Thursday, December 5, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए सत्ता के समर्थन के बावजूद प्रियतोष गुप्ता की पतली हालत तथा दूसरे संभावित उम्मीदवारों की कमजोरियों के बीच रमनीक तलवार को अपना मौका बनता दिख रहा है 

गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में प्रियतोष गुप्ता को पहचान के संकट से जूझता देख रमनीक तलवार को अपनी उम्मीदवारी के लिए मौका बनता नजर आ रहा है, और उन्होंने इस मौके का राजनीतिक फायदा उठाने की तैयारी शुरू कर दी है । रमनीक तलवार के नजदीकियों का मानना और कहना है कि रमनीक तलवार को भी यह बात अच्छे से पता है कि डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले रोटेरियंस के बीच उनकी उम्मीदवारी के प्रति समर्थन का भाव अभी नहीं है; लेकिन इस तथ्य से वह निराश इसलिए नहीं हैं क्योंकि हर संभावित उम्मीदवार की स्थिति उनके जैसी ही है - और इस बात ने उन्हें यकीन दिया/दिलाया है कि भले ही अभी हालात उनके अनुकूल नहीं हैं, लेकिन हालात को अनुकूल बनाया जा सकता है । रमनीक तलवार को यह यकीन प्रियतोष गुप्ता की स्थिति को देख/जान कर भी हुआ है । दरअसल संभावित उम्मीदवारों में प्रियतोष गुप्ता ही अकेले ऐसे उम्मीदवार हैं, जिन्हें सत्ता का समर्थन भी मिलता दिख रहा है और जिन्होंने अपनी तरफ से भी एक उम्मीदवार के रूप में गंभीरता से काम करना शुरू किया है; लेकिन इसके बावजूद वह अभी भी लोगों के बीच पहचान बनाने में असफल रहे हैं और हाल-फिलहाल में आयोजित हुए क्लब्स के आयोजनों में उन्हें अलग-थलग ही देखा/पाया गया है । 
प्रियतोष गुप्ता संभावित उम्मीदवारों में अकेले हैं, जिन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद का चुनाव करवाने वाले भावी डिस्ट्रिक्ट गवर्नर आलोक गुप्ता ने अपनी टीम में प्रमुख पद दिया है; और उसी प्रमुख पद के चलते प्रियतोष गुप्ता को आलोक गुप्ता के पेम वन तथा पेम टू में ऐसी भूमिकाएँ मिलीं, जिन्हें निभाते हुए उन्हें लोगों के बीच 'दिखने' का मौका मिला । किसी भी उम्मीदवार को ऐसे मौके बहुत से लाभ पहुँचाते हैं - एक बड़ा लाभ उसे यह मिलता है कि उसे डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का नजदीकी मान लिया जाता है और इस तरह डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के साथ रहने वाले लोगों का समर्थन उसे खुद-ब-खुद मिल जाता है । प्रियतोष गुप्ता को भी यह लाभ मिलने का माहौल बना - लेकिन देखने में यह आ रहा है कि यह 'लाभ' ही प्रियतोष गुप्ता के लिए मुसीबत बन गया है । दरअसल प्रियतोष गुप्ता जैसे ही आलोक गुप्ता के उम्मीदवार के रूप में दिखना शुरू हुए, वैसे ही डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के दूसरे नेता प्रियतोष गुप्ता के खिलाफ हो गए नजर आ रहे हैं, जिनमें ऐसे नेता भी हैं जिन्हें पहले प्रियतोष गुप्ता के समर्थक के रूप में देखा/पहचाना जा रहा था । प्रियतोष गुप्ता के एक बड़े समर्थक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी अशोक अग्रवाल तो इतना नाराज हुए हैं कि प्रियतोष गुप्ता को सबक सिखाने के लिए उन्होंने अपने क्लब के वरिष्ठ सदस्य सुरेंद्र शर्मा को ही उम्मीदवार बना दिया है । क्लब के सदस्यों का हालाँकि कहना है कि सुरेंद्र शर्मा उम्मीदवार बने नहीं रह पायेंगे और उनकी उम्मीदवारी तो अशोक अग्रवाल ने सिर्फ प्रियतोष गुप्ता को अपनी नाराजगी का अहसास करवाने के लिए प्रस्तुत करवाई है । 
रोटरी क्लब सोनीपत सिटी के चार्टर प्रेसीडेंट दीपक गुप्ता ने भी अपनी उम्मीदवारी के लिए माहौल देखना/बनाना शुरू किया है, लेकिन इसके साथ ही उनकी देख/रेख में बनने/चलने वाले रोटरी ब्लड बैंक से जुड़े मामले जिस तरह से सिर उठाने लगे हैं - उसके कारण अपनी उम्मीदवारी को बनाये रख पाना उनके लिए मुश्किल माना जा रहा है । उल्लेखनीय है कि ब्लड बैंक के चक्कर में सतीश सिंघल ने जब से अपना गवर्नर पद खोया है, तभी से सोनीपत सिटी के ब्लड बैंक के कामकाज पर लोगों की पैनी नजर है, और कामकाज से जुड़े कई मामलों को संदेह की नजर से देखा जा रहा है । लोगों का मानना और कहना है कि ब्लड बैंक से जुड़े मामले जब आरोपों की शक्ल में उठेंगे, तब हर कोई दीपक गुप्ता की उम्मीदवारी के समर्थन से बचने की कोशिश करेगा और तब दीपक गुप्ता के लिए उम्मीदवार बने रहना मुश्किल ही होगा । ऐसे में, रमनीक तलवार को लगता है कि प्रियतोष गुप्ता के मुकाबले दूसरे उम्मीदवार वही हो सकते हैं । दूसरे लोगों को भी लगता है कि रमनीक तलवार चूँकि कई एक डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स के चुनाव अभियान से जुड़े रहे हैं, इसलिए चुनावी राजनीति के समीकरण बनाने का उन्हें अच्छा अनुभव है । लोगों को लगता है कि उन्हीं अनुभवों का इस्तेमाल करते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के दूसरे संभावित उम्मीदवारों की कमजोरियाँ के बीच वह अपनी उम्मीदवारी के लिए मौका बना सकते हैं । लोगों की इस प्रतिक्रिया ने भी रमनीक तलवार को विश्वास दिलाया है कि अभी भले ही हालात उनके अनुकूल न हों, लेकिन जब वह चुनाव अभियान शुरू करेंगे तब हालात उनके अनुकूल होने लगेंगे और कई कारणों से उन्हें उन नेताओं का भी समर्थन मिलने लगेगा, जो अभी उनके साथ नहीं हैं ।