Tuesday, November 8, 2016

लायंस क्लब्स इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 321 सी टू में लायंस इंटरनेशनल के साथ बेईमानी व धोखाधड़ी करने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सीपी सिंघल और उन्हें समर्थन दे रहे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के सामने नरेश अग्रवाल असहाय और मजबूर आखिर क्यों हैं ?

आगरा । लायंस क्लब आगरा मेवरिक्स के खिलाफ कार्रवाई होने के बाद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सीपी सिंघल के क्लब - लायंस क्लब आगरा ग्रेटर में हो रही कारगुजारियों की जो पोल खुली है, उसके चलते डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सीपी सिंघल से लेकर इंटरनेशनल फर्स्ट वाइस प्रेसीडेंट नरेश अग्रवाल तक भारी मुसीबत में फँस गए हैं । सीपी सिंघल के लिए मुसीबत की बात यह है कि लायंस क्लब आगरा ग्रेटर उनका अपना क्लब है - ऐसे में, क्लब में होने वाली कारगुजारियों की सीधी जिम्मेदारी उन पर आती है; और इस कारण से क्लब के साथ-साथ उनके खिलाफ भी कार्रवाई होने का मामला बनता है । लायंस क्लब आगरा ग्रेटर की जिस तरह की हरकतें चर्चा में हैं, वह हरकतें सामान्य बेईमानी व धोखाधड़ी की बातें भर नहीं हैं; बल्कि लायंस इंटरनेशनल के साथ बेईमानी व धोखाधड़ी करने का मामला है । अब कोई डिस्ट्रिक्ट गवर्नर यदि अपनी देख-रेख में लायंस इंटरनेशनल के साथ बेईमानी व धोखाधड़ी की कार्रवाई को क्रियान्वित होने दे रहा है - तो क्या उसे एक पल के लिए भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद पर बने रहने का अधिकार है ? नरेश अग्रवाल के लिए मुसीबत और चुनौती  की बात यह है कि जिस लायंस इंटरनेशनल के अध्यक्ष पद से वह बस एक कदम दूर हैं, और जिस एक कदम की दूरी को भी वह जल्दी ही नाप लेंगे - उस लायंस इंटरनेशनल के साथ हो रही बेईमानी व धोखाधड़ी को वह चुपचाप देखते रहें, और कोई कार्रवाई न करें; तो वह लायन सदस्यों के सामने अपनी कैसी पहचान स्थापित करेंगे ? नरेश अग्रवाल की यह मुसीबत और चुनौती इसलिए और बढ़ जाती है, क्योंकि सीपी सिंघल लोगों के बीच दावा करते सुने गए हैं कि उनके समर्थक पूर्व गवर्नर्स ने उन्हें आश्वस्त किया है कि नरेश अग्रवाल इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने भले ही जा रहे हों, लेकिन एक आरोपी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के खिलाफ कार्रवाई कर सकने की उनकी हिम्मत नहीं है ।
इसी तरह की चर्चाओं के बीच सीपी सिंघल की देख-रेख में होने वाली उनके क्लब की कारगुजारियों से परिचित लोगों के बीच सवाल यह सुना/पूछा जा रहा है कि लायंस इंटरनेशनल के साथ बेईमानी व धोखाधड़ी करने वाले सीपी सिंघल और उन्हें समर्थन दे रहे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के सामने नरेश अग्रवाल असहाय और मजबूर आखिर क्यों हैं ?
लायंस क्लब आगरा ग्रेटर में लायंस इंटरनेशनल के साथ बेईमानी व धोखाधड़ी करने के लिए फैमिली सदस्यता के संबंध में बनाए गए नियम का निहायत बेशर्मी के साथ दुरुपयोग करने का मामला चर्चा में आया है । उल्लेखनीय है कि लायनिज्म के विस्तार के साथ-साथ लायनिज्म को परिवार की सोच के रूप में प्रेरित करने के उद्देश्य से लायंस इंटरनेशनल ने फैमिली सदस्यता को प्रोत्साहित करने के लिए फैमिली मेंबर्स की सदस्यता फीस में भारी छूट देने का एक महत्वपूर्ण फैसला किया हुआ है । लायंस इंटरनेशनल की इस महान सोच को लायंस क्लब आगरा ग्रेटर के कर्ताधर्ताओं ने लेकिन पैसे बनाने/कमाने का जरिया बना लिया । आरोप है कि सीपी सिंघल सहित क्लब के अन्य कर्ताधर्ताओं ने क्लब के कई सदस्यों को दूसरे सदस्यों के फैमिली मेंबर के रूप में रिपोर्ट करके, उनसे मिली सदस्यता फीस के बड़े हिस्से को अपनी जेब में कर लिया - और इस तरह लायंस इंटरनेशनल के साथ बेईमानी व धोखाधड़ी की । इस बेईमानी में बेशर्मी इस तथ्य से जुड़ी कि यादव लोगों को अग्रवाल फैमिली का सदस्य रिपोर्ट कर दिया गया, तथा लालवानिया को गुप्ता फैमिली का सदस्य बना दिया गया । ऐसा करते हुए सोचा तो शायद यही गया होगा कि लायंस इंटरनेशनल में ऊपर तो सब 'गधे' बैठे हैं, वह यह बेईमानी भला कैसे पकड़ पायेंगे ? उनका सोचना लगता है कि सही भी था - बेईमानी को पकड़ना तो दूर, बेईमानी के सुबूत अब जब लोगों के बीच उपलब्ध हैं; लायन इंटरनेशनल के पदाधिकारी तब भी लायंस क्लब आगरा ग्रेटर व सीपी सिंघल के खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं ।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सीपी सिंघल के खिलाफ एक और गंभीर आरोप यह है कि पिछले लायन वर्ष में 4 अक्टूबर को आयोजित हुए अपने क्लब के अधिष्ठापन समारोह में फर्स्ट वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में उन्होंने 46 नए सदस्यों का अधिष्ठापन कराया था, किंतु लायंस इंटरनेशनल में क्लब की तरफ से सिर्फ 7 नए सदस्यों को ही रिपोर्ट किया गया । बाकी 39 नए सदस्यों से ली गई फीस किसकी जेब में गई, लोगों के बीच यह एक बड़ा सवाल है ? उन 39 सदस्यों में से कई इस वर्ष भी क्लब में सक्रिय हैं, यानि इस वर्ष की उनकी फीस भी 'कोई' डकार गया है । लायंस इंटरनेशनल के नियम-कानूनों को जानने वाले वरिष्ठ लायन सदस्यों का मानना और कहना है कि यह हरकतें लायंस इंटरनेशनल के साथ बेईमानी व धोखाधड़ी करने का जीता-जागता उदाहरण हैं, और इस आधार पर लायंस क्लब आगरा ग्रेटर की मान्यता तुरंत खत्म हो जानी चाहिए; और इन हरकतों को अंजाम तक पहुँचाने और/या पहुँचाने में मदद करने के आरोप में सीपी सिंघल को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद से तुरंत हटा देने की कार्रवाई हो जाना चाहिए । इन लोगों का कहना/पूछना है कि लायंस क्लब आगरा मेवरिक्स के खिलाफ यदि कार्रवाई हो सकती है, तो फिर लायंस क्लब आगरा ग्रेटर के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो सकती है ?  उनके अनुसार, लायनिज्म की साख व प्रतिष्ठा को बचाए रखने के लिए लायंस क्लब आगरा ग्रेटर तथा सीपी सिंघल के खिलाफ तुरंत से कार्रवाई होना और भी जरूरी है । सीपी सिंघल जिस क्लब और डिस्ट्रिक्ट का प्रतिनिधित्व करते हैं, वह चूँकि इंटरनेशनल प्रेसीडेंट होने जा रहे नरेश अग्रवाल के अपने मल्टीपल डिस्ट्रिक्ट का हिस्सा हैं - इसलिए उम्मीद की जाती है कि सीपी सिंघल व उनके क्लब के खिलाफ कार्रवाई और भी तेज गति से हो । किंतु सीपी सिंघल खुशकिस्मत हैं कि उनके समर्थक पूर्व गवर्नर्स ने उन्हें जो आश्वासन दिया है कि नरेश अग्रवाल इंटरनेशनल प्रेसीडेंट बनने भले ही जा रहे हों, लेकिन एक आरोपी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के खिलाफ कार्रवाई कर सकने की उनकी हिम्मत नहीं है - वह सच साबित होता हुआ नजर आ रहा है ।