नई दिल्ली । सुशील खुराना ने संजय खन्ना को आगे करके विनोद बंसल का 'शिकार' करने की जो योजना बनाई है, उसने दीपक तलवार को भड़काने के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट के
राजनीतिक समीकरणों में भी हलचल सी पैदा कर दी है - जिसका असर डिस्ट्रिक्ट
गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव पर भी पड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है । दरअसल सुशील खुराना के सामने सीओएल पद के लिए विनोद बंसल से मुकाबला करने की जो चुनौती है, उससे
निपटने के लिए वह अगले रोटरी वर्ष में होने वाले इंटरनेशनल डायरेक्टर पद
के चुनाव के लिए बनने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के इस वर्ष होने वाले चुनाव
में संजय खन्ना को उम्मीदवार बनाने/बनवाने की योजना बना रहे हैं । सुशील
खुराना को लगता है कि वह यदि संजय खन्ना को उक्त नोमीनेटिंग कमेटी की
सदस्यता के लिए उम्मीदवार बनने को राजी कर लेते हैं, तो संजय खन्ना सहित
उनके नजदीकी चार-पाँच पूर्व गवर्नर्स का समर्थन सीओएल के लिए उन्हें मिल
जाएगा - और तब वह आसानी से विनोद बंसल को ढहा लेंगे । सुशील खुराना की
इस योजना की भनक दीपक तलवार को मिली, तो वह बुरी तरह भड़क उठे हैं । दरअसल
दीपक तलवार खुद उक्त नोमीनेटिंग कमेटी में जाने की तैयारी कर रहे हैं,
जिसके लिए उनका मुकाबला मंजीत साहनी से होने की चर्चा सुनी जा रही है । मजे
की बात यह हुई है कि दीपक तलवार 'अपनी' तैयारी में सुशील खुराना से मदद
मिलने की उम्मीद कर रहे थे - सिर्फ उम्मीद ही नहीं कर रहे थे, बल्कि अपने
सबसे भरोसे के सहयोगी के रूप में सुशील खुराना को देख रहे थे; लेकिन उन्हें पता चला है
कि सुशील खुराना तो उनके लिए शेक्सपियर के विश्वप्रसिद्ध नाटक 'जूलियस सीजर' के पात्र
ब्रूटस वाली भूमिका निभा रहे हैं । नाटक में अचानक से और विश्वास तोड़ते से ब्रूटस से मिले धोखे को लेकर
जैसे जूलियस सीजर भौंचक था; सुशील खुराना की योजना के बारे में जानकर लगभग
वैसी ही दशा दीपक तलवार की हुई है ।
सुशील खुराना की मुसीबत वास्तव में दोहरी है - सीओएल के लिए एक तरफ तो उन्हें विनोद बंसल से मुकाबला करना है; दूसरी तरफ उनका नाम दीपक तलवार के साथ ऐसे चिपका हुआ है कि दीपक तलवार की बदनामी का ठीकरा उनके सिर पर भी फूटता है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में दीपक तलवार की इस बात के लिए बड़ी बदनामी है कि उन्हें करना-धरना तो कुछ होता नहीं है, प्रत्येक पद लेकिन उन्हें जरूर चाहिए होता है । दीपक तलवार को सुशील खुराना के साथ जोड़ी के रूप में भी देखा जाता है, इसलिए डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच यह धारणा भी बनी है कि सभी पदों पर यह दोनों ही काबिज़ होना चाहते हैं । इस बदनामी - और इस बदनामी के चक्कर में होने वाले नुकसान से बचने लिए सुशील खुराना ने दीपक तलवार से पीछा छुड़ाने की योजना बनाई, और अपनी इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए उन्होंने संजय खन्ना का सहारा लिया । उनके नजदीकियों का कहना है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद का चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए संजय खन्ना को आगे करके सुशील खुराना एक तीर से दो शिकार करने की ताक में हैं : संजय खन्ना के साथ 'जुड़' कर एक तरफ तो वह दीपक तलवार के साथ बनी अपनी जोड़ी की धारणा को तोड़ेंगे और इस तरह दीपक तलवार की बदनामी के कारण होने वाले नुकसान से बचने का इंतजाम करेंगे, और दूसरी तरफ अपने सीओएल के चुनाव में संजय खन्ना तथा उनके नजदीकी पूर्व गवर्नर्स के समर्थन को पक्का करने का काम करेंगे ।
सुशील खुराना को लगता है कि काउंसिल ऑफ गवर्नर्स में विनोद बंसल को यूँ तो ज्यादा लोगों का समर्थन नहीं मिल पायेगा, लेकिन सुशील गुप्ता तथा सुदर्शन अग्रवाल जैसे बड़े नेताओं पर विनोद बंसल ने जो जादू-सा किया हुआ है - उसके चलते यह दोनों कहीं विनोद बंसल की खुली वकालत कर बैठे, तो फिर विनोद बंसल के लिए समर्थन जुटने में मुश्किल नहीं होगी । यह मुश्किल इसलिए भी नहीं होगी, क्योंकि काउंसिल ऑफ गवर्नर्स में खुद सुशील खुराना के लिए भी कोई खास समर्थन या उत्साह नहीं है । डिस्ट्रिक्ट के महत्त्वपूर्ण पदों को सुशील खुराना ने जिस तरह से कब्जाया हुआ है, उसके कारण पूर्व गवर्नर्स के बीच उन्हें लेकर विरोध का भाव जरूर है । दूसरे लोगों का भी मानना और कहना है कि काउंसिल ऑफ गवर्नर्स में हालाँकि दोनों की स्थिति एक जैसी ही है - दोनों के लिए ही ज्यादा समर्थन व उत्साह नहीं है; किंतु सुशील गुप्ता व सुदर्शन अग्रवाल के कारण विनोद बंसल का पलड़ा भारी हो जाता है । हालाँकि सारा मामला इस पर निर्भर करेगा कि सुशील गुप्ता और सुदर्शन अग्रवाल मामले में कोई पहल करते हैं या नहीं । इनको पहल करने से रोकने के लिए और या इनकी पहल से उत्पन्न वाली स्थिति का मुकाबला करने के लिए सुशील खुराना को एक मजबूत 'वकील' की जरूरत है ।
सुशील खुराना के नजदीकियों का कहना है कि उन्हें संजय खन्ना में वह वकील 'दिखाई' देता है । दरअसल रोटरी इंटरनेशनल की तरफ से संजय खन्ना को जिस तरफ से डिस्ट्रिक्ट 3100 का मामला सुलझाने की जिम्मेदारी मिली है, और जिस तरह से उन्हें डिस्ट्रिक्ट 3250 की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में रोटरी इंटरनेशनल के प्रतिनिधि के रूप में सम्मिलित होने का मौका मिला है - उससे रोटरी में और डिस्ट्रिक्ट में उनका कद बढ़ा है । उनके इस बढ़े कद का फायदा सुशील खुराना अपनी उम्मीदवारी के लिए उठाना चाहते हैं । सुशील खुराना को लगता है कि वह यदि संजय खन्ना को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद का चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए उम्मीदवार बनने को राजी कर लेते हैं, तो काउंसिल ऑफ गवर्नर्स में सत्ता समीकरण पूरी तरह बदल जायेंगे - जिसमें सीओएल के लिए उनकी दाल आसानी से गल जाएगी । सुशील खुराना के नजदीकियों ने बताया है कि उम्मीदवार बनने के सुशील खुराना के ऑफर को संजय खन्ना ने अभी स्वीकार तो नहीं किया है, लेकिन चूँकि स्पष्ट रूप से ठुकराया भी नहीं है - इसलिए सुशील खुराना को विश्वास है कि वह संजय खन्ना को उम्मीदवारी के लिए अंततः राजी कर लेंगे । समझा जाता है कि रोटरी के कई कामों में अपनी संलग्नता व व्यस्तता के कारण संजय खन्ना अभी उम्मीदवार बनने को लेकर थोड़ा हिचक रहे हैं, और यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि सभी कामों के लिए वह समय निकाल भी पायेंगे या नहीं । संजय खन्ना के साथ सुशील खुराना के बनते दिख रहे राजनीतिक गठजोड़ ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में रवि दयाल के समर्थकों को भी उत्साहित किया है; उन्हें लगता है कि सुशील खुराना व संजय खन्ना के बीच यदि सचमुच राजनीतिक गठजोड़ बन जाता है, तो डिस्ट्रिक्ट में जो समीकरण बनेगा - वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत रवि दयाल की उम्मीदवारी को भी मदद पहुँचायेगा ।
सुशील खुराना की मुसीबत वास्तव में दोहरी है - सीओएल के लिए एक तरफ तो उन्हें विनोद बंसल से मुकाबला करना है; दूसरी तरफ उनका नाम दीपक तलवार के साथ ऐसे चिपका हुआ है कि दीपक तलवार की बदनामी का ठीकरा उनके सिर पर भी फूटता है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में दीपक तलवार की इस बात के लिए बड़ी बदनामी है कि उन्हें करना-धरना तो कुछ होता नहीं है, प्रत्येक पद लेकिन उन्हें जरूर चाहिए होता है । दीपक तलवार को सुशील खुराना के साथ जोड़ी के रूप में भी देखा जाता है, इसलिए डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच यह धारणा भी बनी है कि सभी पदों पर यह दोनों ही काबिज़ होना चाहते हैं । इस बदनामी - और इस बदनामी के चक्कर में होने वाले नुकसान से बचने लिए सुशील खुराना ने दीपक तलवार से पीछा छुड़ाने की योजना बनाई, और अपनी इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए उन्होंने संजय खन्ना का सहारा लिया । उनके नजदीकियों का कहना है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद का चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए संजय खन्ना को आगे करके सुशील खुराना एक तीर से दो शिकार करने की ताक में हैं : संजय खन्ना के साथ 'जुड़' कर एक तरफ तो वह दीपक तलवार के साथ बनी अपनी जोड़ी की धारणा को तोड़ेंगे और इस तरह दीपक तलवार की बदनामी के कारण होने वाले नुकसान से बचने का इंतजाम करेंगे, और दूसरी तरफ अपने सीओएल के चुनाव में संजय खन्ना तथा उनके नजदीकी पूर्व गवर्नर्स के समर्थन को पक्का करने का काम करेंगे ।
सुशील खुराना को लगता है कि काउंसिल ऑफ गवर्नर्स में विनोद बंसल को यूँ तो ज्यादा लोगों का समर्थन नहीं मिल पायेगा, लेकिन सुशील गुप्ता तथा सुदर्शन अग्रवाल जैसे बड़े नेताओं पर विनोद बंसल ने जो जादू-सा किया हुआ है - उसके चलते यह दोनों कहीं विनोद बंसल की खुली वकालत कर बैठे, तो फिर विनोद बंसल के लिए समर्थन जुटने में मुश्किल नहीं होगी । यह मुश्किल इसलिए भी नहीं होगी, क्योंकि काउंसिल ऑफ गवर्नर्स में खुद सुशील खुराना के लिए भी कोई खास समर्थन या उत्साह नहीं है । डिस्ट्रिक्ट के महत्त्वपूर्ण पदों को सुशील खुराना ने जिस तरह से कब्जाया हुआ है, उसके कारण पूर्व गवर्नर्स के बीच उन्हें लेकर विरोध का भाव जरूर है । दूसरे लोगों का भी मानना और कहना है कि काउंसिल ऑफ गवर्नर्स में हालाँकि दोनों की स्थिति एक जैसी ही है - दोनों के लिए ही ज्यादा समर्थन व उत्साह नहीं है; किंतु सुशील गुप्ता व सुदर्शन अग्रवाल के कारण विनोद बंसल का पलड़ा भारी हो जाता है । हालाँकि सारा मामला इस पर निर्भर करेगा कि सुशील गुप्ता और सुदर्शन अग्रवाल मामले में कोई पहल करते हैं या नहीं । इनको पहल करने से रोकने के लिए और या इनकी पहल से उत्पन्न वाली स्थिति का मुकाबला करने के लिए सुशील खुराना को एक मजबूत 'वकील' की जरूरत है ।
सुशील खुराना के नजदीकियों का कहना है कि उन्हें संजय खन्ना में वह वकील 'दिखाई' देता है । दरअसल रोटरी इंटरनेशनल की तरफ से संजय खन्ना को जिस तरफ से डिस्ट्रिक्ट 3100 का मामला सुलझाने की जिम्मेदारी मिली है, और जिस तरह से उन्हें डिस्ट्रिक्ट 3250 की डिस्ट्रिक्ट कॉन्फ्रेंस में रोटरी इंटरनेशनल के प्रतिनिधि के रूप में सम्मिलित होने का मौका मिला है - उससे रोटरी में और डिस्ट्रिक्ट में उनका कद बढ़ा है । उनके इस बढ़े कद का फायदा सुशील खुराना अपनी उम्मीदवारी के लिए उठाना चाहते हैं । सुशील खुराना को लगता है कि वह यदि संजय खन्ना को इंटरनेशनल डायरेक्टर पद का चुनाव करने वाली नोमीनेटिंग कमेटी के लिए उम्मीदवार बनने को राजी कर लेते हैं, तो काउंसिल ऑफ गवर्नर्स में सत्ता समीकरण पूरी तरह बदल जायेंगे - जिसमें सीओएल के लिए उनकी दाल आसानी से गल जाएगी । सुशील खुराना के नजदीकियों ने बताया है कि उम्मीदवार बनने के सुशील खुराना के ऑफर को संजय खन्ना ने अभी स्वीकार तो नहीं किया है, लेकिन चूँकि स्पष्ट रूप से ठुकराया भी नहीं है - इसलिए सुशील खुराना को विश्वास है कि वह संजय खन्ना को उम्मीदवारी के लिए अंततः राजी कर लेंगे । समझा जाता है कि रोटरी के कई कामों में अपनी संलग्नता व व्यस्तता के कारण संजय खन्ना अभी उम्मीदवार बनने को लेकर थोड़ा हिचक रहे हैं, और यह समझने का प्रयास कर रहे हैं कि सभी कामों के लिए वह समय निकाल भी पायेंगे या नहीं । संजय खन्ना के साथ सुशील खुराना के बनते दिख रहे राजनीतिक गठजोड़ ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के चुनाव में रवि दयाल के समर्थकों को भी उत्साहित किया है; उन्हें लगता है कि सुशील खुराना व संजय खन्ना के बीच यदि सचमुच राजनीतिक गठजोड़ बन जाता है, तो डिस्ट्रिक्ट में जो समीकरण बनेगा - वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए प्रस्तुत रवि दयाल की उम्मीदवारी को भी मदद पहुँचायेगा ।