Monday, November 25, 2019

रोटरी इंडिया सेन्टेंनियल समिट की ऑर्गेनाइजिंग कमेटी में अनिरुद्ध राय चौधरी को ज्वाइंट चेयरमैन तथा मुकेश अरनेजा को वाइस चेयरमैन बना कर शेखर मेहता व कमल सांघवी ने विनोद बंसल को 'कट डाउन टू साइज' करने का काम किया है क्या ?

नई दिल्ली । डिस्ट्रिक्ट 3012 के पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मुकेश अरनेजा को फरवरी में होने जा रहे रोटरी इंडिया सेन्टेंनियल समिट की ऑर्गेनाइजिंग कमेटी में वाइस चेयरमैन का पद देकर कन्वेनर कमल सांघवी ने कमेटी के चेयरमैन विनोद बंसल के 'पर कतरने' की व्यवस्था की है क्या ? उल्लेखनीय है कि कमेटी में कई वाइस चेयरमैन पहले से ही नियुक्त हैं; लोगों के बीच चर्चा यह है कि कमल सांघवी यदि सचमुच मुकेश अरनेजा की क्षमताओं से परिचित और प्रभावित हैं, तो उन्हें सबसे पहले मुकेश अरनेजा को ही वाइस चेयरमैन बनाना चाहिए था - लेकिन कमेटी का काम काफी आगे बढ़ जाने के बाद उन्हें जिस तरह 'अचानक' से मुकेश अरनेजा को वाइस चेयरमैन बनाने का ख्याल आया है, उससे लगता है कि मुकेश अरनेजा को वाइस चेयरमैन बनाने के पीछे उनका उद्देश्य 'कुछ और' है । इस 'कुछ और' में विनोद बंसल के पर कतरने को देखा/पहचाना जा रहा है । यह इसलिए भी देखा/पहचाना जा रहा है, क्योंकि मुकेश अरनेजा को वाइस चेयरमैन पद पर नियुक्ति का पत्र रिलीज करने से पहले कोलकाता में हुई कमेटी की मीटिंग में विनोद बंसल ने जब कुछ ज्यादा 'चेयरमैनी' दिखाने की कोशिश की थी, तब कमल सांघवी ने उन्हें हड़काया था और उनके व्यवहार पर आपत्ति की थी । उसी मीटिंग में, रजिस्ट्रेशन बढ़वाने के विनोद बंसल के प्रयासों को भी कमल सांघवी ने सफल नहीं होने दिया था । यहाँ यह ध्यान रखना भी प्रासंगिक होगा कि विनोद बंसल और मुकेश अरनेजा के बीच राजनीतिक बैर की बात रोटेरियंस पदाधिकारियों व नेताओं के लिए कोई दबी-छिपी बात नहीं है ।
दरअसल विनोद बंसल की स्थिति उस दूल्हे की तरह की हो गई है, जिसे सजा-धजा कर और मुकुट पहना कर बग्घी पर तो बैठा दिया जाता है, लेकिन बारात में उसकी परवाह कोई नहीं करता और वह बेचारा सबसे पीछे अकेला बारात के आगे बढ़ने का इंतजार करता रहता है । अभी हाल ही में, उनके अपने डिस्ट्रिक्ट में इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता के हुए स्वागत-सम्मान समारोह की ऑगेनाइजिंग कमेटी के वह चेयरमैन तो बना दिए गए थे, लेकिन समारोह की तैयारी से तथा उसके आयोजन से उन्हें अलग-थलग ही रखा गया था - जिस पर उन्होंने खुलकर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की थी । फरवरी में कोलकाता में होने जा रहे रोटरी इंडिया सेन्टेंनियल समिट की तैयारी में भी उनके साथ वैसा ही मजाक हो रहा है । समिट की ऑगेनाइजिंग कमेटी के वह चेयरमैन तो बना दिए गए हैं, लेकिन नियुक्तियों से लेकर समिट की व्यवस्था के सभी फैसले कमल सांघवी ही कर रहे हैं, और इसलिए ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के बाकी पदाधिकारी भी उन्हें कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं । विनोद बंसल को जोर का झटका यह भी लगा है कि डिस्ट्रिक्ट 3291 के पूर्व गवर्नर अनिरुद्ध राय चौधरी को कोलकाता में होने जा रहे रोटरी इंडिया सेन्टेंनियल समिट की तैयारी में पहले को-चेयरमैन बनाया गया था, लेकिन उन्हें प्रोमोट करके अब ज्वाइंट चेयरमैन बना दिया गया है और इस तरह उन्हें अब विनोद बंसल के 'नीचे' नहीं, बल्कि 'बराबर' में बैठा दिया गया है ।
रोटरी इंडिया सेन्टेंनियल समिट के चेयरमैन के रूप में विनोद बंसल के साथ यह जो 'खेल' हो रहा है, उसे उनकी फजीहत के रूप में देखा/पहचाना जा रहा है; और इसे देख/पहचान कर उनके शुभचिंतकों को लग रहा है कि इस तरह से फजीहत करवाने से अच्छा है कि विनोद बंसल चेयरमैन से इस्तीफा दे दें । उल्लेखनीय है कि विनोद बंसल और उनके शुभचिंतकों ने सोचा तो यह था कि सेन्टेंनियल समिट के चेयरमैन के रूप में उन्हें अपने आपको शेखर मेहता का सबसे करीबी दिखाने का मौका मिलेगा, लेकिन हो उल्टा रहा है और दिख यह रहा है कि जैसे शेखर मेहता ने कमल सांघवी को हरी झंडी दे दी है कि वह जैसे चाहें वैसे विनोद बंसल का तमाशा बनाएँ । उल्लेखनीय है कि सेन्टेंनियल समिट का कार्यक्रम शेखर मेहता को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से पिछले वर्ष तब बना था, जब सुशील गुप्ता इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी थे । स्थिति वही होती, तो इस आयोजन का ज्यादा जलवा नहीं होता और यह एक सामान्य कार्यक्रम ही होता । इसीलिए इस कार्यक्रम में तब किसी की दिलचस्पी नहीं थी । सुशील गुप्ता ने तब विनोद बंसल को जबर्दस्ती इसका चेयरमैन बना दिया था । विनोद बंसल ने भी बेमन से इसे स्वीकार कर लिया था । लेकिन स्थिति बदली तो कार्यक्रम का महत्त्व भी बढ़ गया और विनोद बंसल भी चेयरमैन के रूप में बम बम करने लगे । लोगों को लग रहा है कि यह देख कर शेखर मेहता व कमल सांघवी को विनोद बंसल को 'कट डाउन टू साइज' करना जरूरी लगा है, और तरह तरह से उन्हें नीचा दिखाने और उनकी फजीहत करने का खेल शुरू हो गया ।
यह खेल मुकेश अरनेजा को अचानक से वाइस चेयरमैन बनाने की कार्रवाई से और गंभीर हो गया है । मुकेश अरनेजा के नजदीकी ही लोगों को बता रहे हैं कि चेयरमैन के रूप में विनोद बंसल ने जिस गुपचुप तरीके से अपने डिस्ट्रिक्ट के अपने नजदीकी पूर्व गवर्नर विनय भाटिया को ट्रेजरर बना लिया है, उससे उनकी भूमिका संदेहास्पद हो गई है और उनकी भूमिका पर निगाह रखने के लिए ही मुकेश अरनेजा को वाइस चेयरमैन बनाया गया है । मुकेश अरनेजा के नजदीकी लोगों को ध्यान दिला रहे हैं कि विनय भाटिया पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में हिसाब-किताब में गड़बड़ी करने के आरोप रहे हैं, जिन पर डिस्ट्रिक्ट ट्रेनर होने के बावजूद विनोद बंसल चुप बने रहे थे; इसके अलावा, विनोद बंसल पर रवि चौधरी के गवर्नर वर्ष के हिसाब-किताब की गड़बड़ियों पर भी पर्दा डालने के आरोप रहे हैं । मुकेश अरनेजा के नजदीकियों का कहना है कि उन्हीं आरोपों को देखते हुए विनोद बंसल व विनय भाटिया की जोड़ी को मनमानी न करने देने के उद्देश्य से मुकेश अरनेजा को वाइस चेयरमैन बनाया गया है । मुकेश अरनेजा के नजदीकियों का ऐसा कहना यदि सच है तो माना जा रहा है कि रोटरी इंडिया सेन्टेंनियल समिट के मामले में अभी और दिलचस्प नज़ारे देखने को मिलेंगे ।