Friday, November 1, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3011 में शेखर मेहता के सम्मान में होने वाले समारोह की बागडोर रंजन ढींगरा को मिलने से भड़के विनोद बंसल ने समारोह की तैयारी के लिए होने वाली बैठक का बहिष्कार किया; जिसके बाद उनके समारोह को फेल करने की कोशिशों में जुटने की बात फैली

नई दिल्ली । विनोद बंसल की नाराजगी और विरोधी तेवरों के चलते 8 नवंबर को होने वाला इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता का सम्मान समारोह मुसीबत में पड़ता/फँसता नजर आ रहा है । विनोद बंसल हालाँकि समारोह की तैयारी कमेटी के चेयरमैन हैं, लेकिन उनकी शिकायत है कि समारोह की तैयारी से उन्हें अलग-थलग कर दिया गया है और तैयारी का सारा काम कन्वेनर रंजन ढींगरा तथा एडवाईजर सुरेश जैन ने हथिया लिया है और सारा प्रोग्राम यही दोनों तय कर रहे हैं । प्रोग्राम तय करने को लेकर तैयारी कमेटी व रिसेप्शन कमेटी के सदस्यों की हाल ही में हुई बैठक में विनोद बंसल इतने तमतमाए कि जोर से 'आय एम् नॉट इंटरेस्टिंग' कहते हुए बैठक को बीच में ही छोड़ कर चले गए । मजे की बात यह रही कि बैठक में शामिल सदस्यों को यही समझ में नहीं आया कि विनोद बंसल आखिर भड़के किस बात पर हैं । किसी ने उनकी नाराजगी का कारण पूछने की कोशिश भी की, लेकिन उन्होंने किसी को बोलने का मौका ही नहीं दिया और जोर जोर से बोलते हुए बैठक छोड़ कर चले गए । बैठक में मौजूद सदस्यों को यह तो समझ में आया कि विनोद बंसल समारोह की तैयारी से अलग-थलग किए जाने की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हुआ कि तैयारी से जुड़ा ऐसा कौन सा काम कर लिया गया, जिसमें विनोद बंसल अपनी भागीदारी चाहते थे - और जिसके न मिलने पर वह इतना भड़क गए कि तैयारी पर बात करने के लिए हो रही बैठक को बीच में ही छोड़ कर - एक तरह से उसका बायकाट करके - निकल गए । डिस्ट्रिक्ट में लोगों के बीच यह चर्चा भी सुनी गई है कि विनोद बंसल अब उक्त समारोह को विफल करने की तैयारी में जुट गए हैं; और इसके लिए एक तरफ तो उन्होंने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर सुरेश भसीन को यह कहते हुए भड़काना शुरू किया है कि वह समारोह में दिलचस्पी क्यों ले रहे हैं, उन्हें इससे क्या मिलेगा - और दूसरी तरफ निवर्त्तमान डिस्ट्रिक्ट गवर्नर विनय भाटिया को उन्होंने यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी है कि फरीदाबाद से समारोह के लिए ज्यादा रजिस्ट्रेशन न हों । विनोद बंसल को लगता है कि शेखर मेहता के सम्मान समारोह में लोगों की ज्यादा भागीदारी नहीं होगी, तो समारोह विफल माना जायेगा और इससे साबित होगा कि समारोह को सफल करने/बनाने का हुनर तो सिर्फ उनके पास है ।
लोगों के बीच की चर्चाओं के अनुसार, विनोद बंसल एक तरफ तो शेखर मेहता के सम्मान समारोह को विफल करने के प्रयासों में लगे हैं, और दूसरी तरफ समारोह की तैयारी कमेटी के चेयरमैन पद को बचाने का प्रयास भी कर रहे हैं । दरअसल विनोद बंसल जिस तरह से नाराजगी दिखाते हुए तैयारी कमेटी व रिसेप्शन कमेटी की बैठक का बायकाट करके गए, उसे देखते हुए बैठक में विचार आया कि विनोद बंसल जब खुद कह गए हैं कि वह समारोह में 'इंट्रेस्टेड' नहीं हैं, तब फिर उन्हें चेयरमैन बनाये रखने का क्या फायदा - उनकी जगह किसी और को चेयरमैन बनाया जाए । अधिकतर कमेटी सदस्यों ने लेकिन जल्दबाजी में इस तरह का फैसला न करने का सुझाव दिया । विनोद बंसल को जब यह बात पता चली तो उन्होंने कमेटी के वरिष्ठ सदस्यों से संपर्क साधा । उनकी क्या बातें हुईं, यह तो किसी को नहीं पता चला, लेकिन समझा जाता है कि उन्होंने चेयरमैन पद को बचाने का ही प्रयास किया है । विनोद बंसल के नजदीकियों का कहना है कि विनोद बंसल ने गुस्से में बैठक का बहिष्कार तो कर दिया और तैश में यह बोल आये कि 'आय एम् नॉट इंटरेस्टिंग' - लेकिन चेयरमैन का पद वह नहीं खोना चाहते हैं । समझा जाता है कि विनोद बंसल समारोह की बागडोर पूरी तरह अपने हाथ में रखना चाहते थे, लेकिन जो संभव नहीं हो सका, और इसीलिए वह नाराज हो गए हैं । उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष सुशील गुप्ता के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के रूप में हुए सम्मान समारोह की बागडोर विनोद बंसल के हाथ में थी, और - आरोपों के अनुसार - उन्होंने खूब मनमानी की थी तथा अन्य किसी को कोई तवज्जो नहीं दी थी । पिछले वर्ष के उसी अनुभव को याद रखते हुए डिस्ट्रिक्ट के पूर्व गवर्नर्स इस बार तैयार थे और उन्होंने विनोद बंसल के लिए ऐसा कोई मौका नहीं छोड़ा कि वह अपनी मनमानी कर सकें । विनोद बंसल दरअसल इसी बात से बुरी तरह बौखलाए हुए हैं । 
विनोद बंसल को सबसे तगड़ा झटका यह लगा कि वह विनय भाटिया को कमेटी में कोई जगह नहीं दिलवा सके । वह विनय भाटिया को को-चेयरमैन या को-कन्वेनर बनवाना चाहते थे । को-कन्वेनर पद पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी अनूप मित्तल की नियुक्ति का उन्होंने खूब विरोध किया । इसके लिए उन्होंने यहाँ तक तर्क दिया कि गवर्नर नॉमिनी के रूप में अनूप मित्तल तो प्रोटोकॉल में ही नहीं आते हैं, इसलिए उन्हें किसी भी कमेटी में कैसे रखा जा सकता है । उनके इस तर्क को लेकिन सुना नहीं गया । शेखर मेहता के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी के रूप में होने वाले सम्मान समारोह की बागडोर अपने हाथ में रख कर विनोद बंसल दरअसल यह दिखाना/जताना चाहते थे कि अपने डिस्ट्रिक्ट में उनकी अच्छी धाक है । समारोह की बागडोर लेकिन रंजन ढींगरा को मिल जाने से विनोद बंसल को दोहरा झटका लगा - रोटरी में लोगों के बीच एक संदेश तो यह गया कि अपने ही डिस्ट्रिक्ट में विनोद बंसल को तवज्जो नहीं मिल रही है, और दूसरा संदेश यह गया कि डिस्ट्रिक्ट में उनकी बजाये रंजन ढींगरा को तवज्जो है । रंजन ढींगरा भी चूँकि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद की दौड़ में हैं, इसलिए रंजन ढींगरा को तवज्जो मिलना - विनोद बंसल के लिए खासी फजीहत वाली स्थिति है । कोढ़ में खाज वाली बात यह हुई कि समारोह में एमओसी (मास्टर ऑफ सेरेमनी) की जिम्मेदारी भी रंजन ढींगरा को मिल गई है । विनोद बंसल इससे और उखड़ गए । एमओसी पद पर उनकी निगाह थी । समारोह की तैयारी से जुड़े डिस्ट्रिक्ट के लीडर्स लेकिन इस बार पूरी तैयारी से थे और विनोद बंसल को कोई बढ़त नहीं देना चाहते थे । उनकी तरफ से सुना गया है कि विनोद बंसल अति-महत्त्वाकांक्षी हैं और सब कुछ पाना चाहते हैं; वह चेयरमैन पद से संतुष्ट नहीं है - वह वास्तव में मैक्सीमम को मिनिमम ही समझते हैं । विनोद बंसल की 'दशा' पर एक वरिष्ठ पूर्व गवर्नर ने एक किस्सा सुनाया : 
'एक महिला अपने छोटे बच्चे को गोद में लेकर समुद्र के किनारे थी, कि एक तेज लहर आई 
और उसके बच्चे को गोद से छीन कर बहा ले गई । महिला ने रोना-चिल्लाना शुरू किया और 
ईश्वर से गुहार लगाना शुरू किया कि तभी एक और तेज लहर आई 
और उसका बच्चा वापस उसकी गोद में आ गया । महिला खुश हुई और ईश्वर को 
शुक्रिया कहने ही वाली थी कि उसने देखा कि बच्चे के सर पर जो टोपी थी, 
वह नहीं है । तब शुक्रिया कहने की बजाये उसने यह कहते हुए
ईश्वर के प्रति नाराजगी दिखाई कि अच्छा, टोपी तूने मार ली ।' 
किस्सा सुना कर वरिष्ठ पूर्व गवर्नर का कहना है कि किस्से वाली महिला की तरह विनोद बंसल को इस बात की संतुष्टि नहीं है कि वह चेयरमैन बने हैं, वह दूसरी 'चीजें' न मिलने से दुखी और नाराज हैं तथा कमेटी के लोगों को कोस रहे हैं । शेखर मेहता के सम्मान समारोह को फेल करने की विनोद बंसल की तैयारी की बातों ने सम्मान समारोह को लेकिन मुसीबत में फँसा दिया है ।