Friday, November 1, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में शेखर मेहता के सम्मान समारोह के निमंत्रण पत्र से डिस्ट्रिक्ट के तीनों सबसे वरिष्ठ पूर्व गवर्नर्स एसपी मैनी, एमएल अग्रवाल व केके गुप्ता तथा निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुभाष जैन को बाहर रख कर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता ने एक नए विवाद को जन्म दिया

नई दिल्ली । शेखर मेहता का इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के रूप में होने वाला सम्मान समारोह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता के लिए किस तरह निजी खुन्नस निकालने और नियम विरुद्ध मनमानी करने/दिखाने का मौका बन गया है, उसे समारोह के निमंत्रण पत्र को देख कर समझा जा सकता है । निमंत्रण पत्र में ललित खन्ना का नाम तो है, जबकि वह अभी काउंसिल ऑफ गवर्नर्स का हिस्सा नहीं हैं और उनका डीजीएनडी का पद रोटरी इंटरनेशनल के रिकॉर्ड पर नहीं है; उनके चुनाव को लेकर शिकायत दर्ज किए जाने की अवधि अभी बाकी है और शिकायत दर्ज होने पर उनका चुना जाना खतरे में पड़ सकता है  - लेकिन ललित खन्ना के ही क्लब के दो सदस्य वरिष्ठ पूर्व गवर्नर्स एमएल अग्रवाल तथा केके गुप्ता का नाम निमंत्रण पत्र में नहीं है । डिस्ट्रिक्ट के सबसे वरिष्ठ पूर्व गवर्नर एसपी मैनी तथा निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुभाष जैन का नाम भी निमंत्रण पत्र में नहीं है । हालाँकि यह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का विशेषाधिकार है कि वह किस कार्यक्रम की जिम्मेदारी किसे या किन्हें किन्हें दे; और जिम्मेदारी 'इसे' देने और 'उसे' न देने को आलोचना का आधार बनाना उचित नहीं कहा जा सकता है । लेकिन देखने की बात यह होती है कि जिम्मेदारी देने वाले पदाधिकारियों का चुनाव डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आखिर किस आधार पर करता है और जिनका चुनाव करता है उन्हें व्यावहारिक रूप में कोई तवज्जो देता है या नहीं ?
शेखर मेहता के सम्मान-समारोह के निमंत्रण पत्र में जिन लोगों के नाम हैं, उनमें से कई के पास न तो कोई जिम्मेदारी है और न उन्हें पता है कि समारोह में कैसे क्या होना है ? कुछेक लोगों ने इन पंक्तियों के लेखक से बताया है कि दीपक गुप्ता ने इस समारोह की तैयारी को लेकर उनसे कभी कोई बात नहीं की और उन्हें समारोह की तारीख, समय व जगह के बारे में अभी ही तब पता चला है, जब सभी को पता चला है । समारोह के निमंत्रण पत्र में कई नाम तो सिर्फ 'डेकोरेशन' के लिए रखे गए हैं । यद्यपि इसमें भी कोई बुराई की बात नहीं है; लेकिन बुराई की बात इस कारण से है कि डेकोरेशन की यह भला कौन सी परिभाषा है, जिसमें डिस्ट्रिक्ट के सबसे वरिष्ठ लोगों को बाहर बैठा दिया गया है ?
शेखर मेहता के सम्मान समारोह के निमंत्रण पत्र में निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुभाष जैन का नाम न होना तो लोगों को समझ में आता है । उल्लेखनीय है कि दीपक गुप्ता डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव सुभाष जैन से हारे थे, और उस हार का उन्हें तगड़ा सदमा लगा था, जिसे उनके व्यवहार में कई मौकों पर देखा गया था । कोढ़ में खाज वाली बात यह और हुई कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में दीपक गुप्ता के तौर-तरीकों की तथा उनके आयोजनों की तुलना सुभाष जैन के तौर-तरीकों व आयोजनों से होने लगी और हर तुलना में लोगों ने दीपक गुप्ता को नीचे तथा सुभाष जैन को ऊपर ही रखा तथा पाया । इसके चलते दीपक गुप्ता और जलते/भुनते रहे । दीपक गुप्ता चुनाव में सुभाष जैन को नहीं हरा सके; तौर-तरीकों व आयोजनों के मामले में वह सुभाष जैन से आगे या बेहतर साबित नहीं हुए - इसलिए संभव है कि उन्होंने सोचा होगा कि शेखर मेहता के सम्मान समारोह के निमंत्रण पत्र में सुभाष जैन का नाम न देकर वह अभी तक की सभी पराजयों का बदला सुभाष जैन से ले लेंगे और अपनी निजी खुन्नस पूरी कर लेंगे । लेकिन बेचारे एसपी मैनी, एमएल अग्रवाल और केके गुप्ता जैसे डिस्ट्रिक्ट के तीनों सबसे वरिष्ठ गवर्नर्स से दीपक गुप्ता की भला ऐसी क्या खुन्नस रही कि उन्होंने इन तीनों को न तो कोई जिम्मेदारी देने लायक समझा और न इन्हें 'डेकोरेशन' के लिए ही उपयुक्त पाया ?