Wednesday, November 16, 2016

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3100 के 'गवर्नर इलेक्ट' दिनेश शर्मा को सबक सिखाने की कोशिश में इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई क्या सचमुच मामले को सुलझने नहीं देंगे ?

सिकंदराबाद । दिनेश शर्मा के प्रति इंटरनेशनल डायरेक्टर मनोज देसाई के रवैये के कारण डिस्ट्रिक्ट 3100 का संकट मौजूदा रोटरी वर्ष में हल होता हुआ नहीं दिख रहा है । हालाँकि यूँ तो डिस्ट्रिक्ट 3100 में परिस्थितियाँ पटरी पर लौटती नजर आ रही हैं - रोटरी इंटरनेशनल के विशेष प्रतिनिधि संजय खन्ना की कोशिशों से अधिकतर क्लब्स के ड्यूज जमा हो गए हैं, मैचिंग ग्रांट्स पर लगी बंदिश रोटरी इंटरनेशनल द्धारा हटा ली गई है, रोटरी इंटरनेशनल के खिलाफ किए गए मुकदमे को वापस ले लिया गया है, डिस्ट्रिक्ट को बबाल-मुक्त बनाने के लिए डिस्ट्रिक्ट के नियम-कानूनों में आवश्यक सुधार व फेरबदल करने को लेकर पूर्व गवर्नर्स के बीच सहमति बन गई है, आदि-इत्यादि । इंटरनेशनल प्रेसीडेंट जॉन जर्म से डिस्ट्रिक्ट 3100 से जुड़े मामलों को लेकर जब भी कोई बात पूछी/बताई जाती है, तो उनकी तरफ से तुरंत जबाव या प्रतिक्रिया मिलती है - जिससे 'पता' चलता है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 के मामले को उन्होंने अपनी प्राथमिकता में रखा हुआ है । इन बातों व तथ्यों को सकारात्मक रूप से लिया जा रहा है, और इनके आधार पर उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष के अंत तक डिस्ट्रिक्ट को नॉन-डिस्ट्रिक्ट स्टेटस से बाहर निकाल दिया जायेगा - और डिस्ट्रिक्ट पुनः पहले की तरह से अपनी स्वतंत्र पहचान के साथ काम शुरू कर सकेगा ।
मनोज देसाई के रवैये ने लेकिन इस उम्मीद पर ग्रहण लगाया हुआ है । मनोज देसाई के रवैये ने दरअसल इस सवाल पर विवाद खड़ा कर दिया है कि नॉन डिस्ट्रिक्ट स्टेटस से बाहर आने के बाद अगले रोटरी वर्ष में डिस्ट्रिक्ट का गवर्नर कौन होगा ? उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट में यदि बबाल पैदा नहीं हुआ होता, तो दिनेश शर्मा इस वर्ष डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट के पद पर होते - और इस नाते से वह स्वाभाविक रूप से अपने आप को अगले रोटरी वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में देखते हैं । डिस्ट्रिक्ट 3100 के दूसरे लोग भी इस वर्ष के अंत तक संकट हल हो जाने की स्थिति में अगले रोटरी वर्ष के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दिनेश शर्मा को ही 'देख' रहे हैं । वास्तव में किसी को भी दिनेश शर्मा के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने को लेकर शक नहीं है । किंतु मनोज देसाई के रवैये ने यह शक पैदा कर दिया है । बात यह नहीं है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर तथा दुबई में हो रहे रोटरी जोन इंस्टीट्यूट के कन्वेनर के रूप में मनोज देसाई ने दिनेश शर्मा को आधिकारिक रूप से शामिल होने की अनुमति नहीं दी है - मनोज देसाई को यह अनुमति देने का अधिकार है भी नहीं । तकनीकी आधार पर जब डिस्ट्रिक्ट ही 'डिस्ट्रिक्ट' नहीं है, तो दिनेश शर्मा भी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट नहीं हैं - और इस नाते से वह आधिकारिक रूप से इंस्टीट्यूट में शामिल होने के अधिकारी नहीं हैं । इस बात को लेकर किसी को भी न तो कोई शक है, और न शिकायत है । लेकिन इस सामान्य सी नियमपूर्ण बात को मनोज देसाई ने यह कहते हुए काफी पेचीदा बना दिया है कि गवर्नर इलेक्ट के लिए होने वाले ट्रेनिंग सेमीनार में शामिल हुए बिना दिनेश शर्मा गवर्नर आखिर कैसे बन सकेंगे ?
मनोज देसाई ने एक सामान्य सी बात को पेचीदा बना देने की जो कोशिश की है, उसके कारण डिस्ट्रिक्ट 3100 में सामान्य होती स्थितियों को ग्रहण लग गया है । डिस्ट्रिक्ट में लोगों का कहना है कि डिस्ट्रिक्ट के नॉन-डिस्ट्रिक्ट स्टेटस से बाहर आने के बाद यदि दिनेश शर्मा गवर्नर नहीं बने, तो डिस्ट्रिक्ट एक बार फिर से बबाल में फँसेगा । डिस्ट्रिक्ट में जो लोग मनोज देसाई के नजदीक हैं या जिनकी इन दिनों उनसे बातें हो रही हैं, उनके हवाले से सुनने को मिल रहा है कि मनोज देसाई दरअसल दिनेश शर्मा से बहुत ही बुरी तरह से नाराज हैं । दिनेश शर्मा ने पिछले दिनों मनोज देसाई के खिलाफ काफी कुछ बातें कहीं, जो लगता है कि मनोज देसाई तक जा पहुँची हैं - और समझा जाता है कि उन्हीं बातों के चलते मनोज देसाई ने दिनेश शर्मा को सबक सिखाने की ठान ली है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट 3100 के मामले में मनोज देसाई की भूमिका शुरू से ही आरोपों के घेरे में रही है और यहाँ के झगड़ों को हवा देकर भड़काने में उनकी भूमिका को पिछले रोटरी वर्ष के शुरू से ही चिन्हित किया जाता रहा है । कई लोगों का मानना और कहना है कि मनोज देसाई के इंटरनेशनल डायरेक्टर के पद पर रहते हुए डिस्ट्रिक्ट 3100 का मामला हल हो ही नहीं पायेगा ।
मनोज देसाई के रवैये की शिकायत सुनने वाले रोटरी इंटरनेशनल के दूसरे बड़े (भूतपूर्व) पदाधिकारियों ने हालाँकि डिस्ट्रिक्ट 3100 के लोगों को आश्वस्त करते हुए समझाया है कि डिस्ट्रिक्ट के भविष्य का फैसला मनोज देसाई को नहीं करना है, इसलिए मनोज देसाई चाहते हुए भी कोई अड़ंगा नहीं डाल पायेंगे । इन पदाधिकारियों का यह भी मानना और कहना है कि मामला इस वर्ष ही हल हो जाने की स्थिति में अगले वर्ष के गवर्नर दिनेश शर्मा ही होंगे, भले ही उनकी ट्रेनिंग न हो पाए; और इस संबंध में मनोज देसाई अपनी मनमानी नहीं चला पायेंगे । डिस्ट्रिक्ट के लोगों को यह भी बताया/समझाया गया है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद से मनोज देसाई की अब चलाचली की बेला है, तथा सी बासकर की भूमिका अब महत्त्वपूर्ण होगी - और इस कारण से मनोज देसाई के लिए अब मनमानी कर पाना संभव नहीं होगा । कुछेक बड़े नेताओं का हालाँकि यह भी कहना है कि दिनेश शर्मा को अपनी जुबान पर थोड़ा काबू रखना चाहिए और मनोज देसाई के खिलाफ अशालीन किस्म की बातें नहीं करना चाहिए; दिनेश शर्मा को समझना चाहिए कि मनोज देसाई अभी इंटरनेशनल डायरेक्टर के पद पर हैं और उनका 'काम' बिगाड़ तो सकते ही हैं । मनोज देसाई के रवैये से भी यही दिख रहा है कि वह दिनेश शर्मा को आसानी से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के पद तक नहीं पहुँचने देंगे - और उनके इस रवैये में डिस्ट्रिक्ट 3100 का मामला सुलझने की तरफ बढ़ते बढ़ते उलझता ज्यादा नजर आ रहा है ।