नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले के आयोजन की तैयारी में
जुटे रोटरी क्लब दिल्ली विकास के अध्यक्ष जवाहर गुप्ता को 'पटाने' में विफल
रहने के बाद अरनेजा गिरोह के लोगों ने उन्हें अपने निशाने पर ले लिया है । क्लब के भीतर और क्लब के बाहर अरनेजा गिरोह के जो लोग हैं वह इस बात को प्रचारित करने में
लगे हैं कि जवाहर गुप्ता दीवाली मेले के आयोजन की जिम्मेदारी निभाने की आड़
में दरअसल अगले वर्षों में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए प्रस्तुत की जाने
वाली अपनी उम्मीदवारी की तैयारी कर रहे हैं । जवाहर गुप्ता ने डिस्ट्रिक्ट
दीवाली मेले के आयोजन की जिम्मेदारी लेने के लिए जो 'प्रयत्न' किए, उसमें
कई लोगों को रोटरी में आगे बढ़ने की उनकी महत्वाकांक्षा के संकेत तो छिपे
दिखे थे - लेकिन इन संकेतों के सहारे/भरोसे 'उद्देश्य' घोषित करने का काम
उनके क्लब के लोगों ने ही किया । दरअसल डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले के आयोजन
की जिम्मेदारी जवाहर गुप्ता को मिलने से कई लोग खुश नहीं हैं । खुश न होने
वाले लोगों में उनके अपने क्लब के लोग भी हैं और उनके अपने जोन के लोग भी हैं । क्लब
के कई बड़े लोग तो इसलिए खुश नहीं हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि दीवाली
मेले के आयोजन से जवाहर गुप्ता की डिस्ट्रिक्ट में पहचान और साख बढ़ेगी; जोन
के लोग इसलिए खफा हैं क्योंकि दीवाली मेले की आड़ में राजनीति करने का मौका
उनसे छिन गया ।
जवाहर गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले के आयोजन की जिम्मेदारी मिलने के साथ लेकिन अरनेजा गिरोह के नेता 'काम' पर लग गए और उन्होंने जवाहर गुप्ता को इस बात के फिलर्स भेजना शुरू कर दिया कि वह दीवाली मेले की तैयारी में उनकी हर तरह से मदद करने के लिए तैयार हैं । जवाहर गुप्ता को पटाने के लिए उन्हें सीधा-सीधा ऑफर भी दे दिया गया कि उन्हें शरत जैन से स्पॉन्सरशिप भी दिलवा दी जाएगी । जवाहर गुप्ता ने लेकिन उनके जब किसी भी फिलर्स के प्रति उत्साह नहीं दिखाया और स्पॉन्सरशिप के ऑफर को यह कहकर ठुकरा दिया कि दीवाली मेले की तैयारी में वह उम्मीदवारों को किसी भी रूप में शामिल नहीं करेंगे - तो अरनेजा गिरोह के लोगों ने जवाहर गुप्ता को बदनाम करने की चाल चली । इस चाल को चलाने में उन्हें जवाहर गुप्ता के क्लब के कुछेक ऐसे प्रमुख लोगों की मदद भी मिल गई, जो पहले से ही जले-भुने बैठे थे । रोटरी क्लब दिल्ली विकास के कुछेक लोग इस बात के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजय खन्ना की भी बुराई करने से परहेज नहीं कर रहे हैं कि दीवाली मेले जैसे डिस्ट्रिक्ट फंक्शन के आयोजन की जिम्मेदारी एक क्लब को देने की बजाए जोन को देना चाहिए था । दीवाली मेला क्लब को देने के फैसले से नाराज इन लोगों का असली दुःख वास्तव में यह है कि इन्हें डर हुआ है कि इससे डिस्ट्रिक्ट में जवाहर गुप्ता का 'कद' बढ़ेगा - और जवाहर गुप्ता का कद यदि बढ़ेगा, तो स्वाभाविक रूप से 'इनका' कद घटेगा ।
रोटरी क्लब दिल्ली विकास के इन्हीं लोगों ने कहना शुरू किया कि डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले की तैयारी से जवाहर गुप्ता ने अपनी उम्मीदवारी की तैयारी शुरू कर दी है । उल्लेखनीय है कि रोटरी क्लब दिल्ली विकास में दरअसल कई लोग हैं जो अपने आप को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए पूरी तरह परफेक्ट समझते हैं । उन्हें समस्या बस इस बात में लगती है कि डिस्ट्रक्ट गवर्नर बनने के लिए पहले उम्मीदवार बनना पड़ता है - उनसे लंबी-लंबी 'छुड़वा' तो लो, पर उम्मीदवार बनने की बात आती है तो उनका दम निकलने लगता है । इसलिए अपना दम उन्होंने उसका दम निकालने के लिए बचा कर रखा है, जो उन्हें क्लब में सिर उठाता हुआ दिखता है । उनका रवैया बिलकुल ऐसा है : हम तो गवर्नर बन न सकेंगे, तुम्हें भी न बनने देंगे । डिस्ट्रिक्ट में यह चर्चा प्रायः सुनने को मिल जाती है कि रोटरी क्लब दिल्ली विकास एक बड़ा क्लब है, अच्छा क्लब है, बहुत सक्रिय क्लब है, बहुत काम करने वाला क्लब है - लेकिन डिस्ट्रिक्ट को लीडरशिप प्रदान करने के मामले में पिछड़ा रहता है । तमाम चर्चा में कारण यही निकलता है कि क्लब में जो लोग प्रमुख बने हुए हैं, वह न तो खुद आगे आते हैं - और जो कोई आगे आता हुआ दिखता है उसका दम पहले ही निकाल देते हैं । जवाहर गुप्ता के साथ भी यही सुलूक किया जा रहा है । जवाहर गुप्ता चूँकि खासे सक्रिय हैं और बिलकुल नए नए काम कर रहे हैं, इसलिए उनके ही क्लब के कुछेक लोगों ने यह कहते हुए उन्हें बदनाम करने का अभियान छेड़ दिया है कि वह तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की तैयारी में यह सब कर रहे हैं ।
अरनेजा गिरोह के नेताओं ने इस बात को 'लपक' कर और जोर-शोर से कहना शुरू कर दिया है । अरनेजा गिरोह के नेताओं को लगता है कि इस तरह से दबाव बना कर वह जवाहर गुप्ता को अपनी छतरी के नीचे ले आयेंगे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रमेश अग्रवाल ने रोटरी क्लब दिल्ली विकास के कुछेक सदस्यों के साथ जिस तरह की 'धोखाधड़ी' की, उसके चलते दिल्ली विकास के सदस्यों के बीच रमेश अग्रवाल के खिलाफ गहरी नाराजगी और विरोध है । रमेश अग्रवाल के खिलाफ दिल्ली विकास के लोगों की इस नाराजगी और विरोध को शरत जैन की उम्मीदवारी के लिए खतरे के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । रमेश अग्रवाल हालाँकि दावा करते रहे हैं कि दिल्ली विकास में उनके कुछ एजेंट हैं जो हालात को सँभाल लेंगे - और अपने उन्हीं एजेंटों के भरोसे रमेश अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले में अपनी और/या शरत जैन की भूमिका/भागीदारी बनाने की तिकड़म लगाई थी - जवाहर गुप्ता ने लेकिन उनकी तिकड़म को अभी तक तो कामयाब नहीं होने दिया है ।
रमेश अग्रवाल और अरनेजा गिरोह के दूसरे नेताओं की समस्या और चिंता दरअसल यह है कि वह शरत जैन की उम्मीदवारी को दिल्ली के क्लब्स में अच्छे समर्थन के दावे तो बहुत करते हैं, लेकिन अपने दावे को सच बनाने/बताने वाले तथ्य नहीं जुटा पा रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेला रोटरी क्लब दिल्ली विकास को मिला तो उन्हें अपने दावे को सच बनाने/बताने का मौका हाथ लगता हुआ दिखा । उन्हें लगा कि वह जवाहर गुप्ता को मदद का, स्पॉन्सरशिप का ऑफर पहुँचायेंगे तो जवाहर गुप्ता उनके पास दौड़े चले आयेंगे - और तब वह लोगों को बता/दिखा सकेंगे कि जब दिल्ली का सबसे बड़ा क्लब उनके साथ है तो छोटे-मोटे क्लब्स तो उनके साथ हो ही जायेंगे । जवाहर गुप्ता ने लेकिन उनकी सारी 'योजना' पर पानी फेर दिया । शरत जैन की उम्मीदवारी का झंडा उठाए अरनेजा गिरोह को इससे जो तगड़ा झटका लगा है, उससे उबरने की कोशिश में ही अरनेजा गिरोह के नेताओं ने तथा दूसरे लोगों ने जवाहर गुप्ता को यह कहते हुए बदनाम करना शुरू किया है कि डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले के आयोजन के जरिये जवाहर गुप्ता ने वास्तव में अगले वर्षों में प्रस्तुत की जाने वाली अपनी उम्मीदवारी की तैयारी शुरू की है ।
हालाँकि इस बात का उनके पास कोई जबाव नहीं है कि यदि यह सच भी है तो इसमें आरोप वाली बात भला क्या है ?
जवाहर गुप्ता को डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले के आयोजन की जिम्मेदारी मिलने के साथ लेकिन अरनेजा गिरोह के नेता 'काम' पर लग गए और उन्होंने जवाहर गुप्ता को इस बात के फिलर्स भेजना शुरू कर दिया कि वह दीवाली मेले की तैयारी में उनकी हर तरह से मदद करने के लिए तैयार हैं । जवाहर गुप्ता को पटाने के लिए उन्हें सीधा-सीधा ऑफर भी दे दिया गया कि उन्हें शरत जैन से स्पॉन्सरशिप भी दिलवा दी जाएगी । जवाहर गुप्ता ने लेकिन उनके जब किसी भी फिलर्स के प्रति उत्साह नहीं दिखाया और स्पॉन्सरशिप के ऑफर को यह कहकर ठुकरा दिया कि दीवाली मेले की तैयारी में वह उम्मीदवारों को किसी भी रूप में शामिल नहीं करेंगे - तो अरनेजा गिरोह के लोगों ने जवाहर गुप्ता को बदनाम करने की चाल चली । इस चाल को चलाने में उन्हें जवाहर गुप्ता के क्लब के कुछेक ऐसे प्रमुख लोगों की मदद भी मिल गई, जो पहले से ही जले-भुने बैठे थे । रोटरी क्लब दिल्ली विकास के कुछेक लोग इस बात के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजय खन्ना की भी बुराई करने से परहेज नहीं कर रहे हैं कि दीवाली मेले जैसे डिस्ट्रिक्ट फंक्शन के आयोजन की जिम्मेदारी एक क्लब को देने की बजाए जोन को देना चाहिए था । दीवाली मेला क्लब को देने के फैसले से नाराज इन लोगों का असली दुःख वास्तव में यह है कि इन्हें डर हुआ है कि इससे डिस्ट्रिक्ट में जवाहर गुप्ता का 'कद' बढ़ेगा - और जवाहर गुप्ता का कद यदि बढ़ेगा, तो स्वाभाविक रूप से 'इनका' कद घटेगा ।
रोटरी क्लब दिल्ली विकास के इन्हीं लोगों ने कहना शुरू किया कि डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले की तैयारी से जवाहर गुप्ता ने अपनी उम्मीदवारी की तैयारी शुरू कर दी है । उल्लेखनीय है कि रोटरी क्लब दिल्ली विकास में दरअसल कई लोग हैं जो अपने आप को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए पूरी तरह परफेक्ट समझते हैं । उन्हें समस्या बस इस बात में लगती है कि डिस्ट्रक्ट गवर्नर बनने के लिए पहले उम्मीदवार बनना पड़ता है - उनसे लंबी-लंबी 'छुड़वा' तो लो, पर उम्मीदवार बनने की बात आती है तो उनका दम निकलने लगता है । इसलिए अपना दम उन्होंने उसका दम निकालने के लिए बचा कर रखा है, जो उन्हें क्लब में सिर उठाता हुआ दिखता है । उनका रवैया बिलकुल ऐसा है : हम तो गवर्नर बन न सकेंगे, तुम्हें भी न बनने देंगे । डिस्ट्रिक्ट में यह चर्चा प्रायः सुनने को मिल जाती है कि रोटरी क्लब दिल्ली विकास एक बड़ा क्लब है, अच्छा क्लब है, बहुत सक्रिय क्लब है, बहुत काम करने वाला क्लब है - लेकिन डिस्ट्रिक्ट को लीडरशिप प्रदान करने के मामले में पिछड़ा रहता है । तमाम चर्चा में कारण यही निकलता है कि क्लब में जो लोग प्रमुख बने हुए हैं, वह न तो खुद आगे आते हैं - और जो कोई आगे आता हुआ दिखता है उसका दम पहले ही निकाल देते हैं । जवाहर गुप्ता के साथ भी यही सुलूक किया जा रहा है । जवाहर गुप्ता चूँकि खासे सक्रिय हैं और बिलकुल नए नए काम कर रहे हैं, इसलिए उनके ही क्लब के कुछेक लोगों ने यह कहते हुए उन्हें बदनाम करने का अभियान छेड़ दिया है कि वह तो डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने की तैयारी में यह सब कर रहे हैं ।
अरनेजा गिरोह के नेताओं ने इस बात को 'लपक' कर और जोर-शोर से कहना शुरू कर दिया है । अरनेजा गिरोह के नेताओं को लगता है कि इस तरह से दबाव बना कर वह जवाहर गुप्ता को अपनी छतरी के नीचे ले आयेंगे । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रमेश अग्रवाल ने रोटरी क्लब दिल्ली विकास के कुछेक सदस्यों के साथ जिस तरह की 'धोखाधड़ी' की, उसके चलते दिल्ली विकास के सदस्यों के बीच रमेश अग्रवाल के खिलाफ गहरी नाराजगी और विरोध है । रमेश अग्रवाल के खिलाफ दिल्ली विकास के लोगों की इस नाराजगी और विरोध को शरत जैन की उम्मीदवारी के लिए खतरे के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है । रमेश अग्रवाल हालाँकि दावा करते रहे हैं कि दिल्ली विकास में उनके कुछ एजेंट हैं जो हालात को सँभाल लेंगे - और अपने उन्हीं एजेंटों के भरोसे रमेश अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले में अपनी और/या शरत जैन की भूमिका/भागीदारी बनाने की तिकड़म लगाई थी - जवाहर गुप्ता ने लेकिन उनकी तिकड़म को अभी तक तो कामयाब नहीं होने दिया है ।
रमेश अग्रवाल और अरनेजा गिरोह के दूसरे नेताओं की समस्या और चिंता दरअसल यह है कि वह शरत जैन की उम्मीदवारी को दिल्ली के क्लब्स में अच्छे समर्थन के दावे तो बहुत करते हैं, लेकिन अपने दावे को सच बनाने/बताने वाले तथ्य नहीं जुटा पा रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेला रोटरी क्लब दिल्ली विकास को मिला तो उन्हें अपने दावे को सच बनाने/बताने का मौका हाथ लगता हुआ दिखा । उन्हें लगा कि वह जवाहर गुप्ता को मदद का, स्पॉन्सरशिप का ऑफर पहुँचायेंगे तो जवाहर गुप्ता उनके पास दौड़े चले आयेंगे - और तब वह लोगों को बता/दिखा सकेंगे कि जब दिल्ली का सबसे बड़ा क्लब उनके साथ है तो छोटे-मोटे क्लब्स तो उनके साथ हो ही जायेंगे । जवाहर गुप्ता ने लेकिन उनकी सारी 'योजना' पर पानी फेर दिया । शरत जैन की उम्मीदवारी का झंडा उठाए अरनेजा गिरोह को इससे जो तगड़ा झटका लगा है, उससे उबरने की कोशिश में ही अरनेजा गिरोह के नेताओं ने तथा दूसरे लोगों ने जवाहर गुप्ता को यह कहते हुए बदनाम करना शुरू किया है कि डिस्ट्रिक्ट दीवाली मेले के आयोजन के जरिये जवाहर गुप्ता ने वास्तव में अगले वर्षों में प्रस्तुत की जाने वाली अपनी उम्मीदवारी की तैयारी शुरू की है ।
हालाँकि इस बात का उनके पास कोई जबाव नहीं है कि यदि यह सच भी है तो इसमें आरोप वाली बात भला क्या है ?