Wednesday, November 20, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में इंटरनेशनल डायरेक्टर बनने की तैयारी कर रहे रमेश अग्रवाल को बद्तमीजीपूर्ण हरकतों के कारण क्लब से निकाले जाने का नोटिस मिला

नई दिल्ली । इंटरनेशनल डायरेक्टर बनने की दौड़ में शामिल होने की कोशिश कर रहे पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रमेश अग्रवाल फिलबक्त अपने क्लब - रोटरी क्लब दिल्ली अशोका में अपनी सदस्यता बचाने की लड़ाई में फँसे हुए हैं । रमेश अग्रवाल अपने क्लब के सदस्यों को समझाने में लगे हुए हैं कि क्लब के मौजूदा प्रेसीडेंट राकेश जैन तथा प्रेसीडेंट इलेक्ट मनोज अग्रवाल उन्हें क्लब से निकालने के षड्यंत्र में लगे हैं । क्लब के सदस्यों को मदद के लिए पुकार कर रमेश अग्रवाल ने क्लब के सदस्यों के बीच विभाजन पैदा कर दिया है, और क्लब को फूट के कगार पर पहुँचा दिया है । हालाँकि क्लब के वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि रमेश अग्रवाल की बदतमीजियों से क्लब के अधिकतर सदस्य परेशान हो चुके हैं और इस बार रमेश अग्रवाल को उनकी कोई भी तिकड़म बचा नहीं पाएगी और वह अपने आप को क्लब से बाहर ही पायेंगे; उनका दावा है कि अधिकतर सदस्य रमेश अग्रवाल की असलियत समझ गए हैं, और अब कोई भी रमेश अग्रवाल के झाँसे में नहीं आयेगा । क्लब के अन्य कुछेक सदस्यों का भी कहना/बताना है कि रमेश अग्रवाल के मामले को लेकर क्लब के अधिकतर सदस्य प्रेसीडेंट राकेश जैन के साथ हैं और पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर होने के बावजूद रमेश अग्रवाल को बस दो-चार सदस्यों का ही समर्थन प्राप्त है ।
रोटरी क्लब दिल्ली अशोका के सदस्यों के अनुसार, रमेश अग्रवाल को क्लब के प्रेसीडेंट की तरफ से कारण बताओ नोटिस मिला हुआ है, जिसमें उनसे पूछा गया है कि क्लब के पदाधिकारियों से बदतमीजी करने के मामले में क्यों न क्लब की उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया जाए ? इस नोटिस का जबाव देने की बजाये रमेश अग्रवाल क्लब के सदस्यों को प्रेसीडेंट के खिलाफ भड़काने में लग गए हैं । रमेश अग्रवाल नोटिस देने की कार्रवाई को नियम-विरुद्ध बताते हुए अपने आप को बचाने का प्रयास कर रहे हैं । रमेश अग्रवाल ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दीपक गुप्ता से भी गुहार लगाई हुई है कि वह प्रेसीडेंट पर दबाव बना कर आगे कार्रवाई होने से रोकें और उन्हें बचाएँ । प्रेसीडेंट का क्लब के सदस्यों से कहना है कि वह लगातार रमेश अग्रवाल की बदतमीजियों को झेलते रहे हैं, और कोशिश करते रहे हैं कि वह रमेश अग्रवाल के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई न करें - लेकिन रमेश अग्रवाल ने प्रेसीडेंट इलेक्ट के साथ भी बदतमीजी करके दिखा दिया है कि क्लब के पदाधिकारियों के साथ बदतमीजी करना वह अपना अधिकार समझने लगे हैं और वह क्लब के पदाधिकारियों के लिए स्थाई खतरा बन गए हैं - इसलिए यह क्लब के हित में है कि उन्हें क्लब से निकाल दिया जाए ।
उल्लेखनीय है कि रमेश अग्रवाल क्लब को मिलने वाले विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर तथा महत्त्व के फैसलों पर अपना 'कब्जा' रखना चाहते हैं और इसके लिए तरह तरह से क्लब के पदाधिकारियों को दबा कर रखते हैं । पिछले रोटरी वर्ष के अंतिम दिनों में एक बड़े प्रोजेक्ट के शुरुआती कार्यक्रम में वह जिस मनमाने तरीके से अपनी पत्नी के साथ 'आगे' आ बैठे थे, उसे लेकर क्लब में भारी बबाल हुआ और उक्त प्रोजेक्ट ही अधर में लटक गया था । सिर्फ यही नहीं, उस बबाल और फजीहत के चलते अशोक जैन को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए उम्मीदवार बनाने की घोषणा से भी रमेश अग्रवाल को पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा था । उस बबाल और फजीहत के लिए रमेश अग्रवाल ने राकेश जैन को जिम्मेदार माना था, और तभी से रमेश अग्रवाल उनके साथ तरह तरह से बदतमीजी करते रहे हैं । राकेश जैन तो किसी तरह रमेश अग्रवाल की हरकतों को अनदेखा करते रहे, लेकिन अभी हाल ही में रमेश अग्रवाल ने जब प्रेसीडेंट इलेक्ट मनोज अग्रवाल के साथ भी बदतमीजी की, तब मामला बिगड़ गया और राकेश जैन पर दबाव बना कि वह रमेश अग्रवाल के खिलाफ कार्रवाई करें । रमेश अग्रवाल को विश्वासपूर्ण घमंड रहा कि क्लब में जिस तरह से अभी तक उनकी बदतमीजियाँ चलती रही हैं, और कोई भी प्रेसीडेंट उनके खिलाफ कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं कर सका है, वैसे ही राकेश जैन भी हिम्मत नहीं कर सकेंगे । लेकिन राकेश जैन ने उन्हें क्लब से निकालने का नोटिस थमा कर उनके घमंड को तोड़ दिया है । ऐसे में, रमेश अग्रवाल को क्लब से निकाले जाने से बचने के लिए क्लब के सदस्यों की खुशामद में जुटना पड़ा है । देखना दिलचस्प होगा कि क्लब  सदस्यों की खुशामद करके रमेश अग्रवाल अपने क्लब में बने रहने का जुगाड़ कर लेंगे, या फिर उन्हें दूसरे किसी क्लब में शरण लेना पड़ेगी ।