Monday, December 16, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3012 में डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन के रूप में प्रियतोष गुप्ता की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के लिए अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने की कोशिशें आलोचना व विरोध का कारण बन रही हैं

गाजियाबाद । डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन के रूप में प्रियतोष गुप्ता की भूमिका को लेकर आलोचना व विरोध की आवाजें उठने तथा तेज होने लगी हैं, और इन आवाजों की आँच ने प्रियतोष गुप्ता को उक्त बड़े पदाधिकारी के रूप में अपनी टीम में रखने का फैसला करने वाले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट आलोक गुप्ता को भी अपनी ज़द में लेना शुरू कर दिया है । रोटरी के बड़े नेताओं व पदाधिकारियों तक डिस्ट्रिक्ट के आधिकारिक आयोजनों में प्रियतोष गुप्ता की अति-सक्रियता को लेकर शिकायतें पहुँचने लगी हैं । किसी को कोई शक नहीं है कि यह प्रियतोष गुप्ता के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार होने की वजह से ही हो रहा है । आरोप सुने/सुनाये जा रहे हैं कि प्रियतोष गुप्ता डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन पद का फायदा उठा कर अपनी उम्मीदवारी का प्रचार कर रहे हैं । 'पहले अंडा या पहले मुर्गी' की तर्ज पर डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच यह मजेदार बहस है कि प्रियतोष गुप्ता पहले  डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन बने या उम्मीदवार बने - दरअसल प्रियतोष गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों का कहना है कि प्रियतोष गुप्ता तो डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन की जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहे हैं, और ऐसा करते हुए वह यदि लोगों के सामने/बीच 'दिख' रहे हैं और इससे उन्हें उम्मीदवार के रूप में फायदा मिल रहा है तो इसमें आरोप वाली बात भला क्या है ?
डिस्ट्रिक्ट के अधिकतर लोगों का कहना लेकिन यह है कि प्रियतोष गुप्ता डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन बने/बनाये ही इसलिए हैं, ताकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पद के उम्मीदवार के रूप में उन्हें फायदा मिले । वह यदि उम्मीदवार नहीं 'होते', तो कदापि डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन नहीं बनते/बनाये जाते । इसलिए वह पहले उम्मीदवार बने और उम्मीदवार के रूप में फायदा उठा सकें, इसलिए डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन बने/बनाये गए । लोगों का कहना है कि जैसा कि नाम से जाहिर होता है, डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन के रूप में उनका काम डिस्ट्रिक्ट में व्यवस्था बनाये रखने के काम में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर की मदद करने का है; लेकिन वह तरह तरह के बहाने से मंच पर आने/दिखने का तथा लोगों से मिलने/जुलने का मौका बना लेते हैं । लोगों को लगता है कि इससे प्रियतोष गुप्ता को दो फायदे एक साथ मिलते हैं - एक तो उन्हें डिस्ट्रिक्ट के पदाधिकारी के रूप में लोगों के बीच दिखने तथा उनसे मिलने-जुलने के अवसर मिलते हैं, और दूसरा फायदा यह कि लोगों के बीच उन्हें डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के उम्मीदवार के रूप में पहचान मिलने लगती है ।
प्रियतोष गुप्ता को मिलने वाले यह फायदे डिस्ट्रिक्ट के कई खास और आम लोगों को अलग अलग कारणों से खटक रहे हैं । डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के खिलाड़ी नेता प्रियतोष गुप्ता को मिलने वाले इन फायदों में डिस्ट्रिक्ट गवर्नर इलेक्ट आलोक गुप्ता को 'घेरने' का मौका देख/पा रहे हैं । दरअसल इस नाते भी प्रियतोष गुप्ता को मिला डिस्ट्रिक्ट डायरेक्टर एडमिनिस्ट्रेशन का पद तथा इस पद की आड़ में अपनी उम्मीदवारी के पक्ष में उनके द्वारा चलाया जा रहा अभियान आलोचना व शिकायत का कारण बन रहा है ।