चंडीगढ़ । राजेंद्र उर्फ़ राजा साबू के
डिस्ट्रिक्ट 3080 के गिरोह के कुछेक सदस्यों ने वर्ष 2017-18 के गवर्नर के
चुनाव को लेकर रोटरी इंटरनेशनल से बार-बार मिल रही लताड़/फटकार के लिए सुशील
गुप्ता को जिम्मेदार ठहरा कर - राजा साबू और सुशील गुप्ता के बीच कम होती
दूरियों को बढ़ाने का जो काम शुरू किया है, उसने रोटरी की ऊपर की राजनीति के
समीकरणों को दिलचस्प बना दिया है । सुशील गुप्ता को निशाने पर ले रहे
डिस्ट्रिक्ट 3080 के राजा साबू गिरोह के सदस्यों को अशोक महाजन से मिल रहे
खाद-पानी के संकेतोंभरी चर्चाओं ने इस दिलचस्पी के दायरे को खासा विस्तार
दिया हुआ है । समझा जाता है कि पूर्व इंटरनेशनल डायरेक्टर अशोक महाजन पिछले
कुछ समय से पूर्व इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजा साबू और पूर्व इंटरनेशनल
डायरेक्टर सुशील गुप्ता के बीच बढ़ती निकटता की ख़बरों से काफी परेशान हैं; और
अपनी इस परेशानी को हल करने के लिए ही उन्होंने डिस्ट्रिक्ट 3080 के पूर्व
गवर्नर्स यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर को सुशील गुप्ता के
खिलाफ सक्रिय किया है । इस बात को दरअसल यह देख/जान कर बल मिला कि इन तीनों
पूर्व गवर्नर्स ने अचानक से अपने डिस्ट्रिक्ट के झमेले में सुशील गुप्ता
को कोसना शुरू कर दिया है । उल्लेखनीय है कि इनके डिस्ट्रिक्ट -
डिस्ट्रिक्ट 3080 में वर्ष 2017-18 के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के चुनाव को लेकर
मार्च 2015 से झगड़ा चल रहा है, जिसमें एक पक्ष राजा साबू और उनका गिरोह है
। इस झगड़े को लेकर तीन-चार बार जब जब रोटरी इंटरनेशनल से फैसला होने की
बारी आई, तब तब फैसला राजा साबू और उनके गिरोह की उम्मीदों के खिलाफ ही आया
। इससे राजा साबू और उनके गिरोह के सदस्यों की फजीहत तो हुई ही, साथ ही
लोगों के बीच यह पोल भी खुली कि राजा साबू ने अपनी जैसी जो हवा बना रखी है
- वास्तव में उनकी वैसी हवा है नहीं, और रोटरी में सभी लोग राजा साबू की
असलियत को पहचान गए हैं ।
समझा जाता है कि राजा साबू के
डिस्ट्रिक्ट के चुनावी झमेले और उस झमेले के कारण राजा साबू की होने वाली
फजीहत में अशोक महाजन ने अपने लिए मौका ताड़ा और राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट
के यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर को अपने 'स्लीपर सेल' के रूप
में सुशील गुप्ता के खिलाफ सक्रिय कर दिया । दरअसल, सुशील गुप्ता और
अशोक महाजन रोटरी इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने की तैयारियों में लगे हैं ।
अशोक महाजन यूँ तो राजा साबू के समर्थन के भरोसे हैं, लेकिन पिछले कुछ समय
में राजा साबू और सुशील गुप्ता के बीच बढ़ी नजदीकियों ने उन्हें राजा साबू
के समर्थन के प्रति सशंकित कर दिया है । समझा जाता है कि राजा साबू के
समर्थन को अपने साथ बनाए रखने तथा सुशील गुप्ता को राजा साबू से दूर
करने/रखने के लिए अशोक महाजन ने राजा साबू के नजदीकियों के रूप में पहचाने
जाते यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर को सुशील गुप्ता के खिलाफ
सक्रिय होने के लिए प्रेरित किया है । इन तीनों ने पिछले कुछ समय से जिस
अचानक तरीके से अपने डिस्ट्रिक्ट के चुनावी झमेले के लिए सुशील गुप्ता को
जिम्मेदार ठहराना शुरू किया है, उसे देख कर लोगों को शक हुआ है कि इनमें
जरूर किसी ने चाभी भरी है । असल में, जो लोग सुशील गुप्ता को जानते हैं
और इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने की उनकी तैयारी से भी परिचित हैं - उनके लिए
इस बात/आरोप को हजम कर पाना मुश्किल हुआ है कि सुशील गुप्ता क्यों कर ऐसा
कोई काम करेंगे, जिससे राजा साबू की फजीहत होती हो ? इसी कारण से यह
पड़ताल करने की जरूरत महसूस हुई कि सुशील गुप्ता को निशाना बनाने वाले यशपाल
दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर के पीछे वास्तव में है कौन, और किसने इन
तीनों में चाभी भरी है ? लोगों द्धारा की गई पड़ताल में इंटरनेशनल
प्रेसीडेंट पद की चुनावी राजनीति के समीकरण सामने आए और इसी संदर्भ में
अशोक महाजन का नाम आया ।
यशपाल दास, मधुकर मल्होत्रा व
शाजु पीटर की अपनी अपनी समस्याएँ हैं । राजा साबू को तरह तरह से खुश करते
रहने और उनके 'आदमी' के रूप में पुख्ता पहचान बनाने के बावजूद इन बेचारों
को डिस्ट्रिक्ट से बाहर की रोटरी में उचित सम्मान और जगह नहीं मिली है ।
राजा साबू ने इन्हें इस्तेमाल तो खूब किया, और यह खुशी खुशी इस्तेमाल हुए
भी खूब - लेकिन उन्होंने इनके लिए कुछ खास किया नहीं । यशपाल दास को
इंटरनेशनल डायरेक्टर बनवाने के बाद तो उन्होंने बिलकुल ही 'अनाथ' छोड़ दिया ।
यशपाल दास इस वर्ष रोटरी फाउंडेशन में ट्रस्टी बनना चाहते थे, लेकिन आरोप
है कि राजा साबू ने कोई दिलचस्पी ही नहीं ली । यशपाल दास के लिए राहत की
बात बस यही रही कि रोटरी फाउंडेशन में ट्रस्टी बनने की शेखर मेहता की हसरत
भी पूरी नहीं हो सकी - अन्यथा यशपाल दास की बड़ी किरकिरी होती । मधुकर
मल्होत्रा और शाजु पीटर की भी रोटरी में ऊँची ऊँची उम्मीदें और
महत्वाकांक्षाएँ हैं - लेकिन जो सिर्फ राजा साबू के भरोसे उन्हें पूरी होती
हुई नहीं दिख रही हैं । लिहाजा इन तीनों ने ही अशोक महाजन के साथ भी तार
जोड़ने की कोशिश की है - और अपनी इस कोशिश में कुछ बड़ा करके 'दिखाने' का
प्रयास करते हुए इन्होंने सुशील गुप्ता को लपेट लिया है ।
यशपाल
दास, मधुकर मल्होत्रा और शाजु पीटर पिछले कुछ समय से लोगों के बीच लगातार
इस बात को प्रचारित कर रहे हैं कि उनके डिस्ट्रिक्ट में वर्ष 2017-18 के
गवर्नर पद को लेकर चल रहे चुनावी झगड़े में रोटरी इंटरनेशनल में उनके पक्ष
का काम बिगाड़ने का काम सुशील गुप्ता ने किया है; और वर्ष 2017-18 के गवर्नर
पद का झगड़ा टीके रूबी और डीसी बंसल के बीच का झगड़ा नहीं रह गया है - बल्कि
राजा साबू और सुशील गुप्ता के बीच का झगड़ा बन गया है । इनका कहना है
कि सुशील गुप्ता यदि बीच में नहीं पड़े होते, तो रोटरी इंटरनेशनल से वर्ष
2017-18 की गवर्नरी अभी तक डीसी बंसल को मिल चुकी होती । मजे की बात यह है
कि इनकी इस तरह की बातों से राजा साबू के दूसरे नजदीकियों को राजा साबू की
फजीहत में और बढ़ोत्तरी होती हुई महसूस हो रही है । राजा साबू के दूसरे
नजदीकियों का मानना/कहना है कि इन तीनों की इस तरह की बातों से तो लोगों के
बीच यही संदेश जा रहा है कि रोटरी इंटरनेशनल में राजा साबू की अब कोई
पहचान व प्रतिष्ठा नहीं रह गई है, और वहाँ सुशील गुप्ता उन पर हावी हैं । यशपाल
दास, मधुकर मल्होत्रा व शाजु पीटर को लेकिन इससे शायद कोई मतलब नहीं है -
उन्हें तो बस अशोक महाजन को खुश करने की पड़ी हुई है । इनके जरिए अशोक महाजन
दरअसल राजा साबू और सुशील गुप्ता के बीच बढ़ती नजदीकियों की ख़बर को झुठलाने
का प्रयास कर रहे हैं; और रोटरी में लोगों को यह दिखाने/जताने का प्रयास
कर रहे हैं कि राजा साबू की सुशील गुप्ता के साथ कभी भी नजदीकी नहीं हो
सकती है - और राजा साबू तो उनके ही हैं तथा आगे भी उनके ही रहेंगे । अशोक
महाजन ने राजा साबू के डिस्ट्रिक्ट के चुनावी झमेले को इंटरनेशनल
प्रेसीडेंट पद की चुनावी राजनीति की पिच पर सुशील गुप्ता से निपटने में जिस
तरह से इस्तेमाल किया है, उसने रोटरी के राजनीतिक समीकरणों का एक दिलचस्प
नजारा प्रस्तुत किया है ।