मेरठ । सीओएल के संभावित उम्मीदवारों के
होश यह सुन/जान कर उड़े हुए हैं कि चुनाव जीतने के लिए मतदाताओं को
लुभाने/पटाने वाले उनके हथकंडों को पकड़ने के लिए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव
रस्तोगी ने स्टिंग ऑपरेशन का जाल बिछाया है । उम्मीदवारों को पता चला है कि संजीव रस्तोगी ने विभिन्न क्लब्स के कुछेक लोगों को गुप्त तरीके से ऑडियो/वीडियो रिकॉर्ड कर लेने वाले यन्त्र - जैसे पेन और शर्ट के बटन उपलब्ध करवाने की तैयारी है, जिनके जरिये वह वोट जुटाने के लिए उम्मीदवारों द्धारा अपनाये जाने वाले हथकंडों के सुबूत इकठ्ठा करेंगे ।
उल्लेखनीय है कि पिछले रोटरी वर्ष में हुए सीओएल के चुनावी नतीजे को रोटरी
इंटरनेशनल द्धारा अमान्य घोषित कर दिए जाने के चलते सीओएल का चुनाव अब नए
सिरे से होना है । पिछले रोटरी वर्ष में हुए सीओएल के चुनाव में योगेश
मोहन गुप्ता की जीत हुई थी । चुनाव में पराजित हुए ललित मोहन गुप्ता ने
योगेश मोहन गुप्ता की जीत को ओछे और बेईमानीपूर्ण हथकंडों से हासिल की गई
जीत बताते हुए रोटरी इंटरनेशनल में शिकायत दर्ज करवाई । शिकायत के साथ
जो सुबूत दिए गए वह इतने पुख्ता थे कि रोटरी इंटरनेशनल के पास चुनावी नतीजे
को अमान्य घोषित करने के अलावा कोई चारा ही नहीं था । योगेश मोहन
गुप्ता की चुनावी जीत वाले फैसले को अमान्य घोषित करने के साथ ही रोटरी
इंटरनेशनल ने सीओएल के लिए नए सिरे से चुनाव करवाने का आदेश भी पारित किया; इस आदेश के तहत संजीव रस्तोगी को सीओएल का चुनाव करवाना है ।
रोटरी इंटरनेशनल ने पिछले वर्ष हुए सीओएल के चुनाव में हुई धाँधली को लेकर जो कठोर रुख अपनाया, उसे देखते हुए डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव रस्तोगी के सामने अब दोबारा होने वाले चुनाव को ठीक से करवाने की गंभीर चुनौती है ।
संजीव रस्तोगी ने हालाँकि कई बार यह तो कहा/दोहराया है कि वह उम्मीदवारों
को वोटों की खरीद-फ़रोख्त बिलकुल भी नहीं करने देंगे और किसी भी उम्मीदवार
के खिलाफ वोटों की खरीद-फ़रोख्त करने संबंधी शिकायत यदि मिलेगी तो उसके
खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे; लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि
वोटों की खरीद-फ़रोख्त होने के तथ्य/सुबूत वह कैसे जुटायेंगे - कार्रवाई तो
सुबूत मिलने पर ही हो सकेगी न, केवल आरोप लगाने भर से तो कार्रवाई हो नहीं सकेगी । इसी कारण से लोगों के सामने यह सवाल उठा कि संजीव रस्तोगी चुनाव को ईमानदारी से कराने की जो बात कर रहे हैं, उसे अमली जामा वह कैसे पहनायेंगे ? संजीव रस्तोगी ने पिछले दिनों योगेश मोहन गुप्ता की हरकतों पर कार्रवाई करते हुए जिस तरह से उन्हें दिए गए महत्वपूर्ण पद से हटाया, उससे उन्होंने डिस्ट्रिक्ट के लोगों को यह संदेश तो दिया ही है कि वह कठोर फैसले लेने से हिचकेंगे नहीं । योगेश मोहन गुप्ता के
खिलाफ कार्रवाई करने पर संजीव रस्तोगी को कई लोगों ने समझाया था कि योगेश
मोहन गुप्ता बहुत छोटी सोच का आदमी है और रोटरी के फैसलों को वह निजी रूप
से ले लेता है और व्यक्तिगत दुश्मनी के रूप में देखने लगता है; संजीव रस्तोगी ने लेकिन साफ कह दिया कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर के रूप में रोटरी के और डिस्ट्रिक्ट के हित में उन्हें यदि योगेश मोहन गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई करना जरूरी लगेगा, तो फिर वह यह नहीं सोचेंगे कि योगेश मोहन गुप्ता कैसे रिएक्ट करेंगे ?
संजीव रस्तोगी के इन्हीं तेवरों को देखते हुए लोगों ने यह तो समझ/मान लिया कि चुनाव जीतने के लिए वोटों की खरीद-फ़रोख्त का जैसा नंगा-नाच राकेश सिंघल के गवर्नर-काल में पिछले वर्ष हुआ, वैसा इस वर्ष नहीं हो पायेगा । लेकिन यह सवाल फिर भी अनुत्तरित ही बना रहा कि संजीव रस्तोगी वोटों की खरीद-फ़रोख्त को रोकेंगे कैसे ? इसी
बीच यह चर्चा फैली कि डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव रस्तोगी ने वोटों की
खरीद-फ़रोख्त को रोकने के लिए स्टिंग ऑपरेशन का सहारा लेने का फैसला किया है
। यहाँ तक दावा किया गया है कि स्टिंग ऑपरेशन के लिए संजीव रस्तोगी ने गुप्त रूप से बातों को और तस्वीरों को रिकॉर्ड करने वाले यन्त्र खरीद भी लिए हैं और वह डिस्ट्रिक्ट में अपने उन विश्वासपात्र
लोगों की लिस्ट बना रहे हैं जिन्हें वह यह यन्त्र सौपेंगे और वोटों की
खरीद-फ़रोख्त करने वाले उम्मीदवारों के खिलाफ सुबूत जुटायेंगे । इस बारे में जिन कुछेक लोगों ने संजीव रस्तोगी से पूछा, उन्हें संजीव रस्तोगी से कोई सीधा जबाव नहीं मिला । इससे उक्त चर्चा को और बल मिला । लोगों ने यही समझा/माना कि संजीव रस्तोगी इस बारे में कुछ कहेंगे थोड़े ही - यदि कहेंगे तो फिर स्टिंग ऑपरेशन कैसा ?
संजीव
रस्तोगी के स्टिंग ऑपरेशन वाले काम को योगेश मोहन गुप्ता की गर्दन दबोचने
के उनके प्रयास के रूप में भी देखा/पहचाना जा रहा है । पिछले दिनों योगेश
मोहन गुप्ता की राकेश रस्तोगी के साथ जिस स्तर की तू-तू मैं-मैं हुई, और उसके बाद जिस तरह से डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव रस्तोगी ने योगेश मोहन गुप्ता को दिया गया पद उनसे छीन लिया - उससे यह तो दिखने लगा है कि इस वर्ष योगेश मोहन गुप्ता द्धारा की जाने वाली कोई भी हरकत उन्हें मुश्किल में डाल सकती है । रोटरी इंटरनेशनल ने खरीद-फ़रोख्त के आरोपों के चलते जिस तरह से योगेश मोहन गुप्ता की जीत के फैसले को
अमान्य घोषित किया है, उससे डिस्ट्रिक्ट में योगेश मोहन गुप्ता के खिलाफ
माहौल भी बना है । रोटरी इंटरनेशनल के इस फैसले से रोटरी में डिस्ट्रिक्ट की बहुत बदनामी हुई है, और इस बदनामी के लिए डिस्ट्रिक्ट के लोग योगेश मोहन गुप्ता को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं । लोगों का मानना/कहना है कि चुनाव जीतने के लिए अनैतिक हथकंडे यूँ तो सभी उम्मीदवार अपनाते हैं, लेकिन योगेश मोहन गुप्ता ने तो इस मामले में सारी हदें पार कर दी हैं, इसलिए उन्हें सबक सिखाया जाना जरूरी है । समझा जाता है कि डिस्ट्रिक्ट में योगेश मोहन गुप्ता के खिलाफ बने इस माहौल का फायदा उठाने पर राकेश रस्तोगी और संजीव रस्तोगी का पूरा ध्यान है ।
सीओएल के दोबारा होने जा रहे चुनाव को डिस्ट्रिक्ट गवर्नर संजीव रस्तोगी कैसे करवायेंगे और ईमानदारी से करवाने के लिए कैसी व्यवस्था करेंगे/करवायेंगे, यह तो बाद में पता चलेगा; किंतु उनके द्धारा स्टिंग ऑपरेशन करवाने वाली चर्चा ने संभावित उम्मीदवारों को जरूर सांसत में डाला हुआ है । यह देखना दिलचस्प होगा कि संजीव रस्तोगी की स्टिंग ऑपरेशन वाली चाल से बचने के लिए उम्मीदवार क्या चाल चलते हैं ?