Tuesday, December 10, 2019

रोटरी इंस्टीट्यूट 2020 के ट्रेजरर पद पर रंजन ढींगरा की नियुक्ति के जरिये कमल सांघवी ने उनके साथ अपनी नजदीकी के किस्से सुना सुना कर लोगों को प्रभावित करने के विनोद बंसल के जुगाड़ को फेल किया और उनकी मुसीबतें बढ़ाईं 

नई दिल्ली । रंजन ढींगरा को अगले रोटरी वर्ष में कोच्चि में होने वाले रोटरी इंस्टीट्यूट का ट्रेजरर बना कर इंटरनेशनल डायरेक्टर कमल सांघवी ने विनोद बंसल को जोर का झटका दिया है । विनोद बंसल को उम्मीद थी और अपनी इस उम्मीद को कई मौकों पर उन्होंने दावे के साथ बताया/जताया भी है कि वर्ष 2020 के इंस्टीट्यूट के मुखिया के रूप में कमल सांघवी उन्हें खासी महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी देंगे । दरअसल कमल सांघवी से मिलने वाली महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी को विनोद बंसल इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए कमल सांघवी और शेखर मेहता के समर्थन के संकेत के रूप में 'दिखाने' की कोशिश करते रहे हैं । उल्लेखनीय है कि शेखर मेहता जब से इंटरनेशनल प्रेसीडेंट नॉमिनी बने हैं, तभी से विनोद बंसल लोगों को बताने/जताने का उपक्रम कर रहे हैं कि शेखर मेहता इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के चुनाव में उनका समर्थन करेंगे और इस कारण से उनका इंटरनेशनल डायरेक्टर बनना पक्का है । कमल सांघवी को चूँकि शेखर मेहता के सबसे नजदीकी व विश्वासपात्र रोटेरियन के रूप में देखा/पहचाना जाता है, इसलिए कमल सांघवी के साथ अपने नजदीकी संबंधों को विनोद बंसल अपनी 'अतिरिक्त योग्यता' बताते रहे हैं और दावा करते रहे हैं कि शेखर मेहता के साथ-साथ चूँकि कमल सांघवी के साथ भी उनके खास संबंध रहे हैं, और वह चूँकि दोनों के काम आते रहे हैं, इसलिए इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के मामले में उन्हें दोनों का ही समर्थन मिलेगा ।
शेखर मेहता और कमल सांघवी के नजदीकी तथा इन दोनों के नेतृत्व में होने वाली मीटिंग्स में शामिल रहे लोगों का कहना हालाँकि यह रहा है कि किसी भी मौके पर इन दोनों की तरफ से विनोद बंसल को कोई विशेष तवज्जो मिलती हुई नहीं दिखी है; बल्कि कुछेक मौकों पर तो ज्यादा ही स्मार्ट बनने/दिखने की विनोद बंसल की कोशिशों पर शेखर मेहता व कमल सांघवी को खिन्न होते तथा विनोद बंसल को झिड़कते हुए भी देखा गया है । विनोद बंसल के दावों के विपरीत, लोगों ने बल्कि कुछेक मौकों पर शेखर मेहता की तरफ से रंजन ढींगरा को खास महत्त्व मिलते देखा है । बातें बनाने और बातों को बढ़ा-चढ़ा कर बताने के मामले में रंजन ढींगरा चूँकि फिसड्डी हैं, और विनोद बंसल एक्सपर्ट हैं - इसलिए विनोद बंसल तरह तरह से लोगों को यह बताने/जताने में लगे रहे हैं कि शेखर मेहता तथा कमल सांघवी की उन पर विशेष कृपा है । इस विशेष कृपा को साबित करने के लिए ही विनोद बंसल लगातार दावा करते रहे हैं कि कमल सांघवी के नेतृत्व में होने वाले वर्ष 2020 के इंस्टीट्यूट में उन्हें अवश्य ही महत्त्वपूर्ण पद मिलेगा । कमल सांघवी ने लेकिन इंस्टीट्यूट के चार महत्त्वपूर्ण पदों में से एक पद रंजन ढींगरा को दे कर विनोद बंसल की उम्मीदों को ध्वस्त कर दिया है और उन्हें जोर का झटका दिया है ।
विनोद बंसल के लिए झटके की बात यह नहीं है कि कमल सांघवी ने उन्हें महत्त्वपूर्ण पद नहीं दिया है; उनके लिए झटके की बात यह है कि इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के एक अन्य उम्मीदवार के रूप में रंजन ढींगरा को महत्त्वपूर्ण पद मिल गया है । इसके चलते विनोद बंसल के लिए शेखर मेहता तथा कमल सांघवी के साथ अपनी नजदीकी के किस्से सुना सुना कर लोगों को प्रभावित करने का मौका छिन गया है । इस कारण से विनोद बंसल के लिए इंटरनेशनल डायरेक्टर पद के लिए अपने पक्ष में अभियान चलाना मुश्किल हो गया है । उनके लिए मुसीबत व फजीहत की बात यह है कि अभी तक वह जिस 'आधार' पर विभिन्न डिस्ट्रिक्ट्स के पदाधिकारियों तथा प्रमुख लोगों को प्रभावित करने का जुगाड़ बनाये हुए थे, वह 'आधार' ही खिसक गया है और इसलिए अब उन्हें कोई नया जुगाड़ खोजना पड़ेगा । विनोद बंसल ने शेखर मेहता तथा कमल सांघवी के साथ अपनी नजदीकी में सहारा दरअसल इसलिए खोजा/बनाया था, क्योंकि उन्हें अपने डिस्ट्रिक्ट में अपने साथी पूर्व डिस्ट्रिक्ट गवर्नर्स का कोई समर्थन नहीं है और उन्हें उनके संगठित विरोध व उपेक्षा का लगातार सामना करना पड़ रहा है । उनके डिस्ट्रिक्ट - डिस्ट्रिक्ट 3011 के राजनीतिक समीकरणों को जानने/पहचानने वाले लोगों को लग रहा है कि रंजन ढींगरा को इंस्टीट्यूट का ट्रेजरर बनाए जाने से डिस्ट्रिक्ट में रंजन ढींगरा के लिए समर्थन और बढ़ेगा तथा ऐसे में डिस्ट्रिक्ट में विनोद बंसल अपने डिस्ट्रिक्ट में और अलग-थलग पड़ेंगे; और तब विनोद बंसल के लिए मुसीबतें और बढ़ेंगी ।