Tuesday, September 16, 2014

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 ए थ्री के पूर्व गवर्नर राजिंदर बंसल द्धारा की गई शिकायत पर नेविल मेहता को कार्रवाई करने से रोकने के लिए हर्ष बंसल ने अपने 'ग्रेट लायन लीडर' नरेश अग्रवाल से नौकरी छिनवाने का दाँव चला

नई दिल्ली । 'ग्रेट लायन लीडर' नरेश अग्रवाल के नाम का जयकारा लगाते हुए हर्ष बंसल ने मुंबई स्थित साऊथ एशियन सेक्रेटेरियट के मुखिया नेविल मेहता को बताया/समझाया है कि वह उनके डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर राजिंदर बंसल द्धारा की गई शिकायत पर बिलकुल भी ध्यान न दें । उल्लेखनीय है कि नेविल मेहता को लायंस क्लब्स इंटरनेशनल ने इंटरनेशनल सेक्रेटरी के रूप में भारत, दक्षिण एशिया और पूर्व अफ्रीका का कामकाज देखने की जिम्मेदारी दी हुई है - तो यह विश्वास करके ही दी होगी कि नेविल मेहता को इतनी अक्ल होगी कि किस शिकायत पर वह ध्यान दें या न दें । लेकिन लगता है कि हर्ष बंसल को नेविल मेहता की अक्ल पर भरोसा नहीं है; और इसीलिए उन्हें जरूरी लगा कि वह नेविल मेहता को बता/समझा दें कि राजिंदर बंसल द्धारा की गई शिकायत पर उन्हें ध्यान देने की जरूरत नहीं है । हर्ष बंसल ने दोहरा काम किया -  एक तरफ तो उन्होंने नेविल मेहता को बताया/समझाया; और दूसरी तरफ अपने डिस्ट्रिक्ट के गवर्नर नरेश गुप्ता को आश्वस्त किया कि उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है, राजिंदर बंसल की शिकायत पर नेविल मेहता कोई कार्रवाई नहीं करेगा क्योंकि नेविल मेहता 'अपना ही आदमी' है ।
हर्ष बंसल का मानना और कहना है कि 'ग्रेट लायन लीडर' नरेश अग्रवाल जब उनके साथ हैं, तो नेविल मेहता की हिम्मत भी नहीं होगी कि उनके समझाने को न समझें । नेविल मेहता को आखिर नौकरी करनी है कि नहीं ? हर्ष बंसल मानते और अपने अंदाज में कहते हैं कि नेविल मेहता ने उनके समझाने के बाद भी यदि राजिंदर बंसल की शिकायत पर कार्रवाई की तो वह 'ग्रेट लायन लीडर' नरेश अग्रवाल से कहकर नेविल मेहता को नौकरी से निकलवा देंगे ।
राजिंदर बंसल की शिकायत आखिर है क्या, जिस पर कार्रवाई न होने देने के लिए हर्ष बंसल ने 'ग्रेट लायन लीडर' नरेश अग्रवाल के नाम का इस्तेमाल किया हुआ है और नेविल मेहता पर दबाव बनाया हुआ है । पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर राजिंदर बंसल ने नेविल मेहता का ध्यान उस तथ्य की तरफ खींचा है जिसके अनुसार डिस्ट्रिक्ट में अचानक से 234 सदस्य बढ़ गए हैं । यह सदस्य डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नरेश गुप्ता की सहभागिता वाले इंस्टीट्यूट इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्र हैं, जिन्हें फर्जी तरीके से और धोखे में रखकर लायन सदस्य बनाया गया है । यह इंस्टीट्यूट दिल्ली से 115 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के गजरौला में है, जो लायंस डिस्ट्रिक्ट 321 सी वन के क्षेत्र में पड़ता है । नेविल मेहता को लिखे पत्र में राजिंदर बंसल ने विस्तार से बताया है कि इन सदस्यों को बनाने में किस तरह का फर्जीवाड़ा किया गया है और क्यों यह मामला दो डिस्ट्रिक्ट्स के बीच तय किए गए नियमों का उल्लंघन करता है । राजिंदर बंसल का स्पष्ट कहना है कि फर्जी तरीके से बढ़ाई गई इस सदस्यता का असली उद्देश्य फर्जी वोट तैयार करना है । राजिंदर बंसल ने इस मामले की जल्द से जल्द जाँच कराने और उचित कार्रवाई करने की माँग की है ।
डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच चर्चा और सवाल यह है कि राजिंदर बंसल की इस माँग से हर्ष बंसल को मिर्ची क्यों लगी और उनका धुआँ क्यों निकला - और उसे 'ग्रेट लायन लीडर' नरेश अग्रवाल के नाम का जयकारा क्यों लगाना पड़ा ? समझा यह जाता है कि फर्जी तरीके से सदस्यता बढ़ाने वाली इस कारस्तानी का मास्टरमाइंड हर्ष बंसल ही है, जिसने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नरेश गुप्ता के साथ मिलकर फर्जी सदस्यता की धोखाधड़ी की है । जिन क्लबों में यह फर्जी सदस्यता जोड़ी गई है उनमें से अधिकतर नरेश गुप्ता के खाते के फर्जी क्लब्स के रूप में पहचाने जाते हैं - इन सदस्यों को स्पॉन्सर लेकिन हर्ष बंसल ने किया है । चर्चा है कि नरेश गुप्ता के फर्जी क्लब्स के पासवर्ड हर्ष बंसल के पास ही हैं, और वही उन फर्जी क्लब्स में जोड़-घटाव करते रहते हैं । नेविल मेहता को लिखे पत्र में राजिंदर बंसल ने चूँकि हर्ष बंसल के इस खेल की पोल खोल दी है, तो हर्ष बंसल को मिर्ची लगना ही थी ।
राजिंदर बंसल द्धारा खोली गई पोल पर नेविल मेहता कहीं कोई कार्रवाई न कर दें, इसलिए हर्ष बंसल ने एक तरफ तो 'ग्रेट लायन लीडर' नरेश अग्रवाल को याद किया और दूसरी तरफ नेविल मेहता को 'समझाया' ।
राजिंदर बंसल द्धारा उठाये गए मुद्दे से तिलमिलाए हर्ष बंसल और नरेश गुप्ता ने राजिंदर बंसल पर निजी हमला किया और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उनके द्धारा लिए गए कुछेक फैसलों तथा उनकी कुछेक गतिविधियों का जिक्र करते हुए उन पर आरोप लगाए । उनके आरोपों को यदि सच भी मान लें तो भी सवाल तो यही उठता है कि इतने वर्षों से वह मुँह में दही जमाए बैठे थे क्या ? राजिंदर बंसल ने यदि कुछ गलत किया था तो क्यों नहीं उनकी शिकायत की गई ? नेविल मेहता और 'ग्रेट लायन लीडर' नरेश अग्रवाल को तो हर्ष बंसल 'अपना आदमी' बताते हैं, क्यों नहीं इनसे शिकायत करके राजिंदर बंसल के खिलाफ कार्रवाई करवाई ? अब जब राजिंदर बंसल ने हर्ष बंसल और नरेश गुप्ता को 'बदमाशी' करते हुए 'रंगे हाथ' पकड़ लिया है तो जबाव देने की बजाए पलट कर उनपर आरोप लगाने का मतलब तो यही है कि हर्ष बंसल और नरेश गुप्ता के पास अपनी कारस्तानी को छिपाने/बचाने का कोई रास्ता नहीं बचा है ।
हर्ष बंसल और डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नरेश गुप्ता की इस कारस्तानी पर 'ग्रेट लायन लीडर' नरेश अग्रवाल क्या रवैया अपनाते हैं और राजिंदर बंसल की शिकायत पर कार्रवाई करने से नेविल मेहता को रोकते हैं या कार्रवाई करने देते हैं - यह आगे पता चलेगा । राजिंदर बंसल से मिली शिकायत पर नेविल मेहता कार्रवाई करने का साहस दिखा पाते हैं, और या अपनी नौकरी बचाने के लिए शिकायत पर धूल डाल देते हैं - यह देखना भी दिलचस्प होगा ।