Friday, March 29, 2013

रोटरी इंटरनेशनल डिस्ट्रिक्ट 3010 में क्लब के लोगों की सक्रियता ने डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के लिए रवि भाटिया की उम्मीदवारी को मजबूत आधार दिया है

नई दिल्ली । रवि भाटिया की डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की उम्मीदवारी के समर्थन में उनके क्लब के प्रमुख सदस्यों ने जैसा अभियान चलाया हुआ है, उससे रवि भाटिया की उम्मीदवारी को ठोस समर्थन आधार और व्यापक पहचान मिलती दिख रही है । उल्लेखनीय है कि डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति में ऐसा कम देखने को मिला है कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद के उम्मीदवार को शुरू दिन से अपने क्लब के लोगों का सक्रिय समर्थन मिले । अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने का काम शुरू में उम्मीदवार को खुद ही करना पड़ता है । बाद में फिर जब वह अपने क्लब के लोगों को साथ लेकर निकलता भी है तो क्लब के लोगों का काम सिर्फ 'दिखना' भर होता है । किन्हीं किन्हीं मामलों में तो उम्मीदवारों को अपने ही क्लब में विरोध का सामना करना पड़ा है । विनोद बंसल का उदाहरण तो बहुत ही मौजूँ है - उनकी उम्मीदवारी को उनके अपने क्लब में ही चुनौती का सामना करना पड़ा था और उनकी उम्मीदवारी के मुद्दे पर उनके क्लब में विभाजन तक हो गया था । जेके गौड़ का मामला भी कम दिलचस्प नहीं रहा । उनके क्लब के अशोक अग्रवाल कहने को तो जेके गौड़ की उम्मीदवारी के साथ थे, लेकिन दूसरों को हमेशा यही लगता रहा कि अशोक अग्रवाल के होते हुए जेके गौड़ को दुश्मनों की जरूरत नहीं पड़ेगी; दुश्मनों वाला काम अशोक अग्रवाल ही कर लेंगे । जेके गौड़ को एकतरफ तो कई लोगों को यह विश्वास दिलाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी कि अशोक अग्रवाल उनके साथ ही हैं; और दूसरी तरफ इस बात पर ध्यान रखना पड़ा कि अशोक अग्रवाल मदद के नाम पर कहीं उनका कबाड़ा न कर दें । संजय खन्ना को भी अपने क्लब के लोगों का समर्थन जुटाने - 'दिखाने' में काफी इंतजार करना पड़ा और बिलकुल आख़िरी दिनों में ही क्लब के लोग उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में सक्रिय 'दिखे' थे । रमेश अग्रवाल का अपने क्लब में भले रूतबा चाहें जैसा भी हो, लेकिन पहले वर्ष में जब वह हारे तब और दूसरे वर्ष में जब वह जीते तब - अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाने का काम उन्हें अकेले ही करना पड़ा था ।
हाल-फ़िलहाल के इन उदाहरणों को देखते/पहचानते हुए रवि भाटिया की स्थिति बहुत ही अच्छी दिखाई देती है - उनके क्लब के कुछेक प्रमुख लोग डिस्ट्रिक्ट के होली मिलन समारोह में जिस तरह उनकी उम्मीदवारी के समर्थन में चर्चा करते नजर आये उससे लोगों के बीच यह संदेश गया है कि रवि भाटिया की उम्मीदवारी को अपने क्लब में एकतरफा और पूरा समर्थन है । इस संदेश का इसलिए खासा महत्व है क्योंकि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर पद की चुनावी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने वाले कुछेक नेता लगातार यह प्रचार कर रहे हैं कि रवि भाटिया को अभी तो अपने क्लब में ही अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन जुटाना है । डॉक्टर सुब्रमणियन का नाम लेकर रवि भाटिया की उम्मीदवारी के लिए क्लब में संकट और विरोध की बातें करके कुछेक नेता अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने की फ़िराक में लगे हुए हैं । इसलिए रवि भाटिया के क्लब के प्रमुख सदस्यों की सक्रियता ने रवि भाटिया की उम्मीदवारी के लिए माहौल बनाने का काम तो किया ही है, रवि भाटिया की उम्मीदवारी के खिलाफ काम करने वाले नेताओं को भी 'चुप' हो जाने के लिए मजबूर किया है ।   
डिस्ट्रिक्ट के होली मिलन समारोह में रवि भाटिया के क्लब के जो लोग सक्रिय थे, उनमें से एक मुनीश गौड़ से इन पँक्तियों के लेखक की भी बात हुई । मुनीश गौड़ पिछले रोटरी वर्ष में क्लब के अध्यक्ष थे और तमाम प्रतिकूल दवाबों के बावजूद उन्होंने संजय खन्ना की उम्मीदवारी को समर्थन दिया था । तत्कालीन डिस्ट्रिक्ट गवर्नर असित मित्तल ने रवि चौधरी की उम्मीदवारी के लिए उनका समर्थन पाने के लिए उनके क्लब के वोटों को कम करने की चाल चली थी, लेकिन क्लब के अध्यक्ष के रूप में मुनीश गौड़ ने किसी भी दबाव में आने से तो इंकार किया ही, साथ ही पूरे वोटों का अधिकार भी प्राप्त किया । मुनीश गौड़ के दबदबे के सामने असित मित्तल की एक नहीं चली थी । वही मुनीश गौड़ डिस्ट्रिक्ट के होली मिलन समारोह में जोर शोर से यह दावा कर रहे थे कि क्लब में रवि भाटिया की उम्मीदवारी को लेकर किसी भी तरह का कोई विरोध नहीं है, और जो कोई भी इस तरह की बात कर रहा है वह सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने के लिए ऐसा झूठ बोल रहा है । मुनीश गौड़ ने दावा किया कि रवि भाटिया की उम्मीदवारी की बात सामने आने और उनकी उम्मीदवारी को क्लब में हरी झंडी मिलने के बाद उन्होंने डिस्ट्रिक्ट में जिन भी लोगों से बात की है, उन्होंने पाया है कि रवि भाटिया की उम्मीदवारी के प्रति डिस्ट्रिक्ट के लोगों में उत्साह है और समर्थन का भाव है । मुनीश गौड़ का ही कहना/बताना रहा कि रवि भाटिया को चूँकि डिस्ट्रिक्ट में अधिकतर लोग जानते हैं और रवि भाटिया भी अधिकतर लोगों को चूँकि जानते हैं इसलिए रवि भाटिया की उम्मीदवारी के प्रति डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच अभी से ही समर्थन का तेवर नजर आ रहा है ।
मुनीश गौड़ ने हालाँकि यह भी स्वीकार किया कि डिस्ट्रिक्ट के कुछेक नेताओं को रवि भाटिया की उम्मीदवारी के प्रति दिख रहे समर्थन का दृश्य अच्छा नहीं लग रहा है और वह लगातार किसी न किसी को उम्मीदवार बनाने की मुहिम में जुटे हुए हैं । यह सच है कि नकारात्मक सोच रखने वाले ऐसे नेताओं को अभी तक अपनी मुहिम में सफलता नहीं मिली है - दरअसल उम्मीदवार हो सकने वाले लोग 'ऐसे' नेताओं पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं, जिनका उद्देश्य ही अपनी राजनीति 'दिखाने' के लिए झूठे वायदों के आधार पर अपने लोगों को ही चूसने, लुटवाने और मजाक का विषय बना देना रहता है । रवि भाटिया की उम्मीदवारी के प्रति डिस्ट्रिक्ट के लोगों के बीच दिख रहे समर्थन को पहचानते/समझते हुए उन लोगों के क़दमों को भी पीछे हटते हुए पाया जा रहा है जिनकी उम्मीदवारी की चर्चा सुनी जा रही थी । मुनीश गौड़ का कहना है कि रवि भाटिया की उम्मीदवारी के प्रति तमाम अनुकूल स्थितियों के बावजूद क्लब के लोग रवि भाटिया की उम्मीदवारी को नुकसान पहुँचा सकने वाले नेताओं की गतिविधियों से सावधान हैं और इसलिए रवि भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थन में क्लब के लोग सक्रिय हैं । रवि भाटिया की उम्मीदवारी के समर्थन के प्रति उनके क्लब के लोगों की इस सक्रियता ने डिस्ट्रिक्ट की चुनावी राजनीति के परिदृश्य को एक नई शक्ल तो दी ही है, साथ ही रवि भाटिया की उम्मीदवारी को मजबूत आधार भी दिया है ।