Thursday, November 28, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3110 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल ने शेखर मेहता के सम्मान समारोह के जरिये डिस्ट्रिक्ट में अपनी चौधराहट जमाने/बनाने की जो योजना तैयार की है, उसके कारण वह प्रोटोकॉल का मजाक बनाने के साथ -साथ पैसे बनाने के आरोपों में भी फँसते जा रहे हैं  

अलीगढ़ । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल ने इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता के नाम पर डिस्ट्रिक्ट में अपनी चौधराहट जमाने की जो तैयारी की थी, वह उन्हें उल्टी पड़ गई है और उनके लिए फजीहत का कारण बन रही है । शेखर मेहता के सम्मान समारोह के लिए मुकेश सिंघल ने डिस्ट्रिक्ट के दूसरे पदाधिकारियों तथा वरिष्ठ सदस्यों/नेताओं से विचार-विमर्श किए बिना 19 दिसंबर की तारीख तो तय कर ली है, लेकिन अब वह रोना रो रहे हैं कि डिस्ट्रिक्ट के दूसरे पदाधिकारी और नेता उक्त कार्यक्रम के लिए सहयोग नहीं कर रहे हैं । दरअसल मुकेश सिंघल ने शेखर मेहता के सम्मान समारोह के नाम पर जो भारी-भरकम रकम इकट्ठा करने की जो तैयारी दिखाई है, उसके कारण लोगों को शक हुआ है कि मुकेश सिंघल इस समारोह के सहारे सिर्फ राजनीति ही नहीं करना चाह रहे हैं, बल्कि पैसा बनाने की कोशिश में भी हैं - और इस कारण से दूसरे पदाधिकारियों तथा नेताओं ने कार्यक्रम से दूरी बना ली है । मुकेश सिंघल मुसीबत व फजीहत से बचने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू के सामने समर्पण करने के लिए मजबूर तो हुए हैं, लेकिन खुद कन्वेनर बन कर किशोर कातरू को चेयरमैन बना कर प्रोटोकॉल का मजाक बनाने को लेकर विवाद में और गहरे धँस गए हैं । खुद उनके पक्ष के लोगों का कहना है कि मुकेश सिंघल को इतनी अक्ल तो होना ही चाहिए कि प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी होने के नाते उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के 'ऊपर' नहीं 'बैठना' चाहिए और अपने ही पक्ष के किसी पूर्व गवर्नर को कन्वेनर बनाना चाहिए था ।
मुकेश सिंघल के नजदीकियों का कहना है कि मुकेश सिंघल पहले पूर्व गवर्नर अरुण जैन को कन्वेनर बना रहे थे, लेकिन फिर अचानक से पता नहीं क्या हुआ कि उन्होंने अपना इरादा बदल लिया और खुद ही कन्वेनर बन गए । कुछ अन्य लोगों को लगता है और उनका कहना है कि मुकेश सिंघल को दरअसल डर हुआ कि वह यदि कन्वेनर और चेयरमैन में से कुछ भी नहीं बनेंगे, तो फिर कार्यक्रम में अपनी चौधराहट कैसे दिखा पायेंगे ? शेखर मेहता के सम्मान समारोह के बहाने मुकेश सिंघल असल में डिस्ट्रिक्ट के तथा बाहर के रोटेरियंस को दिखाना चाहते हैं कि डिस्ट्रिक्ट के नए चौधरी अब वह हैं - और इसीलिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी होने के बावजूद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर से ऊपर बैठ कर प्रोटोकॉल का मजाक बनाते हुए वह खुद ही कन्वेनर बन गए हैं । मुकेश सिंघल को लगता है कि इस तरह से उन्होंने कोलकाता में हुई अपनी उपेक्षा का 'बदला' ले लिया है । उल्लेखनीय है कि कोलकाता में हुए शेखर मेहता के सम्मान समारोह में देशभर के खास रोटेरियंस के बीच डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू को खासी तवज्जो मिली थी और मुकेश सिंघल की पूरी तरह से उपेक्षा हुई थी । अपने नजदीकियों के बीच मुकेश सिंघल ने इस स्थिति के लिए इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल सांघवी को जिम्मेदार ठहराया था । कोलकाता में जो हुआ था, उसका बदला लेने के लिए ही मुकेश सिंघल ने शेखर मेहता का सम्मान समारोह अपने डिस्ट्रिक्ट में अपनी चौधराहट में करने की योजना बनाई; और डिस्ट्रिक्ट 3011 में हुए सम्मान समारोह में शेखर मेहता जब दिल्ली पहुँचे हुए थे, तब उन्होंने 19 दिसंबर की तारीख अपने डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के रूप में उनके सम्मान समारोह के लिए तय करवा ली ।
मुकेश सिंघल ने शेखर मेहता से तारीख तो ले ली और कार्यक्रम की तैयारी भी शुरू कर दी; लेकिन तैयारियाँ शुरू करने के साथ ही वह मुसीबत में फँसते जा रहे हैं । उनके नजदीकियों के अनुसार ही, पहले उन्होंने पूर्व गवर्नर आईएस तोमर के साथ मिलकर कार्यक्रम करने की योजना बनाई थी, और उन्हें कार्यक्रम का मुख्य संरक्षक बना लिया; किंतु जल्दी ही उन्हें समझ में आ गया कि आईएस तोमर को ज्यादा तवज्जो देने से डिस्ट्रिक्ट के दूसरे, खासकर सत्ताधारी पूर्व गवर्नर्स का सहयोग उन्हें नहीं मिलेगा । इसलिए, जैसा कि निमंत्रण पत्र में दिख रहा है, मुख्य संरक्षक होने के बावजूद आईएस तोमर का नाम उन्होंने फिलिसिटेशन कमेटी के सदस्यों की सूची में डाल दिया । मुकेश सिंघल को यह भी समझ में आया कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर को इग्नोर करके उनके लिए कार्यक्रम कर पाना संभव नहीं होगा, और तब वह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के सामने समर्पण करने तथा कार्यक्रम में उन्हें शामिल करने के लिए मजबूर हुए । दोनों ही मामलों में प्रोटोकॉल की ऐसीतैसी करने के लिए उन्हें अपनों और परायों की जोरदार आलोचना सुननी/सहनी पड़ रही है । मुकेश सिंघल की इससे भी बड़ी फजीहत तब हुई जब शेखर मेहता के सम्मान समारोह के लिए उन्होंने प्रत्येक क्लब से 50/50 हजार रुपए सहयोग राशि के रूप में माँगे । अलीगढ़ में आयोजित हुए रोटरी डिस्ट्रिक्ट फाउंडेशन सेमीनार में मुकेश सिंघल द्वारा की गई इस माँग पर लोगों के बीच तीखी प्रतिक्रिया हुई; और लोगों के बीच आवाजें सुनी गईं कि शेखर मेहता के सम्मान समारोह के बहाने मुकेश सिंघल ने क्या अपनी जेब भरने की भी तैयारी कर ली है ? कई क्लब्स के पदाधिकारी कहते सुने गए हैं कि शेखर मेहता के सम्मान समारोह के नाम पर मुकेश सिंघल जो कर रहे हैं, वह संदेहास्पद है और इसलिए वह तो 50 हजार रुपए नहीं देंगे । शेखर मेहता के सम्मान समारोह को लेकर मुकेश सिंघल जिस तरह से चौतरफा मुसीबतों में घिर गए हैं तथा फजीहत का शिकार हो रहे हैं, उसे देखते हुए उनके नजदीकियों को ही लग रहा है कि मुकेश सिंघल ने शेखर मेहता के सम्मान समारोह के जरिये डिस्ट्रिक्ट में अपनी चौधराहट जमाने/बनाने की जो योजना तैयार की थी, वह तो धूल में मिलती नजर आ रही है ।