Wednesday, December 18, 2019

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3110 में होने वाले शेखर मेहता के सम्मान समारोह का डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल की हरकतों के चलते मजाक तो पहले से ही बना हुआ है; अलीगढ़ में हिंसा के कारण लगे कर्फ्यू ने समारोह के 'होने' या 'न होने' को लेकर आशंका और पैदा कर दी है

अलीगढ़ । इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी शेखर मेहता का कल शाम अलीगढ़ में होने वाला सम्मान समारोह 'होने' या 'न होने' को लेकर असमंजस में फँस गया है । दरअसल नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़की हिंसा के चलते अलीगढ़ में कर्फ्यू लगा है तथा सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगी हुई है । प्रशासन का मानना है कि अराजक तत्त्व शहर में छिपे हुए हैं और वह सार्वजनिक कार्यक्रमों की आड़ में शहर में अशांति फैला कर अपने मंसूबे पूरे करने की ताक में है । ऐसे में, कई रोटेरियंस का सुझाव है कि 19 दिसंबर को होने वाला शेखर मेहता का सम्मान समारोह रद्द कर देना चाहिए । समारोह के कन्वेनर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी मुकेश सिंघल लेकिन समारोह करने की जिद पर अड़े हुए हैं; उनका कहना है कि उक्त समारोह एक होटल के अंदर होना है और इसकी वजह से शहर की शांति भंग होने का कोई खतरा नहीं है । समारोह रद्द करने का सुझाव देने वाले रोटेरियंस का कहना लेकिन यह है कि मुकेश सिंघल के तर्क अपनी जगह उचित हैं, लेकिन शहर में जिस तरह का माहौल है उसे देखते हुए किसी भी तरह की अनहोनी से निश्चिंत नहीं हुआ जा सकता है और यदि कुछ गड़बड़ हुई तो यह रोटरी के लिए बहुत ही बुरा अनुभव होगा - इसलिए किसी भी तरह का खतरा लेने की जरूरत नहीं है, तब तो बिलकुल भी नहीं जब शेखर मेहता भी कार्यक्रम से जुड़े हों; ऐसे में शहर व रोटरी की भलाई के लिए उक्त समारोह को रद्द ही कर देना चाहिए ।
मुकेश सिंघल के लिए मुसीबत की बात यह भी हुई है कि डिस्ट्रिक्ट के कुछेक रोटेरियंस ने शेखर मेहता से संपर्क कर उन्हें शहर की स्थिति से अवगत करवाया है और समारोह में आने को लेकर पुनर्विचार करने का सुझाव दिया है । यह सब सुन/जान कर मुकेश सिंघल ने आरोप लगाया है कि डिस्ट्रिक्ट के कुछेक बड़े पदाधिकारी व नेता 19 दिसंबर के कार्यक्रम को नहीं होने देना चाहते हैं और इसके लिए शहर में बने तनाव को बढ़ाचढ़ा कर बताते हुए रोटेरियंस के बीच डर पैदा कर रहे हैं । मुकेश सिंघल के लिए राहत की बात यही है कि शेखर मेहता ने 19 दिसंबर की सुबह दिल्ली पहुँचने का अपना कार्यक्रम रद्द नहीं किया है और अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह 19 दिसंबर की सुबह दिल्ली पहुँच रहे हैं । दिल्ली में कोई शेखर मेहता को भड़का कर अलीगढ़ आने से रोक न दे, इसलिए मुकेश सिंघल ने शेखर मेहता को दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरते ही 'पकड़' लेने का कार्यक्रम बनाया है । मुकेश सिंघल के नजदीकियों के अनुसार, मुकेश सिंघल ने योजना बनाई है कि वह शेखर मेहता को दिल्ली में एक क्षण के लिए भी अकेला नहीं छोड़ेंगे, ताकि किसी को भी शेखर मेहता को बरगलाने व भड़काने का मौका न मिल सके और वह शेखर मेहता को अलीगढ़ ले आने में सफल हो जाएँ । मुकेश सिंघल की इस योजना को कई लोगों ने उनका बचकानापन भी कहा/बताया है । उनका कहना है कि शेखर मेहता देश में घट रही घटनाओं से और अलीगढ़ की स्थिति से क्या परिचित नहीं होंगे और अपने विवेक से फैसला करने में सक्षम नहीं होंगे क्या ? उनका कहना है कि मुकेश सिंघल एक जिम्मेदार नागरिक तथा जिम्मेदार रोटेरियन के रूप में शेखर मेहता को फैसला करने दें और समारोह को लेकर अपनी जिद थोपने की कोशिश न करें तथा समारोह को लेकर फालतू की नाटकबाजी न करें ।
मुकेश सिंघल के लिए परेशानी की बात यह भी है कि कई रोटेरियंस ने समारोह होने की स्थिति में शेखर मेहता से उनकी कारस्तानियों की शिकायत करने की तैयारी भी कर रखी है । दरअसल शेखर मेहता के सम्मान समारोह की तैयारी को लेकर मुकेश सिंघल ने जिस तरह की तमाशाबाजी की है, उसने डिस्ट्रिक्ट में खासा विवाद खड़ा किया हुआ है । मुकेश सिंघल ने पहले तो खुद को समारोह का कन्वेनर तथा डिस्ट्रिक्ट गवर्नर किशोर कातरू को चेयरमैन बना कर प्रोटोकॉल का मजाक बनाया; फिर नवनिर्वाचित डिस्ट्रिक्ट गवर्नर नॉमिनी पवन अग्रवाल का नाम निमंत्रण पर न छापने को लेकर तथा रजिस्ट्रेशन राशि को लेकर विवाद हुआ - खासी फजीहत करवाने के बाद मुकेश सिंघल रजिस्ट्रेशन राशि कम करने तथा पवन अग्रवाल का नाम निमंत्रण पत्र में छापने के लिए मजबूर हुए । नया तमाशा मुकेश सिंघल ने यह किया है कि समारोह के निमंत्रण पत्र में समारोह के आयोजक के रूप में 'अलीगढ़ के सभी रोटेरियंस' तथा 'डिस्ट्रिक्ट 3110' को बताया है; जिससे ऐसा लगता है जैसे कि वह 'अलीगढ़ के सभी रोटेरियंस' को डिस्ट्रिक्ट 3110 से अलग मानते/समझते हैं । मुकेश सिंघल की इस तरह की हरकतों ने शेखर मेहता के सम्मान में होने वाले समारोह का मजाक तो पहले से ही बनाया हुआ है; अलीगढ़ में हिंसा के कारण फैली अशांति ने समारोह के 'होने' या 'न होने' को लेकर आशंका और पैदा कर दी है ।