहीं समझी ।
लेकिन अब - जैसा कि विनोद बंसल के
नजदीकियों का दावा है कि विनोद बंसल के लिए यह बताने/दिखाने का समय आ गया
कि उन्हें कमजोर समझने वाले कितनी गलतफहमी में थे । नजदीकियों का कहना है
कि विनोद बंसल ने दरअसल टकराव को टालने की गरज से अभी तक भले ही बातों को इग्नोर करने वाला रवैया अपनाया हुआ हो, लेकिन अब चूँकि उनके हाथ ऐसा मौका लगा है जिसमें 'साँप भी मरेगा और उनकी लाठी भी नहीं टूटेगी' - लिहाजा वह यह मौका नहीं गँवायेंगे ।
नजदीकियों के अलावा भी कुछेक अन्य लोगों को भी विनोद बंसल ने चूँकि छह मई
को होने जा रही काउंसिल में कुछ विस्फोटक करने/होने के संकेत दिए हैं,
इसलिए विनोद बंसल से नाउम्मीद रहने वाले कुछेक लोगों को भी आशा बँधी हैं कि विनोद बंसल अब की बार शायद कुछ कर ही गुजरेंगे । इसी आशा/उम्मीद के चलते छह मई को होने जा रही काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग को लेकर डिस्ट्रिक्ट में खासी उत्सुकता है । छह मई की काउंसिल ऑफ गवर्नर्स की मीटिंग में एक काम तो हालाँकि यह होना है कि संजय खन्ना को अगले रोटरी वर्ष के अपने गवर्नर-काल के लिए बजट पास करवाना है । इस काम में संजय खन्ना के अलावा और किसी की शायद ही कोई दिलचस्पी हो - सभी की दिलचस्पी तो सिर्फ़ इस बात में है कि अपने खिलाफ प्रसारित की गई बेनामी अपमानपूर्ण ईमेल के पीछे छिपे चेहरे से पर्दा हटाने का काम विनोद बंसल करते हैं - और या उस चेहरे को देखने को उत्सुक लोगों को वह निराश छोड़ जाते हैं ।