नई दिल्ली । इंस्टीट्यूट के निवर्त्तमान प्रेसीडेंट नवीन गुप्ता को मुंबई में होने वाली इंस्टीट्यूट की इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में कोई तवज्जो न मिलने के चलते इंस्टीट्यूट के वाइस प्रेसीडेंट अतुल गुप्ता को खासी आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है । नवीन गुप्ता के नजदीकियों का कहना है कि अतुल गुप्ता को जब वाइस प्रेसीडेंट बनना था, तब तो वह नवीन गुप्ता के आसपास मँडराते रहते थे और तरह तरह से उन्हें खुश करने के प्रयासों में लगे रहते थे - लेकिन अतुल गुप्ता को अब इस बात की भी परवाह नहीं है कि इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे इंस्टीट्यूट के प्रमुख कार्यक्रम में वह नवीन गुप्ता की उपस्थिति को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निभाएँ । नवीन गुप्ता के नजदीकियों की नाराजगी से बचने के लिए अतुल गुप्ता ने पहले तो प्रेसीडेंट प्रफुल्ल छाजेड़ को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की, लेकिन जब इस कोशिश से उन्हें अपना काम बनता हुआ दिखाई नहीं दिया - तो उन्होंने नवीन गुप्ता की कुछ न करने की प्रवृत्ति को जिम्मेदार बताना शुरू कर दिया है । उल्लेखनीय है कि 6 और 7 दिसंबर को मुंबई हो रही कॉन्फ्रेंस में इंस्टीट्यूट के 11 पूर्व प्रेसीडेंट्स वक्ताओं के रूप में शामिल हो रहे हैं । भावना दोषी, जयंत गोखले व पंकज जैन जैसे पूर्व काउंसिल सदस्यों को भी वक्ताओं के रूप में कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का मौका मिल रहा है; लेकिन पिछले वर्ष ही प्रेसीडेंट रहे नवीन गुप्ता को कॉन्फ्रेंस में कोई भूमिका नहीं मिली है ।
नवीन गुप्ता को इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम से अलग-थलग रखने पर नवीन गुप्ता के नजदीकियों और शुभचिंतकों की नाराजगी दरअसल इसलिए और भड़की हुई है, क्योंकि नॉर्दर्न रीजन से अमरजीत चोपड़ा व वेद जैन उन 11 पूर्व प्रेसीडेंट्स में शामिल हैं जिन्हें वक्ता के रूप में कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का मौका मिलेगा । नवीन गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों की नाराजगी से बचने के लिए अतुल गुप्ता ने पहले प्रेसीडेंट प्रफुल्ल छाजेड़ के सिर ठीकरा तो फोड़ा, लेकिन यह तरकीब उनके काम आई नहीं । अतुल गुप्ता ने नवीन गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों को समझाने का प्रयास किया कि इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का पूरा कार्यक्रम प्रेसीडेंट प्रफुल्ल छाजेड़ ने डिजाईन किया है, और उन्होंने उनसे कोई सलाह नहीं ली है । अतुल गुप्ता का कहना है कि यदि उनसे सलाह ली जाती तो वह अवश्य ही नवीन भाई साहब को वक्ता बनवाते । नवीन गुप्ता के नजदीकी व शुभचिंतक लेकिन अतुल गुप्ता की इस सफाई से संतुष्ट नहीं हैं । उनका कहना है कि इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की बागडोर भले ही प्रेसीडेंट प्रफुल्ल छाजेड़ के हाथ में हो, लेकिन यदि अतुल गुप्ता दिलचस्पी लेते और कोशिश करते तो नवीन गुप्ता को इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में अवश्य ही वक्ता बनवा लेते ।
नवीन गुप्ता को इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस से दूर रखने के लिए प्रफुल्ल छाजेड़ को जिम्मेदार ठहराकर अपने आप को 'बचाने' की कोशिश के फेल हो जाने के बाद अतुल गुप्ता ने घुमाफिरा कर नवीन गुप्ता को ही जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है । अतुल गुप्ता का कहना है कि नवीन भाई साहब इंस्टीट्यूट की गतिविधियों में दिलचस्पी तो लेते नहीं हैं, और भूतपूर्व प्रेसीडेंट होते ही उन्होंने इंस्टीट्यूट की तरफ से पूरी तरह मुँह मोड़ लिया है, इसलिए इंस्टीट्यूट के कार्यक्रमों में उन्हें कोई बुलाना ही नहीं चाहता है । अतुल गुप्ता ने कुछेक लोगों को सफाई भी दी कि वह यदि कोशिश करके नवीन भाई साहब को वक्ता बनवा भी देते, तो भी कोई गारंटी नहीं थी कि वह कार्यक्रम में पहुँचते ही । अतुल गुप्ता का कहना है कि नवीन भाई साहब को यदि इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में सचमुच शामिल होना था, तो वह उनसे कहते - वह कोशिश करते । अतुल गुप्ता की बदकिस्मती है कि यह तर्क भी नवीन गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों को संतुष्ट नहीं कर सका है; और वह इंस्टीट्यूट के इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम से नवीन गुप्ता को अलग-थलग रखने/करने के लिए लगातार अतुल गुप्ता को मौकापरस्त व अवसरवादी बताते हुए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं ।
नवीन गुप्ता को इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम से अलग-थलग रखने पर नवीन गुप्ता के नजदीकियों और शुभचिंतकों की नाराजगी दरअसल इसलिए और भड़की हुई है, क्योंकि नॉर्दर्न रीजन से अमरजीत चोपड़ा व वेद जैन उन 11 पूर्व प्रेसीडेंट्स में शामिल हैं जिन्हें वक्ता के रूप में कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का मौका मिलेगा । नवीन गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों की नाराजगी से बचने के लिए अतुल गुप्ता ने पहले प्रेसीडेंट प्रफुल्ल छाजेड़ के सिर ठीकरा तो फोड़ा, लेकिन यह तरकीब उनके काम आई नहीं । अतुल गुप्ता ने नवीन गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों को समझाने का प्रयास किया कि इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का पूरा कार्यक्रम प्रेसीडेंट प्रफुल्ल छाजेड़ ने डिजाईन किया है, और उन्होंने उनसे कोई सलाह नहीं ली है । अतुल गुप्ता का कहना है कि यदि उनसे सलाह ली जाती तो वह अवश्य ही नवीन भाई साहब को वक्ता बनवाते । नवीन गुप्ता के नजदीकी व शुभचिंतक लेकिन अतुल गुप्ता की इस सफाई से संतुष्ट नहीं हैं । उनका कहना है कि इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस की बागडोर भले ही प्रेसीडेंट प्रफुल्ल छाजेड़ के हाथ में हो, लेकिन यदि अतुल गुप्ता दिलचस्पी लेते और कोशिश करते तो नवीन गुप्ता को इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में अवश्य ही वक्ता बनवा लेते ।
नवीन गुप्ता को इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस से दूर रखने के लिए प्रफुल्ल छाजेड़ को जिम्मेदार ठहराकर अपने आप को 'बचाने' की कोशिश के फेल हो जाने के बाद अतुल गुप्ता ने घुमाफिरा कर नवीन गुप्ता को ही जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया है । अतुल गुप्ता का कहना है कि नवीन भाई साहब इंस्टीट्यूट की गतिविधियों में दिलचस्पी तो लेते नहीं हैं, और भूतपूर्व प्रेसीडेंट होते ही उन्होंने इंस्टीट्यूट की तरफ से पूरी तरह मुँह मोड़ लिया है, इसलिए इंस्टीट्यूट के कार्यक्रमों में उन्हें कोई बुलाना ही नहीं चाहता है । अतुल गुप्ता ने कुछेक लोगों को सफाई भी दी कि वह यदि कोशिश करके नवीन भाई साहब को वक्ता बनवा भी देते, तो भी कोई गारंटी नहीं थी कि वह कार्यक्रम में पहुँचते ही । अतुल गुप्ता का कहना है कि नवीन भाई साहब को यदि इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में सचमुच शामिल होना था, तो वह उनसे कहते - वह कोशिश करते । अतुल गुप्ता की बदकिस्मती है कि यह तर्क भी नवीन गुप्ता के नजदीकियों व शुभचिंतकों को संतुष्ट नहीं कर सका है; और वह इंस्टीट्यूट के इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम से नवीन गुप्ता को अलग-थलग रखने/करने के लिए लगातार अतुल गुप्ता को मौकापरस्त व अवसरवादी बताते हुए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं ।